मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

लिव इन रिलेशनशिप याने खिड़की के रास्ते भागने की चाहत-----ललित शर्मा

किसी ने कहा था कि शादी वह कमरा है,जिसमे आदमी दरवाजे से तो घुसना चाहता है,लेकिन फिर खिड़की से कूद कर भागना भी चाहता है. अभी लिव इन रिलेशनशिप के बहाने खिड़की से कूद कर भागने रास्ता ही तलाशा जा रहा है. इस विषय पर बहसों का माहौल गरम है, कोई पक्ष में और कोई विपक्ष में तर्क दे रहा है. कोई इसे कानून के दायरे में लाने की बात कह रहा है. लेकिन जब इस पर कानून का शिकंजा कसा जायेगा तब शादी कर लेने में ही फायदा नजर आएगा, नहीं तो नुकसान हर तरफ से ही है. फिर कहा जायगा लौट के बुद्धू घर को आये......... अब मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की ब्लाग वार्ता पर....................

ब्लॉगर मीट- परिवारिक मीट-संगीत संध्या कल याने ३ अप्रेल को स्वप्न मंजुषा शैल याने अदा जी का अपने पतिदेव संतोष शैल जी और बिटिया प्रज्ञा के साथ आना हुआ. मात्र ४०० किमी की दूरी तय करने में निर्धारित कार्यक्रम से बस २ घंटे देरी से (रेल्वे के हिस...वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता मे सुश्री स्वप्न मंजूषा शैल 'अदा'प्रिय ब्लागर मित्रगणों, हमें वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता के लिये निरंतर बहुत से मित्रों की प्रविष्टियां प्राप्त हो रही हैं. जिनकी भी रचनाएं शामिल की गई हैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचित कर दिया गया है. त...

कांटों के बदले दो फूल-कांटे बोने वाला अपनी हरकतों में ही जाएगा झूल *हमें एक बात समझ में नहीं आती है कि क्यों कर लोग बिनावजह किसी की भी टांग खींचने का काम करते हैं। हम सीधे सड़क पर जा रहे हैं और कोई बेवजह हमसे आकर उलझ जाए तो इसे क्या समझा जाए। क्या किसी की टांग खींचने में ... दो मित्र दो मित्र सत्यानंद और धनीराम एक साथ पढते-पढते, खेलते-कूदते, मौज-मस्ती करते हुये बचपने से जवानी की दहलीज पार करते हुये जीवन के रंगमंच पर प्रवेश किये..... दोनों के स्वभाव में तनिक ही अंतर था सत्यानंद होशियार ...

आर्ट गैलरी से अल्पना की आर्ट गैलरी से हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड....आज पंकज उपाध्याय का जनमदिन है आज, 5 अप्रैल को मेरे विचार, मेरी कवितायें वाले पंकज उपाध्याय का जनमदिन है। इनका ईमेल पता mr.p.upadhyay@gmail.com है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के ल...होनहार के खेल - ५ भाग-1, 2, 3, 4 का शेष ............. उस दिन के बाद निश्चिन्त होकर ढाई सौ वर्ष तक मैंने खूब भोग भोगे | अवर्णीनीय एश्वर्य का उपभोग किया | रंगीन और हसीन महफ़िलों में डूब गया , पर मुझे क्या मालूम था , कि भोग और ...

निधन मर गया बेचारा, ईंसान बनकर जीने चला था. खुश हैं लोग, सोचते हैं, उसकी मौत उसकी जिंदगी से बेहतर है. ईमान ही उसका मजहब था, रोटी के बिना चल पङा, मगर ईमान बेच न सका, इसलिये मर गया बेचारा, ईंसान बनकर जीने चला था। ...जननायक स्वर्गीय रामकुमार अग्रवाल जी को समर्पित रामकुमार अग्रवाल जी को बहुत से लोग शायद न जानते हो. श्री अग्रवाल रायगढ़ में रहते थे.पिछले दिनो उनका निधन हो गया वे.८३ वर्ष के थे. यह तो उनका सामान्य परिचय है. असली परिचय यह है कि समाजवादी सोच से संपृक्...

एक विनम्र पत्र राजीव तनेजा के नाम......... बन्धुवर राजीव तनेजा जी, बस........अभी-अभी घर पहुंचा हूँ और सबसे पहले आपके नाम एक खुला पत्र लिख कर आज के दिन की शुरुआत कर रहा हूँ । आपने और आपके पूर्ण परिवार ने जिस प्रकार गर्मजोशी और सुहृदयता से मुझे सम... यात्रा में निकलने के पहले छुट्टियाँ बिताने के लिये पूरे परिवार के साथ यात्रा में जाने का शौक भला किसे नहीं होता। घूमने जाने के नाम से बच्चे सबसे अधिक रोमांचित होते हैं पर साथ ही साथ बड़े भी उत्साहित रहते हैं। पर अक्सर होता यह है कि ...

क्या ये रेड कारीडोर बन जाने का ठोस सबूत नही है!रेड कारीडोर पर बहुत समय से बात चल रही है।इसके अस्तीत्व पर सवाल उठते रहें है और रेड कारीदोर के इस्तेमाल पर अभी तक़ शंकाओ की धुंध छाई हुई थी।लेकिन यंहा जो छत्तीसगढ मे हुआ उससे तो लगता है कि रेड कारीडोर का बाक... सानिया से दस सनसनाते सवाल *डॉ. महेश परिमल* सानिया, तुम्हें पाकिस्तानी भाया, पाकिस्तान क्यों नहीं? इतने करोड़ भारतीय युवाओं में तुम्हें कोई पसंद नहीं आया? शोएब के इंकार के बाद भी भारत के लिए खेल पाओगी? दूसरी पत्नी बनना आखिर क्यों स्...

ऊपर से नीछे यह दोनों संतेक्ज्युपेरी का "छोटा राजकुमार" हैं। बायीं पुस्तक हिन्दी में और दायीं जापानी में लोखा है। हिन्दी अक्षरों को बायीं से दायीं ओर, और पंकित ऊपर से नीछे लिख्ते हैं। जापानी भी ऐसा लिखते हैं। फ़िर... कैसे बताऊँ मै........(कविता), खेलता हूँ मै भी दुखो से,ये कैसे बताऊँ मै,* *जिसको अब तक रहा छिपाता,कैसे जताऊँ मै!* *भगवान् जो लिख चुका सो लिख चुका,* *अब क्या उसको दोहराऊं मै,* *मुझे खुद से जुदा करने वाला वो ही तो था,* *अब बिन बुलाएं...

क्या यही है हिन्दी प्रेम ??? वैसे तो ब्लॉग जगत में फालतू और बकवास पोस्टों पर टिप्पणियों के ढेर लग जाना और उन्हें एक बहुत बड़ा बहस का मुद्दा बना देना होता रहता है, पर अफसोस तब होता है जब कि सच में एक बहुत बड़ा विषय जो हमारे देश, हमारी भ... भिलाई के युवकों द्वारा निर्मित विश्व रिकॉर्ड: सलाहें, योजना व तैयारी जैसा कि पिछली बार मैंने बताया था कि 1985 में भिलाई के दो नवयुवकों ने मोटरसाइकिल पर विश्व भ्रमण की योजना बनाई व इस माह उसके समापन की रजत जयंती है। इन नवयुवकों को* इस रोमांचकारी अभियान का ख्याल जून 1983 में ...

बच्चा बच्चा राष्ट्र का,मातृ भूमि के काम का  टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का पाकिस्तान प्रेम इस बात की पहचान है कि भारत और उसके धर्म संस्कृति भारतीय परंपरा को खत्म करने का सपना देखने वाले पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश के प्रति मुस्लिम सोच क्या है। लेकिन ...ताऊ पहेली - 68 (St. Francis Church Cochin) विजेता : उडनतश्तरी प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 68 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है St. Francis Church Cochin. और इसके बारे मे संक्षिप्त सी ...

लघु व्यंग्य - ताकि अब और कोई भैंस पानी में न जाए ! बहुत दिनों से ग्वालो और चरवाहों को बस यही बात खाए जा रही थी कि आखिर भैंस के पानी में जाने की वजह क्या थी? भैंस अपने चौबारे से बिदकी क्यों? घर में सब कुछ था, न सिर्फ महाजन बल्कि पूरा गाँव ही उसे रोज हरी-हरी...ऊंदरा यूं काम आया हाथियां रै......
एक ऊंदरा री नगरी हीं। उणमें घणा सारा ऊंदरा रैवता हा। वठै जगै-जगै उणरा घणा सारा बिल हां। एकर वठा सूं हाथियां रज्ञै झुंड पाणी पीवण सारू निकलियौ। ऊंदरा झुंड नै देखियौं तौ उणमें खलबली माचगी। अबै करै तौ कांई। इ...
क्या इस तरह के अतिक्रमण उखाड़ फेंकना नहीं चाहिये..... एक चित्र आज प्रस्तुत कर रहा हूं. एन-एच-२७ पर पिछले दो वर्ष के अन्दर यह धार्मिक स्थल यहां पर उग आया है.. सड़क से मात्र दस फिट दूर.. इसकी दशा से भी इस बात का अन्दाजा लगाया जा सकता है..रोड साइड एक्ट के अन्तर्... इंसान तो इंसान जानवर भी "शोले" देखने के लिए आतुर थे उन दिनों तो अपने ताऊ जी भी कलकत्ते में ही थे। उन्हें भी तो याद होगा वह नजारा, क्यों बड़े भाई? * बात बहुत पुरानी है। पर दिमाग के कोल्ड स्टोर में होने की वजह से आज भी ताजा और बामजा है। करीब 35 साल पहले फिल...

समाज की जरूरत है लिव-इन रिलेशनशिप लिव-इन रिलेशनशिप को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता दे दी है। महाराष्ट्र सरकार ने इस रिलेशनशिप को मान्यता देने की पहल पहले ही कर चुकी थी। महाराष्ट्र सरकार की पहल साहसिक कदम था। साहसिक इसलिए कहेंगे क्योंकि महाराष्ट्र इस वक्त शिवसेना जैसी हिन्दुवादी संगठन के आतंक..............जन्म-जन्म का साथ है हमारा -तुम्हारा या फिर गर्लफरैंड चाहिए कया आपको विना सादी के आपके साथ रहने वाली गर्लफरैंड चाहिए दुनिया में भारतीय समाज सिर्फ एक ऐसा समाज है जिसका हर कार्याकलाप संस्थागत है जन्म से लेकर मृत्यु तक । भारतीय संस्कृति ही एक ऐसी संस्कृति है जिसे सभ्य संस्कृति वोले तो मानव संस्कृति कहा जा सकता है।............

आसमान में बुध ग्रह की एक खास चाल .. क्‍या आप भी इससे प्रभावित हो रहे हैं ?? 29 मार्च से ही आसमान में मेष राशि में बुध ग्रह कर काफी समय तक रहना पृथ्‍वी के जड चेतन पर बहुत प्रभाव डालने में समर्थ है। चूंकि ज्‍योतिष में बुध ग्रह बुद्धि , ज्ञान का ग्रह माना जाता है , इसलिए यह विद्यार्थियों और बौद्धिक श्रम करनेवाले लोगों को अधिक .....ओह आज तो यही मूड है छुट्टी के बाद अक्सर जो पहला दिन होता है कार्यालय में वो बहुत ही थकान देने वाला रहता है खासकर सोमवार तो अवश्य ही । ऐसा लगता है कि शुरूआत में छक्का मारने की नीयत जैसे सप्ताह के पहले दिन ही सप्ताह भर के काम निपटाने की जुगत में लगे हों । और ऐसी स्थिति में.........

ब्लॉग मेन स्ट्रीम ही होगा: समीर लाल(एक्सक्लूसिव इंटरव्यू ) ब्लॉगप्रहरी ने समीर लाल को संपर्क किया और कई महत्वपूर्ण विषयों पर उनके विचार आमंत्रित किये. पेश है समीर लाल जी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू ...1 आपने ब्लागिंग की शुरुआत कब की और आपका अब तक का अनुभव क्या कहता है ?मेरी ब्लॉगिंग का सफर मार्च, २००६ में शुरु हुआ.  नक्सलियों की एक और फौज बनाने की तैयारी क्या बांध और शादी में कोई संबंध है? किसी और के पास इसका जबाव नहीं होगा, लेकिन अगर मध्य प्रदेश के खरगौन जिले के पथराड़ गांव के लोगों से बात करेंगे, तो आपको इसका जवाब मिलेगा और वह भी हां में। गांव के पास ही स्थित महेश्वर में नर्मदा नदी पर बन रहे बांध के...............


चलते चलते में आज पढ़िए हरकीरत ' हीर' जी की एक गजल 
जिस पर गरूर है तू वो भी दिखा के देख
फ़न को बुलंदियों पर कुछ यूँ सजा के देख 
मुझको हबीब कितने उल्फ़त ने दे दिए हैं
हैबत से न बनेंगे, इक तो बना के देख
तेरी गली की राहें मुझको पता हैं लेकिन
आवाज़ दे कभी तो, मुझको बुला के देख
मत पूछ क्या मिला है उसको गले लगा के
दिल में मुहब्बतों का गुलशन लगा के देख
ऐसा तो वो नहीं था , बातों में आ गया है
उसकी नज़र से अपनी नज़रें मिला के देख
गर इश्क़ है खता तो , मुझसे खता हुई है
मुंसिफ सजा बता मत, मुझको सुना के देख
तुझे 'हीर' में मिलेंगे मैखाना और मंदिर
भूले से ही कभी पर , नज़रें उठा के देख
अब देते हैं वार्ता को विराम .......आपको ललित शर्मा का राम---राम

10 टिप्पणियाँ:

कई महत्वपूर्ण चिट्ठों को एक साथ समेटने की सराहनीय कोशिश ललित भाई।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

बढ़िया प्रस्तुति

बहुत शानदार और विस्तृत चर्चा.

रामराम

बहुत शानदार और विस्तृत चर्चा....
बढ़िया प्रस्तुति...

बहुत शानदार विस्तृत मेहनत से की गयी चर्चा ...
आभार ...!!

विस्तृत और बढ़िया चर्चा....बधाई

bahut acha


shekhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

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