मंगलवार, 8 मई 2012

यादों की कलम से लिखती हूँ मैं ख़त - ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार .... हमें प्रत्येक क्षण केवल सुख की चाह होती है। दुःख से दूर भागना चाहते हैं हम। लेकिन जिस परमेश्वर ने सुख दिया है वही हमें दुःख भी देता है। सुख के क्षणों में हम अपने कर्त्तव्य तक को भुला देते है, और तभी ईश्वर  दुःख क माध्यम से हमें सावधान कर देता है. ये हमारे लिए संकेत होता है, कि हम मन में दृढ विश्वास रखें,  दुःख हमारे लिए एक परीक्षा है, जिसे हमें अच्छी तरह उत्तीर्ण करनी है. जीवन को जीवन की प्रत्येक समस्या को सकारात्मक दृष्टी से देखते हुए उसका निराकरण करना है। और दुःख रुपी आग में तपा कर इस जीवन को खरा सोना बनाना है।  इन्ही कुछ सुविचारों के साथ चलिए अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर. मेरी पसंद के कुछ लिंक्स के साथ. इस उम्मीद से कि आपको भी पसंद आएगी हमारी पसंद... कल नन्हे उदय का जन्मदिन था हमारे और समस्त वार्ता परिवार की ओर से ढेर सारा  अपना प्यार और आशीर्वाद..  
                                                          
 "जन्मदिन मुबारक हो बेटा उदय...अपने नाम के अनुसार सूरज की तरह उदय होकर सफलता के शिखर पर पहुँचो यही आशीर्वाद है. खुश रहो"

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अब लेते हैं आपसे इजाजत मिलते हैं, अगली वार्ता में तब तक के लिए नमस्कार..................

15 टिप्पणियाँ:

सुरुचिपूर्ण वार्ता |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

बढिया वार्ता, शुभकामनाएं

उदय के लिए जन्‍मदिन की शुभकामनाएं.

चिरंजीव उदय
ललित जी से अधिक यशस्वी,हो
मंगल कामनाएं
आभार संध्या जी

दुःख हमारे लिए एक परीक्षा है, जिसे हमें अच्छी तरह उत्तीर्ण करनी है. जीवन को जीवन की प्रत्येक समस्या को सकारात्मक दृष्टी से देखते हुए उसका निराकरण करना है।
सुंदर विचार .. अच्‍छी वार्ता !!

बहुत अच्छी वार्ता.....
चि. उदय को ढेरों आशीष.....

हमारी रचना को शामिल करने के लिए आपका शुक्रिया संध्या जी.

अनु

रोचक वार्ता के लिए आभार,...संध्या जी,...

उदय जी के लिए जन्‍मदिन की बहुत२ बधाई शुभकामनाएं......

बढिया वार्ता,उदय को जन्‍मदिन की शुभकामनाएं.

चिरंजीव उदय
यशस्वी,हो

बहुत बढ़िया वार्ता ...काफी नए लिंक्स मिले ... आभार

बेहतरीन प्रस्तुति.

Uday ko janamdin ki Bahut Bahut badhai ... Sundar charcha ... Shukriya mujhe shamil Karne ka ...

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