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4:46 am
संध्या शर्मा
संध्या शर्मा का नमस्कार......फागुन की ऋतु घर आई .....!!
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प्रकृति गाये मधुवंती ....
और बहार राग ...
हरसूँ ऐसा छिटका ....
फाग के अनुराग का पराग ...
हृदय छंद हुए स्वछंद ....
मंद मंद महुआ की गंध ......
तोड़ती मन तटबंध ...आप सभी को महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनायें... लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता ...
शंकर की तीसरी आँख और शिवलिंग .... नेत्र, नयन या आँखें, हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इसका सीधा संपर्क न सिर्फ शरीर से अपितु, मन एवं आत्मा से भी है।.....महाशिवरात्रि *ॐ नम: सिवाय*
इस समय रात के साढ़े ग्यारह बजे हैं। बाहर मन्द हवा चल रही है। हरे वृक्षों
का धीमे-धीमे हिलना अद्भुत दृश्य प्रतीत हो रहा है।...महाशिव रात्रि ॐ नम : शिवाय
महाशिव रात्रि में शिवजी की पूजा न केवल भारत में वरन पूरा विश्व में होती है
, जहाँ हिन्दू है। शिव जी के बारे में भिन्न भिन्न बिचार पढने को मिलता है।
कोई कहते है देवादि देव महादेव है। यही हैं सब देवतावों में श्रेष्ट ।..
गोवर्धन यादव का आलेख - आ गयी महाशिवरात्रि-पधारो शंकरजी
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महाशिवरात्रि का अर्थ वह रात्रि है जिसका शिवतत्व के साथ घनिष्ट सम्बन्ध है.
भगवान शिव कि अतिप्रिय रात्रि को “शिवरात्रि” कहा गया है. शिवार्चन और जागरण ...
महाशिवरात्रि
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महाशिवरात्रि उस पावन पर्व का नाम है जब भगवान शिव शंकर ने माता पार्वती से
पाणिग्रहण संस्कार करा था ! हिंदू मान्यता बताती है कि त्रिमूर्ति में ब्रह्मा
श्रृष..महाशिवरात्रि के अवसर पर शुभकामनाओं सहित
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शम्भो शंकर हे महादेव
शूलपाणि, हे गंगाधर, हे महादेव, औघड़ दाता
हे त्रिपुरारी, शंकर शम्भो, हे जगनायक, जग के त्राता !
हे शिव, भोले, मृत्युंजय हे, तु...
तुम वही होना जो हो!
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कार्येषु मन्त्री करणेषु दास: भोज्येषु भट्टं शयनेषु काम:।
धर्मानुकूल रक्षक: देवं च पति: षाड्गुण्यवतीह दुर्लभ:॥
(मानकाचार्य और शुद्धतावादियों से क्षमा सहित)...देख लेना अदृष्यप्रायः रेखा को
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यह मेरे लिए अनायास, अनपेक्षित, अतिरिक्त प्राप्ति थी। बिलकुल किसी ‘विस्मय
उपहार’ (सरप्राइज गिफ्ट) की तरह। इसका माध्यम बने श्री मनोज फड़नीस। ...
तू सिर्फ इंसान है..
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*पैदाइश के फौरन बाद*
*मैं खुद ब खुद हिस्सा हो गई*
*कुल आबादी के*
*आधे कहलाने वाले*
*एक संघर्षशील 'समुदाय' का,*
*कानों से गुज़रती*
*हर एक महीन से महीन आवाज...
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक जरूरी मांग ... अपनी सरकार से
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पिछले माह ट्रेन से आ रही थी , रिजर्वेशन नहीं होने और भीड के अधिक होने के
कारण महिला बॉगी में चढ गयी , यहां हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली
महिलाएं .. हाइकु (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर)
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(१)
स्त्री का सम्मान
पुरुषत्व की शान
कब जानोगे?
(२)
नारी दिवस
तब बने सार्थक
रोज़ दो मान.
(३)
न होती जो माँ
कहाँ होता अस्तित्व, ..
Ahsaas -
**** मर्द कभी नहीं रोते*****
मैं बचपन से सुनता आ रहा हूँ,
मर्द कभी नहीं रोते,
और मैं भी कभी नहीं रोया,
मर्द हूँ ना..
जब बहिन के पति का स्वर्गवास हुआ,
...
ब्लॉगिंग ने बनाया विश्वविख्यात
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कुछ लोग ऐसे होते हैं जो छोटे-छोटे कार्यों को ढिंढोरा पीटकर करते हैं और कुछ
लोग बड़े से बड़ा कार्य चुपके से कर जाते हैं और जबतक उस कार्य के प्रतिफल का
भान ...
रोक लेते हो जो तुम मुझे ...
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रोक लेते हो जो तुम मुझे
विहगों के स्वर पर
सहसा अधरों से फूट पड़ते हैं
बेसुध रागों में निर्झर गान
पल झपते ही नव छंदों से
आह्लादित हो जाता है आसमान
मन मसोस कर..अंतरात्मा... संध्या शर्मा
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(1)
तू...
चली गई
अच्छा ही हुआ
रहती तो
दिल धडकता
अन्याय के
विरोध में
कभी तो
भड़कता
(2)
अब
सबकी
सुनती हूँ
दबा सकती हूँ
आवाज़ मन की
तू होती तो
...
बांग्लादेश की हिंसा हमारे लिए भी समस्या खड़ी कर सकती है !!
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बांग्लादेश में चल रहे आंतरिक संकट पर भारत सरकार का रवैया हैरान कर देने वाला
है ! भारत सरकार इसको बांग्लादेश का आंतरिक मामला मानकर चल रही है ! ..रेगिस्तान में आधी रात के बाद
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आज की सुबह सोचा है अच्छी विस्की होनी चाहिए। क्योंकि मेरे लिए अच्छे जीवन का
मतलब अच्छी विस्की ही होता है। मैं करता हूँ न सब-कुछ। मानी जो इस दुनिया में
....villages of mountains ,कैसे हैं पहाड के गांव वाण गांव में एक दिन बिताने का कारण था । हमने अपनी रूपकुंड यात्रा तीन दिन
में सोची थी पर एक दिन कम यानि की दो दिन में ही पूरी कर ली थी । मै ये तो नही
कहूंगा कि ये कोई आसान ट्रैक था पर मै कर गया और कुंवर सिंह ने भी इसमें काफी
बढिया साथ दिया ।...
" वह काला तिल .........."नई नई मुलाकात थी ,
मुलाकात क्या बस बात थी ,
उनका कहना ,लिखते तो अच्छा हो ,
मैंने कहा तुमने पढ़ा शायद ,
कमबख्त लिखा खुद संवर गया ,
बात चल निकली तनिक और खिंच गई.. एक कदम आगे चलो न ......*एक कदम आगे चलो न ...........*
*ये अनुरोध था या आदेश समझ ही नही पायी ,बस इन शब्दों को ही गुनती रह गयी और
मुदित हो उठी :)*
*दरअसल ये और किसी ने नहीं अपितु हमारे बड़े बेटे "अनिमेष...इससे बड़ी सज़ा नहींअर्थ हो
या अर्थ का अनर्थ हो
सार्थक हो
या लिखना ही व्यर्थ हो
कुछ लोगों से
कुछ भी कहो
पर अपनी ही
मस्ती में मस्त हो
ज़बरिया कर के टैग
फेसबुक की दीवारों पर
चाहते हैं दो शब्द
खुद के विचारों पर
टैग की टांग पकड़कर
कब तक चढ़ेंगे ऊपर
पता नहीं
पूछिए हम,.......
दीजिये इजाज़त नमस्कार.......
8 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर सूत्र..महाशिवरात्रि की शुभकामनायें..
महाशिवरात्रि की शुभकामनायें ॐ नम : शिवाय
सुन्दर वार्ता लिंक !!
महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें !!
आभार !!
बहुत ही सार्थक लिंक संयोजन.महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
शुभ शिवरात्रि आपको परिवार सहित
बढिया लिंक्स
अच्छी वार्ता
सुन्दर लिंकों का चयन
सुन्दर सूत्रों से सजी वार्ता ..आपका आभार..
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