गुरुवार, 30 सितंबर 2010

मंदिर-मस्जिद का क्या बहाना बनाना - चल तू खैनी घिस - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो,प्रणाम ! जैसा मैंने आपसे कहा था .......जब इस समय में यह ब्लॉग वार्ता लिख रहा हूँ .......आप सब अब तक आज की ब्लॉग वार्ता का आनंद ले चुके होंगे .......ब्लॉग 4 वार्ता  मंच की २०० वी पोस्ट का जश्न ललित भाई ने एक बिलकुल ही अनोखे अंदाज़ में मनवाया !  अक्सर ही आप सब की टिप्पणियों में एक बात होती है....."इतनी महेनत कैसे कर लेते है आप ??" सिर्फ़ एक ही जवाब दे सकता हूँ इस बात का ....और यह केवल मेरे दिल की बात नहीं बल्कि हर चर्चाकार के दिल की बात है चाहे वह किसी भी मंच से ब्लॉग पोस्टो की चर्चा क्यों ना करता हो ....... यह सब आप सब के प्यार से ही संभव है !!  बस इसी तरह अपना स्नेह बनाये रहे ........और हम आपके लिए रोज़ बढ़िया...

बुधवार, 29 सितंबर 2010

200 वीं पोस्ट की विशेष वार्ता पर स्वागत है------ललित शर्मा

ब्लॉग 4 वार्ता की 200 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत हैं,ब्लॉग पर जाने के लिए चित्र पर चटका लगाएं ...

मंगलवार, 28 सितंबर 2010

१९९ वी ब्लॉग वार्ता :- शहीद् ए आजम सरदार भगत सिंह जी के जन्मदिन पर - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो,प्रणाम ! आज जब यह ब्लॉग वार्ता लिख रहा हूँ तो मन में केवल एक विचार आ रहा है .........जिस तरह हम लोगो ने कुछ लोगो को एकदम भुला दिया है ........क्या एक दिन हम लोगो को भी ऐसे ही भुला दिया जायेगा ??  वैसे इस सवाल का जवाब भी है मेरे पास .......जी हाँ ठीक इसी तरह ........बिलकुल इसी तरह से हम सब भी भुला दिए जाने वाले है !! अरे जब बड़े बड़े कारनामे करने वाले वीरो को हम लोग ने भुला दिया तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है ?? क्यों कर याद रखा जाए हम लोगो को ......ऐसा क्या कर रहे है हम किसी के लिए भी जो हमे याद रखा जाए ??  आइये एक ख़त पढवाता हूँ आप सब को ..... “22 मार्च,1931, “साथियो,  स्वाभाविक है कि जीने की...

सोमवार, 27 सितंबर 2010

ब्‍लॉग जगत के प्‍यारे प्‍यारे बच्‍चों में अब शामिल है पंखुरी भी ..ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सभी पाठकों को संगीता पुरी का नमस्‍कार पिछले एक सप्‍ताह से तबियत खराब होने की वजह से ब्‍लॉग जगत से दूर ही रही , पोस्‍ट लिख पाने का मौका तो बिल्‍कुल न मिला , कुछ पोस्‍ट्स पढें अवश्‍य , पर एकाध को छोडकर बाकी को टिपपणी किए बिना ही बंद करना पडा। आज तबियत थोडी अच्‍छी लगी तो नए ब्‍लोग्‍सों को पढने बैठ गयी। पिछले सप्‍ताहों की तुलना में इस सप्‍ताह कुछ कम लिक्‍खाड ही ब्‍लॉग जगत में उतरे , प्रस्‍तुत हैं उनमें से कुछ चिट्ठे और उसमें प्रकाशित सामग्रियां ..... उदय...

रविवार, 26 सितंबर 2010

सैंया सुणो तो सरी --वो सुबह हमीं से आयेगी - ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

पितृपक्ष प्रारंभ हो गए हैं,पौराणिक मान्यता के अनुसार इन 15 दिनों में हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं, तर्पण करते हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती कहते हैं-तर्पण का अर्थ है"अपनी सेवा से पूर्वजों को तृप्त करना। जो कार्य उनके जीते जी किया जाना चाहिए, उसे उनके दुनिया से जाने के बाद करते हैं।"जीवित पिता से दंगम दंगा, मरे पिता को पहुंचाए गंगा।" - जिन्दे को दिया न अनाज, मरे का कर दिया काज।" जीवित माता पिता की सेवा करके उनकी आत्मा को तृप्त करके आशीष लेना चाहिए।...

शनिवार, 25 सितंबर 2010

बंदिशें जाने कितनी, हम बिरासत में ले आये हैं - हिन्दू-मुस्लिम दंगा न भी होता हो किन्तु मीडिया अवश्य ही दंगा करवा दे - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो, प्रणाम ! एक चीता सिगरेट का सुट्टा लगाने ही वाला था की अचानक एक चूहा वहां आया और बोला : " मेरे भाई छोड़ दो नशा , आओ मेरे साथ भागो देखो ये जंगल कितना खुबसूरत है , आओ मेरे साथ दुनिया देखो " चीते ने एक लम्हा सोचा फिर चूहे के साथ दौड़ने लगा . आगे एक हाथी अफीम पी रहा था , चूहा फिर बोला , " हाथी मेरे भाई छोड़ दो नशा , आओ मेरे साथ भागो , देखो ये जंगल कितना खुबसूरत है , आओ मेरे साथ दुनिया देखो " हाथी भी साथ दौड़ने लगा . आगे शेर व्हिस्की पीने की तैयारी कर रहा था , चूहे ने उसे भी वही कहा . शेर ने ग्लास साइड पर रखा और चूहे को 5- 6 थप्पड़ मारे . हाथी बोला , " अरे ये तो तुम्हे ज़िन्दगी की तरफ ले जा रहा है , क्यों मार रहे हो इस...

शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

लाउडस्पीकर होना--तीन तार की चाशनी--बी.बी.सी.--ब्लॉग4वार्ता---ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, चलते हैं ब्लॉग वार्ता पर पारुल कह रही हैं हस्ती से बेग़ाना होना , मस्ती का अफ़साना बनना  क्वार की आहटों में तुम गा रही हो फाग आबिदा, मौसम-बेमौसम एक तुम्हारी ही आवाज़ भली एक तुम्हारी ही लाग… जाने कैसे गुहारती हो वो ह़र हाल सुन ही लेता है... खनन- खन खनकता है तब ही तुम्हारा ह़र लफ्ज़ , तुम्हारी ह़र बात… बाक़ी तो तीन तार की चाशनी ,झूठे बोल पिया के… अरुण राय लिख रहे हैं समय घड़ी के बंद होने से नहीं रुकता समय...

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

गधा सम्मेलन के शुभारंभ सत्र--हाइपोथायरायडिज्म--ब्लॉग4वार्ता---ललित शर्मा

गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ के उद्घोष के साथ आज गणेश भगवान को विदाई दी गयी। हमारे यहां जोर शोर से गणेश पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन वर्तमान में गणेश पूजा का स्वरुप बदल चुका है। पहले 11 दिनों तक गणेश स्थापना के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे। कवि सम्मेलन होते थे, लोग भरपुर मनो रंजन करते थे। लेकिन अबकि बार कुछ इस तरह की सुगबुगाहट भी देखने नहीं मिली। चलिए अब अगले बरस तक गणपति महाराज के आने का इंतजार करते हैं और चलते हैं आज की...

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