गुरुवार, 16 सितंबर 2010

राधाष्टमी पर चार पद - दुनिया की अदालत में खड़े भगवान ? - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

कल राधा अष्टमी थी | हमारे यहाँ बिहारी जी का एक प्राचीन मंदिर है, सालो से हर राधा अष्टमी के दिन यहाँ मेला लगता है | आइये थोडा जाने राधा - कृष्ण के बारे में ! 

कृष्ण शब्द हैं तो राधा अर्थ.., कृष्ण गीत हैं तो राधा संगीत.., कृष्ण वंशी हैं तो राधा स्वर.., कृष्ण समुद्र हैं तो राधा तरंग..,कृष्ण फूल हैं तो राधा उसकी सुगंध.. राधा के आराधकों ने कृष्ण और राधा का एकाकार स्वरूप दर्शाने के अनेक प्रयास किए हैं।
कई लोगों की मान्यता है कि श्रीकृष्ण और राधा अलग-अलग होते हुए भी एक हैं। पहली समानता तो यही है कि दोनों का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी को हुआ। मान्यता है कि कृष्ण का जन्म कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ, तो राधा का शुक्लपक्ष अष्टमी को। अनेक विद्वान मानते हैं कि राधा और कृष्ण दोनों एक ही हैं। नारद पंचरात्र के 'ज्ञानामृतसार' के अनुसार, राधा और कृष्ण एक ही शक्ति के दो रूप हो गए। वहीं चैतन्य सम्प्रदाय भी राधा और कृष्ण में भिन्नता को नहींमानता।
श्रीमद्भागवत् में वर्णन है कि श्रीकृष्ण ही एकमात्र भगवान हैं, बाकी सब उन्हीं के अंश हैं। यहां यह उल्लेख है कि कृष्ण की एक परा शक्ति है जिनका नाम आल्हादिनी शक्ति है। उसे स्वरूप शक्ति भी कहते हैं, वे कृष्ण से अभिन्न हैं। वे ही राधा जी हैं। यह भी मान्यता है कि श्रीकृष्ण में 'श्री' शब्द राधा जी के लिए ही प्रयुक्त हुआ है। 'सूरसागर' में सूरदास जी ने भी एक दोहे में लिखा है कि श्रीकृष्ण की सोलह हजार गोपिया मात्र देह हैं, जबकि उनकी आत्मा राधा हैं।

लीजिये एक भजन का भी आनंद लीजिये ..............
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वैसे हम तो इतना ही जानते है कि.................... मथुरा के पास रहोगे तो राधे राधे कहोगे !! 

और मैनपुरी भी मथुरा से ज्यादा दूर थोड़े ही है ......

तो जी लीजिये हम भी राधे राधे करते हुए ब्लॉग 4 वार्ता  के इस मंच से आप सब को लिए चलते है आज कि ब्लॉग वार्ता की ओर !

राधे ... राधे .. जय श्री राधे ...

सादर आपका

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किला फतह :- हुआ कि नहीं ?


"सत्य" --- एक खोज :- लगे रहिये !




राधाष्टमी पर चार पद.... :- राधे... राधे...जय श्री राधे !!

इमेज ! :- का सवाल है बाबा !

मर्दों के लिए मर्द बहुतेरे :- माँ दा लाडला सच में बिगड़ गया क्या ?



हिन्दी दिवस :-मुबारक हो सबको !








दुनिया की अदालत में खड़े भगवान ? :- क्या इन्साफ मिलेगा ?

क्या आप जिन्ना के बारे में ये जानते हैं...खुशदीप :- जितना जानते है क्या वह कम है ?

अपने जीवन की एक नई पारी की शुरुआत -- शुभकामनायें अपेक्षित :- बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

एक खुला पत्र ब्लॉग सदस्यों के नाम ! :- अरे क्या हो गया ?

बनारस की यात्रा..... :- बहुत खूब !!

हो रहा भारत निर्माण .........शेफाली :- कहाँ......किस कारखाने में ??

लन्दन वाले कपड़े अब खादी हो गए हैं---------------->>>दीपक मशाल :- अब तो सारे नेता ही गांधी हो गए !!

कश्मीर पर क्या आप चुप ही रहेंगे...खुशदीप :- और कर भी क्या सकते है .... जब प्रधानमंत्री अदालतों को चुप करवा सकते है तो हमारी बिसात क्या ?

अब आप सब राधा अष्टमी मेले का आनद लीजिये !

राधा अष्टमी पर विशेष :- राधे... राधे...जय श्री राधे !! :- लीजिये मेले का आनंद !
 
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आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक .......अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......

जय हिंद !!

12 टिप्पणियाँ:

बहुत अच्‍छी वार्ता शिवमजी .. आभार !!

राधे-राधे शिवम भाई
वार्ता के लिए शुभकामनाएं
उम्दा लिंक दिए हैं।
वीडियो ने तो चार चाँद लगा दिए
आभार

उम्दा प्रस्तावना और फिर बेहतरीन लिंक्स...आभार!!

मेरी शायरी और कविता दोनों लिंक वार्ता में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद शिवम जी!
बहुत सुन्दर और शानदार ब्लॉग वार्ता रहा! उम्दा प्रस्तुती!

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@--कृष्ण शब्द हैं तो राधा अर्थ.., कृष्ण गीत हैं तो राधा संगीत.., कृष्ण वंशी हैं तो राधा स्वर.., कृष्ण समुद्र हैं तो राधा तरंग..,कृष्ण फूल हैं तो राधा उसकी सुगंध..

bahut sundar charcha shivam ji.

aabhaar.

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अच्‍छी वार्ता शिवम जी !

meri post nahin li fir bhi kahunga achchi varta...ha ha ha.

प्रशंसनीय है आपकी मेहनत.. आभार शिवम् जी..

आपका आलेख और फिर रस में पगा भजन ...इसके बाद कुछ कहने सुनने लायक स्थिति बच जाती है क्या ?????

कोटिशः आभार आपका ...... बहुत बहुत आभार !!!!

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