बुधवार, 19 मई 2010

बेकसूरों की हत्याओं पर कलम मौन, और कितनी बलि लेंगे चिदंबरम साहब?- ब्लाग 4 वार्ता- राजकुमार ग्वालानी

ब्लाग 4 वार्ता  का आगाज करने से पहले सभी ब्लागर मित्रों को राजकुमार ग्वालानी का नमस्कार


हमें इस बात की खुशी है कि ब्लाग जगत के कुछ कमलकार तो जागे और नक्सिलियों पर लिखने का काम किया। ऐसे कलमकारों को हम सलाम करते हैं और आज की चर्चा का आगाज करते हैं.

बस्तर में सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग पर यात्री बस को बारूदी सुरंग विस्फोट से उड़ाकर नक्सालियों ने निर्दोष नागरिकों सहित 36 लोगों (संख्या परिवर्तनीय है) की निर्मम हत्या कर दी। यह एक माह में तीसरी बड़ी घटना है। र...
 13 अप्रैल १९१९, पंजाब के अमृतसर का जलियाँ वाला बाग बैसाखी पर्व के उल्लास के साथ भीषण नर संहार की अभी भी कहानी कहता 4.30 बजे संध्या, अपने वतन की आजादी पाने बुलाई गई थी सभा जहाँ हुए थे जमा हिन्दू मुस्लिम संग
(उपदेश सक्सेना)* नक्सलियों ने छतीसगढ के दंतेवाड़ा में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज़ करवा कर केंद्र सरकार को अपने मज़बूत इरादों से अवगत करवा दिया है. गृह मंत्री पी.चिदंबरम के ढीले तौर तरीकों के कारण एक बार

इस बार बस की बस उड़ा दी गई और लगभग 50 के आसपास लोग मारे गये। नागरिकों द्वारा समाचारों में साफ-साफ कहा जा रहा है कि यदि बस में पुलिस वाले नहीं बैठे होते तो बस को नक्सलियों ने उड़ाया नहीं होता। नागरिकों का ...
महा कमीण एक बर की बात... म्हारे महाकंजूस ताऊ के खानदानी पंडत नै बताया अक् ताऊ, अगर तू जिंदगी मैं और भी मजे लेण चाहवै तो पांच कमीणों को भोजन करवा दे... ईब भाई ताऊ महा कंजूस... पांच कमीणों नै भोजन क्यूक्कर ...
यह कोई कविता नहीं है, क्योंकि मुझे कविता लिखनी आती ही नहीं, नाही उसकी समझ है। जब दिलो-दिमाग आक्रोशित हों, बेकाबू होती परिस्थितियों से, कुछ ना कर पाने की कशमकश हो, जो कुछ कर पा सकते हैं वे भी आग में आहूती द...
आपको याद होगा कि इस साल की शुरुआत के पहले दिन, यानि १ जनवरी, २०१० को हमारे गृहमंत्री ने पाकिस्तान को यह नसीहत दी थी; " नयी दिल्ली १ जनवरी, 2010: केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने पाकिस्तान से मांग की कि ...
छम्मकछल्लो देश की तरक्की से बहुत खुश है. उस दिन उसने अखबार में पढा कि भारत की तरक्की देखकर ओबामा के पसीने छूटे. छम्मकछल्लो के भी पसीने छूट जाते हैं, अपने देश की तरक्की देख कर. अमेरिका कह्ता है कि भारत 
  
दिल्ली सरकार ने 18 मई को संसद पर हमले के दोषी, फांसी की सजा प्राप्त, अफजल गुरु की दया याचिका से जुड़ी फाइल उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना को भेजी थी किन्तु उपराज्यपाल ने कुछ और स्पष्टीकरण मांगते हुए इसे सरकार को लौटा दिया। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार से यह
  
जब से हम बलागवाणी पर आये हैं तब से हम देख रहे हैं कि जब भी आतंकवादियों का विरोध करने वाली या फिर उनके समर्थकों को वेनकाब करने वाली पोस्ट लिखी जाती है उनमें से अधिकतर बलागवाणी पर उनमें से पिट जाती है जबकि गद्दारों के समर्थन व सुरक्षावलों व भारतीय संस्कृति
अब आपसे लेते हैं हम विदा

6 टिप्पणियाँ:

बेहतरीन चर्चा राजकुमार जी !

अब समय आ गया है कि हम सब लेखकजन (जैसा कि हम दावा करते हैं) हमें मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध, नक्सलवाद के विरुद्ध, भ्रष्टाचार के विरूद्ध और इसी तरह की तमाम साड़ी समस्याओं के विरुद्ध खुल कर लिखना होगा....सरकारी मशीनरी पर दवाब बनाना होगा...
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

अते सुन्दर चर्चा.
धन्यवाद

हमारे ब्लॉग पर आपकी नज़र कब पड़ेगी..

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