सोमवार, 28 जून 2010

ब्लौगवाणी की मौत--हिजड़ों का गाँव---ब्लाग4वार्ता-----------ललित शर्मा

जो भी हुआ बहुत बूरा हुआ, हिन्दी चिट्ठा जगत के लिए तो अवश्य ही। ब्लागवाणी के वापस आने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन मैने अभी एक पोस्ट देखी जिसमें उसके न लौटने की बात कही गयी है।  वापस न लौटने के विषय में ब्लागवाणी के ब्लाग पर तो कुछ  नहीं कहा गया है, लेकिन कुछ समाचार प्राप्त हो  रहे हैं कि ब्लागवाणी वापस नहीं लौटेगी। अब मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की ब्लाग4वार्ता पर......

सबसे पहले चलते हैं मयखाना, जहां मुनीश जी कह रहे हैं कि कुत्ते को घी हज़म नहीं होता उर्फ़ ब्लौगवाणी की मौतजब एक दफ़े पहले ब्लौगवाणी ने पंख समेटे थे तब भी मैंने कहा था कि ये ब्लौगवाणी वाले मेरे रिश्तेदार नहीं मग़र इनका यूं जाना अच्छी बात नहीं ! संस्थापक भाई मैथिली के सुपुत्र सिरिल से आज फ़ोन पे हुई बातचीत के आधा...निकल पड़ा हूँ यात्रा पर, कहीं आपके शहर में तो नहीं पहुँच गया!? आज यह लगभग एक तरह की माईक्रो-पोस्ट ही होगी। पिछले कुछ सप्ताहों से, सड़क मार्ग द्वारा, *उत्तर-पश्चिम भारत भ्रमण* की योजना बन रही थी। जिसमें जबलपुर - इलाहाबाद - लखनऊ - नैनीताल - दिल्ली - अमृतसर - जयपुर - अह...

प्रथम ग्रासे मक्षिका पात:---यात्रा--1 19 तारीख को एक विवाह समारोह में शामिल होकर सुबह घर पहुंचा, 2 बजे नीरज का फ़ोन आया कि भैया घुमने चलते हैं। मैने कहा आ जाओ,चलते हैं। कहां जाना है यह निश्चित नहीं था। रात 9 बजे नीरज घर पहुंचा। साथ में विक्की ...तक़दीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते | तक़दीर के खेल में निराश नहीं होते , जिंदगी में कभी उदास नहीं होते हाथो की लकीरों पर यकीन मत करना , तक़दीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते | 

सागर में रहकर भी, प्यासे रह गये सागर में रहकर भी, प्यासे रह गये, खुशियों के ढेर में भी, उदास रह गये, मोम लिए बर्फ पर थे, फिर भी पिघल गये, ठंडा था दूध,फिर भी , ठन्डे दूध से जल गये, मृग मरीचिका मन का भ्रम है, फिर भी सोने का देखा हिरन, तो ...कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करने वालो :सावधान ज्यादा देर तक कंप्यूटर काम करते समय यदि हम अपने बैठने का, माउस पकड़ने का तरीका व कि-बोर्ड का इस्तेमाल करने का सही तरीका नहीं अपनाते है तो Carpal Tunnel Syndrome नामक रोग के शिकार हो सकते है अतः इस रोग से ब...

आएश और आमश के लिए यह हँसते हैं तो पौ फूटती है...गर अश्क उभर आए इन पलकों पर तो शिराएँ शिथिल हो जाती हैं , यकबयक ! इनकी खूब याद आ रही है, इन दिनों हमसे दूर हैं.छुट्टियों में नानी के घर.पिछले वर्ष लिखी कुछ कविता-नुमा पंक्तिया...खुराफाती मीडिया मीडिया जिसका नाम है, वो है तो एक खुराफाती जीव ही.. चाहे वो भारत का हो या वहाँ से बाहर का. आज मैं बात करना चाहता हूँ यहाँ यू.के. की पत्रिकाओं के बारे में.. एक बात जो मुझे यहाँ की लगभग हर पत्रिका के साथ दिख...

अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव-२०१० की पहली तैयारी बैठक संपन्न जैसा कि आप सभी को विदित है कि आगामी कुछ महीनों बाद लखनऊ में **अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब्लॉग उत्सव** मनाने की तैयारी चल रही है और इसके क्रियान्वयन की दिशा में **ब्लोगोत्सव-२०१०** की टीम पूरीतरह कटिबद्ध है ।...तेरा ख्याल .......मैं हैरान थी ....रंगों ने पानी में कई सारी चूड़ियां सी बना रखी थीं ....मैंने छुआ तो हाथों को राह मिल गई ....ख्यालों ने रंगों की चूड़ियां पहनी और बदन खिल उठा ....मैंने ऊपर देखा ....सामने वही परिंदा था जिसे ...

साधो यह हिजड़ों का गाँव-१९ कल कबीर जयन्ती थी. मुझे कल ही यह सामग्री दे देनी थी. लेकिन कबीर गोष्ठी में चला गया. एक दिनविलम्ब से हाज़िर हूँ. महीनो पहले मैंने ''साधो यह हिजड़ों का गाँव'' नामक श्रंखला शुरू की थी. रोज...बड़ा मुश्किल होता है एक डॉक्टर के लिए मरीज़ का रिश्तेदार होना---सरकारी नौकरी का एक फायदा तो है कि आप जब चाहो , छुट्टियाँ ले सकते हो। हमने भी गर्मियों में बाहर जाने के ख्याल से १५ दिन का अर्जित अवकाश ले लिया । सोचा था कि इस बार कुछ दिन के लिए शिमला के पास चैल ही हो आते ...

इसलिए जनसंपर्क करता है दादागिरीछत्तीसगढ़ जनसंपर्क हो या इसकी सहयोगी माने जाने वाली संवाद हो भ्रष्टाचार की गंगा बहने लगी है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के इस विभाग की करतूतों पर किताबें लिखी जा सकती है। संविदा नियुक्ति से लेकर विज्ञापनों में...कभी भारत का नक्शा ऐसा हुआ करता था चलते-चलते* *देश दो करेंसी एक* यद्यपि पाकिस्तान को 14th अगस्त, 1947 के दिन, अर्थात् भारत की स्वतंत्रता से एक दिन पूर्व, स्वतंत्रता प्राप्त हुई किन्तु करेंसी के मामले में...

एक गाँव मर रहा है .... पिछले दिनों मैं अपने पैतृक नगर वाराणसी गया हुआ था. वाराणसी में मेरा गाँव शहर से सटा हुआ वाराणसी स्टेशन से लगभग 3 किमी की दूरी पर है. हर बार जब भी मैं अपने गाँव से लौटता हूँ तो मन में वितृष्णा और विषाद ले...आज पूर्णिमा वर्मन का जनमदिन है आज, 27 जून को चोंच में आकाश, शुक्रवार चौपाल, चौपाल की कार्यशाला, एक आँगन धूप, साहित्य समाचार वालीं पूर्णिमा वर्मन का जनमदिन है। बधाई व शुभकामनाएँ *आने वाले **जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त...

सरहद से बंटने का दर्द...खुशदीप कल आप से वादा किया था कि आपको भारत-पाकिस्तान सरहद के कुछ अनछुए पहलुओं से रू-ब-रू कराऊंगा...63 साल पहले सरहद नाम की आभासी लकीर ने दोनों तरफ़ के इनसानों को बांटा और वो एक-दूसरे के लिए परदेसी हो गए...दोनों तर...ब्लॉगवाणी' विलुप्त हुई, लग नही रहा, हरा भरा सा'ब्लॉगवाणी' विलुप्त हुई, लग नही रहा, हरा भरा सा* आज कलम(मेरी कलम) कुंठित हुई , लिख न पा रहा, जरा सा. (2 ) ड्राइंग रूम में बैठ कर देखने लगा दूर दर्शन कार्यक्रम चल रहा था जिसमे बच्चों का नृत्य प्रदर...

आओ न तुम पुल के पार आओ ना तुम पुल के पार* * जैसे हर हर नदी से होकर* * आती छल छल धार !* *. आओ ना तुम पुल के पार! * *. नदी पार की उस पुलिया* * पर लहक रही है * *जैसे घास * *बैठो मेरे पास !* * आओ ना तुम वैसे ही * *जैसे म...भूल भुलैया – कविता – रवि कुमार औपचारिकताओं से लदा समय एक अंतहीन सी भूल भुलैया में उलझा है जहां दरअसल आगे बढना और ज्यादा उलझते जाना है तार्किकता से दूर गणित का सिर्फ़ यही बचता है हमारे मानसो...

प्यार - देह से देह तक की कहानी चंदन सा बदन, चंचल चितवन, धीरे से तेरा ये मुस्काना, मुझे दोष न देना जग वालो, हो जाऊँ अगर मैं दीवाना। इस गाने में प्यार का इजहार हो रहा है, लड़की के रूप रंग की बातें हैं परन्तु कहीं भी लडकी के गुणों की ...चोर चोरी से तो जाए .. पर हेराफेरी से न जाए !! बात उन दिनों की है , जब घर में मम्‍मी को सिलाई बुनाई करते देखते हुए इसे सीखने की इच्‍छा हुई। मैट्रिक की परिक्षाएं हो चुकी थी और मैं घर में बैठी थी। मम्‍मी चाहती थी कि कॉलेज जाने से पहले घर के कुछ काम काज ,...

मानसून की बीमारियां मानसून आने ही वाला है ,बल्कि देश के कुछ हिस्सों में आ भी चुका है. ये मौसम अपने साथ त्वचा की अनेक बीमारियों को लेकर आता है. इस मौसम में अनेक कीड़े-मकोड़े भी पैदा हो जाते हैं या यूं कह लीजिये कि अपने आवासों ...गाँव की सामान्य अर्थव्यवस्था - -एक ग्राम यात्रा पिछली पोस्टों घमौरियों ने तोड़ा अहंकार - एक ग्रामयात्रा, देवताओं को लोगों की सामूहिक शक्ति के आगे झुकना पड़ता है और **घूंघट में दूरबीन और हेण्डपम्प का शीतल जल **से आगे ....... * * *कोई दो सौ कदम चलने पर ...

हैदराबाद में होगा फैसला - ब्यूरो चीफ की दादागिरी ,शराब ने कराई किरकिरी भगवान ने जब हवा बनाई होगी तब सोचा होगा की इस हवा का इस्तेमाल लोग सही दिशा में करेंगे. पर आजकल हवा का इस्तेमाल कुछ और हो रहा है. अब मुफ्त की शराबखोरी ने हैदराबाद से जुड़े एक रीजनल चैनल के ब्यूरो को मुश्किल म... इस वर्ष किसानों को अवश्‍य राहत मिलनी चाहिए !!दो चार दिन पूर्व अंतर सोहिल जी की टिपपणी मिली थी , उन्‍होने पूछा था कि इस गर्मी से कब निजात मिलेगी। ज्‍योतिष सीखलाने का क्रम शुरू कर दिया था , इस कारण कोई नया पोस्‍ट नहीं लिख पा रही थी , इसलिए जबाब न दे सक...

अब लेते हैं विराम--आप सभी को ललित शर्मा का राम राम-----मिलते हैं एक ब्रेक के बाद

25 टिप्पणियाँ:

विस्तृत चर्चा. अच्छी लगी.

विस्तृत चर्चा ....कई बेहतर लिंक मिले ...आभार !

बढ़िया चर्चा......

बेहतर लिंक्स। आपको बधाई हो सार्थक चर्चा के लिए।

ई ब्लाग वाणी का होगा का भैया
आवेगी कै न आवेगी

बिहनिया के पाय लगी महराज।आज की चर्चा काफी विस्तृत है। फुर्सत से पढ़ेंगे भाई जी।

बढ़िया लिंक्स से सुसज्जित सुन्दर चिट्ठाचर्चा

बहुत विस्‍तार से अच्‍छी चर्चा !!

कई बेहतर लिंक मिले...सुन्दर चर्चा!

ललित भाई,
कैसा चल रहा है महाराष्ट्र का दौरा...

ब्लॉगवाणी के बिना अच्छा तो नहीं लग रहा...लेकिन क्या करें, यही जीवन है...किसी के रुकने से दुनिया नहीं रुक जाती...लेकिन जो भी हो, मैं ब्लॉगवाणी का सदा आभारी रहूंगा कि उसके मंच ने ब्लॉगिंग में मुझे पहचान बनाने में बड़ा योगदान दिया...

जय हिंद...

विस्तृत चर्चा!
बढ़िया चर्चा......
आपको बधाई हो सार्थक चर्चा के लिए।

बहोत दर्द हो रहा है ब्लोगवाणी के जाने से पर उम्मीद अभी बाक़ी है।

विस्तृत चर्चा .कई बेहतर लिंक मिले.आभार !

ब्लॉगवानी का बंद होना सही में एक दुखद अध्याय है।

ब्लॉगवाणी को शुरू करवाइए

अच्छे लिंक्स दिए हैं ललित जी ।
आभार ।

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