गुरुवार, 5 अगस्त 2010

जनता के कुछ और सत्य हैं, शासन के कुछ और - कब सुधरेंगे हमारे माननीय...? - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

प्रिय ब्लॉगर मित्रो 
प्रणाम !

आज जब यह ब्लॉग वार्ता लिख रहा हूँ तब बिलकुल भीगा हुआ हूँ .....................आप सब के स्नेह की बारिश में ! 

जिस दिन पहली बार ब्लॉग 4 वार्ता  के मंच से अपनी पहली ब्लॉग वार्ता लगाई थी उस दिन ज़रा भी अंदाज़ नहीं था कि आप सब का प्यार यूँ बेशुमार मिलेगा !

आप सब से यह वादा है कि जब तक इस ब्लॉग जगत पर हूँ .................या इस जगत में हूँ आप लोगो को कभी भी शिकायत का मौका नहीं दूंगा !

अब और ज्यादा सेंटी नहीं होना चाहता .........मेंटल हो जाने का खतरा रहता है !!

आइये अब  चलते है ब्लॉग जगत का एक चक्कर लगाने !

सादर आपका 

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मैं धार्मिक हूँ :- हम भी है जी !

ज़िन्दगी :- इम्तहान लेती है !


फ़ूंकनी-चिमटा बिना यार-देखो मुहब्बत है बेकार------ललित शर्मा :- आज ही ले कर आये है ............परिवार का सवाल है भाई ! 

सचमुच काली बन जाऊँगी...! :- हाँ नहीं तो ...........जय माँ काली !!

मेरी कलम! :- बढ़िया लिखती है ! 


तुम्हारी बात में दम तो है :- तो मान काहे नहीं लेते ? 



एक हस्ताक्षर उसका एक मेरा ..... :- पर हस्ताक्षर किये कहाँ  है ??



मॉल और माइक्रोसॉफ्ट :-  अब भाई, माइक्रोसॉफ्ट होगा तो........ माल तो होगा ही !!



निर्विकार :- उम्दा सोच !





करेगा फिर पाप पर कुठाराघात परशुराम :- पाप का नाश होना ही चाहिए !

वैलकम ! :- इमानदार आदमी की तो कोई कद्र ही नहीं है !

कश्मीर राज्यपाल शासन की ओर? :- नज़र मेरी जमीन को ......लगी है आसमान की !!

चमन को अचरज भारी :- होना ही चाहिए !

कैसे कह दूं यार .....कि कोई फ़र्क नहीं पडता .....अजय कुमार झा :- फर्क तो पड़ता है भाई !!

घूमती है दुनिया घुमाने वाला चाहिए-राजीव तनेजा :- तुना....... तुना....... ता....... ता....... तुना !!

मेरा सपना मेरी डायरी मेरी जिंदगी :- एक मिनट................ इन सब में हम कहाँ है ??

भारत को पदक क्यों नहीं मिलते? :- किस खेल में ..........खुल कर बोलो भाई जी !!

कालसर्प योग की भयावहता पर स्‍वयमेव ही प्रश्‍नचिन्‍ह लग जाता है!! :- पर क्यों भला ?

एक झलक (एलोरा केव्स की) :- घर बैठे बैठ देशाटन ...........धन्यवाद !

जय श्री शाह को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं :-  अंदाज़ निराला है ..............अरे तभी तो लिंक यहाँ डाला है !!

अमीर खुसरो :- शत शत नमन उनको !

कान खोल कर इस पोस्ट को पढ़ें...खुशदीप :- आँखों का क्या आचार डालना है ??

छपते छपते  :- 

एक दुखद सूचना :- सलिल वर्मा जी कि पोस्ट के मार्फ़त पता चला कि स्वप्न मेरे................ ब्लॉग वाले श्री दिगम्बर नासवा जी के बड़े भाई साहब का २८ जुलाई को फरीदाबाद में अचानक ह्रदय गति रुक जाने से देहांत हो गया |

इस दुःख की घडी में  ब्लॉग 4 वार्ता   का पूरा वार्ता दल आपके साथ है |

दिगम्बर नासवा जी को भ्रातृ शोक :- बेहद दुखद .............हम सब आपके साथ है !

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आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक .............ईश्वर से यही विनती है कि श्री दिगम्बर नासवा जी और उनके पूरे परिवार को इस सदमे से उबरने की शक्ति और मृतात्मा को शांति प्रदान करें |

ॐ शांति शांति शांति !

जय हिंद !!

22 टिप्पणियाँ:

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार प्रसार मे आपका योगदान सराहनीय है।

दिगम्बर भाई एवं उनके परिवार को ईश्वर इस असीम दुख को सहने की क्षमता प्रदान करे.

भाई साहब की आत्मा को शांति मिले.

श्रृद्धांजलि!

श्री दिगम्बर नासवा जी और उनके पूरे परिवार को इस सदमे से उबरने की शक्ति और मृतात्मा को शांति प्रदान करें |

भाई जी की आत्मा को शांति मिले.

दिगम्बर नासवा जी के दुःख में हम भी सहभागी हैं!
ईश्वर नासवा जी के भाई की आत्मा को सदगति प्रदान करें!

उम्दा वार्ता शिवम भाई

दिगम्बर नासवा जी के भाई के निधन का दुखद समाचार मिला।
ईश्वर उनके परिवार को दारुण दु:ख सहने की शक्ति दे और मृतात्मा को शांति दे।

सुन्दर चर्चा ... पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद !

वार्ता उत्तम है ...


ईश्वर दिगंबर नासवा जी को यह दुःख सहने की क्षमता प्रदान करे और जाने वाले की आत्मा को शांति ...

बहुत सुदर एकलाइना .. इतने अच्‍छे अच्‍छे लिंक्स उपलब्‍ध कराने का आभार !!

दिगम्बर नासवा जी के दुःख में हम भी सहभागी हैं!
ईश्वर नासवा जी के भाई की आत्मा को सदगति प्रदान करें!

अगर ऐसा लिखते रहे तो मेंटल होने का खतरा भी होता है ...सावधान !


शिवम भाई, इस झकास चर्चा के लिए बधाई स्वीकारें।

…………..
अंधेरे का राही...
किस तरह अश्लील है कविता...

श्री दिगम्बर नासवा जी और उनके पूरे परिवार को इस इस दुख की घडी मै भगवान इस दुख को सहने की हिम्मत दे, ओर उन के भाई जी की आत्मा को शांति मिले.भगवान की मर्जी के आगे कुछ नही हो सकता.... हम सब दिगम्बर जी के दुख मे शामिल है

सपनों की वसीयत पर है हस्ताक्षर

धन्यवाद! शिवम जी,

इस पोस्ट विचारधारा पर व्यंग्य को आपने चर्चा में स्थान दिया

संतुलित और कारगर चर्चा शिवम भाई ...नासवा जी के दुख में हम सब उनके साथ हैं ....इश्वर उन्हें ये दुख सहने की शक्ति दे

काफी हद तक एग्रीगेटर की कमी पूरी हो रही है इस ब्लॉग से....
मेरी कहानी को शामिल करने के लिए धन्यवाद

दिगम्बर नासवा जी एवं उनके परिवार को ईश्वर इस असहनीय दुख को सहने की क्षमता प्रदान करे.भाई साहब की आत्मा को शांति की कामना के साथ श्रृद्धांजलि!

रामराम

शारदा की कृपा शब्द में ढल गई
भाव आभूषणों से सजाते रहे
हम उसी को धुनों में संवारा किये
भोर से सांझ तक गुनगुनाते रहे
गीत-संगीत, कविता कहानी सभी
का सृजक एक ही है, कहीं व्योम में
बैठ थिरकाता अपनी रहा उंगलियां
इंगितों पर सभी झनझनाते रहे.

सादर

राकेश

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