संध्या शर्मा का नमस्कार...
जाने वाले को विदा और आने वाले का स्वागत  करना यही हमारी भारतीय संस्कृति है. हर साल की तरह दिसम्बर का महीना अपने साथ कडकडाती हुई ठण्ड और नए साल की आहट लेकर आता है. हम ठहरे उत्सवधर्मी.  प्रत्येक क्षण, प्रत्येक दिन आनंद और उत्साह से बिताया जाये यही सिखाया है हमारी संस्कृति ने हमें... 2011  के विदा और 2012  की स्वागत बेला करीब है. 
नया वर्ष, नयी दिशा, नयी सोच, नयी कामना, नयी आस, नयी भावना 
के  साथ स्वागत कीजिये नए साल का
आप सभी को नूतन वर्ष की अशेष शुभकामनाएं....
शब्द-शब्द उलझ जाने दे  कविता-कहानी से बहल जाने दे   रौशन रहेगा अक्षरों में लौ  एक गीत को गज़ल हो जाने दे   शाखों पर रुत आयेंगी और जायेंगी  मेघों को दरख्तो पर बरस जाने दे   राग और विराग का नाद बिखरा है यहाँ  स...
वर्ष कहता है - मेरा नया आरम्भ तुम्हारा हो ..
वर्ष कहता है - मेरा नया आरम्भ तुम्हारा हो ..
विदा की बेला में  रुकने की बात कर  क्यूँ मेरे मन को कातर कर रहे हो  विदा का जश्न मनाते  तुम तो घड़ी की सुइयों में अटके हो  कब १२ बजे और नया साल आए ...  आँखें तो मेरी छलकने को हैं  कुछ पल के लिए मेरी सोचो ...
शुभ हो नया वर्ष
शुभ हो नया वर्ष
शुभ हो नया वर्ष   चलो एक बार फिर करें स्वागत नव वर्ष का ! यूँ तो सृष्टि हर क्षण नयी है  उपजती है, मिटती हैउमडती है, गिरती है बनती है पल-पल अपनी गरिमा में कुछ और  ही...नहीं था हिमालय का उत्तंग शिखर लाखों वर्ष प...
नव वर्ष ...डा श्याम गुप्त की कविता....
नव वर्ष ...डा श्याम गुप्त की कविता....
*पहली जनवरी को मित्र हाथ मिलाके बोले , वेरी वेरी हेप्पी हो  न्यू ईअर, हेमित्रवर | हम बोले शीत की इस बेदर्द ऋतु में मित्र , कैसा नव वर्ष तन काँपे थर थर थर | ठिठुरें खेत बाग़ दिखे कोहरे में कुछ नहीं ...
आज ही के दिन नेता जी ने फहराया था अंडमान में राष्ट्रीय ध्वज
आज ही के दिन नेता जी ने फहराया था अंडमान में राष्ट्रीय ध्वज
आज का दिन अंडमान में काफी महत्व रखता है. आज सुबह जब मैं पापा के गेस्ट-हॉउस  में जा रही थी तो देखा कि नेता जी स्टेडियम के सामने राष्ट्रीय झंडा फहराया जा  रहा है. मैंने सोचा कि आज क्यों झंडा फहराया जा रहा है ?...
ख्याल
ख्याल
जला के राख़ कर अब मेरे सब ख्यालों को  ख्याल तेरा ही बस एक मेरे सर में रहे,    कशिश ये हुस्न-ए-बुतां जिससे मांग लाया है  वही नूर-ए-खुदा बस मेरी नज़र में रहे,    तेरा ही ज़ोर मेरे दस्त-ओ-बाज़ू में   तेरी ही कु...
जिस्म तो  बहुत  मिलते  है  पर  यहॉं प्यार नही  मिलता हथेली पर लिए दिल खड़ा हूँ  कोई खरीदार नही मिलता।  कोई तो बताए पता मुझे उस दुकान का  जो बेचता हो वफा वो दुकानदार नही मिलता।  कैसे करू यकीं तेरी वफा पर त...
कैसे छुपा ले
 करीब से गुजरती हवाओ से  कैसे कह दूँ कि  तेरी खुशबू छुपा ले   माना रात गहरी है  अंधेरो से कैसे कह दूँ कि जुगनू छुपा ले   आसमान पर सितारे सजे है  चाँदनी से कैसे कह दूँ कि  चाँद छुपा ले   तू शहर में मशहूर बहुत ...कैसे छुपा ले
नये साल की खुशी मनाएं.....
*नए साल की खुशी मनाये... *    मिली देश को आजादी, जन जन का मन हर्षाया पर भारत माता के ह्रदयघाव, कोई देख न पाया,   वीर सपूतों ने दी थी कुर्बानी,अपनी जान गंवाकर मिटा दिया अ...
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते"
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते"
 समझे   न   कोई  अपना,   सब   दीन   नज़र  से  देखें  हों   क्षमताएं   असीम  चाहे   पर  दोष  अकूत  आरोपें. शमित किया जिसने भी अपनाया ,कटु स्वरों से गोंदा सर्वस्व   दिया   अपना ,   पर    अंत   एकाकी    पाया...
"माना कि मूल धन 'क' है"
"माना कि मूल धन 'क' है"
गणित के पाठ्यक्रम में प्रारम्भिक कक्षाओं में अज्ञात राशि की  गणना करने में बहुधा पहले अज्ञात राशि को मान लेते है कि वह 'क' है |  तत्पश्चात उस काल्पनिक राशि के अन्य विवरण अनुसार उसकी व्य...
नितांत गोपनीय परंतु ओपनीय : चिट्ठाकार कहीं के मिल रहे हैं एक जनवरी बारह को - ग्यारह से बारह का चिट्ठाकारी सफर
नितांत गोपनीय परंतु ओपनीय : चिट्ठाकार कहीं के मिल रहे हैं एक जनवरी बारह को - ग्यारह से बारह का चिट्ठाकारी सफर
 खबर आ रही है बहुत तेज चैनल है अब न्यू मीडिया मालूम ही नहीं चलता खबर कहां से आ जाती है खबर कहां चली जाती है  मच जाता है हल्ला चाहे दिन हो साल का पहल्ला चिट्ठाकारी के लिए रुपहला इसे कहा जाता है नहले पर दहल...
नहीं सुमन सौगन्धों से
नहीं सुमन सौगन्धों से
जीवन तो जीना पड़ता है, ना चलता अनुबन्धों से  मनमानी जीवन में हो ना, शासित है प्रतिबन्धों से    भले सोचकर कदम बढायें, अनहोनी होती रहतीं  फिर भी कोशिश दूर रखें हम, जीवन को दुर्गन्धों से   प्यार हुआ पहला तबतक म...
दिल सपने संजोने लगेगा
दिल सपने संजोने लगेगा
 मत बतावो किसी को अपनी ख़ुशख़बरी उसको दुख होने लगेगा। ऊपर से वह ख़ुश दिखेगा, पर उसका अन्तर
रोने लगेगा।।  अपने घाव भी मत दिखावो किसी को, वह उसमें उंगली पिरोने ... 
ज़रा सी जिंदगी, जीने का बहाना निकले... ये नया साल भी थोड़ा सा, पुराना निकले...  ज़रा सा प्यार वो करें, तो बहुत सा तडपे... ये प्यार का ज़रा उल्टा सा, फसाना न... 
जीवन तो जीना पड़ता है, ना चलता अनुबन्धों से  मनमानी जीवन में हो ना, शासित है प्रतिबन्धों से    भले सोचकर कदम बढायें, अनहोनी होती रहतीं  फिर भी कोशिश दूर रखें...
कहीं और से ...
कहीं और से ...
                        * * *ये ब्रह्माण्ड * * * भले ही मैं बिछ जाता हूं   तुम्हारे संकेत मात्र  से  किंतु एक दिन  ये ब्रह्माण्ड   मेरे चुम्बनों की ध्वनि से भर जाएगा  ! * *  ** *हि... 
कैसा रहेगा आपके लिए 29 और 30 दिसंबर का दिन ??
कैसा रहेगा आपके लिए 29 और 30 दिसंबर का दिन ??
मेष लग्नवालों के लिए 29 और 30 दिसंबर को  किसी सामाजिक कार्यक्रम में पिता  पक्ष का महत्व दिखाई देगा, कर्मक्षेत्र में भी आपको बडी जबाबदेही मिल सकती है।   काफी ...
ख़बर है - आगे बस डूब ही डूब है ,जाग ही जाग
ख़बर है - आगे बस डूब ही डूब है ,जाग ही जाग
लौटते हुए इन गीतों तक,वहीदा तक  इस घड़ी सब ख़ाली है…ये लम्हा ख़ाली ,इसका क़तरा-क़तरा ख़ाली । ख़ाली कमरा,  फ़र्श पर रखी कुर्सियां ख़ाली … कुछ भी दर्ज़ नहीं म...  
नई ग़ज़ल/ सचमुच कितना पगला है वो.......
नई ग़ज़ल/ सचमुच कितना पगला है वो.......
*'सुख खोजूंगा' निकला है वो कितना तन्हा-तन्हा है वो उसकी गलती माफ़ भी कर दो जैसा भी है अपना है वो  मंजिल वो इक दिन पायेगा  गिरता मगर संभलता है वो मंजिल आखिर पा... 
मैं और मेरे कवि मन के घर आँगन में
मैं और मेरे कवि मन के घर आँगन में
इस १९ दिसंबर में मेरा ब्लॉग ...पूरे ३ साल का हो गया ....अपनी व्यवस्ता और  कुछ बीमार होने की वजह से मैं ये पोस्ट पहले नहीं डाल सकी ...पर आज मन हुआ कि  ...आप स...
मैं और मेरी तन्हाईयाँ -----!
* * * * मैं और मेरी तन्हाईयाँ * * *"अपने फ़साने को मेरी आँखों में बसने दो !* *न जाने किस पल ये शमा गुल हो जाए !" * बर्फ की मानिंद चुप -सी थी मैं ----क्या कहूँ ? कोई कोलाहल नहीं ? एक सर्द -सी सिहर...
मैं और मेरी तन्हाईयाँ -----!
* * * * मैं और मेरी तन्हाईयाँ * * *"अपने फ़साने को मेरी आँखों में बसने दो !* *न जाने किस पल ये शमा गुल हो जाए !" * बर्फ की मानिंद चुप -सी थी मैं ----क्या कहूँ ? कोई कोलाहल नहीं ? एक सर्द -सी सिहर...
चलते-चलते देखिये मेरी पसंद का एक गीत 
सादर- 
संध्या शर्मा
मिलते हैं अगली वार्ता पर...  
 






















 
   


 
 संदेश
संदेश
 
 



 
 
