संध्या शर्मा का नमस्कार......कभी जो हम नहीं होंगे ....!!! - .... कहो किस को बताओगे ...? वो अपनी उलझने सारी ... वो बेचैनी में डूबे पल ...? वो आँखों में छुपे आँसू ...? किसे फिर तुम दिखाओगे ...ब्लॉग जगत में कल का पूरा दिन पिता को समर्पित स्नेह से भरी सुन्दर रचनाओं का रहा उनमें से कुछ रचनाएँ पढ़िए आज की वार्ता में...ईश्वर से यही कामना है, कि हर बच्चे को पिता के स्नेह की छत्र छाया मिले ..रोजगार के लिए बेटे के कभी घिसते अपना जूता, कहीं बेटी के रिश्ते की खातिर सिर झुकाते पिता, बच्चों के लिए ही जीवन भर होती है जिनकी शुभकामना, उनको भी समझो और प्यार दो बस यही है मेरी भावना.... लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ......
ऐ बाबुल बहुत याद आता है तू ...
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(पूज्य बाबू जी को समर्पित )
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*छोड़ इस लोक को ऐ बाबुल*
*परलोक में अब रहता है तू *
*कैसे बताऊं तुझको ऐ...सुदृढ़ बाहें ...... ( पितृदिवस पर कुछ हाइकु )
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विशाल वृक्ष
जैसे देता है छाया
पिता ही तो हैं ।
पिता की गोदी
आश्रय संबल का
डर भला क्यों ? .पापा, मैं, कार्तिक और फादर'स डे
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*आज फादर'स डे है ... मैं इस बहस में नहीं पड़ता कि यह रस्म देशी है या विदेशी
... मुझे यह पसंद है ! आज मैं खुद एक पिता हूँ और जानता हूँ एक पिता होना
कैसा लगता....
आठ मास का आदि और फ़ादर्स डे....
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कभी सोचता हूं, यह मन जितना पाता है उससे अधिक की अभिलाषा कर बैठता है न। आज
कल आदित्य की रोज नई हरकत मन को कितना सुख देती है। बेटे नें नया नया घिसकना
शुरु कि..ओ मेरे पिता !
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ओ मेरे पिता
तुमने हर दुःख सहा
माँ से भी ना कहा
कंधे पर लादकर
बोझ मेरा सहा।
घोड़ा बने,
संग खेले मेरे,
मैंने मारी दुलत्ती
सब खिलौने मेरे।
मुझको मेला घुमाया
हर ...पिता
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१ ६ जून *पितृ* दिवस है ,इस अवसर पिता को शत शत नमन।
पिता धर्म ,पिता कर्म , पिता ही परमतप :
पितरी प्रतिमापन्ने , प्रीयन्ते सर्व देवता।
अर्थ : - पिता का सेवा..
भई यह पितृ दिवस ही है पितृ विसर्जन दिवस नहीं!
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पितृ दिवस पर एक मित्र ने कुछ चुटीला सुनाया ...पत्नी ने अतिरिक्त प्यार का
इज़हार करते हुए पति से पूछा कि अजी ये सत्य और विश्वास में क्या फर्क है? ...
पितृ दिवस
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छोटी छोटी उंगलियों से
पकड़ कर हाथ
चलना सीखा पिता के साथ,
नहीं दे पाते थे छोटे छोटे पैर
पिता के क़दमों का साथ,
कर लेते अपने क़दम धीमे
देने बेटे के कदमों का...तुम्हारे वरद-हस्त
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पितृदिवस पर 15 बरस पुरानी एक कविता, अपने काव्यसंकलन "मैं चल तो दूँ" (2005)
से
तुम्हारे वरद-हस्त
©-*कविता वाचक्नवी **
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शिक्षा अभिभावकों के लिए ...अपने बच्चों की खातिर...भाग -२
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(वत्सल का लिया एक चित्र)
*अगर आपके बच्चे स्कूल जा रहे हों या जाने वाले हों तो कॄपया ध्यान दें
.......*
*सुनें बच्चों व आपके हित में जारी पॉडकास्ट आपके लिए ......पितृ दिवस पर कुछ कवितायेँ .......
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* पितृ दिवस** पर कुछ कवितायेँ *.......
(१)
*सूखती जड़ें .... *
न जाने कितनी
फिक्रों तले सूखे हैं ये पत्ते
दूर-दूर तक बारिश की उम्मीद से
भीगा है इनका ...ग़ज़ल : शीर्षक पिता "पितृ दिवस" पर सभी पिताओं को सादर प्रणाम नमन, सभी पिताओं को समर्पित एक ग़ज़ल.
ग़ज़ल : शीर्षक पिता
बह्र :हजज मुसम्मन सालिम
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घिरा जब भी अँधेरों में सही रस्ता दिखाते हैं ।
बढ़ा कर हाँथ वो अपना मुसीबत से बचाते हैं ।।
बड़ों को मान नारी को सदा सम्मान ही देना ।
पिता जी प्रेम से शिक्षा भरी बातें सिखाते हैं ।।
दिखावा झूठ धोखा जुर्म से दूरी सदा रखना ।
बुराई की हकीकत से मुझे अवगत कराते हैं ।।
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आशंकाओं की बदली ....विक्रम ,सुधीर जी को कोटा से बस में बैठा कर , अपने बड़े भाई सुमेर को फोन
किया कि उसने बाबूजी को बस में बैठा दिया और बस रवाना हो गयी है। बस शाम 4
बजे तक इंदौर पहुँच जाएगी ।
बाबूजी को हमेशा वह कार से ही छोड़ने जाता है। इस बार उसकी पत्नी शानू
की छोटी बहन आने वाली थी तो कार की जरूरत उसे थी। ..आज का दिन तो सिर्फ पापा का है आज फादर्स डे है. हर साल जून माह के तीसरे रविवार को यह सेलिब्रेट किया जाता
है.वैसे तो पापा से प्यार जताने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं, पर आज का
दिन तो सिर्फ पापा का है..आज के दिन के लिए
पापा को ढेर सारा प्यार और बधाई. U r the best Papa.
मैं तो अपने पापा से बहुत प्यार करती हूँ।पिता १ ६ जून *पितृ* दिवस है ,इस अवसर पिता को शत शत नमन।
पिता धर्म ,पिता कर्म , पिता ही परमतप :
पितरी प्रतिमापन्ने , प्रीयन्ते सर्व देवता।
अर्थ : - पिता का सेवा करना पुत्र का परम धर्म है ,यही उसका कर्म और यही उसका
श्रेष्ट तपस्या है। पिता के स्वरुप में सब देवता समाहित है , इसीलिए पिता के
प्रसन्न होने पर सब देवता प्रसन्न होते हैं...
24 टिप्पणियाँ:
कोमल और भावभरी हलचल..
बहुत अच्छी वार्ता....
सभी पोस्ट मन को छू जाने वाली.......
शुक्रिया
सस्नेह
अनु
आभार संध्या जी ....इतनी बढ़िया वार्ता में मेरी कृति को स्थान मिला ....हर्षित हूँ .....!!
ह्रदय से आभार ....!!
पिता को समर्पित बहुत अच्छा लिंक संयोजन,मेरी रचना को स्थान देने केलिए आभार संध्या जी
सभी लिंक्स बढ़िया लगे ... आभार
बहुत सुंदर लाजबाब लिंक प्रस्तुति,,,आभार
RECENT POST: जिन्दगी,
बहुत बढिया वार्ता
बहुत बढिया लिंक्स, आभार.
रामराम.
बहुत सुन्दर लिंकों का संकलन ......
फादर्स डे पर बढ़िया लिंक्स पढ़ने को दी हैं संध्या जी |
आशा
बहुत बढ़िया वार्ता संध्या जी ! सभी सूत्र पठनीय हैं !
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बढिया वार्ता..
बहुत ही सुन्दर वार्ता ..
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