पितृपक्ष प्रारंभ हो गए हैं,पौराणिक मान्यता के अनुसार इन 15 दिनों में हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं, तर्पण करते हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती कहते हैं-तर्पण का अर्थ है"अपनी सेवा से पूर्वजों को तृप्त करना। जो कार्य उनके जीते जी किया जाना चाहिए, उसे उनके दुनिया से जाने के बाद करते हैं।"जीवित पिता से दंगम दंगा, मरे पिता को पहुंचाए गंगा।" - जिन्दे को दिया न अनाज, मरे का कर दिया काज।" जीवित माता पिता की सेवा करके उनकी आत्मा को तृप्त करके आशीष लेना चाहिए। अब चलते हैं हम ब्लॉग4वार्ता पर....
सबसे पहले चलते हैं अल्पना की आर्ट गैलरी पर आज आर्ट गैलरी की वर्षगांठ हैं, अल्पना जी को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं, वे कहती हैं--आर्ट गैलरी की पहली वर्षगांठआज 26 सितम्बर है आर्ट गैलरी को एक वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। मेरा उद्देश्य हस्त निर्मित ग्रीटिंग कार्ड "बधाई संदेश" कला के कद्रदानों तक पहुंचाना था। जिसमें मुझे आशातीत सफ़लता प्राप्त हुई, इस अवधि में मेरे ग्र...हरकीरत जी ने लिखा है कुछ मोहब्बत के ख्यालउम्मीद का इक उड़ता पंछी न जाने कब मेरी खिड़की पे आ बैठा .....पेड़ों के पत्ते हरे हो गए ....सबा ने झोली से कई सारे फूल निकाले ....और बिखेर दिए मेरे सामने..... मैंने देखा उसमें तुम्हारा वो सुर्ख फूल भी था ....म...
कन्हैयालाल नंदन का निधनहिंदी के जाने माने साहित्यकार और पत्रकार कन्हैयालाल नंदन का शनिवार तड़के यहां नई दिल्ली में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। नंदन के परिवारिक सदस्यों ने बताया कि उन्हें बुधवार शाम ब्लडप्रेशर कम होने और सां...महिलाएँ भी श्राद्ध कर सकती हैंपितृ पक्ष के दौरान पितरों की सदगति के लिए कुछ खास परिस्थितियों में महिलाओं को भी विधिपूर्वक श्राद्ध करने का अधिकार प्राप्त है। गरूड़ पुराण में बताया गया है कि पति, पिता या कुल में कोई पुरुष सदस्य नहीं हो...गुनाह क़ुबूल है मुझेट्रिंग-ट्रिंग…ट्रिंग-ट्रिंग… “हैलो".. “इज इट फ़ादर डिकोस्टा स्पीकिंग?"… “यैस…माय सन..मे आई नो हूज ऑन दा लाइन?”.. “सर!…मैं राजीव…दिल वालों की नगरी दिल्ली से"… “व्हाट कैन आई डू फॉर यू…...
आज कविता वर्मा जी बहुत दिनों की छुट्टी के बाद अपने ब्लॉग कासे कहूँ ? पर लिख रही हैं दौटेर्स डे के बहाने\कल दौटेर्स डे है ,वैसे तो हमारे यहाँ ये दिन साल में दो बार ९-९ दिन के लिए मनाया जाता है ,पर वैश्वीकरण ने हमें अपने रीति- रिवाजों के अलावा भी कई दिन त्यौहार मानाने का मौका दिया है। अब में इस फेर में नहीं पड...हमने भी एक चित्र लिया है एक बेटी का देखिए--तेरे जैसा प्यार कहाँ-कितनी प्यारी है तू बहनाबिल्हा स्टेशन में रेल्वे प्लेटफ़ार्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था, तभी मेरी निगाह बच्चों पर पड़ी। पास ही उनके माँ बाप किसी बात पर तू तू - मैं मैं कर रहे थे। शायद बच्चों की माँ रुमाल में बंधे कुछ रुपए कहीं गि...
आज कवि योगेन्द्र मौदगिल का जनमदिन है आज, 25 सितम्बर को कवि योगेन्द्र मौदगिल का जनमदिन है बधाई व शुभकामनाएँ आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। अपने मोबाईल फोन पर SMS के द्वारा जनमदिनों की जा...भारतीय संस्कृति और एकात्म मानव दर्शनपंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (२५ सित.) पर विशेष* पं. दीनदयाल उपाध्याय ने व्यक्ति व समाज ” “स्वदेश व स्वधर्म ” तथा परम्परा व संस्कृति ” जैसे गूढ़ विषय का अध्ययन , चिंतन व मनन कर उसे एक दर्शन के रूप मे...फैसले में देरी दुर्भाग्यपूर्णराम जन्मभूमि पर फैसले को लेकर जिस तरह सर्वोच्च न्यायालय में गतिरोध उत्पन्न किया जा रहा है, उसे लेकर देश भर के साधु संतों में व्यापक क्षोभ है। राम जन्मभूमि पर निर्णय का राष्ट्र अरसे से प्रतीक्षा कर रहा है। ...
हूं एक प्रवासी हूं एक प्रवासी , आया हूं बहुत दूर से , साथियों को साथ ले , भोजन की तलाश में , अपना देश छोड़ आया , मौसम था विपरीत वहां , यहाँ अभी मौसम अच्छा है , लगता है अनुकूल हमें , भोजन भी मिल ही जाता है , कभी कम तो कभी अध... जिन्होंने विवाह के आधे फेरे धरती पर व आधे फेरे स्वर्ग में लिए- फेरां सुणी पुकार जद, धाडी धन ले जाय | आधा फेरा इण धरा , आधा सुरगां खाय || उस वीर ने फेरे लेते हुए ही सुना कि दस्यु एक अबला का पशुधन बलात हरण कर ले जा रहे है | यह सुनते ही वह आधे फेरों के बीच ही उठ खड़ा हुआ ...सैंया सुणो तो सरी !सैंया सुणो तो सरी ! रामजी दयालु जणे क्यूं बिछड़ी गाय दूजता गोडा फूटा भैंस दूवता ढकणी फूटी घर में जाता सासू रो दुख लागो घर में जाता बारै वांता! वातां पाणी जातां धरमराज री पोळ आगे जमड़ा मारसी लातां राती जोगा ...
ताऊ पहेली - 93 प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 93 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं क...सही तैराक हो तो धार से नफरत नहीं करता..*ग़ज़ल* : किसी दरिया,किसी मझदार से नफरत नहीं करता सही तैराक हो तो धार से नफरत नहीं करता । यक़ीनन शायरी की इल्म जिसके पास होती वह - किसी नुक्कड़,किसी किरदार से नफरत नहीं करता। परिन्दों की तरह जिसने गुजारी...देश को शर्मसार न करें: कपिलभारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने मैच फिक्सिंग पर कहा कि खिलाडिय़ों को देश को शर्मसार नहीं करना चाहिए। गलत काम का नतीजा हमेशा गलत होता है, इससे बचने का प्रयास करें। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टे...
"वो सुबह हमीं से आयेगी" या "वो सुबह कभी तो आयेगी"? साहिर साहब ने एक गीत लिखा था "वो सुबह हमीं से आयेगी" किन्तु फिल्म "फिर सुबह होगी" में उन्होंने अपने उसी गीत को "वो सुबह कभी तो आयेगी" के रूप में बदल दिया था। प्रस्तुत हैं दोनों गीतः साहिर लुधियानवी वो सु...झगड़ही टंटही बारात .........हदर बदर करती मोटर साईकिलें........खड़खड़ाते पत्तल...... छुछुआती ललक......हत्त तेरे की.....धत्त तेरे की...... ...सतीश पंचमअक्सर शादी विवाह में झगड़ा टंटा होना लगा ही रहता है। कभी किसी बात पर तो कभी किसी बात पर। और जहां तक मुँह फूलौअल की बात है तो वह तो जैसे एक जरूरी रस्म की तरह है। जिस शादी-विवाह में मुंह फूला-फूली न ...शोक का पुल और तालाब की पाल पर बैठे, विसर्जित गणेशये हमारी यात्रा की समापन कड़ी है. सड़क एक पुल में बदल गई है. यह पुल चार साल पहले आई एक नदी की स्मृति है और सैंकड़ों परिवारों का शोकगीत है. इसे आश्चर्य कहते हैं कि रेगिस्तान में सौ साल में एक बार नदी ...
तुम कही न उलझ जाओ ..उलझता है हर धागा इस गोले का कुछ तो उतावलापन अपना कुछ अपनी लालसा तरह तरह की डिजाईन के लिए सलाई बड़ी छोटी नुकीली फिर तेजी से चलते हाथ झाडे की बढती आहट उपर से नौकरी ,घर का काम महानगर की बसों के धक्के मेट्रो क...अछूत कुत्ता!! हम दुनिया मे आज कहां है, यह तो पता नही लेकिन कई बाते आज भी हमे हेरान करती है... ओर हमारे लोग, हमारी पंचायते भी इन गलत प्रथा का साथ देती है,ऎसी बकवास सुन कर कोन नही हमे पिछडा कहेगा?? पुरी ओर शर्मनाक खबर यह...जीवन का सौदा या शादीराजधानी में धडल्ले से बेची जा रही नाबालिक लड़कियां भूमिका कलम मप्र सरकार लाड़लियों के लिए भले कितनी ही योजनाएं संचालित करें, लेकिन "अगले जनम मोहे बिटीया ही किजो" धारावाहिक की "लाली" जैसी सैकड़ों नाबालिग राजधान...
सेना के सरकार चलाने में फिर क्या बुराईकल लैपटॉप की बैट्री और एडॉप्टर दोनों एक साथ बेवफा हो गए...आज दोनों को रुखसत कर बैट्री और एडॉप्टर के नए नवेले जोड़े को घर लाया हूं...तभी आप से मुखातिब हो पा रहा हूं...वहीं से शुरू करता हूं जहां छोड़ा था...क...अयोध्या का इतिहासपिछले कुछ समय से मंदिर-मस्जिद विवाद के चलते अयोध्या लगातार सुर्ख़ियों में है। इसलिए अयोध्या के इतिहास से परिचित करवाने के लिए हम आपके लिए लेकर आये है पुस्तक - अयोध्या का इतिहास । इसमें अयोध्या के प्राचीन समय...कहते हैं तस्वीरें बोलती हैं, पर कौन सी भाषा कहते हैं तस्वीरें बोलती हैं। लो कर लो बातआप तो आनंद लीजिए इन बेंगलुरू तस्वीरों का। समझ में आए तो समझाने का कष्ट करें :-) आज इतनी ही पचाईये कल कुछ और गरीष्ट का इंतजाम करता हूँ।
ये पथरी की दवा है-पिछली पोस्ट में मैंने पथरी से बचने का तरीका सुझाया था अगर आपके शरीर में पथरी नहीं बनी है या आप एक बार पथरी का आपरेशन करा चुके हैं तो वह तरीका जरूर अपनाएं ,किन्तु अगर शरीर में पथरी है तो उसकी दवा---- एक ग...आम के आम और गुठलियों के दाम के साथ एक बार फिर सभी ब्लोगर मित्रों से अलबेला खत्री का विनम्र निवेदनप्यारे ब्लोगर मित्रो ! एक बार फिर सादर नमस्कार ! एक बार फिर इसलिए क्योंकि अब तक के नमस्कार अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके । लिहाज़ा ये मेरा एक और प्रयास है, कदाचित इस बार सफलता मिलेगी, ऐसा मेरा विश्वा...बेढंगे समाधान देने वालों अपनी जुबान बंद रखो, अपनी औकात में रहोमीडिया की कृपा से अयोध्या का मामला सभी की निगाह में आ गया और सभी लोग फिर अपने-अपने हिसाब से इसका समाधान खोजने में लग गये है। अदालत ने अपनी कार्यवाही के बाद दिन भी तय कर दिया था किन्तु कोई त्रिपाठी जी बीच ...
तो फिर बताओ समंदर सदा को क्यूँ सुनतेकिसी मित्र ने आज शहरयार की ये ख़ूबसूरत ग़ज़ल पढ़वाई . वहीं से उतार रही हूँ , सलीका न होते हुए भी गुनगुना रही हूँ ...अपनी जगह सहेज रही हूँ . धुन- सुनी सुनाई कटेगा देखिए दिन जाने किस अज़ाब के साथ कि आज धूप न.....आज उसके घर की भी लेकिन बनावट देखिये.पने दरवाजे किसी क़दमों की आहट देखिये। * *ज़िन्दगी में धूप की फिर गुनगुनाहट देखिये।* *गलियाँ यूँ फैलीं शहर में, जैसे की दिल में नसें, * *इन में बसकर आप दुनिया की बसाहट देखिये।* *आपने तो यूँ हमेशा रूह के सज़... मार्केट और मार-काट ! दोस्तों ! मेरा सामान्य ज्ञान बहुत कमजोर है . इसलिए मै अंग्रेजी के 'मार्केट ' और हमारी हिन्दी के 'मार-काट' शब्द में कोई खास फर्क महसूस नहीं कर पा रहा हूँ . उच्चारण में भले ही फर्क लगे ,लेकिन दुनियादारी के ...
चलते चलते दुबे जी के व्यंग्य चित्र
दुबे जी
वार्ता को देता हूँ विराम सभी को ललित शर्मा का राम राम --मिलते हैं ब्रेक के बाद
26 टिप्पणियाँ:
बढ़िया वार्ता
बढ़िया लिंक्स से सुसज्जित सुन्दर वार्ता
अच्छे लिंक्स मिल गये, आभार!
मस्त ...मस्त.. मस्त..
अबसे हम चिटठा जगत छोड़ यहीं आया करेंगे. पढने के लिए चिट्ठों का चयन आसान कर दिया है आपने. सुन्दर प्रस्तुति. आभार.
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
Bhai sahab,
Bahut bahut shukriya meri ghazal -
.....आज उसके घर की भी लेकिन बनावट देखिये.- ko yahan sthan dene ke liye.
sab ko shubhkamnayen.
राम राम बढ़िया लिंक्स.....................
सुन्दर प्रस्तुति.सुन्दर वार्ता......आभार!
ललित भाई .......हमेशा की तरह बेहद उम्दा लिंक्स से सजाई है आपने आज की ब्लॉग वार्ता ! बहुत बहुत आभार इतने सारे उम्दा लिंक्स के लिए !
आभार...
ब्लॉग वार्ता चार में शामिल करने के लिए आभार |विबिधता लिए चर्चा के लिए बधाई
bahut badiya links aur badiya varta...lalitji plz mera nam theek kar deejiye...kavita verma
राम राम जी एक अच्छी चर्चा के लिये धन्यवाद, मिलते है ब्रेक के बाद
बहुत अच्छी प्रस्तुति।ब्लॉग वार्ता चार में शामिल करने के लिए आभार |
8-कविता जी
आपका नाम सही कर दिया गया है,
सूचित करने के लिए आभार
bahut badiya prastuti.......
Aabhar
mast mast
बहुत बढ़िया वार्ता ..अच्छे चुने हुए लिंक्स मिले
बहुत मेहनत से की गयी वार्ता .. अच्छे अच्छे लिंक्स मिले !!
अति सुंदर चर्चा और कुछ महत्वपूर्ण लिंक्स मिले, आभार.
रामराम.
विस्तृत चर्चा काफी लिंक्स मिल गए.
इतने सारे लिंक्स लगाने में समझ सकती हूँ बहुत मेहनत करनी पड़ती है. सुंदर देदीप्यमान वार्ता.
वाह ये तो बहुत बढिया है।
ललित जी सुणो तो सरी !!!
पोस्ट की चर्चा यहाँ करने का आभार. हमने भी प्रति रविवार एक पोस्ट का विश्लेषण करना शुरू किया है. कृपया यहाँ देखें.
http://postanalysis.blogspot.com
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
ललित जी ....शुक्रिया मान देने के लिए ....
चर्चा में के कई ब्लॉग तो मैंने आज ही देखे .....
तो आपकी पहुँच पर हैरान हूँ ...
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