शनिवार, 14 जनवरी 2012

हेलो, लोंहडी मुबारक --- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, जब स्कूल में पढा करते तो आवेदन पत्र लिखा करते थे क्योंकि परीक्षा में आवेदन पत्र लेखन के 5 नम्बर मिला करते थे। शायद ब्लॉग जगत का पहला आवेदन पत्र लिखा गया।  जिस पर तुरंत कार्यवाही भी हुई। हुआ यूँ कि संगीता पुरी जी ने ब्लॉगिंग का इतिहास नामक पुस्तक की कीमत 30 अप्रेल को दिल्ली में जमा कर दी थी। जिसका विमोचन जुलाई में  हुआ। उसके बाद उन्हे पुस्तक जनवरी की 11 तारीख तक नहीं मिली। थक हार कर उन्होने बचपन में मिली विद्या का प्रयोग किया और एक आवेदन पत्र प्रकाशक के नाम लिखा। आवेदन प्रकाशित होते ही उन तक पुस्तक पहुंच गयी..............। 

ब्लॉगर्स के लिए उपयोगी होगा रचना शिविर परिचय का दौर द्वितीय सत्र प्रारंभ होने पर साहित्यकारों का परिचय आरंभ हुआ। अतिथि साहित्यकारों ने भी अपना परिचय दिया, हम तो काऊंटर पर थे इसलिए बिना परिचय के ही रह गए। लोग कहते हैं क्या धरा है नाम में। लेकिन..पिया गुनवंत आवन को हैंसप्त स्वरों के पंख लगा कर .. मन को मन की चाह बना कर ... तीव्र मध्यम को - मार्ग विहाग का मार्ग दिखा कर ... लो उड़ चली मैं .... उड़-उड़ भर रहा है मन ... स्वरों में सर्वप्रथम .. रम-रम प्रभु का अज्ञेय स्मरण ...

‘द स्पाई हू केम इन फ्रॉम द कोल्ड’गत सदी शीत युद्ध के नाम थी। दुनिया के पूंजीवादी और वामवादी धड़ों में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से जो खींचतान देखने को मिली थी, उसका अस्तित्व सोवियत संघ के विघटन तक रहा था। वैसे चीन जैसी महाश...ऑक्सफोर्ड टो वाले शूबीते साल की कुछ और बेवजह की बातें... *याद की खिड़कियाँ * और ऐसे ही किसी दिन न भूल पाने की बेबसी में एक से दूसरे कमरे में टहलता रहता हूँ याद की खिड़कियों पर सुस्ताती गिलहरियों को देखता बेसबब वार्डरोब ...

राष्ट्रगीत "वन्दे मातरम्" से सम्बन्धित तथ्य देशभक्त साहित्यकार बंकिमचन्द्र चटर्जी ने 7 नवम्वर 1876 को बंगाल के कांतल पाडा गाँव में "वन्दे मातरम्" की रचना की। - "वन्दे मातरम्" के प्रथम दो पद संस्कृत में तथा शेष पद बंगाली भाषा में ..."माँ का बेटा"आज मेरी माँ की बरसी है , उन्हें इस संसार से गए हुए २४ साल हो गए है ...लेकिन मैंने उन्हें हमेशा अपने पास ही पाया . मैं जो कुछ भी हूँ , उनकी वजह से हूँ . मुझमे मौजूद हर अच्छाई , उनकी ही है ...

लड़कियों की प्रार्थनालड़कियों की प्रार्थना अच्छा घर हो अच्छा वर हो बड़ी नौकरी न कोई डर हो, इतना तो सब माँगा करतीं‘स्वयं’ कैसी हों नहीं सोचतीं ! बाहर सब हो कितना अच्छा भीतर के बल पर ही टिकता, भीतर को यदि नहीं संवारा बाहर का भी...सम्मोहन भागवत - " हमारा बाप चोर है"साहब हम नुक्कड़ पर टैटू बनाने की मशीन लेकर खड़े थे कि तभी संघ के बड़े कार्यकर्ता सम्मोहन भागवत जी दिखे, हमने आवाज देकर बुला लिया। उनके आते ही हमने कहा - "भागवत जी, जरा हाथ दिखाईये कुछ लिखना है।" भागवत जी ब...

पंचवटीभारतीय संस्कृति में एक अहम् स्थान रखती है. * * आचार्य मैथिली शरण गुप्त जी के पंचवटी से प्रेरित होकर एक खंड काव्य लिखना चाह रही हूँ. राष्ट्रकवि के पंचवटी की धूलि भी लिख सकी तो मैं स्वयं को धन्य ...मेरा चाहने वाला....छोड़,मेरा चाहने वाला तकती आँखों की फिर आज तमन्ना है वही, हँसे फिर आज मुझ पर,मेरा चाहने वाला वो नाज़िर था मेरा,संगदिल नहीं यार...

हमारी "विश्व धरोहरें"इंसान को अपने प्रादुर्भाव के साथ ही जब भी अपनी जीवन रक्षा और भोजन की समस्याओं से निजात मिली होगी, तभी से उसने सृजन का कार्य भी शुरु कर दिया होगा। समय के साथ-साथ जैसे-जैसे उसमे गुण विकसित होते गये उसके सृजन...टिप्पणियों का जवाब देने की सुविधा ब्लॉगर पर भी शुरूटिप्पणियों को जवाब देने की सुविधा ( Threaded Comments ) जो वर्डप्रेस में थी अब ब्लोगर पर भी उपलब्ध है यानि अब आप किसी टिप्पणी पर अपनी राय Reply विकल्प पर क्लिक कर दे सकते हैं । अगर आप ब्लोगर का मूल टे...

धडल्ले से चल रहे मानव तस्करीरामको सीमेन्ट फैक्टरी चेन्नई के मशीन मे फंस कर भानुप्रतापपुर के १९ वर्षीय मजदूर युवक की मृत्यु होने से छत्तीसगढ़ और केन्द्र सरकार की रोजगार योजना का भंड़ा-फोड़ हो गया है। वही क्षेत्र में भारी...हेलो, लोंहडी मुबारक..पंजाब से फोन आया / लोंह्डी मुबारक कहा / हरदीप कौर ने / मैंने पूछा / क्या गाया, क्या नाचा / जो गाया सो गाकर सुना / मुखड़ा या टुकड़ा / कुड़िये , एक उसका / कहाँ / मुझे कहाँ आया / ये गाना-वाना / ये तो आप का य...

बहुत अफ़सोस की बातदिल्ली भारत का वह राज्य है जहाँ की मुख्य मंत्री एक महिला हैं .उस राज्य में ऐसा होता है तो बहुत अफ़सोस की बात है .महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस विभाग में महिला सेल की स्थापना की गयी थी पर जब म...हम बने नहीं हम बने नहीं सागर सा यदि हम बने नहीं फिर बादल बन क्यों बरस गये सूरज को यदि हम छू न सके कब किरणें बन हम बिखर गये विस्तार गगन का पा न सके क्यों चक्रवात बन घुमड़ गये हिमगिरी सा यदि हम बन न सके बन चंदन कैसे महक ...

वार्ता के देते हैं विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद, राम राम...........

7 टिप्पणियाँ:

Ek aavedan aap bhi de daliye Lalit bhai ki Ravindra Prabhat ji ise Ginnies Book of Hindi Chitthakari me shamil karen. Ise Nukkadh aur Parikalpana ke sahyog se April mahine me shuru kiya ja raha hai. Dekha maine koi link nahin diya. ... Aaiye hanse. ..... Ha..... Ha ..... Ha......

बहुत सुंदर वार्ता ..
अच्‍छे लिंक्स मिले ..
आभार !!

अच्छे लिंक्स ... अच्छी वार्ता...
लोहड़ी, मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं....

@अविनाश वाचस्पति --- हा हा हा लिंक न लगाने के लिए आभार्। गिनिज बुक ऑफ़ हिन्दी के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।

अच्छी वार्ता है, अंदाज बहुत शानदार है।

बहुत सुंदर वार्ता । पोस्ट लिंक्स के साथ गजब तालमेल बिठाते हैं आप । शुभकामनाएं

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