संध्या शर्मा का नमस्कार......करती रहती हूं
भरने की कोशिश
शब्द-बूंदो से
उम्मीद का घड़ा
टप-टप टपकती
आस की बूंदों को
गिनती-सहेजती हैं
दो आतुर निगाहें
कि तभी पी जाता है
आकर, संदेह का काला कौआ
घड़े का सारा पानी
भर जाती है
देह में
बेतरह थकान
सोचती हूं
कहां मिलेगा मुझे
यकीन वाला
वो लाल कपड़ा
जो इस घड़े के मुंह पर
कसकर बांध दूं
क्योंकि
ये काला कौआ तो
मुझसे
भागता ही नहीं.......
तस्वीर....मेरी आंखों में आस्मां... लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ......
आज कुछ गीत जो बहुत कुछ कहते है ....................
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1-जाने वो कैसे लोग थे ---
2-बड़ी सूनी-सूनी है ---
3-कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन--...
रूत मिलन की
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सागर की लहरों पर किरणें
लेती है अंगडाई
लिए साथ में मस्त समां
बरखा की बूँदें आई ....
प्यासी धरा की प्यास बुझी
हर कली खिलखिलाई ...
बागों में भौरे झूम रहे ..ओ मेरे !.............5
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*कभी कभी जरूरत होती है किसी अपने द्वारा सहलाये जाने की ............मगर हम,
उसी वक्त ,ना जाने क्यूँ ,सबसे ज्यादा तन्हा होते है......
आखिर विद्यार्थी रूके कैसे?
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एक बार एक प्राइमरी स्कूल के टीचर जी बोले, “आप यहां बच्चों के साथ क्या
करवाना चाहेगें? यह तो यहां स्कूल में रूकते ही नहीं।"
"ये स्कूल से भागकर जाते कहां है" ...खिड़की पर गिलहरी
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घर की जिस मेज पर बैठ कर लेखन आदि कार्य करता हूँ, उसके दूसरी ओर एक खिड़की
है। उसमें दो पल्ले हैं, बाहर की ओर काँच का, अन्दर की ओर जाली का, दोनों के
बीच मे.....भारतीय समाज की विवशताएँ!
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पहले तो मैंने इस पोस्ट के लिए भारतीय समाज की विडंबनाएं शीर्षक चुना था
.मगर विचारों के प्रवाह में सहसा सूझा कि जिन्हें मैं विडंबनाएं समझ रहा हूँ .....
मेरा पहला कार्टून - पीएम इन वेटिंग ने टिकट केंसिल किया
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आखिरकार पीएम इन वेटिंग ने खुद ही टिकट केंसिल करके वेटिंग लिस्ट से अपना नाम
वापिस ले लिया...
और कितना इंतज़ार किया जाए भाई? और वोह भी तब, जबकि टीटी पिछले...
ये मानसून-मानसून क्या है
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भीषण, झुलसा देने वाली गर्मियों के बाद सकून देने वाली बरसात धीरे-धीरे सारे
देश को अपने आगोश में लेने को आतुर है. जून से सितंबर तक हिंद और अरब
महासागर से ....समय की मार ...
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उनकी ढेरों कवितायें अब भी आधी-अधूरी हैं
लेकिन वो,................कवि पूरे हो गए हैं ?
...
आज भी हम पागल हैं कल की तरह
गर, तुम चाहो तो आजमा लो हमें ?
.....
धीर धरो सखि पिया आवेंगे
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धीर धरो सखि पिया आवेंगे
गले लगावेंगे
झूला झुलावेंगे
मन के हिंडोलों पर
पींग बढावेंगे
नैनो से कहो
नीर ना बहावें
राह बुहारें
चुन चुन प्रीत की
कलियाँ..संगीत बन जाओ तुम!
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कब तक इस नकली हवा की पनाह में घुटोगे तुम?
आओ, सरसराती हवा में सुरों को पकड़ो तुम
*संगीत बन जाओ तुम!*
कब तक ट्रैफिक की ची-पों में झल्लाओगे तुम?
आओ, उस सुदूर ...ठौर कहाँ ...
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*उसे इंडिया वापस जाना है.*
क्योंकि यहाँ उसे घर साफ़ करना पड़ता है ,
बर्तन भी धोने होते हैं ,
खाना बनाना पड़ता है.
बच्चे को खिलाने के लिए आया यहाँ न..
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद (५२वीं कड़ी)
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मेरी प्रकाशित पुस्तक 'श्रीमद्भगवद्गीता
(भाव पद्यानुवाद)' के कुछ अंश:
तेरहवां अध्याय
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभाग-यो...यह समकालीन हिन्दी कविता और विचार के इलाक़े में एक बेहद गम्भीर मामला है
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*यहां गिरिराज किराड़ू का एक पत्र प्रकाशित किया जा रहा है, जिसे मैं आज की
कविता और विचार के इलाक़े में एक बड़े हस्तक्षेप की तरह देखता हूं। ...
.याद आया..
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रहा गुमनामियों में ताउम्र
ना भूले भी किसी को याद आया
मेरी रुखसती पर सबाब आया
ख़त का जबाब आया -
जब चला अंतिम सफ़र मितरां
दौ..
आयी है घर में बहार
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आयी है घर में बहार
बात पिछली शताब्दी की है
तब इंटरनेट भी नहीं था न मोबाईल
सुबह सवेरे बैठ कर रिक्शे पर
जाती थी छोटी सी बालिका स्कूल
लगाये बालों मे..घट छलका
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एक बदरा कहीं से आया
मौसम पा अनुकूल उसने
डेरा अपना फलक पर जमाया
वहीं रुकने का मन बनाया |
दूजे ने पीछा किया
गरजा तरजा
वरचस्व की लड़ाई में
उससे जा टकराय..बारिश
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फिर पसीना
पोछ कर
पढ़ने लगा
उनके शहर में
आज फिर
बारिश हुई!
देखा है हमने
अपने शहर से
बादलों को
रूठकर जाते हुए
औ. सुना है..
देखा है तुमने
बादलों को
झूमकर
गात..
आड़वाणी की नहीं मानीं, आड़वाणी मान गए !
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आज की सबसे बड़ी खबर ! भारतीय जनता पार्टी के तमाम अहम पदों से इस्तीफा देने
वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की कोई बात नहीं मानी गई, लेकिन वो मान गए। ..
कौन 'हिटलर-मुसोलिनी', कौन 'पोप'...खुशदीप
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9 जून को नरेंद्र मोदी की पैन इंडियन भूमिका पर मुहर लगाते हुए बीजेपी के
राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें पार्टी की चुनाव अभियान समिति का
अध्यक्ष बना ...आडवाणी जी की शतरंजी चालों में चित हो गयी भाजपा !!
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भाजपा में पिछले पांच दिनों में जो घटनाक्रम सामने आया उसनें भाजपा की जगहंसाई
करवाने कोई कसर नहीं छोड़ी ! और खासकर लालकृष्ण आडवाणी जी नें तो मानो भाजपा
की...
ताऊ टीवी का "पति पीटो रियलीटी शो"
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ताऊ डाट इन की एक पोस्ट "ताऊ टीवी का पति पीटो रियलीटी शो" *मेट्रो टच* के जून
2013 अंक में प्रकाशित हुई है जिसकी स्केन कापी नीचे दी है. स्केन कापी में
छोटे .. कार्यकर्त्ता को कैसे पता लगे कि उसका कौन सा पदाधिकारी कब चवन्नी का हो गया "...????
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*" 24 केरेट गोल्ड " स्तर के सभी मित्रों को मेरा सादर -नमस्कार !!*
* भाजपा में आये "टोरनेडो" तूफान के बाद सब कार्यकर्त्ता
और जनता " मनन ..एक नागनाथ है तो दूसरा सांपनाथ...एक काटेगा तो दूसरा डसेगा
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भाजपा ने मोदी के नाम की घोषणा चुनाव प्रचार अभियान के प्रमुख के रूप में की
तो तमाम गैर-भाजपाइयों के दिल पर साँप लोट गया मानो उनके हाथ से आज ही सत्ता
निकल ...
मैनें अपने कल को देखा,
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मैनें अपने कल को देखा, मैनें अपने कल को देखा
उन्मादित सपनों के छल से
आहत था झुठलाये सच से,
तृष्णा की परछाई से , उसको मैने लड़ते देखा,..राग-विराग
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मेरे आँगन में
पसरा एक वृक्ष
वृक्ष तुम्हारे प्रेम का
आलिंगन सा करतीं शाखें
नेह बरसाते
देह सहलाते
संदली गंध से महकाते पुष्प
कानों में घुलता सरसराते पत्तों ...
पापा आई लव यू
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पापा मेरी नन्ही दुनिया तुमसे मिल कर पली बढी
आज तेरी ये नन्ही बढ़ कर तुझसे इतनी दूर खडी
तुमने ही तो सिखलाया था ये संसार तो छोटा है
तेरे पंखों में दम ..
11 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर सूत्र, हार्दिक आभार।
सुन्दर सूत्रों से सजी अच्छी वार्ता !!
आभार !!
बहुत बढिया और रोचक वार्ता …………हार्दिक आभार
सुन्दर वार्ता ...
बहुत सुंदर वार्ता प्रस्तुति ..
संध्या जी मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
बहुत सुंदर वार्ता
अच्छे लिंक्स
Khoobsoorat Andaaz.......................
बहुत सारे ब्लाॅग का एक जगह पर सुन्दर समन्वय और वह भी विविधता लिए। यह सराहनीय काम है। बधाई। हमें भी जोड़िएगा।
http://manoharchamolimanu.blogspot.in/
http://manoharchamolimanu.blogspot.in/
बहुत ही सुंदर प्रयास.. अच्छे लिक्स का समन्वय
क्रप्या हमें भी अपनी लिस्ट में जोड़े..
मेरा ब्लॉग यूआरएल- http://prathamprayaas.blogspot.in/
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