शुक्रवार, 11 मई 2012

बेअसर है क्यों आज चाँद-तारों की बारात ?... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार,……फेसबुक पर किया वादा निभाया जैसलमेर पुलिस ने पीड़ित बालिका को मिला न्याय जैसलमेर जनता की समस्याओ को सीधे सोसिअल साईट पर सुनाने का जैसलमेर पुलिस के निर्णय को पुलिस अधीक्षक साहिबा ने बल दिया जब एक नाबालिग पीड़ित बालिका को चंद घंटो में न्याय दिलाया फेसबुक पर शुरू की जैसलमेर पुलिस अधीक्षक की मुहीम रंग लाई .पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने मानवीयता तथा संवेदनशीलता का परिचय देते हुए पीड़ित बालिका का मुक़दमा दर्ज करा आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया बधाई जैसलमेर पुलिस अधीक्षक और उनके दल को ..सत्यमेव जयते जय हिंद……… अब प्रस्तुत हैं कुछ ब्लॉग लिंक

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http://www.gatyatmakjyotish.com/पर संगीता पुरी जी बता रही हैं - बोलने और लिखने में सरल सार्थक नाम अधिक उचित है !! - किसी खास तरह की ग्रहस्थिति का प्राचीन ऋषि महर्षियों ने पृथ्‍वी पर कुछ खास प्रभाव देखा , तो उसे सही ढंग से समझने के लिए पूरी ताकत लगा दी और उसका ही परिणाम है कि एक सुव्‍यवस्थित ज्ञान के रूप में ज्‍योतिष शास... http://www.anusheel.in/ पर अनुपमा पाठक जी की रचना पढ़िए - स्मित मुस्कान लिए मुरझा जाना... यही तो चमत्कार है!. - समृद्ध हो शब्दों की दुनिया उन्हें बुनने का हुनर भी हो मगर न हो कथ्य तो सब बेकार है... धारा का क्या? वो तो बीच में बहती है... न इस पार... न उस पार है! कहने को कुछ खरा हो तो शब्दावलियाँ स्वयं चली आती हैं भाव ... http://allexpression.blogspot.in/पर अनुजी लिख रही हैं - नागफनी - आँगन में देखो जाने कहाँ से उग आई है ये नागफनी.... मैंने तो बोया था तुम्हारी यादों का हरसिंगार.... और रोपे थे तुम्हारे स्नेह के गुलमोहर..... डाले थे बीज तुम्हारी खुशबु वाले केवड़े के..... कलमें लगाई थीं ...

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वार्ता का सफ़र यूँ ही जारी रहेगा, मिलते हैं, अगली वार्ता में, चलते-चलते एक नज़र यहाँ भी... नमस्कार 

10 टिप्पणियाँ:

अच्छी वार्ता संजोयी है संध्या जी.....
लिंक्स अब देखती हूँ बारी बारी...............
हमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया.

सस्नेह.
अनु

अच्छी वार्ता लिखती हैं आप, मुझे पसंद आती है, कभी मेरे ब्लॉग पर आईए।

अच्छे लिंक और आपकी सटीक वार्ता लाजबाब है,..संध्या जी ,...बधाई ..

बहुत ही उपयोगी और सार्थक लिंक्स्।

अच्छी वार्ता है.

ब्लॉग वार्ता ४ पर काफी सामग्री मिल जाती है पढने के लिए बहुरंगी वार्ता अच्छी रही |मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार |
आशा

फेसबुक का सकारात्‍मक उपयोग हो रहा है अब ..

पीड़ित बालिका के न्‍याय से यही साबित हुआ है ..

आज की वार्ता से बहुत सारे लिंक भी उपलब्‍ध हुए ..
संध्‍याजी , आपका बहुत बहुत आभार !!

बोलने और लिखने में सरल सार्थक नाम अधिक उचित है !!
उपयोगी आलेख है.. सभी लिंक उत्तम

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