रविवार, 2 जून 2013

मन पखेरु उड़ चला फ़िर... ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... जनता पर फिर महंगाई की मार, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े. डॉलर की तुलना में रुपये की गिरावट आम जनता पर महंगी पड़ी। कमजोर रुपये की वजह से ही शुक्रवार को तेल कंपनियों को तीन महीने बाद पेट्रोल की कीमत में 75 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि करने का फैसला करना पड़ा। साथ ही डीजल की कीमत भी 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गई है। यह मूल्य वृद्धि शुक्रवार आधी रात से लागू हो गई है। वहीं गैर सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 45 रुपये सस्ता हो गया है।इस खास खबर के बाद आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग वार्ता पर... लीजिये प्रस्तुत है, आज की वार्ता ........

मन पखेरु उड़ चला फ़िर : परिचर्चा से लौट कर - कार्यक्रम - परिचर्चा : मन पखेरु उड़ चला फ़िर स्थान - कान्स्टिट्युशन क्लब डिप्टी स्पीकर हॉल नई दिल्ली दिनांक-18 मई 2013, समय - 5 बजे सांय काव्य संग्रह का पुन..ये राग वि‍रहा कि मत लगाना... - उदासी की नवीं किस्‍त * * * * बसाकर आंखों में भूल गए सांवरे....न रखो नि‍शानी....मुझको काजल सा मि‍टा दो......जब याद कोई बेइंतहा आए और कि‍सी शै सुकूं न मि‍ले..अँगारा को जगाना है ... - निरे पत्थर नहीं हो तुम अतगत अचल , निष्ठुर , कठोर आँखें मूंदे रहो , युग बीतता रहे किसी सिद्धि की प्रतीक्षा में या किसी पुक्कस पुजारी की दया-दृष्टि तुम पर ...

क्या ऐसे ख़त्म होगा नक्सलवाद... क्या ऐसे ख़त्म होगा नक्सलवाद...] *- गौरव शर्मा "भारतीय"* * **प्रदेश में हुए नक्सली हमले के बाद एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप, ...दीवानगी .. - कल तक उनकी फेसबुकिया तस्वीरों ने खूब चौंकाया है हमें सच ! आज मालुम पडा, बेटा उनका नौंबी पास हो गया है ? ... प्रायः सभी कुदाल - छोटी दुनिया हो गयी, जैसे हो इक टोल। दूरी आपस की घटी, पर रिश्ते बेमोल।। क्रांति हुई विज्ञान की, बढ़ा खूब संचार। आतुर सब एकल बने, टूट रहा परिवार।। हाथ मिलाते... 

विश्व जियेगा - विश्व जियेगा और गर्भरण जीते बिटिया, प्रथम युद्ध यह और जीतना होगा उसको, संततियों का मोह, नहीं यदि गर्भधारिणी, सह ले सृष्टि बिछोह, कौन ढूढ़ेगा किसको..रात गुलज़ार के संग काट आयी, बाबुषा - *कुछ लोग बड़े सलीके से जिन्दगी की नब्ज को थामते हैं। सहेजते हैं घर के कोने, तरतीब से सजाते हैं ख्वाब पलकों पर. सब कितना दुरुस्त होता है उनकी जिन्दगी में ...क्या आँच पहुंची वहाँ तक ? - वो एक कतरा जो भिगो कर भेजा था अश्कों के समंदर में उस तक कभी पहुँचा ही नहीं या शायद उसने कभी पढ़ा ही नहीं फिर भी मुझे इंतज़ार रहा जवाब का जो उसने कभी दिया ...

मृत्यु और जीवन ! - *(1)मृत्यु घिन आती है ऐसे समाज से जहाँ हक की लड़ाई जमीन और जंगल के बहाने जान लेने पर उतारू है। जिस जमीन पर गिरता है पानी वहां बहाया जाता है रक्त। ... ओ मेरे !..........2 - कुछ आईने बार बार टूटा करते हैं कितना जोड़ने की कोशिश करो .............शायद रह जाता है कोई बाल बीच में दरार बनकर .............और ठेसों का क्या है वो तो फूलो...दूर-पास का लगाव-अलगाव - कोई सेब अपने पेड़ से बहुत दूर नहीं गिरता है। बछड़ा अपनी माँ से बहुत दूर नहीं रहता है।। दूर का पानी पास की आग नहीं बुझा सकता है।मुँह मोड़ लेने पर पर्वत भी...

ऐ दुनियादारी ! - *अपना भी न सके ढंग से,हुई भी न तू हमारी, * *अलगा भी न सके खुद से,तुझे ऐ दुनियादारी।* * **छोड़ देते जो अगर साथ तेरा, तो अच्छा होता,* *न सीने में बेच...ऎसा लगता है कि कोई नगरवधु मांग में सिंदूर भरकर प्रवचन कर रही हो. - हो गया खात्मा नक्सलवाद का.भूल गये नक्सलवाद के ज़ख्म.सूख गये आंसू इंसानियत की कथित आंखो के,इंसानी खून की सडांध,लाश के चीथडे,मांस के लोथडे..सच तो यह है कि सिद्धांत सभी स्थिर हैं सारे - " चीखती चिड़िया और चील की शान्ति में से क्या चुनोगे ? सच बताना महक फूलों की अच्छी थी तो तोड़ा क्यों उन्हें ? चहक चिड़िया की अच्छी थी तो पिंजडा क्यों बना ?.. 

यादें बचपन की...  - बीती यादें उमड़ -घुमड़ के आ रही रही हैं मेरे मन में कैसे-कैसे वो दिन हैं बीते क्या-क्या छूटा बचपन में रोज सबेरे सूरज आता स्वर्ण रश्मि साथ लिए..बादल तु जल्दी आना रे (भाग २) - काले काले बादल बताओ तुम कहाँ है तुम्हारा देश? कहाँ से तुम आये ,जा रहे हो कहाँ जहां होगा नया नया परिवेश। दूर देश से आये हो तुम थक कर .. "आत्म""हत्या !!!! - कूद पड़ी वो नीचे चौथे माले से (और ऊपर जाना शायद वश में न रहा होगा...) लहुलुहान पड़ी काया से लिपट कर रो पड़ा हत्यारा पिता जानता था उसकी महत्त्वाकांक्षाओं ने ही ...

क्रिकेट यानि सेक्स और सट्टेबाजी ! - भारतीय क्रिकेट बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। अब क्रिकेट के साथ ही क्रिकेटर्स की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। हालत ये है कि भारतीय टीम के कप्तान महेन्द...अब क्या होगा छत्तीसगढ़ कांग्रेस का ? - ** *क्या चरणदास महंत को मिलेगी चुनावी अभियान की कमान* *-संजय द्विवेदी* माओवादी आतंकवाद के निशाने पर आई छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तीन दिग्गज नेताओं महेंद्.. छत्‍तीसगढ़ी महागाथा : तुँहर जाए ले गिंयॉं - छत्‍तीसगढ़ी गद्य लेखन में तेजी के साथ ही छत्‍तीसगढ़ी में अब लगातार उपन्‍यास लिखे जा रहे हैं। ज्ञात छत्‍तीसगढ़ी उपन्‍यासों की संख्‍या अब तीस को छू चुकी है।...


 


दीजिये इज़ाजत नमस्कार .....

9 टिप्पणियाँ:

बहुत बढ़िया लिंक्स.......
हमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया संध्या जी..

सस्नेह
अनु

बढिया वार्ता संध्या जी, आभार

बहुत सुन्दर और पठनीय सूत्र, आभार।

सुन्दर लिंक्स से सजी रोचक वार्ता

बहुत बढिया बुलेटिन। मुझे शामिल करने के लिए आभार..

नोट : आमतौर पर मैं अपने लेख पढ़ने के लिए आग्रह नहीं करता हूं, लेकिन आज इसलिए कर रहा हूं, ये बात आपको जाननी चाहिए। मेरे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए । धोनी पर क्यों खामोश है मीडिया !
लिंक: http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/blog-post.html?showComment=1370150129478#c4868065043474768765

बहुत ही सुंदर लिंक्स, आभार.

रामराम.

बहुत बढ़िया ब्लॉग चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए आभार

वाह बहुत ही सुन्दर और पठनीय लिंकों का संग्रह, बहुत आभार..

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More