रविवार, 12 सितंबर 2010

टिप्पणीयां मेनका तो नहीं--परायी जुल्फों का मोह-- ब्लाग4वार्ता--ललित शर्मा

नमस्कार, आज दिन भर बधाईयों का तांता लगा रहा, कई त्यौहार एक साथ ही आ गए। अल सुबह ही हमारे मित्र ने फ़ोन खड़का कर ईद की मुबारक बाद दी। उसके बाद गणेश भगवान की स्थापना करना था। उसकी तैयारी हुई और स्थापना की गई। कल तीजा का त्यौहार था। सभी बेटी माई घर घर मिलती रहीं आज जाकर। कुल मिला कर दिन बढिया बीत गया। अब चलते हैं आज की ब्लाग4वार्ता पर .....

गणेश चतुर्थी और ईद की समवेत बधाई----------अल्पना गणेश चतुर्थी और ईद की बधाई *गणपति बप्पा मोरिया* *ईद मुबारक* आर्ट गैलरी .....................श्री गणेश चतुर्थी ,तीज और ईद की त्रिवेणीभारत भूमि पर प्रेम , विश्वास और श्रध्दा की त्रिवेणी * आज गणेश चतुर्थी का पावन पर्व है , आज तीज भी है, यह सुहागनों के कठोर व्रत का पर्व है .जिन सुहागनों ने कल तीज का पर्व मनाया वे आज व्रत तोड़ेंगी .कुछ ...मेरे प्रभु गणपतिचरणों में नेह छुआ वंदन करूँ जगतपति आए फिर अबकी बार मेरे प्रभु गणपति सकल संसार में प्राणप्रिय सबके तुम भाग्य विधाता गुणी तुम अद्भुत विलक्षण जगत पालक परम ज्ञाता अस्मिता के तुम ही श्री हो प्राण बसे तुम्हीं..

मेरा प्यारा साथी यह चित्र है हमारे प्यारे प्यारे हेरी का, जब यह दो महीनो का था तभी से हमारे यहां है, हमारे बच्चो के संग ही बडा भी हुया, सभी बच्चो का बहुत प्यारा है, छोटे बच्चे तो इसे बहुत तंग भी करते है, तो उस समय यह मेरे.ताऊ पहेली - 91प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 91 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते ही हैं क...नशे के जाल में गुम युवा वर्ग....भारतीय समाज हमेशा से ही पूरे विश्व के लिए एक आदर्श और कौतुहल रहा है !सयुइंक्त परिवार में रहने वाले बच्चे बहुत ही संस्कारशील होते है !इसी करण हमारे युवा काफी समय तक कुरीतियों से दूर रहे और अपने आप को नशे...

कुत्ते से करिये मालिक की पहचान !दिये गये शीर्षक पर कुछ लिखने से पहले एक छोटी सी भंडास निकालना चाहुंगा. आप घबराइये नही, यह भंडास अथवा बद्दुआ मैं उन निर्लज बेशर्मो पर निकाल रहा हूं जिन्होने आम दिल्ली वालों का जीना पिछले एक दशक से दुभर कर ...परायी जुल्फों का मोह एक वरिष्ठ फिल्म समीक्षक से बात हो रही थी। उन्होंने श्रीदेवी के घर आयोजित हुई एक पारिवारिक दावत का जिक्र किया, जिसमें उनके पति बोनी कपूर, अनिल कपूर, कुछ खास सिनेमा और सिनेमा से इतर मित्रों की उपस्थिति के बी...ध्यान बंटाने के मामले में टिप्पणीयां मेनका तो नहीं ...... पर मेनका से कम भी नहीं..........सतीश पंचमआप सोच रहे होंगे अभी चंद लम्हों पहले एक पोस्ट लगाई थी तो अभी क्या कारण है कि तुरत फुरत नई पोस्ट लानी पड़ गई। 

रेगज़ार हाँ,ये नहीं हुआमैं नहीं करता शिकवा वक़्त से नहीं हूँ नाराज़ किस्मत से रूठा नहीं हूँ भगवान् से मैंने इन से तो नहीं माँगा था तुम्हें मैंने तुम से माँगा था वक़्त तुम से चाही थी क़िस्मत---पंजाबी लघुकथा फोड़ा जगरूप सिंह किवी राम गोपाल का बेटा कंवल चार लड़कियों के बाद पैदा हुआ था। इस कारण ही वह सारे परिवार का लाड़ला था। बहुत लाड़-प्यार के कारण कंवल बुरी आदतों का शिकार हो गया। लेकिन ---मीडिया है कमालमेरे दिल से मीडिया...यारों चीज बड़ी है कमाल यहां बिछा है हर जगह खबरों का ही मायाजाल संपादक रहते हैं हमेशा बेहाल उन्हें रहता है अक्सर खबरों का ही मलाल सुबह-शाम उठते-बैठते हर वक्त उन्हें आते.

मन की लहरें समाजीकरण एक बंधनशुद्ध तरल प्रवाही चेतना लिए बालक सृष्टि से उभरकर मानव समुदाय में अवतरित हुआ उसके कानों में मानवी परिधि यानी माँ –बाप परिजनों ने अपना मंत्र फूँकना शुरू किया उसकी आँखों में अपनी..चित्रावली उल्लूफोटोग्राफी एक कला है और उस कला को देखने-समझने के लिए गहरी आंखें होनी चाहिए हर फोटोग्राफ अपने आपमें कुछ न कुछ बोलता है नेट सर्फिंग के दौरान विभिन्न साइट्स से लिए गए ये चित्र---आखिर कब तक..अब मैं नहीं हम आखिर कब तक लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री ने समृद्ध भारत के लिए एक सूत्र दिया था जय जवान-जय किसान ...पर किसान आज तक भी कर्ज के बोझ के तले दबे आत्महत्या कर रहा है.

निरंतर की आशिकी मेंडा.राजेंद्र तेला निरंतर कब दिल खुश रहा किसी आशिक़ का आशिक़ी में दिल बरबाद होता है हर आशिक़ का आशिक़ी में चैन से सोता नहीं कोई आशिक़ आशिक़ी में निरंतर इस डर में जीता है आशिक़ आशिक़ी---अयोध्या का फैसलाक्या होगा शायद वो इतना जरूरी न हो क्यूंकि इस केस में कोर्ट क्या कहता है से ज्यादी जरूरी चीज़ शायद धर्म के आका बनके बैठे कुछ संगठन क्या राय देते हैं होता आया है ऐसे संगठन---घुरूवा एक नानवेज टाईप पोस्‍ट क्षमा सहित संजीव तिवारी लगभग पांच साल पहले मैं अपने एक होटल प्रबंधक मित्र के साथ मुम्‍बई गया था हम दोनों को एक कम्‍पनी में काम था। मुझे एक संस्‍था के वाणिज्यिक परिसर में उक्‍त .

खुशवंत सिंह का मानसिक दिवालियापन .९० साल से ज्यादा के हो गए खुशवंत सिंह शायद अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है या सस्ती लोकप्रियता का बुखार उन्हें चढ़ गया है . आज उन्होंने अपने साप्ताहिक लेख जो हिन्दी में ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर के ना...जीवन के पल हर गुजरा पल इक याद छोड़ जाता है , उस याद के भरोसे इक आस छोड़ जाता है , आस के बहकावे में इक सांस छोड़ जाता है , सांस की परछाई में इक घुटन छोड़ जाता ह...एक विचार कभी-कभी आत्मा के गर्भ में,* *रह जाते हैं कुछ अंश-* *दुखदायी अतीत के,* *जो उम्र के साथ-साथ,* *फ़लते-फ़ूलते-* *लिपटे रहते हैं-*

चलते चलते एक व्यंग्य चित्र






अब ब्लाग वार्ता को देते हैं विराम और हम जाते हैं हमीर पुर की सुबह देखने राम राम

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22 टिप्पणियाँ:

बहुत ही अच्छी चर्चा...!काफी कुछ समेट लिया आपने चर्चा में...

अच्छी उम्दा वार्ता ललित जी , हां कार्टून सच्मुच गजब ढा रहा है !

बहुत ही अच्छी चर्चा ललित भाई बहुत ही सुंदर .......................

सब कुछ कार्टून ने कह दिया , हमें कुछ कहने की ज़रूरत नही पड़ी .बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई .

बहुऐ उम्दा लिंक छापे हो सिरकार

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अईसे अईसे लिंक, यह चर्चा तो मानों चर्चाओं की चच्चा है !

Bahut hi achhi charcha...cartoon ka jawab nahin....
http://sharmakailashc.blogspot.com/

बेहतरीन चर्चा................
मुझे और मेरे विचारों को शामिल करने के लिये शुक्रिया.......

अरे ! मेरा कार्टून भी लगा हुआ है :) धन्यवाद एक सुंदर चर्चा के लिए.

बहुत बढ़िया चर्चा ...आभार

aap kaa blog nischaya hee acchha hai.Meri prastuti ko shaamil karne ke liye dhanyawaad

कार्टून सन्नाट!!

चर्चा बेहतरीन...

आपका आभार.


जोहार ले. :)

बहुत अच्छी प्रस्तुति। बेहद उम्दा ब्लॉग वार्ता .........आपका आभार !

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