आज तीसरा नवरात्रा हैं, नवरात्रे में व्रत रखने वाले भक्त जनों को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए. नवरात्रों में बनाये जाने वाले व्यंजन स्वादिष्ट होते हैं. कुछ तो आपको बनाने आते ही होंगे और जो नहीं आते वो सीख लीजिये निशामधुलिका ब्लॉग से पढ़कर.....भगवती माता के चरणों में मत्था टेकने के बाद माता-पिता के चरणों में भी प्रणाम कीजिये.....आशीष मिलेगा.....
शहीद-ए-आजम भगत सिंह का नाम जुबान पर आते ही रोम-रोम में देशभक्ति की लहर दोड़ने लगती हैं. उनकी याद में ही इतना दम हैं तो सोचिये आवाज में कितना होगा. तेज प्रताप सिंह ने कुछ पंक्तियाँ पढ़ी जो भगत सिंह अपनी मंगेतर की याद में गया करते थे और मन भावविह्वल हो उठा उस पीड़ा के बारे में सोचकर जो भगत सिंह ने सही थी और उनके मन से निकली एक पुकार.....युवाओं के लिए. ..........और गीत सुनहरे पर भी पढ़िए कवि कुलवंत द्वारा रचित..... भगत सिंह के ऊपर ओजस्वी कविता
जब देश में लिंग-अनुपात गिर रहा हैं, लोग भूर्ण-हत्या करने में बिलकुल नहीं हिचकिचाते, बेटो के लालच में बेटियों को आने से पहले ही विदा कर देते हैं, ऐसे लोगो के लिए यह सुचना बहुत जरुरी हैं..........देखिये एक बेटी कहाँ तक पहुच सकती हैं.....बेटी होगी तो माँ से मीठी मीठी जिद भी करेगी......जैसी लाविज़ा बिटिया ने कर डाली.....मम्मा… मम्मा… राइम्स लदाओ .....वो भी रात को १ बजे...... बिटिया रानी लोरी सुनाने की जिद करे तो मना मत करना......डॉक्टर महेश परिमल जी से हमने जाना की.......गहरा संबंध है बच्चे का लोरी से कितना लाजवाब बन गया यह भाग इस पोस्ट चर्चा का ........बेटियां होती ही हैं लाजवाब.....
जिंदगी हैं......जवानी हैं......तो माशाल्लाह मोहब्बत का चाँद आपकी छत पर भी जरुर चांदनी भेजेगा...पर मोहब्बत सबके नसीब में कहाँ लिखी होती हैं, कभी कभी तो एक मुस्कान के लिए ही महबूब फरियाद करता हैं.....कुछ प्रश्न पूछता हैं???......न जाने किस से पूछता हैं वो तन्हाई के आलम में.......कि यह प्यार क्यूँ होता हैं, प्यार में दर्द क्यूँ होता हैं.......और प्रतीक्षा करता हैं.....विरह में जलता हैं.......फिर वही सवाल जवाब करता हैं.........यह कैसी प्रतीक्षा.........जब जवाब नहीं मिलता और ग़म बढ़ता जाता हैं तो थाम लेता हैं जाम और बोलता हैं............ मुझे पीने का शौंक नहीं,बस पी लेता हूँ
अब क्या बस यादों में ही घूमते रहेंगे......चलिए केरल चलते हैं और देखते हैं राजा रवि वर्मा के बनाये अनमोल चित्र..... राजा रवि वर्मा के बनाये हुए देवी-देवताओ के चित्र आज घर-घर में पूजे जाते हैं......अब केरल के नारियल के पेड़ो और नदियों से चलते हैं उत्तराखंड........उत्तराखंड में एक रेसोर्ट हैं औली.....यहाँ मिलेंगे बर्फ से ढके हुए पर्वत और देवदार के घने वृक्ष......यशस्वी ब्लॉग पर डालिए जाइये और इन चित्रों का आनंद लीजिये......कभी मौका मिले तो औली भी घूमिये.....इस गरमी हम सोच रहे हैं कि क्यों न औली घूम के आये.....
अभी औली जा रहे हैं तो मन कर रहा हैं कि अपनी झकाझक चर्चा करी जाये........एक दम मस्त.....तैयार हो जाइये........रेलगाड़ी घूमेगी ब्लॉग नगरिया.........और लीजिये हाज़िर हैं पटरियां........कमर कस लो..........
अब इसी के साथ देते हैं ब्लॉग4वार्ता को विराम.........फिर मिलते हैं आपसे रविवार संध्या ब्लॉग4वार्ता में.........यशवंत मेहता "फ़कीरा"मनवा कर ले मनोहारी का मननजंतर मंतर बवंडर समंदरटेमप्लेट बदल रहे हो बार बारसच कहा आपने गया जेल पेन का युगकर्म के आगे अभाव भी शर्मिंदा हैंजब यादें आकर भावुक दिल में हो गयी खड़ीदृश्य हैं अद्भुत सुन्दर अनुपम मनोहारीबगिया में फुलवारी कब पूरी खिलेगीतुम निरपेक्ष हो इस सापेक्ष दौर में -बोलने पर तुम्हें सफाई देनी होगीजिंदगी में दौर कुछ ऐसे आने चाहिएलम्हे न गुजरे सदियाँ वो बन गएबेक़रार करते हैं हर बारकर लो भैया लाला से उधारइतनी मेह्न्घई में वो घर कैसे चलते हैंइस घाटी के डाकू थे प्रसिद्ददेश चलाने वालो कहाँ हो सो रहे होहालत हैं ख़राब दर्द का बीज हैंइस बार बहुत सोलिड हैं केस
Byji : aapjisabhijikaji, hardikjiswagathaiji
10 टिप्पणियाँ:
bahut hi badhiya rahi charcha aapki..
aabhaar..
यह चर्चा भी जानदार....सुंदर पोस्ट और प्रभावशाली प्रस्तुति..बधाई
Bahut vistaar se ki gai Suvyavsthit characha....bhadiya rahi.
Aabhar
बहुत ही बेहतरीन चर्चा
कमाल कर दिया .. बहुत बढिया चिट्ठा चर्चा !!
वाह शानदार, आखिरी वाली सिंगल या डबल लाईना तो बहुत ही जोरदार.
रामराम.
वाह भाई यशवंत जी,
कमाल की वार्ता कर धमाल कर दिया।
आभार
सुन्दर एवं प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
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