मंगलवार, 21 सितंबर 2010

दुनिया रंग बिरंगी .. प्रत्येक रविवार को एक पोस्ट का पोस्टमार्टम देखिए .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

व्‍यस्‍तता की वजह पिछले दो तीन सप्‍ताह इस मंच पर नए चिट्ठे और चिट्ठाकारों का स्‍वागत नहीं हो सका  , आज इस सप्‍ताह के चिट्ठों के साथ प्रस्‍तुत हूं ....


दुनिया रंग बिरंगी ... लेकर आए हैं कमल शुक्‍ला जी .....
उनका एक सुंदर आलेख पढिए ... मिट्टी का मकान है पर्यावरण की जरूरत .....



(मकडी)
धागा  बुना   अंगना में मैंने
जाल बुना कल रात मैंने 
         जाला झाड साफ़ किया है वास *
आओ ना मक्खी मेरे घर
आराम मिलेगा बैठोगे जब 
         फर्श बिछाया देखो एकदम खास *
         (मक्खी)
छोड़ छोड़ तू और मत कहना 
बातों से तेरा मन गले ना 
         काम तुम्हारा क्या है मैं सब जानूं* 
फंस गया गर जाल के अन्दर 
कभी सुना है वो लौटा फिर 
         बाप रे ! वहाँ घुसने की बात ना मानूं *

कल रात का था आलम कुछ ऐसा !
नैना बरसे , बादल भी बरसा !!
बात जो निकली जुबां से एक पल में !
असर दिखा उसका इक अरसा !







नहीं कटा हमसे ना उनसे !
रात का वो प्रहर चुइंगम सा !!
वही कहें , बोलें, और सुनाये !
हम सुने , जैसे कोई बुत था !!

ओम प्रकाश जी के चिट्ठे पर पढें ... ज्ञानप्रकाश जी की यादें ..... 

मेरा भाई ज्ञान प्रकाश जो अब हम लोगो के साथ नहीं है। १६ दिसम्बर १९९५ से २ जुलाई २०१० तक उसका साथ था। उसका प्यारा साथ, बचपन की शरारते, रूठना मानना फिर ज्ञान जी, ज्ञान , बहुत सारे नामो से पुकार के उसको बुलाना। जब वो था तब कभी हमलोगों ने नही सोचा होगा की हम सब का साथ छोड़ के ये बहुत पहले ही चला जायेगा।
आज इस दुनिया में सब कुछ तो है, मगर उसकी एक झलक नही मिल सकती। उसके वो आवाज नही मिल पाएंगे। मै चाहता हू उसकी एक आवाज सुनु बड़का भैया हो.मगर मै जनता हू की मेरी ये तमन्ना पूरी नही हो सकती फिर भी पता नही क्यों ये दिल कहता है मेरा भाई ज्ञान जी अभी जिन्दा है।

(08 सितंबर को अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर विशेष)
क्या हम सचमुच साक्षर हैं? क्या जातिवाद और धार्मिक मुद्दे हमारे लिए गौण हो चुके हैं, हमारे देश का शैक्षिक ढांचा एवं नीतियां कितनी कारगर साबित हुई, बिना ढांचागत विकास के विदेशी विश्वविद्यालयों के आगमन से कहीं उच्चशिक्षा में डिग्रियों की खरीद-फिरोख्त तो शुरू नहीं हो जाएगी? ऐसे ही तमाम सवालों के बीच...
हम 08 सितंबर को अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाएंगे, भारत को आजाद हुए 63 साल हो गए, चीन व साउथ अफ्रीका ऐसे देश हैं जिन्हें भारत के बाद स्वतंत्रता मिली, किंतु उन्नति की गति में भारत से तेज क्यों? 

विवेक कुमार जी को यहां पढिए .....
भूल गया हूँ वो सुन्दर गीत
बरबस ही कभी गुनगुनाया करता था
मिलती नहीं वह मधुर ध्वनि
बजती थी कभी कानो में
करता हूँ कभी सुनने की कोशिश
घोड़े के टाप बजते है
करूँगा मैं एक बार फिर कोशिश
की कोशिश ही है मेरी ताकत 



कीर्तिवर्द्धन जी की भावपूर्ण रचना पढें ....
मित्र ,आपके पास एक छोटी बच्ची जो हॉस्टल मे भेज दी गई है उसका दर्द भेज रहा हूँ आपकी प्रतिक्रिया चाहता हूँ.
मेरा दिल है बड़ा उदास.
आओ पापा मेरे पास
मेरा दिल है बड़ा उदास
मम्मी की भी याद सताती
भैया को मैं भूल न पाती.
तुमसे मैं कुछ न मांगूगी
पढने मे प्रथम आउंगी
रखो मुझको अपने पास
मेरा दिल है बड़ा उदास.




नेता जी ओ नेता जी देश में निजीकरण
का कोई अदभुद अलख जगाइए,
यू एस को शिक्षा स्वस्थ्य चीन को डाकुओं को
सोमालिया भेज कर ट्रेनिंग दिलाइये,
देश में गरीबों का खून चूसने के लिए
जापान से बोल एक यन्त्र बनवाइए,
संसद को फिर से गोरों के सुपुर्द कर
लन्दन में खुद बैठ बांसुरी बजाइए,

मैत्री समूह की ओर से भी ब्‍लॉग के माध्‍यम से आध्‍यात्मिक संदेश प्रेषित किया जा रहा है .... 

जिसका मन जितना सच्चा होगा उसका जीवन उतना ही सच्चा होगा. और जीवन उन्ही का सच्चा बनता है, वह ही सच के पास जाते हैं जो कषायों से मुक्त होकर आत्मस्थ हो जाते हैं.सत्य को पाना, सच्चा होना, सच बोलना - यह तीनों ही चीज़ें हमें अपने जीवन में सीख लेनी चाहिए.
सच को पाने का सीधा सा अर्थ है की हम आत्मस्वरूप को प्राप्त कर लें. इस संसार में सच्चाई इतनी ही है की हम शुद्धता का अनुभव करें. हम अपनी निर्मलता का अनुभव करें और उसमें लीन हो जाएँ, आत्मस्थ हो जाएँ - येही सच को पाना है.

.
                आओ, सुनो सुनाते हैं हम              
बिरसा की यह अमर कहानी।
सन अट्ठार सै पचह्त्तर
पंद्रह नवम्बर दिवस सुनहला
चलक गांव, किरणों का मेला
मनभावन मैसम अलबेला
फ़ूल रही थी चम्पा बेला
डालों पर थी चिड़िया गाती
बहता गाता नदी का पानी।   



कृष्‍णा जी का ब्‍लॉग पढें .. Chatak (An Oblation of Tears).... 
आखिरकार मेरी वर्षों की मेहनत रंग लाइ और मैंने विज्ञान की दुनिया के सबसे बड़े सपने को साकार कर दिखाया! टाइम मशीन उपन्यासों, कल्पनाओं और ट्रिक मूवी से बाहर निकल कर मेरे सामने एक ठोस हकीकत के रूप में खड़ी थी| मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था लेकिन इस मशीन के बनने की सूचना किसी को देने से पहले मुझे अपने आप से किया गया वादा पूरा करना था | उस वन-सीटर स्कूटर की तरह दिखने वाली मशीन की सीट पर बैठते ही पूरी मशीन एक कांच से पारदर्शी आवरण में किसी शंकु की शक्ल में बदल गई बाहर से चांदी की तरह दिखने वाले इस आदमकद शंकु के अन्दर क्या हो रहा था किसी को कुछ पता नहीं | 


रामनगर के बसई गाँव में २९ अप्रैल २०१० को देहरादून से आई, एस टी एफ की टीम ने एक तेंदुए की खाल बरामद की थी. इस खाल की बरामदगी में एक खास बात थी.यह खाल एक वनकर्मी आनंद सिंह नेगी के गौशाला से बरामद हुयी थी.यह वनकर्मी वन विकास निगम में कार्यरत है. एस टी एफ और पुलिस ने यह कह कर वनकर्मी को छोड़ दिया क़ि वह इस मामले में बेक़सूर है. पुलिस ने इस मामले में वनकर्मी और उसके परिवार से पूछताछ की और उसे लगा क़ि वनकर्मी निर्दोष है. 


केसकाल घाटी पर नक्सली साया नजर आनें लगा है दरअसल ०२ जून १० को घाटी के शुरुवाती गाँव दादारगर में नक्सली और पुलिस के बीच मुट्ठभेध ने लाल सलाम के पदार्पण को सच साबित कर दिया है .एन एच ४३ को साऊथ इंडिया की लाइफ लाइन सड़क कही जाती है .इस एकमात्र रास्ते से दक्षिण भारत जाया जाता है . यहाँ तक नक्सलीओं की पहुच वास्तव में चौकानें वाली है .इस घाटी के महज आधा किलोमीटर के गाँव जैसे ऊपर मुरवेंड कुपागोंदी रांधा होन्हेड चिपरेल हरवेल में नक्सलीओं की मीटिंग्स होती है . 

ORKUT TESTIMONIALS AND SCRAPS भी मिलेंगे अब ब्‍लॉग पर ...

 फूलो से कह दो महकना बंद कर दे, की उनकी महक की कोई जरूरत नही....
सितारो से कह दो चमकना बंद कर दे, की उनकी चमक की कोई जरूरत नही....
भवरो से कह दो अब ना गुनगुनाये, की उनकी गुंजन की कोई जरुरत नही....
सागर की लहरे चाहे तो थम जाये, की उनकी भी कोई जरुरत नही....



राजेश त्रिपाठी जी की नगमें पढें ......
उसने सोचा
चलो खेलते हैं
एक अनोखा खेल
खेल राजा-प्रजा का
खेल ईनाम-सजा का।
वैसा ही
जैसे खेलते हैं बच्चे।



कुसुम ठाकुर जी की मैथिल हाइकु ........






"शिष्य देखल "
विद्वान छथि  
ओ शिष्य कहाबथि  
छथि विनम्र 

गुरु हुनक 
सौभाग्य हमर ई 
ओ भेंटलथि

इच्छा हुनक 
बनल छी माध्यम
तरि जायब 

भरोस छैन्ह 
छी हमर प्रयास
परिणाम की ?

उर्विजा जी की दृष्टि ......
!! मां !!
धूप  में एक ठंडी छाँव है माँ
समुद्र के गहरे तल में
सीप में छिपी मोती है माँ  .
मां प्यार की नगरी है /ममता की मूरत
स्नेह का आँचल है माँ  ...!

मां कोमलता का पर्याय है
मगर इरादों में-
चट्टानों सी मजबूत है माँ
इसलिए कवच बनकर सुरक्षा देती है हमारी और-
करती है खतरों से आगाह
कभी दूर्गा  तो कभी
काली बनकर....! 





डॉ कुमारेन्‍द्र सिंह सेंगर जी की नजर से प्रत्येक रविवार को किसी एक पोस्ट का विश्लेषण यानि कि पोस्टमार्टम देखिए .... 
आज इस पोस्ट के माध्यम से सिर्फ जानकारी बांटी जा रही है। इस ब्लॉग को हमने अपने जन्मदिन १९ सितम्बर २०१० को शुरू किया है। (हालाँकि समय के कारण ये पोस्ट २० सितम्बर को समाप्त हो रही है)

सोचा ये था कि १९ तारीख पूरी तरह गुजर जाने के बाद ही इसमें जानकारी पोस्ट करेंगे। ये ब्लॉग पूरे एक सप्ताह में हमारे द्वारा पढ़ी जाने वाली विभिन्न पोस्ट में से किसी भी एक पोस्ट का विश्लेषण प्रस्तुत करेगा।



स्मिता तिवारी जी के अनकहे पल .....
यकीं  नहीं   आता ..कि कॉलेज छोड़े हुए....२२ साल बीत चुके.हैं  
.......२२ साल सोचो तो कितना बड़ा अरसा है....पर महसूस करो तो लगता 
है .............अरे अभी कल की  ही तो बात है.....जब हमने कॉलेज ज्वाइन किया था.....और वहां १० साल बिताए थे.....वो १० साल बिताने   के   बाद   भी   २२ साल बीत चुके हैं............यानि लगभग ३१ साल से फाइन आर्ट्स हमारा है.....हमारे दिल के बहुत करीब...........कितनी तमन्ना और प्यार के साथ वहां ज्वाइन किया था हमने......





हरवंश शर्मा जी के तस्वीरों के माध्यम से जानिए मलेसिया को ....


बेहतर-ए-बेहतरीन संकलन देखिए यहां .......




कॉमनवेल्‍थ गेम के समाचार प्राप्‍त करें ....


मीनाक्षी पंत जी के स्‍वविचार पढें ....


प्रश्‍नमंच से जुडिए ......


अजय कुमार झा जी लेकर आए हैं ... बुलबुल के बुलबुले और गोलू के गुलगुले .....


अनुष्‍का जोशी की प्‍यारी प्‍यारी हरकतें देखिए ...















27 टिप्पणियाँ:

बढ़िया रही ब्लॉग 4 वार्ता की सभी चर्चाएँ!
--
ब्लॉग4वार्ता के माध्यम से
श्री बी.एस.पाबला जी को
जन्मदिवस की बहुत-बहुत बधाइयाँ
और हार्दिक शुभकामनाएँ!

बहुत खूबसूरत लगा यह अंदाज़ आपका संगीता जी ! रुचिकर और बेहतरीन लिंक बताने के लिए शुक्रिया

बढ़िया वार्ता संगीता जी,

बेहतरीन लिंक के लिए शुक्रिया

बढ़िया वार्ता...
बेहतरीन लिंक..!

बहुत अच्छी वार्ता ...नए चिट्ठों के साथ और भी बढ़िया लिंक्स मिले ..आभार

बहुत सुन्दर रही वार्ता ......बधाई

बेहद उम्दा ब्लॉग वार्ता, संगीता दीदी .........बधाइयाँ !

काफी अच्छे लिंक्स मिले आभार संगीता जी

बहुत बढ़िया, अच्छा लगा नए लिंक देने के लिए आभार.........

बढ़िया.........

बहुत बढ़िया !

बहुत बढ़िया वार्ता , संगीता जी

पूरे मनोयोग से की गई सुंदर वार्ता ।

बहुत अच्छी वार्ता एवं लिंक्स!

बहुत अच्छी वार्ता एवं लिंक्स!

Thanks a lot.
Really "Blog 4warta" is a very good way to provide us information of recent post, so that we can read more and more post. You provided very interesting links from here.

Mere blog ki charcha yahan par karne ke liye bahut bahut dhanyavad. Aap sabhi bandhuon se nivedan hai ki yahan par hindi me likhne aur comment karne ka tareeka bataayenjisse main is manch par pasand aane vaali rachnaon pe comment kar sakoon aur naye blog bhi likh saku.
Dhanyavaad

Thanks Sangeeta ji , To take me here . I am very happy to see my poem here. I didnt expect this, coz I have no experience of this & never written before. this is First time and I am trying to do better. But thanks to you people, & please let me know how to interact with other people through blog. Coz I dont know this. . .!
Thanks again !
Navneet Goswamy

सामान्य ज्ञान के प्रश्न और उत्तर सबसे बड़ी जानकारी
बहुत बढ़िया !

Sanjeeta Puri Ji ! Bahut bahut Dhanyawad ! meri Kavita ko yahan jagah dene ke liye aur baaki hindi bhasha ke pathako ko batane ke liye !
abhi nayi kavita bhi likhi hai. hamare samaaj ki chamak damak ke peechhe ab bhi saans leti kureetiyon ke baare me hai. plz ek-nazar kariyega. agar aapko abhivyalti achhi lage to aapke blog me jagah dijiyega !
dhanyvaad !

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