पिछले एक सप्ताह से तबियत खराब होने की वजह से ब्लॉग जगत से दूर ही रही , पोस्ट लिख पाने का मौका तो बिल्कुल न मिला , कुछ पोस्ट्स पढें अवश्य , पर एकाध को छोडकर बाकी को टिपपणी किए बिना ही बंद करना पडा। आज तबियत थोडी अच्छी लगी तो नए ब्लोग्सों को पढने बैठ गयी। पिछले सप्ताहों की तुलना में इस सप्ताह कुछ कम लिक्खाड ही ब्लॉग जगत में उतरे , प्रस्तुत हैं उनमें से कुछ चिट्ठे और उसमें प्रकाशित सामग्रियां .....
मोहन गोकुल में हुआ एक साल का आज
सदा माताकी गोद जो खेलत रहे अब भी
बड़ी प्यारी लगे माता की प्यारी नजर्यसदा रहत यशोदा का हाथ मोहन शीरननद रानी सूनवे मीठी मीठी कहानीफरते ही मीठी निंद्रा में डूब जावे प्यारी
पंखुरी बेटी अभी खुद पौने दो साल की हैं लेकिन उनके लिये एक दिन से दस साल तक के सारे बच्चे बाबू होते हैं.यहाँ तक कि अगर अपनी भी तस्वीर देख लें तो कहती हैं - बाबू ए (बाबू है).ऐसे में जब पडोस में रहने वाला एक साल का प्रथम उनके घर आया तो बाबू को देख कर पंखुरी खूब खुश हो गयीं.
वो देखो फिर एक सपना जल रहा हैं..
उठते हुए धुँए में इंसां नया पल रहा हैं
देखा था जो सपना उस रात को
सोचा, समझा और जाना उस बात अनजानी बात को,
कि कहीं जिसे समझा सूरज जीवन का, क्या अब वो ढल रहा हैं ?
उठते हुए धुँए में इंसां नया पल रहा हैं
देखा था जो सपना उस रात को
सोचा, समझा और जाना उस बात अनजानी बात को,
कि कहीं जिसे समझा सूरज जीवन का, क्या अब वो ढल रहा हैं ?
वो देखो फिर एक सपना जल रहा हैं.......
नवीन रचनाओं तथा रचनाकारों को प्रोत्साहित करती नवपुष्प इसमें केदार नाथ कादर जी की रचना देखिए .......
मैं उसे देखकर व्यथित था
उसकी उम्र और देह गोलाइयों से
उसमे क्या कोई भी कमी थी
बस वह चल ही तो नहीं सकती थी
हाँ वह विकलांग थी पैरों से
मुस्कुराती थी बहुत बातें बनाती थी
रोज़ मिलती थी मुझे बस स्टैंड पर
वह वैसाखियों से चलती थी
हाँ वह वैसाखियों से सिर्फ चलती थी
उसकी उम्र और देह गोलाइयों से
उसमे क्या कोई भी कमी थी
बस वह चल ही तो नहीं सकती थी
हाँ वह विकलांग थी पैरों से
मुस्कुराती थी बहुत बातें बनाती थी
रोज़ मिलती थी मुझे बस स्टैंड पर
वह वैसाखियों से चलती थी
हाँ वह वैसाखियों से सिर्फ चलती थी
विश्वामित्र और मेनका की कहानी का ज़िक्र तो अक्सर सुनने में आ जाता है | जब भी कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति को कमज़ोर करने के लिए नारी सौंदर्य का प्रयोग करता है| तब तो यह कहानी उपमा अलंकार बनकर समक्ष खड़ी हो जाती है| आखिरकार देवो के राजा देवराज इन्द्र ने धरती के एक सन्यासी राजा के तप से भयभीत हो स्वर्ग की सबसे सुन्दर अप्सरा की मद्दद से उसका तप भंग किया| विश्वामित्र मेनका के रूप,सोन्दर्य के जादू से अपनी वासना पर नियंत्रण नहीं रख पाए और उनका कठोर तप भंग हो गया| बस इतनी सी कहानी है एक ध्येय और ध्येय प्राप्ति कहानी समाप्त |
जीवन अनमोल होता है, जीवन भगवान के द्वारा हमें दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है, और भी न जाने कितने शब्द जीवन की महत्ता को दर्शाने के लिए कवियों की कलम से निकले. लेकिन जब कभी जीवन की सुंदरता के पीछे छुपे बदसूरत चेहरे को देखा तो लगा कि यह तो वही बात है कि बदसूरती छुपाने के लिए परमात्मा ने भी प्लास्टिक सर्जरी कर रखी है जिन्दगी की. कभी-कभी तो लगता है कि प्रकृति के नियम अच्छे हैं, हर रात के बाद सवेरा कर ही देता है, लेकिन कुछ लोगों की जिन्दगी में भगवान ने सिर्फ रात ही क्यों लिखी है?
ब गूंजे स्वर एक साथ
बोलो जय बाबा अमरनाथ,
शोले भड़के हिम के ह्रदय में
हुआ अम्लाछादित घाट घाट ।
क्या भूल गए वह जन सागर
जो उमड़ पड़ा था सड़कों पर ,
काश्मीर जब बंद हुआ था ,
हिन्दू शक्ति के दम पर
बोलो जय बाबा अमरनाथ,
शोले भड़के हिम के ह्रदय में
हुआ अम्लाछादित घाट घाट ।
क्या भूल गए वह जन सागर
जो उमड़ पड़ा था सड़कों पर ,
काश्मीर जब बंद हुआ था ,
हिन्दू शक्ति के दम पर
इतिहास परीक्षा थी उस दिन चिंता से ह्रदय धड़कता था ,
थे शगुन बुरे घर से चलते वक़्त दाया नयन फड़कता था।
जितने प्रशन मैंने याद किये उनमेसे आधे याद हुए ,
आधे में से बचे हुए स्कूल जाते जाते बर्बाद हुए ।
तुम बीस मिनट हो लेट गेट पर द्वारपाल चिल्लाई ,
मै मेल ट्रेन की तरह दौड़ कर कक्षा के भीतर आई ।
थे शगुन बुरे घर से चलते वक़्त दाया नयन फड़कता था।
जितने प्रशन मैंने याद किये उनमेसे आधे याद हुए ,
आधे में से बचे हुए स्कूल जाते जाते बर्बाद हुए ।
तुम बीस मिनट हो लेट गेट पर द्वारपाल चिल्लाई ,
मै मेल ट्रेन की तरह दौड़ कर कक्षा के भीतर आई ।
खुद को कश्मीरी जनता का हमदर्द बताकर इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा के तौर पर संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने का दम भरने वाला पाकिस्तान शायद यह भुल गया है कि कश्मीर का कुछ हिस्सा उसके पास भी है। जिसे संभाल पाने में वह पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है, जहां लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पीओके की जनता को मूलभूत जरूरतें मुहैया कराने में नाकाम रही पाकिस्तान सरकार क्या कश्मीरी जनता का ख्याल रख पाएगी।
सच पूछो तो जीवन मे बस प्यार ही प्यार था
जब हमारे समाज मे संयुक्त परिवार था
दादा दादी , चाचा चाची,
ताऊ ताई , बहन भाई ,
किसी एक की ख़ुशी मे पूरे परिवार का चेहरा खिलता था
और हर एक बच्चे को कई कई माताओं का प्यार मिलता था
जब हमारे समाज मे संयुक्त परिवार था
दादा दादी , चाचा चाची,
ताऊ ताई , बहन भाई ,
किसी एक की ख़ुशी मे पूरे परिवार का चेहरा खिलता था
और हर एक बच्चे को कई कई माताओं का प्यार मिलता था
अँधेरे के सौदागर करते हैं
जहाँ रोशनी की तिजारत ,
डाकू और लुटेरे रखवाले हैं |
वहां क्या दुखड़ा रोना रोज -रोज व्यवस्था का
देश ही समूचा जब नियति के हवाले है |
अब यहाँ कोई बीमारी से नहीं
भूख से या फिर हादसों में बेमौत मरते हैं |
डाकू और लुटेरे रखवाले हैं |
वहां क्या दुखड़ा रोना रोज -रोज व्यवस्था का
देश ही समूचा जब नियति के हवाले है |
अब यहाँ कोई बीमारी से नहीं
भूख से या फिर हादसों में बेमौत मरते हैं |
रोजगारपरक हिंदी भाषा प्रशिक्षण संसथान , दिल्ली
वर्तमान संपर्क पता -14/455, प्रथम तल,वसुंधरा कॉलोनी , गाज़ियाबाद (उ.प्र.)
ई-मेल:- rojgarihindi@gmail.com http://www.rojgarparakhindi.blogspot.com
Mobile No.09958416677.संस्थापक:- जीतेंद्र जीत
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आइए सीखें रोजगारपरक हिन्दी
दोस्तों ! यह वह हिन्दी है जिसे सीखकर आपको 100 % काम मिलेगा ही मिलेगा .
दोस्तों ! यह वह हिन्दी है जिसे सीखकर आपको 100 % काम मिलेगा ही मिलेगा .
संत कुलभूषण कवि रैदास उन महान् सन्तों में अग्रणी थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान किया। इनकी रचनाओं की विशेषता लोक-वाणी का अद्भुत प्रयोग रही है जिससे जनमानस पर इनका अमिट प्रभाव पड़ता है। मधुर एवं सहज संत रैदास की वाणी ज्ञानाश्रयी होते हुए भी ज्ञानाश्रयी एवं प्रेमाश्रयी शाखाओं के मध्य सेतु की तरह है।
पिछले कुछ सालों से भारत में बाबा रामदेव के प्राणायाम और योगासनो ने एक लहर सी चला रखी है। क्यों न चले जब इससे असाध्य रोगो में लोगों को फायदा हो रहा हो. कैन्सर,मधुमेह, ब्लड प्रेशर, बढा वजन और ढेड सारी बिमारिया जिसका आपने शायद नाम भी न सुना होगा, मे लोगो को इससे लाभ हो रहा है.
दूसरी सब से बडी बात जो हमने देखी है कि बाबा के प्राणायाम बहुत ही आसान है. मुख्यत: कपालभाति और अनुलोम-विलोम तो बहुत ही आसान और जल्द ही असर दिखाने वाले है. बाबा के सात प्राणायाम ,सात सूक्ष्म व्यायाम और सात आसन जो अति सरल है करने मे करीब १ घन्टा समय लगता है.
अब आप सबसे विदा लेती हूं .. मिलती हूं अगले सप्ताह फिर से नए चिट्ठों के साथ |
20 टिप्पणियाँ:
ब्लॉग-वार्ता तो बहुत सुंदर लगी..धन्यवाद..आपको जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ..शीघ्र पूर्ण रूप से स्वास्थ लाभ हो..बढ़िया चर्चा के लिए धन्यवाद संगीता जी
ब्लॉग-वार्ता तो बहुत सुंदर लगी..धन्यवाद
नए चि्ट्टों की सुंदर वार्ता के लिए आपका आभार।
शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ हो।
अच्छे लिंक्स , अच्छी वार्ता । धन्यवाद शीघ्र स्वस्थ-प्रसन्न हों -इन्हीं शुभकामनाओं के साथ -आशुतोष मिश्र
बहुत खूबसूरती के साथ शब्दों को पिरोया है इन पंक्तिया में आपने .......
पढ़िए और मुस्कुराइए :-
आप ही बताये कैसे पार की जाये नदी ?
बहुत अच्छी वार्ता ...नए चिट्ठों की जानकारी मिली ...आभार
लिंक तो उम्दा हैं पर समय मिलते ही विसिट कर सकता हूं
बहुत महेनत से सजाई है यह ब्लॉग वार्ता आपने .....बहुत सारे नए लिंक्स है.....सभी पर जाना बाकी है ....आभार !
एक सादी और सार्थक चर्चा। बधाई।
बहुत बढिया लिंक्स के साथ ब्लोग वार्ता लगाई है।
बहुत सुन्दर बागबाड़ी सजाई है आपने!
ब्लॉग वार्ता नए चिट्ठों के साथ अच्छी लगी...
बहुत कुछ पढ़ने को मिल गया आपके ब्लॉग पर इसके लिए आभार
रोचक ओर मनमोहक चर्चा के लिए बधाई। आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें... शुभकामनाएं।
चर्चा अच्छी रही..... कृपया स्वस्थ्य का ख्याल रखें...
कई अन्जाने लिंक मिल जाते हैं यहाँ
हमेशा की तरह बढ़िया
बहुत प्यारी वार्ता ..आभार.
बहुत अच्छी प्रस्तुति
बहुत अच्छी प्रस्तुति
thank sangeeta ji for your this kind concern.
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