शनिवार, 21 अगस्त 2010

कामवालियां बनाम घरवालियाँ - बीमा कब कर रहे हैं - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आप सब को बहुत बहुत बधाइयाँ ..............हो गए हैरान ...........मालुम था मुझे ..............अभी बताता हूँ कि बधाइयाँ किस बात की दे रहा हूँ  |

लीजिये आप खुद ही पढ़ लीजिये :- 

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सांसदों के मूल वेतन में तीन गुना वृद्धि करते हुए उसे 16 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने के साथ अन्य भत्तों को भी दोगुना करने को अपनी मंजूरी दे दी।
इस मुद्दे पर मंत्रियों के बीच मतभेदों को लेकर ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि सांसदों के वेतन में वृद्धि संबंधी फैसला आने में देर होगी लेकिन आज कैबिनेट ने सांसदों का मूल वेतन 16 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रति माह करने को अपनी मंजूरी दे दी।
हालांकि यह वृद्धि संसदीय समिति की सिफारिशों से काफी कम है जिसने कहा था कि सांसदों को सरकारी सचिवों से अधिक वेतन मिलना चाहिए क्योंकि वे वरीयता क्रम में उनसे ऊपर हैं। समिति ने इसे बढ़ाकर 80001 रुपये करने की सिफारिश की थी।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सांसदों को प्रति माह मिलने वाले कार्यालय खर्च की सीमा को भी बढ़ाकर 20 हजार रुपये से 40 हजार रुपये कर दिया है और साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को भी 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया गया है।
निजी वाहन खरीदने के लिए सांसदों को मिलने वाले ब्याज मुक्त ऋण की सीमा को भी चार गुणा बढ़ाते हुए एक लाख से चार लाख रुपये कर दिया गया है।
सरकार ने सांसदों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की रोड माइलेज रेट को भी 13 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 16 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि सांसद या उनकी पत्नी अब चाहे जितनी बार प्रथम श्रेणी या एग्जीक्यूटिव श्रेणी में यात्रा कर सकेंगे। पेंशन लाभ को भी मौजूदा आठ हजार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है।

अब आप बोलेगे इस में हमारा क्या फायेदा है ............ज़रा बताइए फायेदा कैसे नहीं है ?? 

रोज़ रोज़ १० से ५ तक की नौकरी कर कितना कम रहे है आप ? आज की मौजूदा कीमतों के हिसाब से आपकी कमाई पूरी पड़ती होगी ऐसा मैं नहीं सोचता ( अगर मैं गलत हूँ तो आप को एक बार और बधाइयाँ | ) सो क्यों ना राजनीती में अपनी किस्मत आजमाई जाए !!  

एक बार अगर हम में कोई भी सांसद बन गया तो फिर तो भईया पांचो उँगलियाँ घी में .......सिर्फ़ अपनी ही नहीं आने वाली पुश्तो की भी ! क्यों गलत कह रहा हूँ ! सो मेरी मानिए आज से ही लग जाइये ............आईडिया बुरा नहीं है !!

चलिए जब तक आप इस आईडिया पर विचार करते है ........तब तक आपको इस ब्लॉग 4 वार्ता  मंच से आज की ब्लॉग वार्ता पढवा देता हूँ !

सादर आपका 


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हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग के आसाराम बापू कौन हैं ? :- बाई गौड़ की कसम हम नहीं है जी ! 



कामवालियां बनाम घरवालियाँ ... :- युद्ध हो रहा है क्या .........मतलब खाना गया !!




आज राष्ट्रिय रेडिओ दिवस -- समय ने इसका स्वरुप ही बदल डाला :- समय ने बड़े बड़े को बदल दिया तो यह क्या है जी ?

बीमा कब कर रहे हैं :- हम भी यही पूछते है !



इतिहास में घूमना :- पर इतिहास मत बन जाना !


बात का कच्चा भंडुआ, नेद की कच्ची छिनारी.. :- इसको देख लो बात समझ आ जाएगी सारी ! 

गिद्ध बैठे होंगे, प्रजातंत्र की डाल पर ! :- हर शाख पर उल्लू बैठा है .........अंजामे गुलिस्तान क्या कहिये !! 

लगवा/कटवा दो इण्टरनेट पिया :- क्यों पिया क्या आज कल दूरसंचार विभाग में है ?

किसी से प्यार करो पर विश्वास नहीं..... क्या संभव है ? :- सवाल ने तो विचार ही शुन्य कर दिए ......तो बोले क्या ??



मल्लू अंकल के साथ मल्लू आंटी भी...खुशदीप :- डबल धमाका :- एक पर एक मुफ्त .......मुफ्त....... मुफ्त ! 

पीपली [लाइव]: मीडिया का स्टिंग ऑपरेशन :- अरे, कौन काट लिया जो ऑपरेशन की जरूरत पड़ गयी ??


हरि मेहता - दीवानगी नाटक की :- है जूनून ......तो है मज़ा जीने में !  


एक बिहारी डकैत जो दिलों पर डाका डालता है :-  खतरनाक और संवेदनशील आदमी है भाई ........बच के रहियो !

खाली सा कुछ :- पर आखिर क्या ?

बूढी पथराई आँखें .....रानीविशाल :-  खट्टे मीठे अनुभवों से भरी हुयी !

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आज की ब्लॉग वार्ता बस यही तक अगली बार फिर मिलुगा एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए .................

जय हिंद !!

22 टिप्पणियाँ:

शिवम हो या शिव हो
जागते परमशिव हो
सोते कब हो
या बनाते रहते हो पोस्‍टचर्चा
सोते सोते
जो हैं ऐसे होते
वही होते हैं बापू
और वही होते हैं राम देव
और कम आप भी नहीं
हो शिव शंकर देव।

आज तो अविनाश वाचस्पति के लिंक पर ही फंस कर रह गए ...इन बाबाओं का लिंक काहे देते हो शिवम् भैया...अविनाश वाचस्पति .... मग्गा बाबा ...समीरानंद .... यह उस्ताद लोग हैं ...इनकी बातें समझ ही नहीं आती ! किसी न किसी पहेली में फंसा देते हैं फिर उलझे रहो वहीं ! और ताऊ के आश्रम में पंहुच गए तो कोई न कोई दवा जबरन खरीदनी पड़ती है ! :-)
शुभकामनायें !

इतनी सुविधा के बाद भी ये लोग देश को लूटना नहीं छोड़ेगें।
अगर ये भ्रष्टाचार करना छोड़ दें तो इनकी तनखा 1,50,000 कर देनी चाहिए। लेकिन सुधरेंगे नहीं, बोनस कौन छोड़ता है।

अच्छी वार्ता शिवम भाई

आभार

वार्ता में चुनचुनकर लिंक लगाते हैं .. और कमाल के कमेंट देते हैं आप .. इसलिए तो इतनी अच्‍छी पोस्‍ट तैयार होती है .. बधाई !!

बेहतरीन। लाजवाब।

*** हिन्दी प्रेम एवं अनुराग की भाषा है।

"जो हैं कोमल-सरल उनको मेरा नमन।
जो घमण्डी हैं उनका ही होता पतन।।"
--
कोमल और सरल को ही है मेरा नमन!
--
अच्छी वार्ता शिवम जी!

शिवम जी,
सुन्दर सुव्यवस्थित वार्ता और आपके समपुट के क्या कहने ......शुक्रगुज़ार हूँ आप मेरी रचना तक पहुच पाए !
आपका व्यंग हर आम आदमी को हँसाएगा लेकिन उस हँसी की वेदना हम सभी जानते है !

बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

बहुत ही बढिया चर्चा लगाई है……………अच्छे लिंक्स मिले………आभार्।

लाजबाब प्रस्तुति बेहतरीन लिंक्स.

बहुत अच्छी और मेहनत से की गई चर्चा ....मेरे चिट्ठे को शामिल करने का आभार

शिवम् भाई आज की चर्चा बहुत बढ़िया लगी. ...बधाई ....

बहुत ही बढ़िया और शानदार चर्चा रहा! आपने कड़ी मेहनत की है और काफी लिंक्स मिले! मेरी कविता चर्चा में शामिल करने के लिए धन्यवाद!

शिवम् बाबा श्री श्री श्री जी की जय हो

हर बार की तरह बहुत ही बेहतरीन चर्चा.......बहुत खूब!

अच्छे कमेंट्स के साथ बढ़िया लिंक्स दिए हैं । आभार ।

बहुत बढ़िया चर्चा...यहीं से सब जगह टहलता रहा, इसलिए समय लग गया.

आप सब का बहुत बहुत आभार !

सिवम बाबू.. रात रात भर नींद हराम करके आप एतना मेहनत से छाँट छाँट के मोती लाते हैं… अब त लगता है कि आपके वार्त्ता के मार्फत हम दुनिया का सैर कर लेते हैं... एकदम बाईस्कोप छाप है.. एतना बड़ा नाम के बीच हमको अपने आप को देख के तनी इंफीरियरिटी कॉम्प्लेक्स होने लगता है..ऊ का कहते हैं एहसासे कमतरी...बाकी आप ई काम के लिए धन्यवाद के पात्र हैं.. अऊर सुनिए देरी के लिए माफी चाहते हैं..कारन त पते है आपको...

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