मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010

खेल खतम , खेल शुरू - हम फिर साथ खेलेंगे: महफ़ूज़ कह्ते रह गए और उनका बेटा चले गया - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आज कोई भूमिका नहीं सीधा चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर ! आशा है ब्लॉग 4 वार्ता  मंच से पेश की जा रही यह ब्लॉग वार्ता आपको पसंद आएगी !

सादर आपका 


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कुछ पानी के छींटे :- भिगो ही दिया आपने !




 खेल खतम , खेल शुरू :- यह क्या भेद है गुरु ?










 हम नौजवान! :- किसी से कम नहीं !


दोस्त चिड़िया :- आई है !

कितना मुश्किल काम :- कौन सा ?

बी.बी.सी.के हिसाब से अब जम्मू कश्मीर भी भारत में नही . यह देश द्रोह है :- बिलकुल है !

अब तो शिवसेना और मनसे से ही कुछ उम्मीद है ... :- किस बात की ?

 लीजिये आज फिर अपनी डफली आप बजाता हूँ और आप सब को अपनी पोस्ट का लिंक दिए जाता हूँ !

कॉमनवेल्थ गेम्स-2010 में कौन हैं स्वंर्ण के शर्तिया दावेदार ?? :- आप भी जानिए !

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आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक ....... अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......
जय हिंद !!

16 टिप्पणियाँ:

ढेर सारे अच्छी लिंक्स मिले। बहुत सुंदर चयन। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
योगदान!, सत्येन्द्र झा की लघुकथा, “मनोज” पर, पढिए!

वाह वाह शिवम् भाई .. बहुत सुंदर वार्ता की .. आभार !!

महफूज़ अली कि अपूरणीय क्षति हुई है शिवम् भाई !
यह मूक मगर मासूम जीव हमारे परिवार में सबसे अधिक प्यार करने वाले जीव हैं अगर तुलना की जाए तो हम इंसानों से हज़ारों गुना अधिक अच्छे ! यह नुक्सान, परिवार के सदस्य के कम हो जाने कि तरह ही दुखदायी है !
उनके आंसू हमारे शब्दों से नहीं पोंछे जा सकते !

महफूज़ के संवेदनशील मन को ईश्वर शांत करे !

बहुत अच्छी प्रस्तुति...

बहुत सुंदर वार्ता -- आभार !!

काफी अच्छे लिंक पढने का अवसर दिया आपने.... बहुत-बहुत धन्यवाद!

हमेशा की तरह प्रशंसनीय

बहुत उम्दा वार्ता ...बहुत सारे लिंक्स मिले ..आभार

यानि अब फ़ुल पावरफ़ुल चर्चा जारी है गुरु

बहुत ही अच्छी चर्चा शिवम भाई ..महफ़ूज़ भाई का दुख सच में ही असहनीय लग रहा है ...स्तब्ध हूं ..पहले डेज़ी , फ़िर हैरी और अब जैंगो के बारे में जानकर ..

यह अंदाज पसंद आया..वाह ...कई अच्छे लिंक भी मिले

महफूज का दर्द समझ सकता हूँ..

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