रविवार, 13 मई 2012

माँ तुम बहुत याद आई... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार,……माँ, ममता एक एहसास ऐसा अहसास है, जो हर पल हमारे साथ होता है. ताउम्र हरपल, हरदिन अपने घर परिवार और अपने बच्चों के लिए निस्वार्थ रूप से अपना सर्वस्व निछावर कर पूर्ण समर्पित भाव से अपना सम्पूर्ण जीवन वार देती है, और बदले में कुछ भी नहीं चाहती. अपनी अंतिम साँसों तक अपने बच्चों का सुख चाहने वाली होती हैं माँ... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर मेरी पसंद के कुछ लिंक्स के साथ... 

http://blogmridulaspoem.blogspot.in/ पर मृदुला प्रधान जी लिख रही हैं -  वह ममता....... वह ममता कितनी प्यारी थी , वह आँचल कितना सुन्दर था, जिसके कोने की गिरहों में थी मेरी ऊँगली बंधी हुई . तब ........ बित्ते भर की खुशियाँ थी, ऊँगली भर की आकांछा थी, उस आँचल की उन गि...http://kaneriabhivainjana.blogspot.in/ पर महेश्वरी कनेरी जी की रचना  माँ .*मैं और मेरी माँ* जब भी जीवन की कश्ती डगमगाई माँ तुम बहुत याद आई.. शीतल पवन ने जब भी मुझे छुआ है तेरे होने का अहसास हुआ है बहुत कुछ दिया है ,कुछ कमी नहीं है बस तेरी ममता की छाँव नही है जब भी सफर में थक क.  http://kashish-sunita.blogspot.in/  पर सुनीता शर्माजी लिख रही हैं तनहा सफ़र .........  *कोई हमारा भी ऐसा दोस्त होता . * *दर्द में जो हमारे साथ रोता . * *हम दुनिया छोड़ देते उनके लिए .. * *पल भर के लिए भी जो वो मेरा होता ... * * सुना सुना सा है मन मेरा .. आकर करो तुम यहाँ बसेरा .. इस रीतापन... 

http://devendra-bechainaatma.blogspot.in/ पर  देवेन्द्र पाण्डेय जी कह रहे हैं मैं तो आम हूँ -
वह पीपल है वह नीम है मैं तो आम हूँ। फागुन में बौराती हूँ चैत में जनती हूँ टिकोरे तपती हूँ वैशाख-जेठ की दोपहरी आता है मौसम मेरा भी नहीं रहती अनाथ फल लगते ही मिल जाते हैं कई नाथ ! डाल में लगते ही टिक... http://akashsingh307.blogspot.in/ पर आकाश सिंह जी की रचना पढ़िए क्या यही प्यार है ? - आकाश कुमार क्या यही प्यार है ? बड़ी सिद्दत से प्यार की दो बातें लिखी है | आपकी मंत्ब्य्यों की अपेक्छा है | प्यार को किसी नाम की जरुरत नहीं होती | इससे ज्यादा कोई चीज दुनियां में खुबसूरत नहीं होती || ... http://satish-saxena.blogspot.in/ पर सतीश सक्सेना जी ने कहा है कालिदास , रचते हैं गीत - सतीश सक्सेना - *ब्लॉग जगत में, कई बार हम लोग, रचनाओं में निज दर्द उड़ेल देते हैं , जो बात अक्सर बोल नहीं पाते वह उनकी कलम , लिख देती है ! ऐसी रचनाओं पर टिप्पणी देते समय समझ नहीं आता कि क्या सलाह दी जाए , पति पत्नी के..

http://kavitarawatbpl.blogspot.in/ पर कविता रावत जी ने कहा है छुपा रहता है माँ का संघर्ष ! - माँ ताउम्र हरपल, हरदिन अपने घर परिवार के लिए दिन-रात एक कर अपना सर्वस्व निछावर कर पूर्ण समर्पित भाव से अपने घर परिवार, बच्चों को समाज में एक पहचान देकर स्...  .http://gwaliorkanak8.blogspot.in/ पर कनक जी लिखती हैं .मेरा चेहरा तू पढ़ लेती... - ओ... मां मुझे बतला, तू चुप-चुप क्यूं रहती है। दर्द छिपाकर तमाम, तू चुपचाप क्यूं सहती है। कभी धरा सी मौन होती, कभी बन जाती समन्दर, मिले खुशी मुझको,एक श्वां...http://mere-ehsaas.blogspot.in/ पर खरे जी ने कहा है "माँ" तुझे सलाम जग में सबसे सुंदर है ये नाम चाहे माँ कहो या राम बोलो माँ माँ माँ "माँ" एक पूरा पैकेज हर समस्या का, जिसके चेहरे पर ना दिखती कभी कोई... 

http://lalitdotcom.blogspot.in/ पर ललित शर्माजी की पोस्ट पढ़िए पटियापाली का स्कूल और हाईब्रीड धनिया ---------- ललित शर्मा - प्रारंभ से पढें हम यादव के साथ मड़वारानी पहुंचे, यह रेल्वे का पैसेजंर हाल्ट भी है। यहाँ मड़वारानी माता का मंदिर है। दर्शनार्थियों की कतार लगी रहती है। यहाँ...http://rashifal.gatyatmakjyotish.com/  .पर संगीता पुरी जी से जानिए (rashifal) कैसा रहेगा आपके लिए 11 और 12 मई 2012 का दिन ?? - मेष लग्नवालों के लिए 11 और 12 मई 2012 को किसी सामाजिक कार्यक्रम में पिता पक्ष का महत्व दिखाई देगा, कर्मक्षेत्र में भी बडी जबाबदेही मिल सकती है। प्रतिष्‍ठा...http://sandhyakavyadhara.blogspot.in/ पर पढ़िए संध्या शर्मा की रचना एक बार जन्म लेने दे माँ... संध्या शर्मा - नन्हे-नन्हे पाँवों से चलके सुन तेरे घर मे आऊंगी मैं होगी तेरे घर रोज दीवाली इतनी खुशियाँ लाऊंगी मैं नाज़ुक उंगलियों से तेरा हाथ पकड़ना है मुझको कोमल होठ... 

वार्ता का सफ़र यूँ ही जारी रहेगा, मिलते हैं, अगली वार्ता में तब तक के लिए नमस्कार 

8 टिप्पणियाँ:

महतारी दिवस की बधाई………… सुप्रभात

बहुत सटीक बात लिखी है ..
अंतिम साँसों तक बच्चों का सुख चाहने वाली होती हैं माँ...
इतने महत्‍वपूर्ण लिंको युक्‍त सुंदर वार्ता के लिए आपका आभार संध्‍याजी !!

माँ ने जिन पर कर दिया, जीवन को आहूत
कितनी माँ के भाग में , आये श्रवण सपूत
आये श्रवण सपूत , भरे क्यों वृद्धाश्रम हैं
एक दिवस माँ को अर्पित क्या यही धरम है
माँ से ज्यादा क्या दे डाला है दुनियाँ ने
इसी दिवस के लिये तुझे क्या पाला माँ ने ?

बहुत अच्छे लिंक्स |माँ को
शत शत नमन

मात् दिवस पर सुंदर वार्ता ......

चार पंक्तियाँ माँ के सम्मान में ,...

माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..

MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...

सचमुच माँ हमेँ ईश्वर की सर्वोत्तम देन है।
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....


इंडिया दर्पण
की ओर से मातृदिवस की शुभकामनाएँ।

मदर्स डे की शुभकामनायें ...........बहुत अच्छे लिंक्स

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