रविवार, 15 अप्रैल 2012

अंजू चौधरी की कृति "क्षितिजा" को महादेवी वर्मा सम्मान --- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार,  १४ अप्रेल को बाबा साहब आंबेडकर जयंती थी. इस अवसर पर नागपुर के कृषि महाविद्यालय ग्रंथालय के पूरण चंद बूटी सभागृह में महात्मा फुले प्रतिभा संशोधन अकादमी महाराष्ट्र द्वारा नागपुर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर ब्लॉगर अंजू  चौधरी की नवीनतम कृति "क्षितिजा" को महादेवी वर्मा कवियत्री सम्मान दिया गया, इस अवसर पर ब्लॉगर ललित शर्मा, अनीता कपूर, संजीव तिवारी, संध्या शर्मा उपस्थित थे........ ब्लॉग4वार्ता की तरफ से अंजू चौधरी को कोटिश शुभकामनाएं ......... अब चलते है आज की वार्ता पर और प्रस्तुत करते हैं कुछ उम्दा लिंक............

"क्षितिजा"कवितायेँ मन की सोच, अहसास होती है, जिन्हें शब्दों में पिरो कर कवि ह्रदय अपने को सबके सामने रखता है| कविताओं के द्वारा फूटने वाले शब्द, एक सदाबहार वृक्ष की पुष्प के भांति है, जिससे निकलता सुगंध उस वृक्ष...बेटियाँगर्मी में खुशबू वाली, हवा सी, ये बेटियाँ, सर्दी की धूप गुनगुनी जैसी ये बेटियाँ । घर में सुरों की तान सी बहती ये बेटियाँ, कितनी नई कहानियां कहती ये बेटियां । जीवन के रंग भी और मिठास बेटियाँ, हर दिन रचत...एक जीनियस की मृत्यु..18 अप्रैल 1955 को दुनिया ने महानतम वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को खो दिया। करीब एक महीने बाद उनके करीबी मित्र मैक्स टालमड ने टाइम मैगजीन में एक संस्मरणात्मक लेख लिखकर आइंस्टीन को श्रद्धांजलि अर्पित की। ‘व...

तेरी याद मेंहम जी न सकेंगे दुनियां में * *माँ जन्मे कोख तुम्हारी से * *जो दूध पिलाया बचपन में ,* *यह शक्ति उसी से पायी है * *जबसे तेरा आँचल छूटा, हम हँसना अम्मा भूल गए, * *हम अब भी आंसू भरे , तुझे टकटकी लगाए बैठे है...हम चाहें तो सब बदल सकते हैंवे शोख़, मासूम और फूल-सी दिखती हैं, लेकिन पर्दे पर उनकी परिपक्वता हैरान कर देती है। वे जितनी बिंदास और अल्हड़ हैं, अभिनय को लेकर उतनी ही संजीदा भी हैं। अलग ‘लुक्स’ और ख़ास अभिनय शैली के लिए चर्चित इस...रफ्ता -रफ्ता.रफ्ता -रफ्ता यादो के बादल छाते है हम तेरे शहर से दूर अब जाते है . वक्त का सितम तो कुछ कम नहीं है पर तेरी बेरूखी से हम तो मरे जाते है . ज़माने में रुसवा न हो जाये प्यार मेरा चुपके से नजरे झुका के निकल जात...

ऎ कामवाली तुम्हे बस कामवाली ही बने रहना है...*हल्लो कौन!* *घरवाली?* *नही मै कामवाली….* *खट* *और कनैक्शन कट* *लेकिन मै जानती हूँ तुम्हारी उपयोगिता* *सच कहूँ* *तुम्हारे होने से* *घरवाली का ठाठ-बाठ* *उसका सजना सँवरना हो पाता है* *नख स...वो निरीह कल देखा था मैंने उसे वहीँ उस कोने में बैठा था चुपचाप मुस्काया मुझे देख सोचा होगा उसने कुछ तो करुँगी बहलाऊँगी ,मनाऊंगी फिर उठा लुंगी अहिस्ता से हमेशा ही होता है ऐसे. वो जब तब रूठ कर बैठ जाता है थोडा ...चाह होनी चाहिए राह तो खुद-बखुद सामने आ जाती हैबहुत पहले सुना था कि जी. टी. रोड पर पंजाब के ढाबों में भीड़ अधिक होने और ग्राहकों के पास समय कम होने की वजह से लस्सी या शेक जैसे पेय पदार्थों को "वाशिंग मशीन" में बनाया जाने लगा था. एक साथ ढेर सारा पेय पदा...

क्षितिज के पारहम करते हैं मानवीयकरण प्रकृति का और कहलवाते हैं किसी पंछी या फिर कल-कल बहती नदिया से अपनी वेदना... अपनी संवेदना क्या कभी सोचा है हमने? हमारे मन की वाणी बन कर क्या सोचता होगा उनका मन हमारी कथा बांच कर कैसा ल...सुआलकुसी की सानू ने मुझे ''बिहुआन' भेंट किया था.असम के रंगीले पर्व 'बिहू' के अवसर पर आज मैं अपने उन सभी मित्रों के साथ , उन के उत्सव में शामिल होना चाहता हूँ,जो वहां इस पर्व को मना रहे होंगे और अपने उत्सव में मुझे शामिल करना चाहेंगे । अपने एक मित्र माख...आरंग , भानसोज की पुष्पा साहूआरंग , भानसोज की पुष्पा साहू .......... हम किसी काम से भानसोज गए थे . वहां भीड़ में भी एक अलग सा चेहरा हमे नजर आया . सावली सी सूरत और लम्बा छरहरा बदन ........आवाज में तेज , आँखों में चमक ......

विधि की व्यवस्था नास्तिकों का एक बड़ा तर्क है, यदि ईश्वर है तो यह अन्याय और अव्यवस्था क्यों? यदि वह ईश है और दयालु है तो किसी को कोई दुख होना ही नहीं चाहिये। तर्क श्रंखला बढ़ती जाती है और अन्ततः जगत में व्याप्त समस्त दोषो...कार्बेट म्यूजियम और कार्बेट फालइस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 23 मार्च 2012 और मैं था हल्द्वानी में। आज सबसे पहले मुझे कालाढूंगी जाना था। कालाढूंगी के बारे में उस समय जाने से पहले मेरी जानकारी बस इतनी ही थी ...वो जो हममें तुममें क़रार थाकहते हैं पतिदेव कि मुझे बेचैन रहने की बीमारी है। आराम ही नहीं देती ख़ुद को, और यही वजह है कि सेहत अक्सर नासाज़ हो जाया करती है। किताब पढ़ो, गाने सुनो, टीवी देखो, आराम करो। तुम्हें कैसी बेचैनी है ये? सही ही...

तीन दशक और वह, जो शेष है!वह, जो शेष है!”* *श्री राजेश उत्साही* की कविताओं का प्रथम संकलन है. *ज्योतिपर्ब प्रकाशन* द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला – २०१२ में प्रगति मैदान, नई दिल्ली में हुआ. इस कवि...मैख़ाने में दो जासूस1975 में आई थी ये फ़िल्म जिसमें एक्स जुबली कुमार राजेंद्र कुमार और हिन्दी सिनेमा के इटर्नल शो मैन राजकपूर स्थायी स्थूलावस्था को प्राप्त होने के बावजूद मुख्य भूमिकाओं में थे । ये वही साल था जब शोले भी रिली...स्क्रीचिंग हाल्टमेरे आज में क्यूँ चले आते हो? बोलो ? कितना ही मना करूँ फिर भी चले ही आते हो? इस तरह तुम्हारा आना चाहें वो यादों में हो.. या फिर ख़्वाबों ,ख्यालों में मेरी ज़िंदगी को .... ................... स्क्रीचिंग हाल्ट...

वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं एक ब्रेक के बाद राम राम ...............

22 टिप्पणियाँ:

अन्जू जी को हार्दिक बधाई |
आशा

sunder aalekh ko piroti is blogwarta ke liye badhai...
bhansoj ki pushpa sahu ko warta me shamil krne ke liye vishesh aabhar......

अन्जू जी को हार्दिक बधाई |

ढेर सारी बधाई और अनंत शुभकामनाएँ अंजु जी को..................

हमेशा की तरह संपूर्णता के साथ हिन्दी ब्लॉग पोस्टों का समग्र अवलोकन.
मेरे नाम से लगे लिंक को देखने के बाद लगा कि मेरे ब्लॉग 'आरंभ' से मिलते जुलते नामों के आधार पर लोग कैसे सर्च इंजनों को भरमा रहे हैं. जय हो...

अंजू जी की पुस्‍तक को पुरस्‍कृत होने पर शुभकामनाएं।

बढ़िया वार्ता... आ अंजु जी को सादर बधाई।
आभार।

अनु जी इस सम्मान के लिए बहुत बहुत बधाई..

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

अंजू चौधरी जी को हार्दिक बधाई!

अंजू चौधरी जी को हार्दिक बधाई!

अंजू चौधरी जी को हार्दिक बधाई!

​अंजू बहन को बहुत बहुत बधाई...​
​​
​जय हिंद....

बहुत -बहुत मुबारक अंजू .........

अंजू चौधरी जी को हार्दिक बधाई, वे जिंदगी में ऐसे ही और आगे बढ़ती रहे......शुभकामनाएँ

अंजू जी की पुस्‍तक को पुरस्‍कृत होने पर हार्दिक बधाई!

अंजू जी ढेर सारी बधाइयाँ।मै भी कुछ रचनाएँ लिखती हूँ।कृपया गौर करेhttp://saritpravahkriti.blogspot.in/?m=1 #

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