शुक्रवार, 18 मई 2012

वीर्यवान एन डी तिवारी, हद है कमीनेपन की तिहारी --- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, कई ब्लॉगर मित्रों से सुना कि वे भी मेरे पीसी में होने वाली समस्या झेल रहे हैं। बार-बार ब्राउजर क्रेश होना। मैने सभी तरह के इंटरनेट  ब्राउजर का इस्तेमाल  कर लिया। लेकिन समस्या का हल नहीं निकला। एक-एक करके सारे हार्डवेयर बदल कर देख लिए, तीन बार फ़ारमेट कर लिया। लेकिन समस्या यथावत है। पीसी को यौवनावस्था में ही बुढापा आ गया। जिससे अब पीसी साथ नहीं दे पा रहा । अगर किसी मित्र के पास इस समस्या का हल है तो अवश्य सुझाएं जिससे कई ब्लॉगर मित्र लाभान्वित होगें और ब्लॉगिंग निर्बाध हो सकेगी। हम उन्हे दशक का ही नहीं इस सदी का ब्लॉगर मानेगें और यह सदी उसके नाम कर देगें……… अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर… प्रस्तुत हैं कुछ ब्लॉग लिंक्स………

कितनी बाते हैं जिनको लिखा जाएगा खुलकरकितनी बाते हैं जिनको लिखा जाएगा खुलकर -संकुचन और विरलन की घटनायें प्रकृति की द्वंद्वात्मकता का इजहार है। जिसके प्रतिफल भौगोलिक संरचना के रूप्ा हो जाते हैं। खाइयां और पहाड़, समुद्र और  वादियाँ………उसका मरना कोई खबर नहीं है ….  आज वह एक बार फिर मरा है पर यह कोई खबर नहीं है वैसे भी, उसके मरने की खबर किसी खबरनवीस के लिए खबर की बू नहीं देती, क्योंकि ……क्षणिकाएँ बेझिझक बोलों के अब पोल खुले ही रहते हैं जिसपर बेमानी बुद्धिवाद चिथड़ों में सजे रहते हैं . बबूला भी बलबलाकर बड़ा होने में ही फूटता है पर इन्द्रधनुषी इठलाह...


ज़िन्दगी, रिश्ते और बर्फ .....! -Image courtesy : Google images *ज़िन्दगी, रिश्ते और बर्फ .....!* *अक्सर सोचता हूँ **,* *रिश्ते क्यों जम जा...खुद की तलाश - 8 -उम्र , जिम्मेदारियां , रिश्तों का विस्तार , अबूझ व्यवहारिकताएँ और शंकाएं .... खुद को तलाशना और खुद को पाना , एक दूरी रह ही जाती है ! तलाश खत्म नहीं होती ...तरई.....बमचक -3 बमचक – 3 परधान जब सरोखन के यहां जाने के लिये तैयार हो रहे थे तो धोती कुछ मैली दिख रही थी। दूसरी धोती लाने के लिये पोते को कहा तो भीतर से पतोहू की आव...

शीत-युद्ध "कितना बदल गयी हो तुम" अथवा "कितना बदल गए हैं आप"। ये एक ऐसा वाक्य है जो अक्सर सुनने को मिलता होगा सभी को। लेकिन क्या वास्तव में कोई बदल जाता है ? वो वही र...अजन्मी पुकार *सुन रही थी मां पिता की बातें वो*** *अधखिली कली जो अजन्मी थी।*** *नन्हां सा उसका दिल धड़क रहा था*** *भीतर ही भीतर वो चीत्कार रहा था।*** *मां बाप ने उसको ज...झूलती मीनार और अलबेला खत्री की डुबकी प्रारंभ से पढें अगली सुबह अलबेला खत्री जी से बात हुई तो उन्होने बताया कि वे एक दिन पहले अहमदाबाद में ही थे। फ़िर उन्होने कहा कि अगले दिन मैं सुबह की गाड़ी ...

उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है ?"उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है" जो आता है जाता क्यूँ है ? और इतने हम बेबस क्यूँ हैं ? सज़ा मिले सत्कर्मों की यह सोच हमें सताता क्यूँ है ? सच्चाई की राह...आँच- 109 – नेह भर सींचो *आँच- 109* * नेह भर सींचो कि मैं अविराम जीवन-राग दूँगा*** - *हरीश प्रकाश गुप्त* प्रतिभा सक्सेना जी कैलीफोर्निया में रहती हैं। अध्ययन में रुचि रखती हैं, ...हैप्‍पी अभिनंदन में सोनल रस्‍तोगी -जुलाई 2009 की कड़कती दोपहर में ''कुछ कहानियां कुछ नज्‍में'' नामक ब्‍लॉग बनाकर गुड़गांव की सोनल रास्‍तोगी ने छोटी सी कविता 'नम आसमान' से ब्‍लॉग जगत में कदम...

यूँ ही जिए जाता हूँ दरकते रिश्तों का कटु अनुभव ऐसा हो कर मजबूर उन्हें साथ लिए फिरता हूँ है केवल एक दिखावा दिन के उजाले में अमावस्या की रात का आभास लिए फिरता हूँ इस टूटन...हद है कमीनेपन की शाहरूख खान..इसी बदमीजाज़ी के कारण नंगा करते होंगे साले को अमेरिका में! हद है कमीनेपन की शाहरूख खान.इतना हंगामा होने के बाद सामने आये और आये भी तो सिर्फ ये कहने कि मैं माफी नही मांगूगा.और कमीनापन तो देखो हिंदी और मराठी का भी वि...ये है साजिश का सम्मान ... *दो* दिन में ब्लागर्स के 40 से ज्यादा फोन अंटैंड कर चुका हूं, फोन रिसीव करते ही दूसरी ओर से आवाज आती है, श्रीवास्तव जी बोल रहे हैं, हां बोल रहा हूं, बहु...

मेरा तो यही अंदाज़े बयां है ....... * * * * * * * * * * * * * * *कार्टून पर प्रतिबंध लगाओ , फ़ेसबुक और गूगल को कर दो चाहे बैन , मैं उठा के कोयले का टुकडा, लिखूंगा सडकों पे ,छीनूंगा तुम्हारा चैन...वीर्यवान एन डी तिवारी का खून साहब हिंदुस्तान बड़ा गजब मुल्क है। जाती धर्म की विविधता के साथ यहां विचित्र लोगो की भी कोई कमी नही, भांती भांती के पाये जाते हैं। अब ताजा मामला देखिये ए...एक बार जन्म लेने दे माँ...  नन्हे-नन्हे पाँवों से चलके सुन तेरे घर मे आऊंगी मैं होगी तेरे घर रोज दीवाली इतनी खुशियाँ लाऊंगी मैं नाज़ुक उंगलियों से तेरा हाथ पकड़ना है मुझको कोमल होठ..


जेब से रेज़गारी जिस तरह गिरती है सड़कों पे तुमसे प्यार के चर्चे कुछ यूं ही खनकते हैं....!…………… सिर्फ बकवास अभी जब मैं बाबा का ढाबा पोस्ट कर रहा था तो अचानक देखा कि ब्लॉग की 99 पोस्ट पूरी हो गयी है, तो इसका मतलब ये पोस्ट 100 वीं पोस्ट है। ओह 100 वीं। शतक पूरा। फ... क्षितिजा" काव्य क्षितिज पर -नागपुर, भारतीय रेल्वे का हृदय माना जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हावड़ा से मुंबई अहमदाबाद लाईन और दिल्ली से दक्षिण भारत की लाईन नागपुर से होकर ही गुजर...पल में सौ बल खाती जाए, गीत वो मेरे गाती जाए एक गोरी सांवरी सी मेरे गीतों की फ़ैन हो गई एक छोरी बावरी सी मेरे गीतों की फ़ैन हो गई पनघट जाती-जाती गाए जल भर लाती-लाती गाए आती गाए, जाती गाए सखियों से ...

आज की वार्ता यहीं सम्पन्न होती है…… मिलते हैं ब्रेक के बाद……… राम राम



14 टिप्पणियाँ:

बेहतरीन अंदाज़

बढ़िया लिंक्स से सजी, एक बेहतरीन वार्ता....

बढ़िया लिंक्स................

शुक्रिया.
अनु

अच्‍छी वार्ता ..
कई महत्‍वपूर्ण लिंक्‍स मिले !!

बड़ी मेहनत और मुश्किलों से तैयार बेहतरीन वार्ता, बढ़िया लिंक्स...

please try ubuntu linux or at least do the following

1. boot from ubuntu cd / usb
2. zero out hard disk by 'sudo dd if=/dev/zero of=/dev/sda' [sda is your hard disk, can be other. do 'sudo fdisk -l' to find out.
3. install your os

बढ़िया वार्ता सजाई है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

बढ़िया वार्ता ...कई अच्छे लिंक्स मिले

अच्छे लिंक्स, सुंदर वार्ता

काफी न पढ़े लिंक मिल गए हैं .जाते हैं पढ़ने .

पढ़कर अच्छा नहीं लगा की पीसी को यौवनावस्था में ही बुढापा आ गया,जिससे अब पीसी साथ नहीं दे पा रहा .... बाकि चर्चा जोरदार लगी ...

सुन्दर लिंक संयोजन

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