गुरुवार, 14 अक्तूबर 2010

चोरों का अद्भुत मेला--मेरे देश का हाल ? ब्लॉग4वार्ता-----ललित शर्मा


नमस्कार, कामनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार को लेकर बहुत हंगामा हुआ। खेल मंत्री को कहना पड़ा कि "नाक तो बचा लें।" इनका नाक बचा कि नहीं ये तो पता नहीं,लेकिन खिलाड़ियों ने अपने कौशल का परिचय देते हुए देश का नाम तो रौशन किया। यह तो तय है। अभी तक खिलाड़ियों ने 36 स्वर्ण पदक 27 रजत एवं 37 कांस्य पदक प्राप्त कर पदकों का शतक बनाया। हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन उन्हे माकूल सुविधाएं और प्रशिक्षण उपलब्ध नहीं कराया जाता। अगर निरंतर प्रतिभा खोज एंव प्रशिक्षण होता रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हम ऑलम्पिक में भी अपना रुतबा कायम कर सकते हैं। लेकिन चयन के समय हमेंशा भाई-भतीजा वाद  होता है, खेल से राजनीति को और भाई भतीजा वाद को अलग कर दिया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा डंका पूरे विश्व में बजेगा। अब चलते हैं आज जी ब्लॉग वार्ता पर……….

सबसे पहले एक ऐसे ब्लॉग पर ले चलता हूँ जो बिहार के 6 वार्डों के एक गाँव से चलाया जा रहा हैं इस ब्लॉग की खासियत यह है कि यहाँ गांव के सभी टोलों के विषय में जानकारी दी गयी हैं यहाँ तक कि उनके मोबाईल नम्बर भी दिए गए हैं, कितनी किराना दुकानें है यह भी बताया गया हैं इस छतहार नामक गाँव के विषय में सभी जानकारियाँ उपलब्ध हैं। यदि गाँव में कोई कार्यक्रम होता है तो उसकी जानकारी ब्लॉग पर अपडेट की जाती हैं। इस तरह छतहार ब्लॉग के माध्यम से विश्व से जुड़ चुका है। यहा ब्लॉगिंग का सार्थक उपयोग हो रहा है। 

सूखे से जूझता छतहारछतहार सूखे से जूझ रहा है। सितंबर का दूसरा हफ्ता बीत रहा है, लेकिन छतहार में बारिश नहीं हुई है। लोग आसमान निहार रहे हैं। इंद्र देवता से प्रार्थना कर रहे हैं, लेकिन मेघराज का दिल नहीं पसीज रहा। रोपनी का समय ..बिहार में चुनावी बिगुल बज गया है। छह चरणों में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक होंगे। छतहार यानी अमर विधानसभा में चुनाव चौथे चरण में एक नवंबर को होगा। इसी दिन यहां बांका लोकसभा के लिए भी वोट डाले ....

गगन शर्मा जी के ब्लॉग कुछ अलग सा पर आज कसरत की चर्चा हो रही है ऊंगलियों की ऐसी कसरत जो सभी करना चाहेंगें अब यह कसरत भी करके देखनी पड़ेगी-कसरत सेहत के लिए बहुत जरूरी है। यह सभी जानते हैं पर करते नहीं आलस्य के मारे। पर यदि ऐसी कसरत हो तो इसे कोई भी करते रहना चाहेगा चाहे थकान का पूरा परिवार भी हावी हो जाए। 

आज एक नए ब्लॉग पर पहुंचा जिसका नाम  CG स्वर है ब्लॉग की माडरेटर संज्ञा टंडन हैं, उन्होने लिखा है इंटरनेट के आने के बाद से हर चीज आसान हाने लगी है। कुछ वर्ष पहले तक लोग इससे केवल सतही तौर पर जुड़ रहे थे। जरूरत पड़ने पर कंप्यूटर खोलकर अपने काम की चीज देखी और नेट बंद, ठीक वैसे ही जैसे मोबाइल शुरूवात में ऐश्वर्य का साधन बना फिर दिखावे का साधन और अब एक आवश्यकता जिसके बगैर एक दिन भी नहीं कटता।
आगे कहती हैं--हम बात कर रहे थे इंटरनेट की। अब लोग इसको ज्यादा समय देने लगे हैं। अपने फज्ञेटोग्राफ्स, लोगों की बातचीत, दुनिया भर की जानकारी के साथ ही अपनी भवनाओं को बाँटने का साधन भी बन चुका है ये इंटरनेट।ब्लॉग लिखना अपनी भावनाओं को दूसरों तक पहुँचाने का एक माध्यम है। अपने वीडियोज़ को दुनिया के दूसरे कोने तक पहुँचाने के लिये यू-ट्यूब जैसे साधन हैं और अपनी आवाज़ के माध्यम से शिक्षा, गीत, कहानी, मन की बातें दूसरों तक पहुँचाने का जरिया तेजी के साथ बढ़ रहा है पॉडकास्टिंग। तो मेरे इस ब्लॉग में शामिल रहा करेगा पॉडकास्ट भी। कुछ दुर्लभ आवाजें भी हम आप तक पहुँचाएँगे इस माध्यम से और कुछ आवाजें होंगी हमारे आपके बीच की आवाजें।

अब चलते हैं डॉ हरदीप संधु के ब्लॉग पर, उन्होने एक पोस्ट लगाई है शहर से लौटा खुशिया चाचा छोटापुर भाव समालपुर वाले खुशिया चाचा को तो आप जानते ही हैं। अब वह शहर की नौकरी छोड़कर गाँव में रहने लगा। किसी ने पूछा तो चाचा ने अपने शायराना अन्दाज़ में जो रंग बाँधा ....उसी का सीधा प्रसारन आपको सुनवाते हैं ....याद है न खुसिया चाचा ' छ/श' को ' स' बोलता है.... 

लेकिन ........
थोड़ी इंगलिस भी  बोलूँगा 
काला चस्मा(चश्मा ) लगाएगा 
तेरा खुसिया चाचा
मसली(मछली) को फिस कहेगा
चाय में सक्कर (शक्कर) नहीं
अब सूगर डालकर पीएगा
सिक्सा ( शिक्षा) को कुयालिफकेसन
छुट्टी  को वकेसन कहेगा 
गाँव के हर काम में होगा
अब चाचा सामिल(शामिल) ...
न..न..पार्टीसिपेसन
किसी का न होने देगा 
सोसन ( शोषण)..उफ़..एक्सपलॉएटेसन
बूढ़ा होने लगा तो क्या हुआ

रविन्द्र जी वर्धा सम्मेलन की अगली किश्त जारी की है अविस्मरणीय रहा वर्धा में आयोजित संगोष्ठी का दूसरा दिन.ज्ञानवर्धक पोस्ट है अवश्य पढें।एक वेबसाइट जो मोबाइल के चुनाव में आपकी मदद करेगी नवीन प्रकाश बता रहे हैं। नवीन जी का ब्लॉगिंग के प्रति समर्पण काबिल-ए-तारीफ़ हैं। कभी-कभी तो इनकी एक दिन में 3-3 पोस्ट भी आ जाती है।शरद कोकास जी के ब्लाग पर पढिए किसी की दुनिया उजड़ जाती है और आपको कुछ नहीं होता ?13 अक्तूबर 2010 कल प्रस्तुत *शेफालिका वर्मा* की मैथिली कविता पर बहुत सारे नये पाठकों ने अपनी प्रतिक्रिया प्रकट की ।

अवधिया जी की ब्लॉगिंग का अपना अलग ही अंदाज है, वे कहते हैं कि सार्थक ब्लागिंग हो, विषय आधारित ब्लॉगिंग हो, जिससे सर्च इंजन से आपको पाठक मिलें। उनका कहना सही हैं आज वे लिखते हैं चोरों का अद्भुत मेला मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर के जिले और उसके आसपास का इलाका उन दिनों गूजरवाड़ा के नाम से विख्यात था। इसका दूसरा नाम चोरों का इलाका भी था क्योंकि वास्तव में यह चोरो् और डाकुओं का गढ़ था। 
इस भू-भाग पर राजा, नवाब, जमींदार और रियाया जो भी थी, सभी का मुख्य पेशा चोरी या राहजनी था। यह चोरी विविध प्रकार की होती थी। जानवरों की चोरी, नकबज़नी, डाके, राहजनी और इसी किस्म की दूसरी वारदातें। मुज़फ्फरनगर के नवाब इकरामुल्ला खां इन चोरों और डाकुओं के सबसे बड़े मुखिया और सरदार थे। उनकी रियासत में पाँच गाँव उनके थे। ये सब मशहूर चोरों के गाँव थे। मुज़फ्फरनगर में उनकी गढ़ी थी – हवेली थी, जहाँ खुद नवाब साहब रहते थे।

एक नजर : तस्वीरों में कैद मध्य प्रदेश की करिए सैर शशि सिंघल जी के ब्लॉग पर। डॉ महेश परिमल बता रहे हैं हिंदी सिनेमा गत की पहली डांसिग क्वीन थी कुक्कू भारतीय सिनेमा जगत में अपनी नृत्य शैली और दिलकश अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाने वाली न जाने कितनी अभिनेत्रियां हुई, लेकिन चालीस के दशक में एक ऐसी अभिनेत्री भी हुई जिसे डांसिग क्वीन कहा जाता था और आज के सिने प्रेमी शायद उससे अपरिचित होंगे। लेकिन उस समय शोहरत की बुलँदियां छूने वाली उस अभिनेत्नी का नाम कुक्कु था। कुक्कू मूल नाम कुक्के मोरे का जन्म वर्ष 1928 में हुआ था।

वर्ष 1989 में कुक्कू को निर्माता निर्देशक राजकपूर के बैनर तले बनी फिल्म .बरसात. में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में मुकेश की आवाज में उन पर फिल्माया यह गीत पतली कमर है तिरछी नजर है उन दिनों श्रोताओं के बीच क्रेज बन गया था और आज भी श्रोताओं के बीच शिद्दत के साथ याद किया जाता है। वर्ष 1951 में कुक्कू को एक बार फिर से राजकपूर की फिल्म .आवारा. में काम करने का अवसर मिला। यूं तो फिल्म आवारा के सभी गीत लोकप्रिय हुए लेकिन कुक्कू पर फिल्माया यह गीत 

क्या कहते हैं ये चित्र ? जानना हो तो यहाँ पर पर आएं, जानिए आखिर कैसे बजा सचिन का डंका.--.क्या यही है मेरे देश का हाल ?

मिलते हैं ब्रेक के बाद -- राम राम...............

11 टिप्पणियाँ:

भारत का कॉमन वेल्थ में प्रदर्शन तो बहुत बढ़िया रहा...

अच्छी चर्चा..बढ़िया लिंक मिल गये.

बढ़िया लिंकों वाली अच्छी वार्ता

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!

आंच-39 (समीक्षा) पर
श्रीमती ज्ञानवती सक्सेना ‘किरण’ की कविता
क्या जग का उद्धार न होगा!, मनोज कुमार, “मनोज” पर!

मुझे मोबाइल के लिये लिंक मिला पर देर हो गई. कोई बात नही . वैसे नोकिया सीरीज़ का C05 उम्दा है. 3G सपोर्ट करता है. शेष वार्ता अति उत्तम. हिंदी सिनेमा गत की पहली डांसिग क्वीन थी कुक्कू भी उत्तम पोस्ट है बाक़ी देखता हूं

ललित जी लिंक्स बहुत अच्छी हें |बधाई
आशा

ललित भाई, आपकी चर्चा से कई महत्वपूर्ण पोस्ट के लिंक मिले हैं, आभार स्वीकारें।
................
वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।

अच्छे लिंक्स मिले ललित जी ! आभार.

अच्छे लिंक उपलब्द्ध करवाए ..आभार

बढ़िया वार्ता ललित भाई... आभार !

बढ़िया वार्ता--- आभार !

बहुत अच्छी प्रस्तुति .

श्री दुर्गाष्टमी की बधाई !!!

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