ललित शर्मा का नमस्कार, हद हो गई है, जब चाहो तब पैट्रोल के दाम बढा दो। फ़िर पैट्रोल की कीमते बढाने की कवायद जारी है। तेल कम्पनियाँ अल्टीमेटम दे रही हैं। सरकार पेश-ओ-पश में है। देखो ऊंट किस करवट बैठता है। सहयोगी दलों के विरोध पर कब तक तेल वृद्धि लंबित रहती है। वैसे भी जितनी मंहगाई इस कांग्रेस सरकार ने बढाई है, इससे लगता है कि एन डी ए की सरकार ही ठीक थी। हर गली में गैस का सिलेंडर मिल जाता है। इन्होने सिलेंडर पर तो ऐसा ताला लगाया है कि जैसे उसकी सब्सिडी से ही सरकारी खर्चे चल रहे हैं। खैर जो भी हो जनता जवाब देना जानती है और वह दिन भी दूर नहीं…………. अब चलते हैं आज की वार्ता पर………
कुछ तो लिखो मेरे यार..... -कहते हो कि लिखो, कुछ तो लिखो,लो ये कलम और लिख दो दिल के जज्बात, लिखो कि दिल पुकार रहा है, लिखो कि शाम कामौसम खुशनुमा है और तुम नहीं समझ पा रहे हो कि टाइम्...अपराधग्रस्त जीवन या सम्मानजनक जीवन -जिन्दगी में ज्यादा लोग अपराधबोध के कारण आगे नहीं बढ़ पाते, जाने आने में उनसे कोई गलती हो जाती है, और ताउम्र उसका पल्लू न छोड़ते हुए खुद को कोसते रहते ह...बोल्डनेस छोड़िए हो जाइए कूल...खुशदीप - बोल्डनेस को लेकर ब्लाग-जगत का माहौल उबाल पर है...दैहिक रिश्तों के विमर्श से अलग कुछ कूल-कूल बातें करना ज़रूरी है...ऐसे में लाफ्टर की डोज़ से ,,,
सब ठीक ही होंगा " - *मेरे प्रिय आत्मन ; [ आत्मन शब्द मैंने ओशो के प्रवचन से लिया है , पहले मैं मित्रों कह कर सम्बोदित करता था , अब से आत्मन ही कह कर आप सभी को पुकारूँगा,. क्यो..परिवर्तन तो हुआ है किन्तु सकारात्मक नहीं - 21वीं सदी को परिवर्तनकारी रूप में स्वीकार किया गया और ऐसा विचार किया जाने लगा कि समाज के प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन होना अवश्यंभावी है। इस सोच का प्र...एक कर्म हमारा पूरा जन्म बिगाड़ देता है और उसका फल न जाने कितने जन्म.........(कुँवर जी) - हम जो भी कर रहे है है या कर चुके है अथवा तो करने वाले है,सबका परिणाम तभी...करते ही पाना चाहते है!कई बार तो उसके गलत परिणाम की आशंका से उसके फल को ही नहीं च..
सुकुमार राहुल - मनमोहन सिंह जी ने देश की कीमत पर इटली वालों को पाला, और सोनिया ने मनमोहन की कीमत पर राहुल को पाल-पोस कर तैयार कर लिया। उत्तर प्रदेश में तो गुंडा राज आ ही च... इनसे कुछ मत कहना साथी - चित्र -गूगल से साभार गीत -इनसे कुछ मत कहना साथी परधानों के हिस्से आई खेतों की हरियाली | मजदूरों के हिस्से स्लम की बहती गन्दी नाली | इनसे कुछ मत कहना ...सहारा से दिन....अंधे कुएं सी रातें (कहानी --6 ) - * कहानी अब तक-- * *(जया के कविता संग्रह को पुरस्कार मिलने पर पत्रकारों के इस सवाल ने 'उसकी कविताओं में इतना दर्द कहाँ से आया ?' उसे पुरानी यादों के मंज़र ...
श्रोता एक बीमार चाहिए - अभी आपको प्यार चाहिए क्या पूरा संसार चाहिए? जो भी बाँटा, मिला आपको बातें और उधार चाहिए? भाव हृदय का जो न समझे तब उसको प्रतिकार चाहिए मैं बोलूँ, वो सुनता ज...आज कल मैंने बहुत बिज़ी हूँ - आज कल मैंने बहुत बिज़ी हूँ किस काम में ? जानना चाहते हैं आप ..तो पढ़िए ....(एक हास्य जो सच में रसोई में काम करते करते ये ख्याल आ गया ...कि अगर कभी कुछ ऐसा ह...रात यूँ महकी....... - * चाँद यूँ चमका सितारों ने रौशनी खो दी,* * रात यूँ महकी हवा चुपचाप सो गयी !* * * *
टूटते रिश्ते - Roshi: टूटते रिश्ते: जीवन के है अद्भुत रूप और विचित्र रंग आज किसी का साथ और कल दुसरे का संग ना है रत्ती भर उनको साथ छोड़ने का गम बरसों की दोस्ती बस यूं ही ...मणिपुर के गुम आदिवासियों की 3000 साल बाद घर जाने की बेचैनी - खबरों में इतिहास अक्सर इतिहास से संबंधित छोटी-मोटी खबरें आप तक पहुंच नहीं पाती हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए यह ब्लाग इतिहास की नई खोजों व पुरातत्व, ...जो दवा के नाम पे ज़हर दे उसी चारागर की तलाश है...ये इश्क इश्क है ! - शायद 1990 की बहार का मौसम था जबकि वे एक दूसरे के प्रति अनुरक्त हुए होंगे और फिर शादी के पवित्र बंधन में बंधना उनकी मजबूरी बन गया ! फिलहाल उनके दो बच्चे हैं.
शान्ताराम-एक नज़र!! - फरवरी १४, तब मैने लिखा था कि शायद १७०० पन्नों की ई बुक शान्ताराम की शुरुवात ही है- वाकई ९८८ पन्नों की पुस्तक- परन्तु ईबुक में पन्ने बढ़ जाते हैं. आज १ अप...मेरी व्यस्तताएं ... - मुझे पता है .. बिलकुल कायदे से पता है.. देखते रहते हो तुम मुझे कहीं छुप के ..हर वक्त जब कोई नहीं होता है आस-पास, तब आ के खड़े हो जाते हो मेरे समक्ष . पता ....दोहे - *बाहर के सौंदर्य को , जानो बिल्कुल व्यर्थ, जो अंतर्सौंदर्य है, उसका ही कुछ अर्थ। समय नष्ट मत कीजिए, गुण शंसा निकृष्ट, जीवन में अपनाइए, जो गुण सर्वोत्कृष्ट...प्यार नहीं मरा है ...... - * * * * *भावनाओं की आग * *में जल * *शिखर सागर बन * *धरा पर फ़ैल गया ......* *अब वह -* *गहरा हो चला था ....* *विस्तृत हो चला था ....* *हर आग को * *खुद में...
कपालीश्वर - चेन्नई की सबसे पुरानी और घनी आबादी वाली बस्ती है मयिलापुर. प्रख्यात कपालीश्वर का मंदिर भी यहीं है. भगवान् शिव ने ब्रह्मा जी के अनादरपूर्ण व्यवहार से कुपित ...तोता और कौवा ! - *नीले आसमान में * *उड़ते हुए तोते को * *कौवे ने टोंका,* *तुम इस तरह आसमान में* *अतिक्रमण नहीं कर सकते,* *उड़ नहीं सकते !* *तुम तभी तक महफूज़ हो* *जब तलक उस ...तेरी जुस्तजू करते रहे... - पहाड़ों की एक महकती शाम...लड़की न भी चाहे तो भी चाँद की किनारी आँचल से छू ही जाती. वो मुंह फिराकर नाराज होने का नाटक करे तो भी चाँद शदीद मोहब्बत सीने में...
बोकारो आये थे भगवान श्रीराम ! .. - रामनवमी पर विशेष - - शीर्षक पढ़ कर चौंकना लाजिमी है! मगर धार्मिक मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम त्रेता युग में बोकारो आये थे. हालांकि त्रेता युग में बोकारो का ...छतहार मन भावै हो भाय : आरती मिश्रा - *छतहार गांव पर पंचायत की उभरती गीतकार आरती मिश्रा ने छतहार ब्लॉग के लिए खासतौर पर एक गीत लिखा है। गीत को संगीत दिया है मनोज मिश्र ने। हमारी कोशिश रहेगी कि ...बुरा भला ' देखते देखते बीते 3 साल -*लो जी आज आप सब का यह ब्लॉग 'बुरा भला' पूरे ३ साल का हो गया है | ३१ मार्च २००९ को युही बनाये इस ब्लॉग को आप सब का भरपूर प्यार मिला ... और आगे भी मिलता रहेग...
बेचारा जमींदार झेल रहा सर्दी और सरकार की मार - *आजकल लावनी (फसल कटाई) का समय चल रहा हैं पर इस बार बेचारा किसान जमींदार वर्ग मन मार कर (बेमन) से सरसों की फसल की कटाई का कार्य कर रहा हैं कारण है पिछले दिन...इस अदा पर कुछ मुस्कुराहट, कुछ प्यार हो आया - इस चिट्ठी में, नैनीताल के, स्नोव्यू की चर्चा है। स्नो-व्यू से नैनीताल नैनीताल में, हम लोग सबसे पहले, तार गाड़ी से स्नोव्यू गये। यह तारगाड़ी काफी समय से चाल...
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम...
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम...
5 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर ..
मेरी पोस्ट को इस वार्ता का हिस्सा बना मान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
बहुत सुन्दर वार्ता... बहुत बहुत आभार...
सार्थक प्रस्तुति
्बहुत सुन्दर लिंक संयोजन
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