ललित शर्मा का नमस्कार, ब्लॉग4वार्ता की पोस्ट प्रतिदिन दैनिक बिहिनिया संझा में प्रकाशित हो रही हैं। इसलिए वार्ता के मुड में थोड़े बदलाव की आवश्यकता महसूस हो रही है। क्योंकि नेट के ब्लॉग लिंक पर पाठक क्लिक करके ब्लॉग पढ सकता है, लेकिन प्रिंट में यह कार्य नहीं हो सकता। इसलिए प्रिंट मीडिया के पाठकों की सुविधा के लिए अब दो या तीन ब्लॉगों की ही चर्चा हो सकती है। जिसे शीघ्र ही प्रारंभ करना है, जिन ब्लॉग की चर्चा दैनिक संझा बिहिनिया में होगी उसकी हार्ड कापी वार्ता पर लगाने की पुरजोर कोशिश की जाएगी… अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर…… सैर करते हैं ब्लॉग नगरिया की।
लहरिया एवं फागणिया राजस्थानी संस्कृति के परिधान में *चुन्दडी* के बारे में जाना , अब बात *लहरिया * और *फागणिया* की * * *फागुन माह में पहना जाने वाला फागणिया* राजस्थानी वस्त्र अपनी चटकदार रंगबिरंगी छटा के कारण ही जाने ज...जोशीमठ यात्रा- कर्णप्रयाग और नंदप्रयागइस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। 3 अप्रैल 2012 की सुबह मैं और विधान रुद्रप्रयाग में थे। यहां से बस पकडी और घण्टे भर में कर्णप्रयाग जा पहुंचे। आज रुद्रप्रयाग से आगे अलकनन्दा घाटी ...तेरे नाम के दो आंसू तो संभाले हूँ
शिकायत तुझसे अब रही तो नहीं, तेरी लकीर हाथों से गुजरी तो नहीं। तेरे नाम के दो आंसू तो संभाले हूँ, आज मेरे घर कोई कमी तो नहीं। आँखों में है तेरे भी ये घुटन कैसी, कुछ तो है बात जो कही तो नहीं। "सच" क...
मैनपुरी के रसिक प्यारे मित्रो, हितैषियो एवं समस्त कविताप्रेमियो, नमस्कार कल 20 अप्रैल को मैनपुरी प्रदर्शनी में अखिल भारतीय कवियों का विराट संगम होने जा रहा है . संयोजक अनिल मिश्रा { ब्यूरो चीफ दैनिक जागरण } व ...बस दिल्ली का समाचार है सबसे पहले हम पहुँचे। हो करके बेदम पहुँचे। हर चैनल में होड़ मची है, दिखलाने को गम पहुँचे। सब कहने का अधिकार है। चौथा-खम्भा क्यूँ बीमार है। गाँव में बेबस लोग तड़पते, बस दिल्ली का समाचार है। समाचार हालात बतात...हम विदा हो जाएँ तो एक फ़िल्मी गीत, जो बचपन से सबसे अधिक पसंद है, आज बार बार सुना ! "सदियों जहान में हो चर्चा हमारा " अक्सर याद आता रहा है ! जीवन में कुछ ऐसा करने की तमन्ना रही है जो कोई और न कर सका हो , कुछ ऐसा, जो दूसरों...
अधुरा मै भी हूँ...!!! सुनो जाना .....!!! किसी को तुमने चाहा था वो तुम्हे मिल नहीं पाया किसी को मैंने चाहा था वो मुझे मिल नहीं पायी...!!! अधूरे तुम भी हो अब तक अधुरा मै भी हूँ अब तक अधूरे पन की तन्हाई तुम्हे भी डसती रहती ...गौहत्या विरोध और इस विरोध का विरोधएक वें लोग भी है जो विदेशो में रह कर भी अपने देश में चेतना जगाने के लिए यथासंभव प्रयास करते रहते है और एक ये भी है जो अपने देश में ही रहते हुए भी स्वयं तो कुछ करते नहीं अथवा कर नहीं पाते परन्तु जो इसके लिए...मलूकदास के दोहेदया धरम हिरदे बसै, बोलै अमरित बैन। तेई ऊँचे जानिये, जिनके नीचे नैन॥ आदर मान, महत्व, सत, बालापन को नेहु। यह चारों तबहीं गए जबहिं कहा कछु देहु॥ मान सहित विष खाय के संभु भए जगदीस । बिना मान अमृत पिए राहु कटाय...
एक मुस्लिम देशभक्त एक समय था जब देश में विभिन्न धर्मों के लोग बाग़ मिल जुल कर साथ रहा करते थे और उनमें देश भक्ति की भावना कूट कूट कर भरी हुई थी . अहमदशाह अब्दाली अफगान का आक्रमणकारी था जो भारत देश में विजय की लालसा लिए आगे ब...वो एक पल....जब प्यार होता हैवो एक पल जो जाने कितनी बार यूँ ही गुज़र जाता है वो एक पल जो कभी मुश्किल इतना की गुज़रता ही नहीं वो एक पल जब अनायास हँसी छूट जाती है वो एक पल जब दुआ क़ुबूल होती है वो एक पल जब एक उदास बूँद आँख से गिरती है वो ए...क्षणिकाएंसुरमई शाम हो सामने.... या रात में बिखरी हो चांदनी मद्धिम हवा के झोकें याद आपकी दिला ही जाते हैं 2.इस कदर याद आता था वो कि होकर परेशां हमेशा के लिए दूर कर दिया उसे इस फैसले से पहले कहां मालूम था ...
यूं बोली ज़िंदगीआ ज़िंदगी चल तुझसे कुछ बात करें खुले गगन तले दरख्त की छांव में कहीं एकांत की ठाँव में चल तुझसे कुछ बातें करें ज़रा बता तो ज़िंदगी - तू - सपनों और ख्वाहिशों को फंसा अपने भंवर म...जीवन स्वप्नमन की गहराई से मैंने उर की मादकता को माना,* *जीवन तपता मरुथल सा मैंने यह अब जाना .................* *मानों दरख्त जीवन के सूख चले मुरझा चले हैं,* *बहती हुई नदी की सतह पर ही रहीं हूँ में अब जाना.....* *स्वप्...'धी' हो या 'धरणी' आखिर कब तक धीरज धरे.जया के कविता संग्रह को पुरस्कार मिलने पर पत्रकारों के इस सवाल ने 'उसकी कविताओं में इतना दर्द कहाँ से आया ?' उसे पुरानी यादों के मंज़र में धकेल दिया...बड़े भाई-बहनों...माँ-बाबूजी के संरक्षण में बचपन बड़...
मनुस्मृति के कई छंद, रच फिर से विद्वान् संरक्षित निर्भय रहे, संग पिता-पति पूत आँख खोलकर छींकना, सीख चुका इंसान । रहस्य सूक्ष्मतम खोज ले, उत्साहित विज्ञान । समय देश वातावरण, परिस्थिती निर्माण । जीर्ण-शीर्ण घट में भरे, सम्यकता नव-प्राण ।। रहे क...रोमांस और रोमांच की अद्भुत कॉकटेलदिल्ली जैसे शहर के व्यस्त जीवन की आपा धापी में अक्सर लोग तनाव ग्रस्त रहते हैं . ऐसे में शॉर्ट ब्रेक लेकर घर से बाहर निकल किसी शांत जगह जाकर कुछ समय बिताना एक स्ट्रेस बस्टर का काम करता है . यूँ तो दिल्ली के...पानी और बिजली..गर्मी शुरू होते ही छत्तीसगढ़ में पानी की समस्या शुरू हो जाती हैं हर साल का यह रोना हैं। सरकार किसी की भी रही हो इन समस्याओं का हल नहीं हुआ और जिस तरह से सरकार काम कर रही है आने वाले दस -बीस सालों में यह समस्...
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम
अधुरा मै भी हूँ...!!! सुनो जाना .....!!! किसी को तुमने चाहा था वो तुम्हे मिल नहीं पाया किसी को मैंने चाहा था वो मुझे मिल नहीं पायी...!!! अधूरे तुम भी हो अब तक अधुरा मै भी हूँ अब तक अधूरे पन की तन्हाई तुम्हे भी डसती रहती ...गौहत्या विरोध और इस विरोध का विरोधएक वें लोग भी है जो विदेशो में रह कर भी अपने देश में चेतना जगाने के लिए यथासंभव प्रयास करते रहते है और एक ये भी है जो अपने देश में ही रहते हुए भी स्वयं तो कुछ करते नहीं अथवा कर नहीं पाते परन्तु जो इसके लिए...मलूकदास के दोहेदया धरम हिरदे बसै, बोलै अमरित बैन। तेई ऊँचे जानिये, जिनके नीचे नैन॥ आदर मान, महत्व, सत, बालापन को नेहु। यह चारों तबहीं गए जबहिं कहा कछु देहु॥ मान सहित विष खाय के संभु भए जगदीस । बिना मान अमृत पिए राहु कटाय...
एक मुस्लिम देशभक्त एक समय था जब देश में विभिन्न धर्मों के लोग बाग़ मिल जुल कर साथ रहा करते थे और उनमें देश भक्ति की भावना कूट कूट कर भरी हुई थी . अहमदशाह अब्दाली अफगान का आक्रमणकारी था जो भारत देश में विजय की लालसा लिए आगे ब...वो एक पल....जब प्यार होता हैवो एक पल जो जाने कितनी बार यूँ ही गुज़र जाता है वो एक पल जो कभी मुश्किल इतना की गुज़रता ही नहीं वो एक पल जब अनायास हँसी छूट जाती है वो एक पल जब दुआ क़ुबूल होती है वो एक पल जब एक उदास बूँद आँख से गिरती है वो ए...क्षणिकाएंसुरमई शाम हो सामने.... या रात में बिखरी हो चांदनी मद्धिम हवा के झोकें याद आपकी दिला ही जाते हैं 2.इस कदर याद आता था वो कि होकर परेशां हमेशा के लिए दूर कर दिया उसे इस फैसले से पहले कहां मालूम था ...
यूं बोली ज़िंदगीआ ज़िंदगी चल तुझसे कुछ बात करें खुले गगन तले दरख्त की छांव में कहीं एकांत की ठाँव में चल तुझसे कुछ बातें करें ज़रा बता तो ज़िंदगी - तू - सपनों और ख्वाहिशों को फंसा अपने भंवर म...जीवन स्वप्नमन की गहराई से मैंने उर की मादकता को माना,* *जीवन तपता मरुथल सा मैंने यह अब जाना .................* *मानों दरख्त जीवन के सूख चले मुरझा चले हैं,* *बहती हुई नदी की सतह पर ही रहीं हूँ में अब जाना.....* *स्वप्...'धी' हो या 'धरणी' आखिर कब तक धीरज धरे.जया के कविता संग्रह को पुरस्कार मिलने पर पत्रकारों के इस सवाल ने 'उसकी कविताओं में इतना दर्द कहाँ से आया ?' उसे पुरानी यादों के मंज़र में धकेल दिया...बड़े भाई-बहनों...माँ-बाबूजी के संरक्षण में बचपन बड़...
मनुस्मृति के कई छंद, रच फिर से विद्वान् संरक्षित निर्भय रहे, संग पिता-पति पूत आँख खोलकर छींकना, सीख चुका इंसान । रहस्य सूक्ष्मतम खोज ले, उत्साहित विज्ञान । समय देश वातावरण, परिस्थिती निर्माण । जीर्ण-शीर्ण घट में भरे, सम्यकता नव-प्राण ।। रहे क...रोमांस और रोमांच की अद्भुत कॉकटेलदिल्ली जैसे शहर के व्यस्त जीवन की आपा धापी में अक्सर लोग तनाव ग्रस्त रहते हैं . ऐसे में शॉर्ट ब्रेक लेकर घर से बाहर निकल किसी शांत जगह जाकर कुछ समय बिताना एक स्ट्रेस बस्टर का काम करता है . यूँ तो दिल्ली के...पानी और बिजली..गर्मी शुरू होते ही छत्तीसगढ़ में पानी की समस्या शुरू हो जाती हैं हर साल का यह रोना हैं। सरकार किसी की भी रही हो इन समस्याओं का हल नहीं हुआ और जिस तरह से सरकार काम कर रही है आने वाले दस -बीस सालों में यह समस्...
वार्ता को देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम
11 टिप्पणियाँ:
अब प्रिट मीडिया पर भी आएगी ब्लॉग4वार्ता की पोस्ट ..
जानकर अच्छा लगा .. पूरी टीम को बधाई ..
इतने लिंक उपलब्ध कराने का आभार !!
बहुत बढ़िया, आम लोगों तक ब्लॉग पहुँचेगा।
सारे लिंक एक से बढ़कर एक हैं ....
दैनिक बिहिनिया में वार्ता के शामिल होने पर आपको और आपकी टीम को बधाई ॥ बढ़िया वार्ता ... आभार
सुखद खबर , बढ़िया वार्ता , शुभकामनायें
प्रिट मीडिया पर ब्लॉग4वार्ता की पोस्ट देखकर बहुत ख़ुशी हुई. बधाई ..
बढ़िया वार्ता और लिंक के लिए आपका आभार...
बधाई....
बहुत बहुत बधाई....
और अच्छी वार्ता के लिए शुक्रिया.
अनु
बेहतरीन लिंक्स के बीच अपनी पोस्ट को देखना अच्छा लगा ...
आभार
behatrin links.aabhar.
bahut achhi varta ..badhai..
bhai badhiya charcha lagi sath hi post ko sthaan dene ke liye Tahedil se abhari hun ...
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।