शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

फ़ुरसतिया जी इब जबलईपुर के वासी भए..

जै हो काजल भाई की 
ब्लाग बुलेटिन एकल ब्लाग चर्चा के लिये तेज़ी पकड़ता ब्लाग बन पड़ा है.अतुल प्रकाश त्रिवेदी जी का ब्लाग शब्द और अर्थ लम्बी कविता "" से युक्त है. आज नुक्कड़ पहुंचा तो पता चला कि सांसद और साहब जी लोग भाग निकले.. यानी अबके औलोंपिक में पदक पक्के मानों.आज़ एक कड़वा सच देख कर हत प्रभ हूं " जख्मों को हवा-पानी मिल गया ! -" जायज़ लिखा स्थिति ही ऐसी दर्दनाक हैखरी-खरी लिखी तो है.. जब भारत माँ हुई लज्जित - कश्मीरी हिंदुओं के निर्वासन की बरसी आज ... उधर जब देखता हूं कि वंदना गुप्ता जी कह रहीं हैं "अपनी उम्र को तो शायद तूने तिजोरी में बंद कर रखा है " तो कडुवा सच पुष्टि पाता है. एक ब्लाग पर एक कडुवा-सच ये भी नज़र आया " पंकज पचौरी ने कभी कहा था- हमारा मीडिया चोर है " अब ये सच कित्ता कडुआ है आप जानें. हमको तो पता चला है कि पूरा डेरा लेकर फ़ुरसतिया जी जबलपुर तबादलित होकर आ चुके हैं. उनका लिखना जायज़ ही तो है"घर से बाहर जाता आदमी " वैसे फ़ुरसतिया जी अभी सरकारी आरामगाह में हैं. जबलपुर उनके लिये घर ही साबित होगा ये तय है. 
     उच्छब पर "हॉलीवुड प्रोड्यूसर कर्ट सिखाएंगे फिल्म निर्देशन -" पढ़" भारतीय निर्देशक हक्का-बक्का हो जावेंगे.
पर कर्ट को मालूम है कि भारत में "आठवीं मंजिल से भोंकते कई मिल जाएंगे....!! 
        आर्यावर्त
मीडिया का सनसनीखेज होना चिंताजनक. -मीडिया में खबरों को सनसनीखेज बनाए जाने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को भ्रष्टाचार उजागर करने ...
पल्लवी की कविता वक्त साथ दे तो कुछ बात बने .... उम्दा बन पड़ी है…दीपक बाबा की बक बक

एक बात और किसी न कहियो विवेक रस्तोगी भाई ने एक खुल्ली चिट्ठी भारत सरकार को लिक्खी है व्यंग्य : फेसबुक और गूगल पर प्रतिबंध मामले में भारत सरकार को एक खुली चिट्ठी...
अपन अपनी चिट्ठी इधरिच्च बंद करते हैं आप ब्लाग बांचिये न बाचें तो कोई बात नहीं एक झलक तो देख लीजिये हमारे दिये लिंक्स पर 

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