ललित शर्मा का नमस्कार, एक अरसे के बाद ब्लॉग वार्ता लिखने का अवकाश मिल पाया है. व्यक्तिगत कार्यों के बीच वार्ता लिखने का समय ही नहीं मिल पाया। संध्या जी का आभार है कि उन्होंने वार्ता की निरंतरता को बनाये रखा। एक दीप जो जलाया था प्रकाश के लिए उसकी लौ टिमटिमाते हुए भी राहगीरों को मंजिल दिखा रही है। वार्ता दल के अन्य वार्ताकार भी मेरे जैसे ही जिजीविषा में लगे हुए है। आशा है कि समय मिलने पर वे भी वार्ता की तरफ ध्यान देंगे। अस्तु समय मिलेगा तो फिर वार्ता लेकर उपस्थित होऊंगा। अब चलते हैं आज वार्ता पर प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा चिट्ठों के लिंक्स ......
कहानी - भाग्य अपने हिस्से का !
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"सॉरी, गोंट टु गो, आई वेस्टेड सो मच आफ योर टाइम।" हल्की सी कराह खुद में
समेटे ये भारी-भरकम स्वर जब कानो में पड़े तब जाकर यह अहसास हुआ कि साथ में
कोई ..होली, आसाराम और गाली !!!
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एक हैं आसाराम बापू। वैसे तो ये संत हैं, पर ज्यादातर चर्चा अपने विवादास्पद
कार्यों और बयानों को लेकर रहते हैं। उनके आश्रमों की अव्यवस्था को लेकर खबरें
आएं...
वाह वाह ताऊ क्या लात है? में श्री अरविंद मिश्र
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हाय...अंक्ल्स...आंटीज... भैयाज एंड दीदीज...मैं मिस रामप्यारी, *"ताऊ टीवी
फ़ोडके चैनल" *के दर्शकों का बादाम बजा लाती हूं.
बडे ही हर्ष का विषय है ...
एक दिन "लेखनी सानिध्य" में ...
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मार्च ख़तम होने को है पर इस बार लन्दन का मौसम ठीक होने का नाम ही नहीं ले
रहा। ठण्ड है कि कम होने को तैयार नहीं और ऐसे में मेरे जैसे जीव के लिए बहुत
कष्टका...
हम दास्ताँ अपनी , दीवारों को सुनाने लगे .
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जब गीत तिरंगे की शान में गाने लगे,
कुछ लोग सियासत की आग भड़काने लगे.
जब पूछा गया शहीदों का नाम और पता,
चोर - उचक्के ...इटली की हेकड़ी
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भारतीय कोर्ट में हत्या के मुक़दमे का सामना
कर रहे इटली के नौसैनिकों के मामले में जैसे इटली ने अंतरराष्ट्रीय कानून का
खुला ..
मत्तगयन्द सवैया - कौन यहाँ सबसे बलवाला
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बात चली जब जंगल में - "पशु कौन यहाँ सबसे बलवाला"।
सूँड़ उठा गजराज कहे - "सब मूरख, मैं दम से मतवाला"।
तो वनराज दहाड़ पड़े - "बकवास नहीं, बस मैं ..मैं विरह “विदग्धा” हूँ................
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विरह “विदग्धा” हूँ मैं !!!
तुम्हारे लिए।
संशयान्वित न होना प्रेयस
भरोसा करो मेरा हृदय से।
आज विक्षुब्ध हूँ तुम्हारे,
विवेचन से की मैं,
समस्त वचन भूल गई।
...हास्यकवि अलबेला खत्री का वीडियो एल्बम हमारा गुजरात
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दी ग्रेट इंडियन लाफ्टर फेम हास्यकवि अलबेला खत्री की लोकप्रिय
एवं बहुचर्चित कविता हमारा गुजरात पर आधारित गरवी गुजरात का एक शानदार वीडियो
एल्बम *अलबेला खत...
बरसों का साथ
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बरसों का साथ बहुत कुछ देकर
सदा के लिए
छीन लेता है आपसी संवाद
स्थायी संबंधों की
सामाजिक रुपरेखा जीवित रहती है
पर शब्द खो जाते है
शेष रह जाती है
औपचारिकता..विज्ञापन - अर्थ का अनर्थ *
**कभी आपने सोचा है कि वो कौन सी चीज है जो सुबह आँखे खुलने से लेकर एकदम
बेसुध हो कर सो जाने तक भी आपका पीछा नहीं छोड़ती ..... नि:संदेह वो इकलौती
चीज है विज्ञापन ! ....श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (४७वीं कड़ी)
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मेरी प्रकाशित पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता (भाव पद्यानुवाद)' के कुछ अंश:
ग्यारहवाँ अध्याय
(विश्वरूपदर्शन-योग-११.३५-४६)
संजय:
राजन, केशव वचनों को ...
ठिठक गयी कोयल की कूक
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ठिठक गयी कोयल की कूक
मुरझाई सी आम्र मंजरी
ठिठक गयी कोयल की कूक,
जाने कौन निगोड़ी आकर
गई कान में उसके फूँक !
कैसे घोलें रंग अनूठे
भीगा-भीगा .पत्रकारिता याने ‘निपटा दो स्सा ऽ ऽ ऽ ले को’
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17 मार्च रविवार को, *‘जनसत्ता’* में, *‘अनन्तर’* स्तम्भ में *श्री ओम थानवी *के,
*‘अक्ल बड़ी या भैंस’* शीर्षक आलेख के, तीसरे पैराग्राफ के पहले दो वाक्यों *...बिहार को विशेष राज्य का दर्जा पर, होती राजनीतिक धींगा-मुश्ती
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*हरेश कुमार*
पिछले रविवार 17 मार्च 2013 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को
विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर जोर देने के लिए दिल्ली के .....
9 टिप्पणियाँ:
कार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आपका आभार.
सुन्दर वार्ता लिंक !!
my blog address is
http://hindu002.blogspot.in
pls add thi also
अरे वाह! इसमें तो मेरा ब्लॉग भी शामिल है! और शामिल ही नहीं, उसे ही शीर्षक भी बनाया गया है! आपने तो आज की सुबह गुनगुनी और गन्धमयी बना दी। आभार और धन्यवाद।
बहुत अच्छी वार्ता ललित जी...आपका बहुत-बहुत आभार!
बढिया, अच्छी वार्ता
रोचक सूत्र..
अच्छे लिंकों से सुसज्जित सुंदर वार्ता ...
बहुत-बहुत आभार!
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