रविवार, 19 सितंबर 2010

मानसिक आरोह अवरोह के बीच मुश्किल भरी चर्चा

भतीजे चिन्मय ने उम्र के तेरह बरस पूरे कर लिये दिल सुबह से ही प्रफ़ुल्लित था कि आज का दिन पूरी समय एकदम "नाईस" जावेगा सो बिना कुछ सोचे शिवम जी और ललित भाई की हरियाई बत्ती देख को जुहार की. शिवम जी को फ़िर से  आई लव यू  कह दिया आंखों ने अत: मुझे चर्चा करनी है दूसरी ओर ललित भाई ने भी आदेश थमा दिया चर्चा आपको करना है सो दोपहरी में सोचा कुछ लिंक अभी सेव कर देता हूं शेष-चर्चा  चिन्मय के जन्म दिवस के आयोजन के बाद
ब्लागर एकता ज़िंदा बाद के नारे बुलन्दी पे हैं........... जी खोमचे बाज़ी से बचें और बचाएं नि:स्वार्थ हिन्दी की सेवा करें..... सच बेहतरीन पोस्ट लगी मुझे बाकीं पोस्ट को स्टार दियें हैं

** अच्छी, *** अच्छी से अच्छी,**** बहुतई  अच्छी, ***** नि:शब्द कर देने वाली 
कमोड चर्चा
मजेदार वैसे सामान्यतया ये आप बातचीत में हुआ करती है. अब इसे आप ही तय कीजिये  कित्ते सितारे दूं.


* कस्तूरी-मृग * अंतिम भाग
***
 तो जन्म  दिन का आयोजन समाप्त होते मौसेरे भाईयों ने सूचित किया नानी जी को अटैक आया ८६ बरस की नानी नाना जी को गुज़रे छ: महीने हुये तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा. अभी अभी १:३० बजे हम घर आये नानी को डाक्टर साब ने आई०सी०यू० में रख दिया.  उनकी स्थिति तीन घंटे बाद खतरे से बाहर है . पर आज़ जितना प्रफ़ुल्लित सुबह था उतना अब नहीं फ़िर भी एक लिंक और ताज़ातरीन दिये देता हूं

मेरे गीत को अर्चना चावजी ने जिस भाव के साथ यहां गाया लगभग वे ही भाव लिखते वक़्त मुझमें थे....और      पोस्ट "Mera Angle"  पर प्रकाशित ये तस्वीर समसामयिक एवम ज़रूरी लगीhttp://vatsalchaoji.in/wp-content/uploads/2010/09/gandhiji-1.jpg
सभी मित्रों मित्राणीयों को रविवार की शुभ कामनाओं के साथ
कल भास्कर में अजित भाई का आलेख अवश्य होगा किंतु आज जिस पोस्ट का लिंक दे रहा हूं उसे ज़रूर देखिये
"ज हम जिस बाजारवाद के नाम का सियापा करते हैं दरअसल यह विकास की प्रक्रिया है। विभिन्न देशों प्रदेशों के बीच कारोबार के दौरान सबसे पहले नए शब्दों से व्यापारी ही परिचित होता है। उसमें संस्कृति भी है, स्थानीय समाज भी है पर सबसे महत्वपूर्ण वह उत्पाद होता है जिससे वह परिचित होता है और फिर उसका कारोबार दूसरे कई इलाकों में करता है। यूं ही बढ़ते हैं शब्द और भाषाएं। जनता-जनार्दन के मुख की भाषा लोकभाषा है। यह लोकभाषा बाढ़ के पानी के समान नियन्त्रण में नहीं आती" (पूरी पोस्ट इधर मिलेगी)
इस गीत को भी सुनना सुनाना हर इंसान के लिये ज़रूरी है

"चुनिन्दा शायरी और कविताओं" पर शाया पोस्ट मन को छू गई ......

23 टिप्पणियाँ:

भतीजे चिन्मय को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ...

बेहतरीन चर्चा.

नानी जी के शीघ्र स्वास्थय लाभ की कामना.

bahutbadhiya varata dada

Nani ke svasthya labh ki kamana karata hun.

गिरीश दादा,

मस्त वार्ता लगाई है .......बोले तो एकदम झकास !!

और आपकी ratings के हिसाब से ***** !!

बढ़िया लिंक्स से सजी हुयी इस ब्लॉग वार्ता के लिए आपका बहुत
बहुत आभार !

बहुत बढ़िया ..और सितारों से जड़ी वार्ता ....सितारों के अनुसार ही लिंक तक पहुँचते हैं ...आभार

गिरीश दादा,
आपका बहुत
बहुत आभार !

गिरीश दादा,
आपका बहुत
बहुत आभार !

बढिया रही वार्ता....अच्छा लिंक्स संयोजन..
आभार!

2 तारों के लिए शुक्रिया...

चिन्मय को बहुत-बहुत बधाई

बेहतरीन लिंक्स......बेहतरीन चर्चा

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

बेहतरीन लिंक्स......बेहतरीन वार्ता ............ और आपको सितारे हम दिए देते है .....
****************.......................

इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-
आपने भी कभी तो जीवन में बनाये होंगे नियम ??

अच्छी चर्चा,
चिन्मय को जन्मदिन की बधाई और आपकी नानी जी के जल्दी स्वस्थ होने की शुभकामनाएं

डाक्टर ने नानी जी के लिये ७२ घण्टे का समय संकट ग्रस्त होना बताया था किंतु आज स्थिति सामान्य है आपकी दुआं का असर
चिन्मय ने सभी को प्रणाम-चरण स्पर्श कहा है
सादर

बहुत सुन्दर चर्चा गिरीश जी ! 'कस्तूरी-मृग' को इस सितारों जड़ी वार्ता में सम्मिलित करने के लिए आपकी आभारी हूँ ! बहुत बहुत धन्यवाद !

ये स्टार वाला आइडिया अच्छा है... भतीजे को बधाई !

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