गुरुवार, 9 सितंबर 2010

रोटी नहीं कॉन्डम--एक और सिस्टम क्लीनर---ब्लॉग4वार्ता---ललित शर्मा

नमस्कार मित्रों, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी गरीबों को अनाज नहीं बाँट कर अनाज सड़ाना हठधर्मी की पराकाष्ठा है। जनता के धन का अपव्यय करना भी लोक तंत्र में एक बड़ा अपराध है। जो कि मनमोहनी सरकार किए जा रही है, कृषि मंत्री शरद पवार की ढाल बनकर। अगर इतनी बड़ी राशि किसी व्यवसायी की डूब जाती तो उसका दीवाला निकलना ही क्या मरण हो जाता। जनता की गाड़ी कमाई का नुकसान करने वालों के लिए उचित दन्ड की विधान होना चाहिए। प्रजातंत्र को राजतंत्र की तरह चलाना गलत है। अब चलते हैं ब्लॉग4वार्ता पर और  ब्लॉग नगरिया की सैर करते है।

यह ब्लॉग ऐसा ही कुछ कह रहा है--प्रधानमंत्री की नसीहत : गरीबों की फज़ीहत सड़ता अनाज और न्यायालय का फैसला* *प्र*धानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने सुप्रीमकोर्ट को नीतिगत मामलो में हस्तक्षेप न करने की नसीहत देकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है ।वकील साहब कह रहे हैं अन्न को सड़ने के लिए छोड़ देना कितना जरूरी है?भविष्य के लिए संग्रहीत भोजन ही वह वस्तु है जिस ने मनुष्य को सोचने और बहुत सारे दूसरे कामों को करने की फुरसत बख्शी। यदि उस के पास कुछ दिनों या महिनों का भोजन न होता तो उस का सारा समय भोजन की तलाश में ही जा...

न्यायालय के आद..राज भाटिया जी कह रहे हैं.लो जी हम लॊट आये.....लोटने के लिए आपका स्वागत है भाई साहब, जी भर लोटिए--नमस्कार, हम लोट तो रविवार को ही आये थे, लेकिन नींद पुरी करने मै समय लगा.... आदत के हिसाब से हम सही समय पर यानि दस बजे यहां से निकले, ओर करीब १५ कि मी जाने के बाद मैने पेट्रोल से टंकी फ़ुल कर ली, ताकि रास्ते...खाने को लाई नहीं, मुँह पोछने को मिठाई!देसिल बयना - 46 खाने को लाई नहीं, मुँह पोछने को मिठाई! करण समस्तीपुरी एगो कहावत तो सुने ही होंगे, *'सब दिन होत न एक समाना !'* सच्चे समय केतना बदल गया है। मोगलिया नवाब गया, अंगरेज़ गया, जमींदारी गया, मं...

ज़िंदगी हुई हल करते हुए इस गणित कोजोड़ दो तुम मेरी खुशी में अपनी खुशी घटा लेने दो मुझे अपने गम में तुम्हारा गम क्या कहूँ कैसे गुणा होगा हमारे प्यार से तुम्हारे प्यार का और जाने कैसे भाग दिया जायेगा इस तरफ के अवसाद से उस तरफ के अवसाद का ...आज पल्लवी त्रिवेदी, इरशाद अली का जनमदिन हैआज, 8 सितम्बर को - कुछ अहसास तथा नेस्बी वालीं पल्लवी त्रिवेदी - इरशादनामा वाले इरशाद अली का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्...

बंद और देश...देश में जिस तरह से आम जनजीवन को प्रभावित करने वाले बंद बहुत जल्दी जल्दी आयोजित किये जाने लागे हैं उससे लगता है कि नेताओं को आम जनता की बिलकुल भी परवाह नहीं रह गयी है. यह सही है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी ...शब्दों को गणपति में बदलने में माहिर श्रीगंगानगर में विजय गौड़ एक ऐसा कलाकार है जो किसी भी शब्द को गणपति का रूप प्रदान कर देता है। आप हस्ताक्षर करो विजय उसको गणपति बना देगा। एक हस्ताक्षर के अनेक गणपति।

क्या सोचा था क्या ये लोकतंत्र हो गया !सत्ता पाना ही भ्रष्टों का मूलमंत्र हो गया, क्या सोचा था क्या ये लोकतंत्र हो गया ! परदे के पीछे से चल रहा आज छद्म-राज है, कुर्सी पर बैठी कठपुतली एक यंत्र हो गया !! युवराज यूं घूमता है अपने इस साम्राज्य मे...आपको भी शायद गुस्सा आना चाहिए चीन की हरकतें चिंता का विषय होना ही चाहिए ,लेकिन यह हमारा भी दुर्भाग्य ही है कि हमारे नेतागण अपने निहित स्वार्थों से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं ,देश का भला ये क्या खाक सोच पायेंगे ! चीन ने दक्षिण एशिया में ...

संसार में रुपया ही सबसे बड़ा नहीं है किन्तुऐसा नहीं है कि संसार में रुपया ही सबसे बड़ा है, रुपये से बढ़ कर एक से एक मूल्यवान वस्तुएँ हैं जैसे कि विद्या, शिक्षा, ज्ञान, योग्यता आदि, किन्तु मुश्किल यह है कि इन सभी वस्तुओं को केवल रुपये अदा करके ही प्रा....छत्तीसगढ़ के दस सालदृश्य एक :* रायपुर शहर, गौरव पथ में रात का नजारा . लगता है कनाट प्लेस में टहल रहे हैं..| नियोन साईन बोर्ड और लकदक करती लाईटें, कृत्रिम झरना और फव्व्वारे ...चमकती हुए सड़क पर भागती हुई कारें ...लगता है छत्...

स्टेशन की बैंच से कॉन्वोकेशन के स्टेज तकमोस्को स्टेट यूनिवर्सिटी अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे हमारा वेरोनिश से मोस्को जाना तय हो गया था और हम हंसी ख़ुशी तैयारियों में लग गये थे कि चलो अब कम से कम इंडिया की टिकट के लिए मॉस्को के चक्कर लगाना तो...नानी का बागतब मैं बहुत ही छोटी थी नानी जब चली बसी मुझे तो उसका चेहरा भी याद नहीं है कोई माँ ने रखी हैं सँभाल नानी की निशानियाँ जिनमें से मैं नानी का चेहरा ढूँढ लेती हूँ माँ ने दी कीमती सौगात ना...

ग़ज़ल/ जख्म दिया करते हैं फिर थोड़ा मुसकाते हैंपाँच दिन बाद फिर हाज़िर हूँ. यानी फिर वही दिल लाया हूँ. पेश है बिल्कुल नई ग़ज़ल.देखे शायद इन शेरों में सच्चे लोगों का दर्द उभरा हो शायद. भले लोगों को दुर्जन हमेशा तकलीफ ही देते है. लेकिन अनुभव यही बताता है क...माने या ना माने पर यह सच विश्वास क्या है और अंधविश्वास क्या है इसके झमेले में नहीं पड़ें तो अच्छा। अरे भाई जिसकी जैसी मर्जी उसे वैसे जीने दो। बड़े-बड़े संत, महात्मा, अवतार आ-आ कर चले गये। समझाते-समझाते सदियां बीत गयीं पर क्या सोच बदल...

रोटी नहीं कॉन्डम ज़रूरी है लोगों के लिए किसी सरकार की जनता के लिए तय प्राथमिकताओं में अब बदलाव आ रहा है. पानी, रोटी, सड़क, रोज़गार, बिजली, सुरक्षा आदि मामलों पर पांच-छह इंच का कॉन्डम भारी पड़ गया है. आम आदमी चाहे घटाटोप महंगाई के...एक और सिस्टम क्लीनरएक मुफ्त औजार जो आपके सिस्टम को साफ़ रखने, स्टार्ट अप् प्रोग्राम्स को व्यवस्थित रखने, फाइल या फोल्डर को पूरी तरह डिलीट करने जैसे कई काम करता है । अगर आप अपने....

वार्ता को देते है विराम--एक कहानी के लिए यहाँ पर जाएं। मिलते हैं ब्रेक के बाद
कल की वार्ता शिवम मिश्रा करेंगे।

23 टिप्पणियाँ:

बहुत लिंक मिले .. अच्‍छी वार्ता की आपने !!

बढ़िया लिंक ........ आभार
एक बार जरुर पढ़े :-
(आपके पापा इंतजार कर रहे होंगे ...)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_08.html

बहुत लिंक मिले .. अच्‍छी वार्ता!

बहुत बढ़िया ब्लॉग वार्ता....... ललित भाई !

बढ़िया वार्ता हमेशा की तरह.

झकास वार्ता, शानदार लिंक, बधाई स्वीकारों जी बधाई।
………….
गणेशोत्सव: क्या आप तैयार हैं?

पंडित जी, लिंक अच्छे मिले . और समिलित ब्लोगों का घालमेल अच्छा लगा. बधाई हो जी.

भईया, पहली बार आया यहाँ. यह तो यह तो बहुत शानदार जंक्सन है. कितने अच्छे लिंक मिले यहाँ बधाई.

बहुत बढ़िया ब्लॉग वार्ता....आभार

सारी लिंकों पर घूम आये धन्यवाद

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