बुधवार, 25 अगस्त 2010

"पांगी घाटी" लांस नायक वेदराम! मेरे भैया--'राखी की लाज'---ब्लाग4वार्ता----ललित शर्मा

नमस्कार, सभी पाठकों को श्रावणी पर्व की शुभकामनाएं, आज हमने रक्षा बंधन का त्योहार मनाया। यह एक भावनाओं से जुड़ा त्यौहार है। बिछुड़े भाई और बहन मिलते हैं तो आंसु गिरते हैं और मिल कर बिछुड़ते हैं तो आंसु गिरते हैं कि कब फ़िर मिलेंगे? अनुठा त्यौहार है रक्षा बंधन। श्रावण पुर्णिमा के दिन को वैदिक काल में विद्यारंभ का दिन माना जाता था। इसदिन यज्ञोपवीतसंस्कार होते थे और ब्रह्मचारियों का अध्ययन हेतु गुरुकुल प्रवेश होता था। आचार्य उन्हे अपने गुरुकुल में प्रवेश देते थे। अन्य द्विजातियां इस दिन यज्ञोपवीत बदलती थी और आज भी हम पुराने यज्ञोपवीत को बदल कर नया धारण करते हैं। कालांतर में इसे रक्षा बंधन के नाम से जाना गया। इसका बदलता हुआ रुप आपके सामने हैं, अब चलते हैं आज की ब्लाग4वार्ता पर देखते हैं कुछ रक्षा बंधन के चुनिंदा ब्लाग....

आज ब्लाग जगत में रक्षा बंधन के साथ-साथ जन्मदिन की भी धूम रही। 24 अगस्त को अदा "सैल मंजुषा" उनकी बिटिया प्रज्ञा हमारी बिटिया श्रुतिप्रिया एवं श्रीमति अजीत गुप्ता जी की बिटिया कनुप्रिया का जन्म दिवस समवेत रुप से मनाया गया।

आज स्वप्न मंजूषा शैल 'अदा' का जनमदिन हैआज, 24 अगस्त को काव्य मंजूषा वालीं स्वप्न मंजूषा शैल 'अदा' का जनमदिन है। उनकी बिटिया प्रज्ञा का जनमदिन भी आज ही है। बधाई व शुभकामनाएँ आने वाले जनमदिन आदि की जानकारी, अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए ...श्रुतिप्रिया के जन्म दिन एवं रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई----आर्ट गैलरी सेश्रुतिप्रिया के जन्म दिन, एवं रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई, ये ललित शर्मा जीकी यशस्वी पुत्री हैं, तथा छत्तीसगढ राज्य की जुनियर निशाने बाज हैं। श्रुतिप्रिया के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।* * * *स्वर्ण ए..श्रीमति अजीत गुप्ता जी की बिटिया कनुप्रिया का जन्म दिवस भी मनाया गया।

त्यौहार की आड़ में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों की पौ बारह हो जाती है, त्यौहार में जिस वस्तु की मांग बढती है उसके नकली संस्करण भी बाजार में धड़ल्ले से बिकने लगते हैं। त्यौहारों में नकली खोवे की मिठाई धड़ल्ले से बिकती है और प्रशासन  के अधिकारी आंखे मूंद कर नोट चबाते रहते हैं। दिनेश राय द्विवेदी जी ने इस पर एक पोस्ट लिख कर चेताया है। कविता वर्मा जी ने अपने ब्लाग पर एक जीजी को एक संदेश दिया  है।
सिंथेटिक मावा/खोया और उस की मिठाइयों का बहिष्कार करें ....बस कुछ देर में तारीख बदलने वाली है। हो सकता है यह आलेख प्रकाशित होते होते ही बदल जाए। नई तारीख रक्षा बंधन के त्यौहार की है। यूँ हमारे यहाँ तिथियाँ सूर्योदय से आरंभ होती हैं। इस कारण कल का सूर्योदय होती ही...जीजी तूने चिठ्ठी नहीं लिखीरक्षाबंधन, ये शब्द ही मन में हलचल मचा देता है हर दिल में चाहे वो भाई हो या बहन अपनो की यादे उनके साथ बिताये बचपन के अनगिनत खट्टे -मीठे पल आँखों के आगे कौंध जाते हैं। बात बात पर वो भाइयों से लड़ना,दादी का उला..

अशोक बजाज जी ने रक्षा बंधन की बधाई दी है शाहनवाज भी रक्षा बंधन के भावनात्मक पक्ष को उजागर कर रहे हैं। रक्षा बंधन त्यौहार ही ऐसा है कि सब इससे भावनात्मक रुप से जुड़ जाते हैं। भाई बहन के प्रेम का जो त्यौहार है।
रक्षाबंधन की बधाईक्षाबंधन के पावन पर्व पर सभी बहनों एवं भाइयों को हार्दिक बधाई* बधाई के साथ यह भी और भी ................... लेकिन शर्त है इसे बचाएं ............. हम बेटियाँ ईश्वर की वरदान होती है .. ...राखी तो बहन भाई की जज़्बात-ए-निशानी हैराखी तो बहन भाई की जज़्बात-ए-निशानी है फूलों सी महकती हुई प्यारी सी कहानी है भाई-बहन का प्रेम है कुदरत की एक नज़्म धारा सी अविकल है यह, गीतों सी रवानी है क़यामत तक ताउम्र ही चलता रहे यह प्यार इंसान की ...

बड़ा भिखारीयह एक और शनिवार की रात थी, हमेशा की तरह, राहुल देर रात को आया था. अपने दोस्तों उसे उसकी बस्ती के कोने पर छोड़ दिया! उसने मोबाइल में देखा, ३.३० बज रहे थे! राहुल ने दरवाजा खटखटाया. उसके पिता ने दरवाजा खोला!...मेरी बिटिया...आज का ही दिन था मुझे मिली थी .. मुट्ठी में गुनगुनी धूप, चाँदनी में नहाई, सोंधी ख़ुशबू में लिपटी नूर की नमी लिए एक नयी आशा, और एक नया रिश्ता, मेरे अपने से चेहरे पर, ठहरी हुई आखों का अहसास, कितना तिलस्मी ...

राखी पर्व पर शुभकामनाएं..-------->>>दीपक मशाल आज राखी के पावन पर्व पर अपनी प्यारी छोटी बहिन रानी(गार्गी) और सृष्टि के अलावा सारी बड़ी बहिनों(दीदियों) अदा दी, रश्मि रवीजा दी, लता हया दी और शिखा वार्ष्णेय दी का सादर चरण वंदन.. और आप सबको भी प्रेम के...आज़ादी तो तब ही होगी जब हम देश के, समाज के ग़लत तत्वों के उत्पीडन से आज़ाद न हो जाएँ,आज परिचर्चा का दसवां दिन है, कल मैंने कई महत्वपूर्ण चिट्ठाकारों के विचार से रूबरू हुए थे ......इसी कड़ी में आज के दिन की शुरुआत हम करने जा रहे हैं हिंदी के वहुचर्चित युवा चिट्ठाकार श्री सलीम खान से !* 

सुअरा की विदाई!विश्व स्वास्थ्य संगठन* का कहना है कि सुअरा ,अरे वही स्वाईंन फ़्लू H1N1 के दिन लद गए ..अब यह विश्व व्यापी नहीं रहा .निदेशक मार्गरेट चैन का कहना है कि अब पूरी दुनिया *' पोस्ट पैन्ड़ेमिक पीरियड '* से गुजर रह...रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएंप्रेम का बंधन है राखी, दिलों में धड़कन है राखी प्रेम-स्नेह का पर्व है राखी, रक्षा का बंधन है राखी। तुम क्यूं चले आते हो…..तुम क्यूं चले आते हो….. तुम क्यूं चले आते हो दबे पांव मेरे खयालों में ? अचानक ही अनमनी सी हो जाती हूँ मैं । किसी चीज का रहता नही होश, जागती आँखों से सपने में खो जाती हूँ मै । किसी के पूछने पर कि क्या हुआ .

रक्षाबंधन विशेष: वृन्दावनलाल वर्मा का नाटक - 'राखी की लाज'राखी की लाज' वृन्दावनलाल वर्मा का एक प्रसिद्ध नाटक है।आवारा मेघराज की गाँठ में राखी बँधने के समय पैसे न थे, अथवा वह राखी बाँधने वाली अपनी बहन को पैसों से बढ़कर कुछ और देना चाहता था-और उसने दिया।विंध्यखंड मे...मेरे भैया .....रानीविशालआज जब देश के हर घर में बहनें भाइयों की कलाई पर अपने प्यार और विश्वास को रेशम के खुबसूरत धागे में संजो कर बाँध रही हैं और भाई भी पुरे आत्मप्रेम और निष्ठा के साथ आस्था के इस अटूट बंधन को अपनी कलाइयों पर सजा ...

आज पहली वर्षगाँठ है आपके इस ब्लॉग की आज आपके ब्लॉग की पहली वर्षगाँठ है । पिछले साल 24 अगस्त को पहली पोस्ट आई थी इस ब्लॉग की और अब 740 से ज्यादा पोस्ट है अब इस ब्लॉग में । आंकड़ें नहीं गिनाना चाहता आपके सहयोग को कोई अंक व्यक्त नहीं कर पायेगा ..."दुनिया भी वार दूं, तेरे प्यार की सच्चाई पर.... "सुधि मित्रों, सदर नमस्कार और भाई बहन के प्यार भरे रिश्तों को स्थापित करने वाले अद्भुत त्यौहार रक्षा बंधन की दिली बधाइयां.... प्यारे प्यारे स्मृतियों के उमड़ते- घुमड़ते, बदलियों संग विचरते, मेरा यह पोस्ट दु...

जो कष्ट से मरे वह कस्टमर !अंग्रेज़ी के कस्टमर (customer) शब्द का अगर हम हिन्दी वाले ज़रा तोड़- फोड़ कर अर्थ निकालें , तो आज के समय में सौ करोड़ से भी ज्यादा आबादी वाले हमारे देश की आम जनता पर वह बिल्कुल फिट बैठता दिखेगा . अंग्रेज...रक्षा बन्धन भाई-बहन का त्यौहार या पुरोहित-यजमान का?हमें आज भी याद है कि बचपन में प्रतिवर्ष रक्षा बन्धन अर्थात् श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन हमारे पिता जी सुबह से ही पुरोहित जी की प्रतीक्षा करने लगते थे। उस रोज पुरोहित जी हमारे घर आकर सबसे पहले पिताजी के हा...

"मन्दिर में खून की होली" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")बग्वाल मेला बग्वाल मेला साल में रक्षा-बन्धन के दिन आता है। आज के दिन बहने अपने भाईयों को राखी बाँधती हैं।परन्तु उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के चम्पावत जिले में एक स्थान ऐसा है, जहाँ यह अनोखा त्योहार मनाया जा...रक्षा बंधन रक्षा बंधन बधाई हो! सुना है कि रक्षा बंधन भाइयों-बहनों क त्योहार है। बहन अपने भाइयों को राखी देती हैं और भाई बहनों की रक्षा करने को प्रतिज्ञा करते हैं। यह जाने के बाद, मैं हर साल भारतीय मित्रों को राखी भे...

"पांगी घाटी" जहां आज भी लड़की को भगा कर शादी करने का चलन है।हमारा हिमालय दुर्गम घाटियों और ऊचाईयों का अद्भुत संगम है। आश्चर्य होता है ऐसी-ऐसी जगहों को देख कर कि वहां मनुष्य रह कैसे लेता है। क्या है ऐसा उस जगह में जो आठ-आठ महीने मुख्य धरा से कट कर भी इंसान खुश है अप...स्टीविया चबाओ, मधुमेह भगाओविश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग दो करोड़ दस लाख लोग मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं। संगठन का यह भी अनुमान है कि वर्ष 2020 में भारत का हर पांचवां व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित होगा। जम्मू-क...

इंटरनेट से लोगों की पहचान कर लेगा यह सॉफ्टवेयर ! जल्द ही एक ऐसा सॉफ्टवेयर आने वाला है जो इंटरनेट पर व्यक्तियों की तस्वीर से उन्हें पहचान सकेगा और इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि वह एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक पर काम कर रही है, जिससे इंटरनेट की हर तस्वीर ...दो वर्षों तक स्‍कूल में होनेवाली छुट्टियों का हमलोगों ने जमकर फायदा उठाया था !!अभी तक आपने पढा ....... हर प्रकार के सुख सुविधायुक्‍त वातावरण होने के कारण हमलोग कुछ ही दिनों में आसानी से बोकारो में और बच्‍चे अपने नए स्‍कूल में एडजस्‍ट करने लगे थे। पर यहां रिश्‍तेदारों या परिचितों की ..

या फिर बाज़ार में अपने बेटे की कीमत लगाइए ..........!हमने अखबार में पढ़ा एक '*Advertisement* ' लिखा था नो दहेज़ ,'*No Requirement* ' दहेज़ लेना और देना दोनों ही पाप है , लिकिन बेटी को सुखी न रखना भी अभिशाप है | खैर लड़के का '*Bio-Data* ' हमे पसंद आया, जवाब ...उसका पता मिलता नहींअपना पता भूलती नहीं उसका पता मिलता नहीं नगरी नगरी , द्वारे द्वारे खोजती फिरूँ प्यारे को पर उसका ठिकाना मिलता नहीं कमली बन कर डोलूँ मन के वृन्दावन में खोजूँ सांझ सकारे प्रीतम प्यारे दर्शन को तरसे नैना...



चलते चलते व्यंग्यचित्र.

 

 




अब वार्ता को देते हैं  विराम--सभी को ललित शर्मा का राम राम---यहां पर मिलिए लांस नायक वेदराम! से

23 टिप्पणियाँ:

Achchi lagi blog warta. Aapko sab blog bandhuon ko aur sare fauji bhaeeyon ko Rakhi ki bahut badhaee.

बहुत बढ़िया वार्ता...आभार.

बहुत अच्छी प्रस्तुति।

*** भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है!

ब्‍लॉग जगत में रक्षाबंधन का दिन बहुत खास रहा .. बहुत बढिया वार्ता !!

बहुत बढिया वार्ता !!

समीक्षा का यह तरीका काबिले तारीफ़ है इसे बनाये रखें !

बेहद उम्दा .........मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

बहुत बहुत आभार !
बहुत बहुत आभार !
बहुत बहुत आभार !

Aapko ShrutiPrriya bitiya ke janmdin ki bahut bahut badhai aur shubhkaamnaae!!

अत्ति उत्तम ब्लॉग वार्ता
खूब सारे लिंक्स मिले....

बेहद उम्दा ब्लॉग वार्ता ललित भाई .......मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

बहुत परिश्रम के साथ तैयार की गई वाराता के लिए बधाई!

बहुत बढ़िया वार्ता...
आभार!!!

Hamesha ki achhi Blog Varta. Meri gazal shamil karne ke liye bahut-bahut Dhanywaad!

आज तो शुभकामनाओं और राखी प्रेम से लबरेज वार्ता है ..बहुत सुन्दर.

सुन्दर वार्ता, अच्छे लिंक्स मिले..आभार ।

बहुत ही सुंदर वार्ता, आभार.

रामराम.

लगता है सारी रात लगा कर तेयार की है यह सुंदर पोस्ट, धन्यवाद

बहुत बढ़िया वार्ता ----आभार !

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