आप सबों को संगीता पुरी का नमस्कार , स्वाइन फ्लू का खतरा अब राजधानी दिल्ली तक आ चुका है। यहां डॉक्टरों ने अब तक 6 लोगों को स्वाइन फ्लू का शिकार पाया है। हालात से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। पूरे देश भर से 300 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मामले आए हैं और 21 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू के मरीज सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में सामने आए हैं। शुरुआत में एक साधारण बीमारी के रूप में दिखने वाला स्वाइन फ्लू मरीज कुछ ही घंटों में गंभीर हालत में पहुँच जाता है| इसलिए अगर आपके आस पास किसी को बुखार या सर्दी जैसी बीमारी है तो अन्यथा न ले क्योंकि यह स्वाइन फ्लू भी हो सकता है| स्वाइन फ्लू का सबसे शुरूआती मामला मैक्सिको में सामने आया था तब से लेकर अब तक लगभग सौ देशों में इस संक्रमण ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है|स्वाइन फ़्लू के लक्षण आम फ़्लू से मिलते जुलते हैं इसलिए इसकी पहचान खून की जाँच से ही संभव है| वैसे बुखार, गले मे खराश, जुकाम, खाँसी, सिर व बदन में दर्द, जोड़ों में जकड़न, उल्टी, बेहोशी, ठंड लगना, सांस लेने में दिक्कत जैसी बातें इसके मुख्य लक्षण हैं|यह संक्रमण भीड़भाड़ वाली जगहों में बहुत आसानी से फैलता है|
ऐसे कर सकते हैं बचाव
डॉक्टरों का मानना है कि स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका स्वच्छता के नियमों का पालन करना है| भीड़-भाड़ वाली जगहों या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या कपड़े से ढंकें| फ्ल़ू प्रभावित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर तीनस्तरीय मास्क का उपयोग करें| इससे बचने के कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं-
1. बाहर निकलते समय हमेशा मुँह और नाक ढक कर रखें, खासकर तब जब कोई छींक रहा हो|
2. हर बार हाथ धोना बहुत जरूरी है|
3. अगर लगे की तबीयत ठीक नहीं है तो घर पर ही रहें| ऐसी स्थिति में काम या स्कूल पर जाना उचित नहीं होगा और जहां तक हो सके भीड़ से दूर रहना फायदेमंद साबित होगा|
4. सांस लेने में तकलीफ महसूस होने, अचानक चक्कर आने या उल्टी जैसे हालात में फ़ौरन डॉक्टर के पास जाना जरूरी है| इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद चलिए आज की वार्ता पर ...
नित नित प्रभु का ध्यान धरो .. किसी और की अराधना की जरूरत नहीं पडेगी !!
ऐसे कर सकते हैं बचाव
डॉक्टरों का मानना है कि स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे अच्छा तरीका स्वच्छता के नियमों का पालन करना है| भीड़-भाड़ वाली जगहों या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या कपड़े से ढंकें| फ्ल़ू प्रभावित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर तीनस्तरीय मास्क का उपयोग करें| इससे बचने के कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं-
1. बाहर निकलते समय हमेशा मुँह और नाक ढक कर रखें, खासकर तब जब कोई छींक रहा हो|
2. हर बार हाथ धोना बहुत जरूरी है|
3. अगर लगे की तबीयत ठीक नहीं है तो घर पर ही रहें| ऐसी स्थिति में काम या स्कूल पर जाना उचित नहीं होगा और जहां तक हो सके भीड़ से दूर रहना फायदेमंद साबित होगा|
4. सांस लेने में तकलीफ महसूस होने, अचानक चक्कर आने या उल्टी जैसे हालात में फ़ौरन डॉक्टर के पास जाना जरूरी है| इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद चलिए आज की वार्ता पर ...
नित नित प्रभु का ध्यान धरो .. किसी और की अराधना की जरूरत नहीं पडेगी !!
तसल्ली ... .. से करो तो हर काम आसान है !!
रहने को घर नहीं,सारा जहां हमारा .. हो सकता है !!
मानव तू मानव तो बन ले - बस सोच और व्यवहार बदल ले !!
ममता एक खूबसूरत एहसास .. कुछ भी नहीं ले सकती है इसकी जगह !!
नन्ही कली.. .. आसमान से भाग्यशालियों के आंगन में उतरी !!
गिफ्ट वाली पायल .. पहन करती है कुछ अधिक ही छनन छनन !!
ममता एक खूबसूरत एहसास .. कुछ भी नहीं ले सकती है इसकी जगह !!
नन्ही कली.. .. आसमान से भाग्यशालियों के आंगन में उतरी !!
गिफ्ट वाली पायल .. पहन करती है कुछ अधिक ही छनन छनन !!
टूटकर प्यार करना सबका नसीब नहीं .. तुम खुशनसीब हो !!
"झूठ आजाद है, सत्य परतन्त्र है" .. ऐसा ही है इस देश का हाल !!
रहस्य .. खुलने के बाद भी रहस्य ही बना होता है !!
"झूठ आजाद है, सत्य परतन्त्र है" .. ऐसा ही है इस देश का हाल !!
रहस्य .. खुलने के बाद भी रहस्य ही बना होता है !!
सहरा से दिन...अंधे कुएं सी रातें .. में भी जीवन जीना होता है !!
भय और अधिक भय .. में भला जीवन जीया जा सकता है !!
खूँखार कुत्तों के खिलाफ .. कुछ कदम तो उठाने ही होंगे !!
भय और अधिक भय .. में भला जीवन जीया जा सकता है !!
खूँखार कुत्तों के खिलाफ .. कुछ कदम तो उठाने ही होंगे !!
बहुत संभल कर 'आना' बिटिया .. बहुत बिगड गयी है दुनिया !!
बिस्कुट में गाय और सूअर का मांस .. ये तो हद ही हो गयी !!
कीचड़ में धेला कौन फेंके ??? .. खुद को छींटे से बचाकर फेकना ही होगा !!
बिस्कुट में गाय और सूअर का मांस .. ये तो हद ही हो गयी !!
कीचड़ में धेला कौन फेंके ??? .. खुद को छींटे से बचाकर फेकना ही होगा !!
कहीं ऐसा न हो .... हम सोए रहें , सबकुछ लुट जाए !!
अब लेते हैं एक ब्रेक .. मिलते हैं अगली वार्ता में !!
5 टिप्पणियाँ:
सभी लिंक्स आकर्षित कर रहे हैं संगीता जी ! मेरी रचना को भी आपने इसमें स्थान दिया ! आभारी हूँ ! सुन्दर वार्ता के लिये धन्यवाद !
मैंने तो फेंक दिया है
और कीचड़ के गंदे बदबूदार छींटे मुझ पर ही गिरे हैं
पर मैं हताश नहीं हूं
क्योंकि मैं लाश नहीं हूं।
मैंने धेला नहीं
पूरा पत्थर ही उठाकर मारा है
इसलिए लहूलुहान परचम हमारा है
पर मैं निश्चिंत हूं
कोई गिला नहीं है मुझे
गिलगिलाहट हो रही है उन पर
पर उनकी भी मजबूरियां रही होंगी
जो कह नहीं पाए हैं
अपने अंतर्मन की आवाज को।
"झूठ आजाद है, सत्य परतन्त्र है" .. ऐसा ही है इस देश का हाल !!
sahi hai.
स्वाइन फ्लू से बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार आपका, हमारे नागपुर में भी कई मामले सामने आये हैं इसके... अच्छी वार्ता... सुन्दर लिंक्स
अच्छी लिंक्स से सजी वार्ता |
आशा
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