बुधवार, 8 सितंबर 2010

शकुनी मामा और महतारी--ऐसा भी होता है ----ब्लाग4वार्ता -----ललित शर्मा

वर्तमान में शहरों में सांस लेना भी मुस्किल हो गया है, लालबत्ती पर कुछ देर खड़े होने से ही आँखों में जलन होनी शुरु हो जाती है, शाम को जब घर पहुंचो तो आँखे लाल मिलती हैं। शहरों मे अस्थमा के मरीजों की संख्या बढती जा रही है। बरसात लगते ही उनकी परेशानी बढ जाती है। इन सब बीमारियों का जन्म पर्यावरण के नुकसान के कारण हुआ है।इसलिए पर्यावरण को बचाना जरुरी है। आज 36 गढ में पोला का त्यौहार मनाया जा रहा है, इस त्यौहार के विषय में जानकारी के लिए यहाँ पर जाएं--अब चलते हैं आज की ब्लाग4वार्ता पर.............

वार्ता की शुरुवात करते हैं एक उम्दा ब्लॉग पर्यावरण से जिस पर अल्पना जी कह रही हैं पर्यावरण संरक्षण में शिक्षक की महती भूमिका.पर्यावरण के प्रति जागरुकता में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जब से शिक्षा के क्षेत्र में मैकाले पद्धति ने प्रवेश किया, तब से प्राचीन ग्रंथों के अध्यापन प्रतिबंध लगा दिया गया और यह पद्धति अंग्रेजों के जाने के बाद भी अनवरत जारी है। जिससे विद्यार्थी बचपन से पर्यावरण की शिक्षा से विमुख रहे।"केरा तबहिं न चेतिया जब ढींग लागी बेर" यह उक्ति यहां पर चरितार्थ होती है। अंधाधुंध वन काटे गए, पहाड़ों का सीना चीर एवं धरती के गर्भ से खनिजों का दोहन किया गया। कल कारखानों के अवशिष्ट पदार्थों पूण्य सलिला नदियों में बहाया गया। जिससे नदियाँ भी प्रदुषित हुई।

जानिए बीबीसी हिंदी रेडियो के कार्यक्रमों(Programme) को डाउनलोड करने बेहद सरल एवं लीगल तरीका बीबीसी मेरा एकमात्र पसंदीदा समाचार स्त्रोत, जिसे मैं करीब जब 8-10 साल का था, तब से सुनता आ रहा हूँ ..दादाजी (जिन्हें हम बाबा कहतें थे) सुनते थे …फिर जब मैंने देश दुनिया को जाना तो उनके साथ बैठकर समाचार स.,, क्रांति दूत पर आज चांदनी घर आयी है.सपने भी न देख सका था, भरकर पेट सोया ही कब था खाकर घाव हमने कांटों से जी भरकर रोया ही तब था. उसे जो उपर बैठा प्रति पल आज मेरी दुनियां भायी है आज चांदनी घर आयी है. पूनम की रौशन रातों में हमने देखा था गुप्प अं...

अलबेला खत्री पूछ रहे हैं प्रीति टेलर को पढ़ते हैं आप ? पढ़ते हैं तो कितना टिपियाते हैं ? आओ बात करें एक अलग विषय परप्यारे मित्रो ! यों तो हिन्दी ब्लॉग जगत में एक से बढ़ कर एक शब्दों के जादूगर और शैलीसम्राट कवि/लेखक मौजूद हैं लेकिन कुछ ही लोग ऐसे हैं जो कविता के माध्यम से सिर्फ़ शब्द साधना में तल्लीन हैं _ उन्हें को. डॉक्टर महेश परिमल कह रहे हैं..सुख हमेशा चेतना से बाहर रहता हैहर पुस्तक अपने ही जीवन से एक चोरी की घटना है. जितना अधिक पढ़ोगे उतनी ही कम होगी स्वयं जीने की इच्छा और सामथ्र्य है. यह बात भयानक है. पुस्तकें एक तरह की मृत्यु होती हैं. जो बहुत पढ़ चुका है, वह सुखी नहीं र...

अर्चना चाव जी ने राजीव तनेजा की एक कहानी को अपना स्वर देकर पॉडकास्ट किया है...मेरी कहानी अर्चना चाव जी की जुबानी. ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया…. आज मुझे कोई ना रोके… बतलाऊँ कैसे कि…मैंने क्या पाया?… ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया… आज मैं खुश हूँ…बहुत खुश…मेरी कहानी छोड़ो ना...कौन पूछता है को आवाज़ जो मिल गई …… ये भी कमाल है--पत्रकार भी गरीबी रेखा के नीचे!भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की बात अगर केन्द्र सरकार मान लेती है तो कम से कम अपने राज्य छत्तीसगढ़ के तो सैकड़ों पत्रकार जरूर गरीबी रेखा के नीचे आ जाएंगे। इन दिनों पत्रकारों के बीच इस बात को लेकर....

धीरु सिंग जी का जन्म दिन हमने भी मनाया-उन्हे आधी रात को फ़ोन लगाया आज धीरू सिंह का जनमदिन हैआज, 6 सितम्बर को दरबार वाले धीरू सिंह का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएं आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। अपने मोबाईल फोन पर SMS के द्वारा जनमदिनों की जा..छोटी सी कविता पढें .लम्बी डगर है, लम्बा सफ़र है.खूबसूरत बनायेगें , दुनिया की झांकी आज मेरे जन्म दिन पर बहुत सारे बधाई संदेश प्राप्त हुए .बधाई संदेश भेजने वाले अधिकांश लोग मेरे ब्लाग जगत...

छप्पन के बचपने का पहला दिन ..... आ ही गया, कल का दिन अहम तो था ही। आखिर हम सुबह सवेरे जब पाँच बज कर उनचास मिनट में छह सैकंड शेष थे तब जिन्दगी के पचपन साल पूरे कर छप्पनवें में प्रवेश कर लिया था। हम ने घोषणा भी कर दी थी कि अब फिर से बचपन आरंभ हो रहा ...वीणा के स्वर कहीं खो गए हैंवीणा के स्वर कहीं खो गए हैं , मुझसे हैं नाराज , जाने कहाँ गुम हो गए हैं , उनके बिना रिक्तता , अनजाने ही मुझमें, घर कर गई है , जब चाहे अपना, आभास करा जाती है , उसे भरना बहुत मुश्किल है , जो कुछ भी हुआ था , उस...

मेरी पहली प्राथमिकता ज्‍योतिष का विकास करने की थी !!अभी तक आपने पढा .... दूसरे ही दिन से टी वी पर ज्‍योतिष के उस विज्ञापन की स्‍क्रॉलिंग शुरू हो गयी थी , जो मैने पिछली पोस्‍ट में लिखा है.... *FOR ACCURATE TIME BOUND PREDICTION AND PROPER COUNSELLING BASED O...नई सुबह -------भाग ४इतना कहकर शैफाली मुझे स्तब्ध खड़ा छोड़कर चली गयी और मैं काफी देर बुत -सा ठगा खड़ा रहा ----------- अब आगे ------------- वो तो दोस्तों ने जब मुझे काफी देर तक दूर खड़ा देखा तो आकर पूछा , "कौन थी वो जो उसके ख्य...

खामोशियाँ ..खामोशियाँ ठहर गयीं हैं आज आ कर मेरे लबों पर खानाबदोशी की ज़िंदगी शायद उन्हें रास नहीं आई इस सृष्टि का रचयिताइस सृष्टि का रचयिता कोई ईश्वर नहीं , स्वयं यह सृष्टि है पश्चिमी धर्म-दर्शन में ईश्वर -गॉड- को इस सृष्टि से परे माना जाता है, जिसकी इच्छा से इस विश्व-ब्र्रह्मांड की रचना होती है और उसकी इच्छा से ही इसका.जो हल निकाला तो सिफर निकले रात कब बीते कब सहर निकले इसी सवाल में उमर निकले तमाम उम्र धडकनों का हिसाब जो हल निकाला तो सिफर निकले बद्दुआ दुश्मनों को दूँ जब भी रब करे सारी बेअसर निकले हर किसी को रही अपनी ही तलाश जहाँ गए जिधर जिधर निकले...

मां ... छिलका उतारते हुए नारियल का * *याद आई-- मां* *अपने रेशे रेशे से बनाया * *जिसने इस गिरी को ...* *उसको हम कहाँ पहचानते आज* * जिसने खुद सहे धुप,बर्फ ,आंधी ,तूफ़ान के थपेड़े * *वो छिलका * *फैक दिया गया है मलबे...किसी ने किसी को नहीं सुना दुनिया की सबसे लम्बी चैटिंग में......मेघ बजै, हवा चलै : धर्मेन्द्र कुमार सिंह "सज्जन"..मेघ बजै, हवा चलै जियरा अगियार जलै धनुष-गगन, बूँद-तीर मन्मथ तन रहा चीर मन होवै अति अधीर पोर-पोर बढ़ै पीर सन-सन पछियाँव बहै बिरही मन आज दहै सूरज ज्यों गले मिलै अमवा झुकि झूमि-झूमि महुआ मुख रहा चूमि भीग रहे पा...

अशोक बजाज को प्रज्ञा सम्मान*प्रधानमंत्री की नसीहत : गरीबों की फज़ीहत पर्यावरण एवं नशामुक्ति के क्षेत्र में अशोक बजाज एवं पत्रकार राजकुमार सोनी को प्रज्ञा सम्मान* ( एक समाचार ) रायपुर।गायत्री परिवार छतीसगढ़...राहुल बाबा थोड़ा क्रिएटिव हो जाइए.. राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में...* *केंद्र से करोड़ों रुपया गरीबों की बेहतरी के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं के लिए यूपी भेजा जाता है लेकिन उस पैसे को यूपी सरकार सही जगह न पहुंचा कर अपने फायदे के लिए इस्तेमा...आज सोनल रस्तोगी, सिद्धार्थ जोशी का जनमदिन हैआज, 7 सितम्बर को - ज्‍योतिष दर्शन, दिमाग की हलचल और मेरे अंचल की कहावतें वाले सिद्धार्थ जोशी - कुछ कहानियाँ, कुछ नज्में वालीं सोनल रस्तोगी का जनमदिन है। 

छत्तीसगढ़ के पांच ब्लाग टॉप 40 मेंदो दिन पहले अचानक चिट्टा जगत के टॉप 40 ब्लागों की सूची पर नजरें पड़ीं तो देखा कि वहां पर छत्तीसगढ़ के पांच ब्लाग हैं। इस समय *ललित डाट काम, अमीर धरती-गरीब लोग, राजतंत्र, आरंभ और धान के देश में *टॉप 40 में...फिर वही शाम है और वही रात है,.फिर वही शाम है और वही रात है, और फिर चांदनी में वही बात है । फिर से वो ही कशिश है फिजाओं में भी और फिर से तुम्हारा हँसी साथ है । फिर.. फिर वही रातरानी है महकी हुई खुशबुएँ और मस्ती, बिखरती हुई कहीं लहरों ... 

महापुरुष-महापुरुष में ज्यादा फर्क नहीं होता उस दिन मंत्री जी को एक महापुरुष की स्मृति में भाषण देना था, लेकिन ऐन वक्त पर उन्हे याद आया कि पी.ए. से भाषण तैयार कराना तो भूल ही गये। समस्या पी.ए. को बताई। पी.ए. ने कहा- 'कोई बात नहीं सर, हालांकि उन मह... क्या उचित क्या अनुचित संबंध बनाए ऐसे लोगों से , कभी दूर रहते थे जिनसे , की चर्चा जिन बातों की , क्या विश्वास किया था पहले , धर्म ,जाति , भाषा ,प्रान्त , जाने क्या सोच लिया तुमने , पहले भी बहुत सोचते थे , पर अन्याय ना सह पाते थे ,...
अक्सर रुखी रातों में ......रानीविशाल अक्सर रुखी रातों में बेबस यादों के साए जब मंडराते है इधर उधर तब दर्द मसकते दिल के छाले चटक चटक कर फूटते है तब टिप टिप कर रिसने लगता है वो दर्द का दरिया जो छुपा हुआ था तपस आलोक में जो कई तहों .शकुनी मामा और महतारीआम तौर पर मुंबई के लोग बाहर काम करने तब निकलते हैं जब मुंबई में उन्हें कोई पूछता नहीं है. शकुनी मामा भी कई दिन से ख़ाली थे, रायपुर का एक धूर उनके सम्पर्क में आया तो शकुनी मामा ने तत्काल बिसात बिछा दी. हिंद..

कैसा कैसा ऐसा भी होता है :-)अरजेंटाइना के ब्यूनस आयर्स के एक मदिरालाय में श्रीमान गोमेज ने एक अनोखी शर्त जीती। उसने शीर्षासन करते हुए बीयर की दस बोतलें पी ड़ालीं। अपने यहां जनहित में अखबारों में बहुत कुछ छपता रहता है। ऐसे ही जरमनी की ...मर्म का अन्वेषणचित्रकार, फोटोग्राफर, पत्रकार रमन किरण एक हिन्दी पत्रिका 'जंगल बुक' हर महीने निकाल रहे हैं, एक और त्रैमासिक कला पत्रिका 'नया तूलिका संवाद' निकालने की तैयारी कर चुके हैं। रमन, कवि हैं उनके दो कविता संग्रह ....

बच्चों की शिक्षा के एवज में ली गई फीस की राशि से मिडिया का धंधा , स्कूल सभी सुविधा विहीनडॉल्फिन इंटरनेशनल स्कूल और डॉल्फिन न्यूजविजन प्राइवेट लिमिटड एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । मीडिया को परचून की दुकान समझने वाले डॉल्फिन इंटरनेशनल स्कूल के राजेश शर्मा उनकी धर्मपत्नी उमा शर्मा अ...
धन्यवाद धन्यवाद और धन्यवादधन्यवाद धन्यवाद और धन्यवाद . इसके सिवा और कुछ कह भी तो नहीं सकता . ५ सितम्बर को रात में सोया था तब तक आने वाली खुशियों से अन्जान था . ठीक १२ बजे मोबाइल बजा उधर से आवाज़ थी आपको जन्मदिन की शुभकामनाये .क्या.....

चतुरानाऊ भोकवा पांड़े--एक कहानी........पढ़िए 

अब देते हैं ब्लॉग4वार्ता को विराम-आपको ललित शर्मा का राम राम

21 टिप्पणियाँ:

हमेशा की तरह बहुत सुन्दर और व्यवस्थित चर्चा .....धन्यवाद !

अच्छी चर्चा और लिंक्स के लिए बधाई |
आशा

ललित भाई, बेहद उम्दा लिंक्स से भरपूर इस रोचक ब्लॉग वार्ता में मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

बढ़िया लिंक्स...सुन्दर चर्चा

पोला तिहार के गाड़ा गाड़ा बधई, ललित भाई

सार्थक और सराहनीय लिंक से सुसज्जित चर्चा ...

मस्त एकदम मस्त वार्ता ... बधाई

बहुत बढ़िया वार्ता ...काफी लिंक्स मिले ...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार .

बहुत उम्दा सरकार
क्या चर्चा किये हो

सुन्दर और व्यवस्थित चर्चा.

हमेशा की तरह बहुत सुन्दर और व्यवस्थित चर्चा .....धन्यवाद !

अच्छी चर्चा और लिंक्स के लिए बधाई |

पोला की बधाई.. बढ़िया लिंक लगाई..

अच्छी चर्चा । धीरूभाई को जन्मदिन की बहुत बधाई ।

बहुत सुन्दर चर्चा
धन्यवाद !

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