संध्या शर्मा का नमस्कार...मायूस तो हूं वायदे से तेरे कुछ आस नहीं कुछ आस भी है, मैं अपने ख्यालों के सदके तू पास नहीं और पास भी है. दिल ने तो खुशी माँगी थी मगर, जो तूने दिया अच्छा ...सुबह ढूंढेंगे फ़िर सपने, अभी तो शाम ढलती है - इन हथेली की लकीरों से, कहाँ तक़दीर बनती है, मुसाफ़िर ही सदा चलते, कभी मंज़िल न चलती है. चलो अब घर चलें, सुनसान कोने राह तकते हैं, सुबह ढूंढेंगे फ़िर सपने ...लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ......
जहरीला इन्सान
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जैसे जैसे लोग के, बदले अभी स्वभाव।
मौसम पर भी देखिए, उसके अलग प्रभाव।।
जाड़े में बारिश हुई, औ बारिश में धूप।
गरमी में पानी नहीं, बारिश हुई अनूप।।
..मैंने उसको....सताया नही !!!
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*करता था मैं उनसे प्यार *
*और आज भी करता हूँ, *
*पहले वो मुझ पे मरते थे *
*आज मैं उनपे मरता हूँ ||*
*----अशोक"अकेला"*
*मैंने उसको....सताया नही !!! *
*.
ढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गया
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ढूँढता हूँ शहर मैं जो बरसों पहले खो गया
जाने किस सभ्यता में दफ़न कैसे हो गया
जहाँ तिलिस्मों के बाज़ार में बिकती हों ख्वाहिशें
उन ख्वाहिशों का कोई खरीदार ...
कमाल है एक असफल हिरोईन की आत्महत्या इस देश में सबसे बडी खबर बन जाती है.
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कमाल है एक असफल हिरोईन की निहायत ही निजी कारणो से की गई खुदकुशी इस देश में
सबसे बडी खबर बन जाती है.उस पर चर्चाओ का दौर चल पडता है.उसी देश मे जंहा भूख
से एक... .कर सकिये तो आदिवासियों पर शक करना बंद करिए : खेतों में नहीं उगते माओवादी.
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*कवासी लखमा एक आदिवासी हैं,* उन लाखों सामान्य आदिवासियों की तरह जो मध्य
भारत में चल रहे लगभग गृहयुद्ध में फंसे हुए हैं. पर फिर, वह उनमे से एक नहीं
भी हैं. ...
राजनैतिक पार्टियां आरटी आई से इतनी डरती क्यों है !!
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केन्द्रीय सुचना आयोग नें राजनैतिक पार्टियों को सुचना के कानून के अंतर्गत
आने का निर्णय सुनाया है ! केन्द्रीय सुचना आयोग का यह एक अच्छा फैसला था
पानी क्यों खूं सा मुझे नज़र आता है?
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मिट जायेगा निशां, जानकर बहता है रेत की ओर पानी, बहने दो
क्यों तुले बैठे हो खुलवाने को मेरी जुबां, राज को राज ही रहने दो
यूं तो खुद का ही चेहरा था देखा मैंने,...ओ मेरे !.............4मेरी आँखों में ठहरे सूखे सावन की कसम है तुम्हें ............कभी मत कहना अब
"मोहब्बत है तुमसे" ...........बरसों कहूं या युगों कहूं नहीं जानती मगर ये जो
आँखों की ख़ामोशी में ठहरा दरिया है न कहीं बहा न ले जाए तुम्हें भी और इस बार
सैलाब रोके नहीं रुकेगा चाहे जितने बाँध बना लेना ..............जानते हों
क्यों ? क्योंकि मैंने दिल की मिटटी में खौलता तेज़ाब उंडेल दिया था उसी दिन
जब तुम मेरी आखिरी ख्वाहिश जानकर भी वो तीन लफ्ज़ ना कह सके...शिंगणापुर के शनिदेव कई वर्ष बाद इस वर्ष 8 जून को शनिवार के दिन शनि जयंती का संयोग बना है। इसी
दिन मेरा भी जन्मदिन होने के कारण मुझे पिछले वर्ष गर्मियों में मेरी सपरिवार
शिर्डी और उसके उपरांत शनि शिंगणापुर की यात्रा के वे पल याद आ रहे हैं जब हम
पहली बार सांई बाबा के दर्शन कर सीधे शनिदेव के दर्शन के लिए शिंगणापुर
पहुंचे। ऐसी मान्यता है कि जो पहली बार सांई बाबा के दर्शन करने जाता है उसे
शनिदेव के भी दर्शन हेतु शिंगणापुर जरूर जाना चाहिए ...
छत्तीसगढ़ की अनाज भण्डारण क्षमता में अप्रत्याशित वृद्धि
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छत्तीसगढ़ की अनाज भण्डारण क्षमता लगभग 12 लाख मीटरिक टन तक पहुंची : साढ़े नौ
साल में बने 245 करोड़ के 364 नये गोदाम
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कि व्यर्थ न जाए एक भी आहुति......(विश्व पर्यावरण दिवस )
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एक आकाशवाणी
और बीज अंकुरित हुआ
गर्भ धारण किया माँ ने
नेह सिंचित उस बीज की
पौध हूँ मैं!
मेरी नसों की नीलाई पर
तुम्हारा अधिकार है माँ
मेरे ह्रदय का हर एक ....रह्मलीन
आचार्य महामण्डलेश्वर निर्वाणपीठाधीश्वर श्री श्री १००८ स्वामी
विश्वदेवानन्द जी की ब्रह्मचारी अनंतबोध चैतन्य के साथ वार्तालाप के कुछ
अंश ---
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महाराज श्री से जन्म समय तथा जन्म स्थान के बारे मे पूछने पर महाराज श्री का
बडा सारगर्भित उत्तर-
पूज्य महाराज जी फ़रमाते हैं कि साधु का परिचय जन्म के साथ...
कुछ कहानियां-----
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* एक छोटी निजी यात्रा पर---कुछ दिनों के लिये जाना हुआ---*
*अपने,व्यक्तिगत जीवन-लय की चुप्पी को तोडने का एक प्रयास---साथ ही,जीवन की
लय...शान हिल की ट्विटर कहानियाँ
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*शान हिल की कुछ और ट्विटर कहानियां... *
*शान हिल की ट्विटर कहानियाँ *
(अनुवाद : मनोज पटेल)
मेरे मम्मी-डैडी ने मुझे नाक से कीबोर्ड खटखटाते देख लिया. मम्मी..मैं तेरा साया हूँ ...
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*तू हमसफ़र है , मैं तेरा साया हूँ *
*जब भी आया हूँ साथ आया हूँ -*
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**वक्त ने जब भी छोड़ा है तेरा दामन *
*यक़ीनन मैं वक्त छोड़ आया हूँ -*
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**ज़माने की...
इस तरह भी क्या जाना
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मैं एक चौबीस पन्नों का अख़बार लिए हुये छोटे टेम्पो के इंतज़ार में था। ये
मिनी ट्रक जैसे नए जमाने के पोर्टबल वाहन खूब उपयोगी है। खासकर छोटी जगहों को
बड़ी...
मैं नाजुक हरसिंगार.....
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तुम
बूंदे ओस की
मैं
पत्ती लाजवंती
तुम
पगलाई सी हवा
मैं
नाजुक हरसिंगार
तुम
घनेरे कारे बदरा
मैं
खेतों की कच्ची मेड़
* * * * *
तुम संग जिया न जाए
तुम बि...
व्याकुल पीड़ा ...-
....
कांक्रीट के जंगल में
अकेला खड़ा वटवृक्ष
भयभीत है...?
व्याकुल है आज
चौंक उठता है
हर आहट से
जबकि जोड़ रखे हैं
कितने रिश्ते - नाते
सांझ के धुंधलके में
दूर ....
.हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )
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हमने गजल पढी, * एक झलक ही देखकर हमने गजल गढ़ी
पहली बार महफ़िल में हमने गजल पढ़ी, ** **ऐसा था, उसका रूप वो परी लगी मुझे
आँखों में आँखें डालकर हमने गज..वह प्रसून-प्रसूता है ...
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वह अकेली है
छबीली है
निगरी है
निबौरी है
जितनी कोमल
उतनी जटिल
जितनी सहज
उतनी कुटिल
तरल-सी है
पर जमी हुई
पिघला कर
बहा देती है
अपने किनारे
लगा लेती है
निचुड़...लगता है तुम आ रहे हो
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लगता है तुम आ रहे हो,
आँचल में छिपा लूँगी
अभिव्यक्ति उन्वान (चित्र)- 59
ये चाँद तुम्हें देखकर
नज़र तुम्हें लगा दे न
पीठ किये बैठी हूँ
बाहों में ...
आन्तरिक सुरक्षा और देश
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देश की आन्तरिक सुरक्षा के मुद्दे पर
आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मलेन का इस्तेमाल जिस तरह से दलीय राजनीति को आगे
बढ़ा...ख़ामोशी
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मांग करने लायक
कुछ नहीं बचा
मेरे अंदर
ना ख्याल , ना ही
कोई जज्बात
बस ख़ामोशी है
हर तरफ अथाह ख़ामोशी
वो शांत हैं
वहाँ ऊपर
आकाश के मौन में
फिर भी आंधी, बारिश
...मोदी से इसलिए नाराज हैं आडवाणी !
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*वृक्षारोपण का कार्य चल रहा था।
नेता आए, पेड़ लगाए,
पानी दिया, खाद दिया।
जाते-जाते भाषण झाड़ गए।
गाड़ना आम का पेड़ था,
पर वो बबूल गाड़ गए। * ..
9 टिप्पणियाँ:
रोचक सूत्रों से सजी वार्ता।
शानदार,बहुत उम्दा रोचक प्रस्तुति,,,
मेरी रचना को ब्लॉग वार्ता में शामिल करने के लिए आभार,संध्या जी,,,
ati uttam deedee
शानदार सूत्रों से सजी वार्ता !!
आभार !!
ब्लाग का हर रंग यहां मौजूद है।
बहुत सुंदर लिंक्स का चयन।
शुभकामनाएं
बहुत बढ़िया ब्लॉग वार्ता प्रस्तुति ..मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार ...
बहुत मेहनत से जुटाए गये उपयोगी लिंक्स के लिये आभार.
रामराम.
अ्चछे लिंक्स, कुछ देखे कुछ देखेंगे ।
भानुप्रिया की चुदास ने मुझे मर्द बनाया (Bhanupriya ki chudas ne mujhe mard banaya)
कल्पना का सफ़र: गर्म दूध की चाय (Kalpna Ka Safar: Garam Doodh Ki Chay)
क्लास में सहपाठिन की चूत में उंगली (Class me Sahpathin Ki Chut me Ungli)
स्कूल में चूत में उंगली करना सीखा (School Me Chut Me Ungli Karna Sikha)
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गाँव की छोरी की चूत कोरी (Gaanv Ki Chhori Ki Chut Kori)
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भाभी की खट्टी मीठी चूत ( Bhabhi Ki Mithi Chut)
पत्नी बन कर चुदी भाभी और मैं बना पापा (Patni Ban Kar Chudi Bhabhi Aur Men Bana Papa)
दैया यह मैं कहाँ आ फंसी
भाभी का नंगा गोरा बदन
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