गुरुवार, 5 जनवरी 2012

ब्लॉगर अल्पना को गृहविज्ञान में पीएचडी -- ब्लॉग4वार्ता -- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, लेट लतीफ़ वार्ता के लिए क्षमा चाहते हुए एक खुशखबरी दे रहा हूँ, ब्लॉगर अल्पना देशपाण्डे को गृह विज्ञान में रविशंकर विश्वविद्यालय से पीएचडी प्रदान की गयी  है। उनके शोध का विषय " किशोर दूरदर्शन दर्शकों के लिंग तथा सुझाव ग्रहणशीलता का षड़यंत्रकारी व्यवहार" था। इस आशय की सूचना समस्त स्थानीय अखबारों में प्रकाशित हुई है, उन्हे ढेर सारी बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं। अल्पना देशपाण्डे अब डॉ अल्पना देशपाण्डे कहलाएंगी। साथ ही समाचार है कि पं लोचन प्रसाद पाण्डेय की 125 वीं जयंती पर महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन 4 जनवरी 2012 को किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ पुराविद डॉ विष्णुसिंह ठाकुर, संचालक नरेन्द्र शुक्ला, पुरातत्व सर्वेक्षण के रायपुर मंडल के अधीक्षक प्रवीण मिश्रा जी एवं इतिहासकार डॉ रमेन्द्रनाथ मिश्र ने दीप जला कर किया। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर, प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा लिंक.........

संगोष्ठी का शुभारभ करते हुए डॉ विष्णु सिंह

इतना डरते क्यूँ हैं?स्वीकारने से लोग डरते क्यूँ हैं? नकारने में इतना वक्त गंवाते क्यूँ हैं? नहीं जानते,शायद... कि स्वीकारने में मुक्ति है, नकारने में बंधन है . जब प्रेम स्वाभाविक है मूल स्वभाव है मनुष्य का ... तो उसकी स्वी...
हे! जगदीश्वर... हे! कृष्णएक कविता जिसे कुछ कुछ बदल कर प्रार्थनारूप में यहाँ अनुशील पर प्रस्तुत किया था... सितम्बर २०१० में, आज पुनः उसी कविता को उसके मूल रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं... यह प्रार्थना लिखी गयी थी अपने प्रिय भैया के ...
तुरन्त फुरन्त में रची वे फुटकर तुकबन्दियाँतुम गुल बनके आओगे तो गुलाब दूंगा गिन गिन के नहीं दूंगा, बेहिसाब दूंगा तुम ताल में आओ तो मैं सुर बन जाऊं पर सवाल करते रहोगे तो जवाब दूंगा मैं तो चाहता हूँ कि कोई मुझ पर भारी पड़े पर जब भी...मानव कितना विवश है !नये साल में इस आँगन में कुछ भी नया नहीं है , लगता है जैसे साल पुराना अब तक गया नहीं है ! ...दसमेश पिता के वारिश हम ..वाहो !,वाहो ! गोबिंद सिंह जी, आपे गुरु चेला पावन गुरु -पर्व पर समस्त देश- विदेश वासियों को लख-लख वधाईयां ,प्यार ,शुभकामनायें ,मीरी[शक्ति ] और पीरी[ज्ञान ] के सद्द- वाहक बनें ..... ...

'गुप्त' इच्छाओं की 'सुप्त' सामग्री :)दुनिया में तरह तरह के रोग होते हैं लेकिन कुछ रोग गुप्त रोग कहलाते हैं। गुप्त यानि कि जो छिपा हो, आड़ में हो, किसी को नज़र न आये। इस तरह के रोगों के लिये निदान हेतु, जड़ से खत्म करने के दावे वाले वि...कृष्ण की व्यथानहीं कहा था मैंने कि गढ़ दो तुम मुझे मूर्तियों में नहीं चाहता था मैं पत्थर होना अलौकिक रहूँ यह भी नहीं रही चाहना मेरी , पर मानव तुम कितने छद्मवेशी हो एक ओर तो कर देते हो मंदिर में स्थापित ...

अब ‘इसके लिए’ भी ‘चाय-पानी’?अफसरशाही से सारा देश दुखी और परेशान है। इतना और ऐसा कि, आजादी के पैंसठ बरस बाद भी, व्यथित और क्षुब्ध स्वरों में, ‘इससे तो अंग्रेजों का राज ही अच्छा था।’ वाला वाक्य एक-दो दिनों में सुनने को मिल जाता है। यह...मैं कुत्तों के बारे में जो जानता हूँओरहन पामुक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित तुर्की के गद्यकार हैं | निजी जिंदगी के बारे में उन्होंने सुन्दर बहते हुए गद्य को माध्यम बनाते हुए लिखा है | प्रस्तुत अंश उनकी किताब 'अदर कलर्स' से लिया है | यह एक म...

माटरा की चटनी और तीरथगढ जलप्रपाततीरथगढ कुटुमसर (गुगल के सौजन्य से) कांगेर घाटी में स्थित तीरथगढ़ दक्षिण पश्चिम दिशा में जगदलपुर से केशलुर 18 किलोमीटर और फ़ारेस्ट नाका 18 किलोमीटर फ़िर तीरथगढ 6 किलोमीटर है। कुटुमसर गुफ़ायहाँ से 12 किलो मीटर ...विशाल वटवृक्ष की छायाजिला सहकारी बैंक रायपुर का शताब्दी वर्ष जिला सहकारी बैंक रायपुर अपनी स्थापना के सौंवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है . इसका विधिवत पंजीयन 2 जनवरी 1913 को हुआ था . इसका पंजीयन क्रमांक भी 1 है .स्व...

अबे कितना सोओगे , का पत्थर हो जाओगेल्यो , अबे उत्तम पिरदेस में अफ़वाह उठी, कि, सोए तो पत्थर हो जाओगे , जियोह्ह क्या उडाए हो , अबे हो ही जाओ , मानुस रहे तो , हथिनी तले पिचाओगे * अबे जागो बे , ई अफ़वाह का माने है कि , अबे और कित्ता सोते रहोग...सागर की अथाह गहराइयो में..आज मैं उतर जाना चाहती हूँ.... * *सागर की अथाह गहराइयो में....* *मैं ढूढ लेना चाहती हूँ.... वो शब्द.....* *जो खुद में समेट ले मेरी तन्हाइयो को........ * * * * * *आज मै...

आ सखी चुगली करें सखियों ये .....एक कल्पना !!! .पुलकित मन की ....... प्रथम समर्पण कैसा होगा , मिलन हमारा कैसा होगा, सबल भुजा वो मेरी होगी , अस्तित्व समर्पित तेरा होगा, स्पर्श प्रथम तेरे अधरों का कपित अधरों से कैसा ह...क्षणिकाएंउडाती अफवाहें बेमतलब तुमने शायद नहीं सुनीं जब सामने से निकलीं लोगों ने कुछ सोचा और | मन ही मन कल्पना की कोइ सन्देश दिया होगा तुम मौन थीं तो क्या हुआ आँखों से व्यक्त किया होगा | कुछ मन चले छिप छिप कर ...

अजब सांपला की गज़ब कहानीयूँ तो हिंदी जगत में ब्लॉगर मिलन अक्सर होते हैं और अक्सर यह चर्चा भी रहती है कि ब्लॉगर मीट सार्थक होती है अथवा नहीं. हालाँकि सार्थकता के मायने हर इक के लिए अलग होते हैं, फिर भी एक सार्थक बात तो हर एक ब्लॉग...स्ट्राबेरीज़ के शहर मेंमुंबई आने से पहले...पंचगनी के विषय में इतना ही पता था कि वहाँ फिल्मो की शूटिंग होती है...फिल्म कलाकारों के बड़े बड़े बंगले हैं...और उनके बच्चे वहाँ के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं. यहाँ आने के बाद पता चला...

आज बस इतना ही, वार्ता को देते हैं विराम, राम राम.......................

11 टिप्पणियाँ:

डॉक्टर अल्पना जी को बहुत बहुत शुभकामनायें !

अल्‍पना देशपांडे जी को बहुत बहुत बधाई ..
इस वार्ता के द्वारा अच्‍छे अच्‍छे लिंक्‍स मिले !!

अल्‍पना देशपांडे जी को बहुत बहुत बधाई|

ढेर सारी शुभकामनायें

अल्पना जी को बहुत बहुत शुभकामनायें...
लेट लतीफ़ ही सही बहुत अच्छे लिंक से भरी वार्ता... आभार

अल्पना जी को बधाई ... बहुत बढ़िया वार्ता ... आभार

अल्पना जी को बधाई और शुभकामनायें.

अल्‍पना देशपांडे जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें

अल्पना जी को बधाई और शुभकामनाओं के साथ हमारे पीएच डी होल्डर्स एशोसिएशन में शामिल होने का न्योता भी..
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

अल्पना जी को बहुत बहुत बधाई !

अलपना अउ तोला बधई....

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