संध्या शर्मा का नमस्कार.... जब दिल चाहता है बस तुम्हारे लिए सोचना काश कि उस वक्त रूबरू तुम होते मैं करती तुमसे मौसम की बातें सियासत और दुनियादारी की तमाम बातें बिना रूके....घंटों लड़ती-झगड़ती जो न हुआ न होगा कभी उन बातों के लिए भी मगर एक बार भी जिक्र न आता जुंबा पर मेरे पर शायद समझ जाते तुम..... कि जानां प्यार है तुम्हीं से... प्रस्तुत है आज की वार्ता पर इन लिंक्स के साथ.......
उसने कहा था .....
-
*उसने कहा था .....
उसने कहा ......अभिव्यक्ति ।
उन्होंने कहा .....अभी वक्त नहीं ।
उसने कहा ........धर्मनिरपेक्षता ।
उन्होंने कहा .......धर्म पर देश टिका ।...यादें !!! सुहाने लम्हों की ....
-
*रोज़ कहता हूँ ,भूल जाऊं उन्हें
पर रोज़ यह बात ,भूल जाता हूँ ||*
---अज्ञात
*जब-जब बीते लम्हात मुझको याद आयेंगे
सब कुछ भूल उन की यादों में खो जायेंगे *
*
...मौसम और वो !
-
*उसका मिजाज मौसम-सा , *
*हमको हर बार दगा देता है !*
*
* *मिलने को बुलाता है मुझको *
*गलत हर बार पता देता है ।*
*
* *कहने को कुछ नहीं होता,*
*जल्द एतबार जता ...
हाय ! सोशल मिडिया तूने बड़ा दुःख दीन्हा
-
बरसात के बाद उग आये
कुकुरमुत्तों से हम
आज के दौर के
कवि कहलाते हैं
एक लाइक और एक टिपण्णी
पर फूले नहीं समाते हैं
एक पत्रिका में छपने पर
एक सम्मान पाने ...पुल क्या टूटे रिश्ते ही टूट गए.........
-
श्रीगंगानगर-मोहन! इससे पहले कि मोहन जवाब देता उसकी लड़की बोली, “आ जाओ चाचा जी
।“ “पापा हैं क्या” आने वाले ने पूछा। “क्यों पापा नहीं होंगे तो अंदर नहीं
आएगा...कुछ बात तो है .....
-
दो कच्चे धागों को
जोड़ कर आपस में
दिया जाता है जब वट
तो हो जाते हैं मजबूत ,
हल्के से तनाव से
नहीं जाते वे टूट ,
वैसे ही तुम और मैं
साल दर साल
वक़...
सरगुजा का सतमहला
-
प्रारंभ से पढ़े
लखनपुर फ़ोन लगाने पर पता चला कि अमित सिंह देव को अम्बिकापुर आना है। इसलिए
हम अम्बिकापुर के रायपुर आने वाले चौक पर ही रुक गए। उनके साथ कलेक्... Trekking Caranzol to National Highway camp करनजोल से राष्ट्रीय राजमार्ग कैम्प तक ट्रेकिंग
-
गोवा यात्रा-17
करनजोल कैम्प में रात को कैम्प फ़ायर किया गया था, यहाँ कैम्प फ़ायर स्थल पर
चारों और गोल घेरे में बैठने के लिये पत्थर रखे हुए थे। ... मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र का
शुभारंभ
-
रायपुर, 04 फरवरी 2013/ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार
द्वारा प्रदेश में शत-प्रतिशत बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने के हरसंभव प्रयास
किए जा...
भ्रम और सत्य के बीच स्थित तुम
-
भ्रम और सत्य के बीच स्थित तुम
कभी भ्रम बन टिमटिमाते हो
कभी सत्य बन अटल बन जाते हो
मोहन! अठखेलियों के लिये
इन पहेलियों को सुलझाने के लिये
और अपनी दिव्यता ...
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (४५वीं कड़ी)
-
मेरी प्रकाशित पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद)' के कुछ अंश:
ग्यारहवाँ अध्याय
(विश्वरूपदर्शन-योग-११.१८-२५)
तुम अविनाशी ...
ऋतुराज वसंत की गलियन में .........
-
यह कविता लगभग पच्चीस-तीस साल पहले, अपनी बेटियों को जगाने के लिए लिखी थी, हर
साल वसंत- ऋतु में ज़रूर मन में घूमने लगती है.......
ऋतुराज वसंत की गलियन में
को...
अनचाहा कोई एक ख़याल......
-
कितना सोचते हो तुम ? आखिर कितनी मोहब्बतें मुक्कमल मकाम पाती हैं आजकल ?
क्यूँ उसका ख़याल अब तक संजो रखा है तुमने? कुछ तो कहो....यूँ घुटते न
रहो....बदनसीबी,
-
*मुझे जिन्दगी ने रुलाया बहुत है,
मेरे दोस्त ने आजमाया बहुत है!
कोई आ के देखे मेरे घर की रौनक,
मेरा घर गमो से सजाया बहुत है!
हटा लो ये आँचल मुझे भूल जाओ..सड़क
-
सड़क को कम न समझो
बड़ा महत्त्व रखती है
सब का भार वहन करती है
बड़ा संघर्ष करती है
कोई आये कोई जाए
वह कहीं नहीं जाती
गिला शिकवा नहीं करती
हर आने जाने...
आहुति' -
चौथा ख़त...........Valentine Special...
मुझे आज भी वो तुम्हारी आँखे याद है जो सबसे छुपते छुपते मुझे देखती थी. मैंने
किसी से सुना था ,शायद कंही पढ़ा भी था,...कोई ख्वाब नहीं है
-
कोई ख्वाब नहीं है। रात में सोने के बाद जब भी उठता हूं। तो याद नहीं आता कि
मैंने कोई ख्वाब देखा है। बच्चों पर निगाह डालता हूं तो सोते हुए भी उनकी
पलकों के ...
मेरा ज़िंदगी
-
मेरी ज़िंदगी; दो पन्नों कि डायरी,
एक ही पन्ने को मिटाता और कुछ नया लिखता हूँ,
दुसरे पन्ने को मैं कभी नहीं भरता,
दो पल की ज़िंदगी,
एक ही पल को बार बार जिया ...
माँ का साया ...धूप तब भी नहीं चुभी
की साया था तेरी घनी छाँव का
मेरे आसमान पर
ओर धूप तेरे जाने के बाद भी नहीं चुभी
की तेरी यादों की धुंध
बादलों की घनी छाँव बन के
डटी रही सूरज के आगे
जानता हूं
समय की बेलगाम रफ़्तार ने
सांसों के प्रवाह से
तुझे मुक्त कर दिया
पर मेरे वजूद में शामिल तेरा अंश
मेरे रहते
आसान तो न होगा
उसे मुक्त करना ...लम्हा भर रोशनी आँखों पर कस कर
हालात की काली पट्टी बाँध
जिन्दगी ने
घुप अँधेरे में
अनजानी अनचीन्ही राहों पर
जब अनायास ही
धकेल दिया था
तब मन बहुत घबराया था !
व्याकुल विह्वल होकर
सहारे के लिए
मैंने कितनी बार पुकारा था,
लेकिन मेरी
हर पुकार अनुत्तरित ही
रह जाती थी !..
.शारदे माँ श्वेत वसने वंदना स्वीकार कर ....
-
शरदे माँ श्वेत वसने वंदना स्वीकार कर ....
हो रहे पद्भ्रांत सारे ...विश्व का उद्धार कर .....
इस बसंत में विश्व शांति के लिए की है प्रार्थना ....
आज आप को भी...
16 टिप्पणियाँ:
बड़ी रोचक व सुन्दर वार्ता..
आज की वार्ता रोचक लिंक्स से सजाई है आपने संध्या जी |बधाई |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
बढिया वार्ता ……… सुप्रभातम
माँ शारदे की स्तुति को स्थान देने के लिए ....आभार संध्या जी हृदय से ....बहुत सुंदर वार्ता है !
बहुत सुंदर वार्ता,,,,मेरी रचना को स्थान देने के लिए, आभार संध्या जी,,,,
अनुपम लिंक्स एवं बेहतरीन प्रस्तुति ..
बहुत सुन्दर लिंक्स से सजी सुसज्जित वार्ता है संध्या जी ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार !
कार्टून भी सटाने के लिए शुक्रिया जी
बहुत बढ़िया वार्ता संध्या जी....
अपने "अनचाहे किसी ख़याल" को यहाँ देख कर बड़ी ख़ुशी हुई...
आभार
सस्नेह
अनु
दीदी बहुत ही सुन्दर वार्ता है
आज वार्ता से बहुत से लिंक्स मिले .... आभार ।
बहुत अच्छे लिंक्स...
:-)
बोलती-बतियाती वार्ता..
सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित रोचक वार्ता।
आपका वार्ता लगाने का ढंग रोचक और प्रस्तुतीकरण शानदार है संध्या जी , ब्लाग फार वार्ता दिन प्रतिदिन इसी प्रकार नयी उंचाईयो को छुए इसी आशा में
मनु प्रकाश त्यागी
मैं अपने ब्लोगों का नाम और यूआरएल यहाँ लिख रहा हूँ। आशा है कि आप इन्हें "ब्लॉग4वार्ता" में शामिल करेंगे।
प्रचार :- harshprachar.blogspot.com
ज्ञान - संसार :- gyaan-sansaar.blogspot.com
गौरेया :- gaureya.blogspot.com
समाचार NEWS :- smacharnews.blogspot.com
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।