बुधवार, 15 सितंबर 2010

हिन्दी-डे का सेलीब्रेशन - हिन्दी है हम, हिन्दी दिवस पर सभी ब्लोगर्स को मेरी शुभकामनायें - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो,
प्रणाम !

आजकल ब्लॉग जगत में हिंदी दिवस की धूम मची है ..... और हो भी क्यों ना आखिर अपनी हिंदी है ही ऐसी ....और अब तो देश के वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि अंग्रेजी की तुलना में हिंदी भाषा बोलने से मस्तिष्क अधिक चुस्त-दुरुस्त रहता है।

क्या कहा आप नहीं मानते ....कमाल है ......लीजिये खुद ही पढ़ लीजिये .....

यदि आप हिंदी भाषी हैं और आधुनिक सभ्यता के शौकीन होकर बिना जरुरत अंग्रेजी बोलने की लत पाल चुके हैं तो जरा सावधान हो जाइए। देश के वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंग्रेजी की तुलना में हिंदी भाषा बोलने से मस्तिष्क अधिक चुस्त-दुरुस्त रहता है।
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र के डॉक्टरों ने एक अनुसंधान के बाद कहा है कि हिंदीभाषी लोगों के लिए मस्तिष्क को चुस्त-दुरुस्त रखने का सबसे बढि़या तरीका यही है कि वे अपनी बातचीत में अधिक से अधिक हिंदी भाषा का इस्तेमाल करें और अंग्रेजी का इस्तेमाल जरुरत पड़ने पर ही करें। विज्ञान पत्रिका 'करंट साइंस' में प्रकाशित अनुसंधान के पूरे ब्यौरे में मस्तिष्क विशेषज्ञों का कहना है कि अंग्रेजी बोलते समय दिमाग का सिर्फ बायां हिस्सा सक्रिय रहता है, जबकि हिन्दी बोलते समय मस्तिष्क का दायां और बायां, दोनों हिस्से सक्रिय हो जाते हैं जिससे दिमागी स्वास्थ्य तरोताजा रहता है।
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र की भविष्य में अन्य भारतीय भाषाओं के प्रभाव पर भी अध्ययन करने की योजना है। अनुसंधान से जुड़ी डाक्टर नंदिनी सिंह के अनुसार मस्तिष्क पर अंग्रेजी और हिंदी भाषा के प्रभाव का असर जानने के लिए छात्रों के एक समूह को लेकर अनुसंधान किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र द्वारा कराए गए इस अध्ययन के पहले चरण में छात्रों से अंग्रेजी में जोर जोर से बोलने को कहा गया और फिर हिंदी में बात करने को कहा गया।
इस समूची प्रक्रिया में दिमाग का एमआरआई किया जाता रहा। नंदिनी के अनुसार मस्तिष्क के परीक्षण से पता चला है कि अंग्रेजी बोलते समय छात्रों के दिमाग का सिर्फ बायां हिस्सा सक्रिय था, जबकि हिंदी बोलते समय दिमाग के दोनों हिस्से [बाएं और दाएं] सक्रिय हो उठे। अनुसंधान टीम का कहना है कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अंग्रेजी एक लाइन में सीधी पढ़ी जाने वाली भाषा है, जबकि हिंदी के शब्दों में ऊपर-नीचे और बाएं-दाएं लगी मात्राओं के कारण दिमाग को इसे पढ़ने में अधिक कसरत करनी पड़ती है जिससे इसका दायां हिस्सा भी सक्रिय हो उठता है।
इन डाक्टरों की राय है कि हिंदीभाषियों को बातचीत में ज्यादातर अपनी भाषा का इस्तेमाल ही करना चाहिए और अंग्रेजी को जरुरत पड़ने पर संपर्क भाषा के रूप में। इस अनुसंधान के परिणामों पर जाने माने मनोचिकित्सक डा. समीर पारेख ने कहा कि ऐसा संभव है। उनका कहना है कि हिंदी की जिस तरह की वर्णमाला है, उसके मस्तिष्क को कई फायदे हैं।

अब तो यकीन हुआ ना .......चलिए अब चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर ......ब्लॉग ४ वार्ता  मंच की यह १८६ वी ब्लॉग वार्ता है !

सादर आपका 

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अनुभव ! :- कैसे कैसे ?









द ट्रेन... :- इंसानियत की एक मिसाल ! !

आज मेरी बेटी का जन्म दिन है :- बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! !

धीरुभाईज्म :- को आप मानते है क्या ?

अस्पताल ---- :- किसी को कभी जाना ना पड़े !

हिन्दी है हम, हिन्दी दिवस पर सभी ब्लोगर्स को मेरी शुभकामनायें :- आपको भी !

आनर किलिंग का विरोध करने वाले गद्दार ही तो हैं !! :-  पर किस की नज़र में ?

ये हिन्दी हिन्दी क्या है :- हमारी अपनी भाषा है, और क्या है !

कहीं मैं ' बड़ा आदमी ' तो नहीं बन गया हूँ ? :- हमे क्या पता आप बताओ ??

हिंदी दिवस २००६ : मौत के साए में ! :- अरे बाप रे !

दू ठो नान्हे कहिनी :- सिर्फ़ दू ठो ?

वर्तमान परिदृश्य में ब्लॉग लेखन द्वारा विज्ञान संचार। - बी एस पाबला :- करना जरूरी हो गया है !

आप को क्या लगता है की जुगाड़ सिर्फ भारत का आम आदमी ही करता है जरा इनको देखिये :- वाह भाई वाह !!

कहाँ बुढापा ज्यादा . :-  दिमाग में !

गणपति बप्पा मोरया... :- पुढच्या वर्षी लाउकर आ !!


लागोस से ई-मेल पर मिली एक मार्मिक घटना का ब्योरा. एक नजर जरूर डाल लें :- जी जरूर !

…टिप्पणी बंद करने के साइड इफ़ेक्ट :- बहुत से है !!

नाम अमर करने की चाह :- कभी कभी घातक भी हो जाती है !


हिन्दी - अंग्रेजी का युद्ध ... :- चलता रहेगा !

रोटी छीनकर सेंकते हैं रोटियां वो.................... :- नेता यहाँ कहलाये जो !

परी है वो :- कौन ?


मेरी 'मैं' तुम्हारी 'मैं ' से मिलते नहीं... :- मैं + मैं  = हम !!

आइना हमारे जैसा नहीं है :-  तो किस के जैसा है ?

निरक्षर इज्जत पाते हें ... :-  जरूर कोई मंत्री होगा !!

आप विशेष हैं लेकिन पारिवारिक प्रेम आपको अतिविशेष बनाता है – अजित गुप्‍ता :- सत्य वचन!

!! जख्म !! :- ज्यादा गहरे तो नहीं ?

"आख़िर लाचार कौन था ?" :- वही सर्वशक्तिमान !

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आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक .......अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......

जय हिंद !!

28 टिप्पणियाँ:

ब्लॉग वार्ता 4 रोचक रही । जरूर जाना होगा इन चिठ्ठों पर । हिन्दी दिवस की शुभ कामनाएँ । हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा । जय हिन्द जय हिन्दी ।

अ,रे आपका धन्यवाद करना तो भूल ही गई, आपने हिन्दी बोलने से दिमाग तेज होने की खबर जो दी । आभार ।

हिन्दी दिवस की शुभ कामनाएँ...

आपकी एक लाइना पढकर मजा आ जाता है .बढ़िया वार्ता.

बढ़िया चर्चा है...कई सारे अच्छे लिंक्स मिले...शुक्रिया

शिवम् जी

ब्लॉग ४ वार्ता में मेरे ब्लॉग की चर्चा करने के लिए धन्यवाद | आपकी वन लाइनर हमेशा की तरह अच्छी लगी |

सुगढ वार्ता के लिए आपका आभार

अच्छी वार्ता |मस्तिष्क की सक्रियता पर बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने |पुनःहिन्दी दिवस पर शुभ कामना के साथ ,
आशा

शिवम्
जी धन्यवाद जो आपने मेरी पोस्ट को इस ब्लॉग ४ वार्ता में शामिल किया परन्तु इसी पोस्ट को लेकर कुछ विवाद उत्पन्न हो गया है ,
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......


मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.html
कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...

सच में , आज तो हिंदी का ही बोल बाला रहा । हमें भी बहुत अच्छा लगता है हिंदी में बात चीत करना , विशेष कर शुद्ध हिंदी में ।

गजब.... बहुत सुन्दर वार्ता....

मैं अधिकतर आपकी ब्लॉग वार्ता के लिंक देखा करती हूँ. हमेशा बहुत मेहनत से आप वार्ता तैयार करते हैं. मन में हमेशा एक चाहत होती थी की कभी मेरी किसी रचना को भी इस ब्लॉग ४ वार्ता में स्थान मिले, और आज ये खुशी का पल आ ही गया. खुद को बहुत ही खुशकिस्मत मान रही हूँ की आपने मेरी रचना को यहाँ सम्मान दिया.

इस सुंदर वार्ता और मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभारी हूँ.

हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!

सादर

समीर लाल

शिवम् जी
अच्छी वार्ता प्रस्तुत की आपने....
आपका शुक्रिया मेरी पोस्ट की चर्च यहाँ करने के लिए....

मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभारी हूँ.

ब्लॉग 4 वार्ता बहुत बढ़िया रही है!
--
बधाई!
--
दो दिनों तक नेट खराब रहा! आज कुछ ठीक है।
शाम तक सबके यहाँ हाजिरी लगाने का

बहुत अच्छे लिंक और आपका पेश करने का ढंग भी बेहतरीन ... अच्छी लगी वार्ता .. बधाई

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