गुरुवार, 31 मई 2012

बिना अभिमन्यु बने चक्रव्यूह नहीं टूटेगा .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , करीब एक सप्ताह में पहली बार देश की मुद्रा रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 56 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे पहुंच गई। बाजार के जानकारों का कहना है कि माह के आखिर में देनदारियों के भुगतान के लिए आयातकों के में डॉलर की मांग बढ़ने के कारण रुपये पर दबाव देखा जा रहा है। उनके मुताबिक डॉलर के मुकाबले यूरो में कमजोरी और शेयर बाजारों में गिरावट का भी रुपये पर नकारात्मक असर पड़ा। अर्थव्‍यवस्‍था में अनिश्चितता बनी हुई है...

बुधवार, 30 मई 2012

अपने परिचय से अनजान सहगामिनी... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... पेट्रोल दाम वृद्धि के चौतरफा विरोध से घबराई UPA सरकार.डीजल, मिटटी के तेल और रसोई गैस के दामो में फ़िलहाल कोई बढ़ोत्तरी नहीं.१.५० रुपये  तक सस्ता हो सकता है, देखते हैं आगे -आगे क्या होता है. आइये फिर चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ  अनूठे लिंक्स के साथ...  .... "एक पगडण्डी नई ............"राह हो, न हो, रहगुजर हो, न हो, साथ हो, न हो , साथी हो, न हो , साया हो , न हो, रौशनी हो, न हो, सितारे हो ,न हो, पंछी बोले , न बोले , नदी थमे या रुके पवन, पौ फटे , न फटे, पग उठ जाते हैं अब , चल पड़ने को रो... मन उपवन इन दिनों मेरे मन उपवन में बहार अपने पूरे यौवन पर है ! ह्रदय के बीचों बीच वर्षों से गहरी जड़ें...

मंगलवार, 29 मई 2012

गुल बत्ती के बीच ब्लॉग नगरिया की सैर ----- ब्लॉग4वार्ता ---- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, फ़ेसबुक पर स्वराज करुण कह रहे हैं - मेरे जैसे कई लोगों को कपड़े सिलना नहीं आता और कपड़े सिलने में माहिर दर्जियों को हम जैसों की तरह कम्प्यूटर चलाना. कई पढ़े-लिखे डाक्टर ,वकील ,पत्रकार ,अफसर और प्रोफ़ेसर आदि आसानी से कार ,स्कूटर और मोटरसायकिल चला सकते हैं लेकिन उनके बिगड़ने पर उन्हें बनाना नहीं जानते इसके लिए उन्हें आठवीं फेल छोटू मिस्त्री के ही पास जाना पड़ता है .और ज्यादा दूर क्यों जाएँ ? हम जैसे कई लोग घरों में केवल खाना जानते हैं लेकिन खाना बनाना नहीं , जबकि अधिकाँश घरों की गृहणियां अपने-अपने रसोई घरों की विशेषज्ञ होती हैं . वह काम जो हम कर सकते हैं ,कोई दूसरा नहीं कर सकता और जो काम दूसरे कर सकते हैं उन्हें हम नहीं कर...

सोमवार, 28 मई 2012

तुम मुझे टिप्पणी दो मैं तुम्हें पोस्ट दूंगा --------- ब्लॉग4वार्ता ......... ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार , चलिए आज की फटाफट वार्ता में सीधे भाटापारा से ............... प्रस्तुत है कुछ उम्दा लिंक्स ......... तुम मुझे पोस्ट दो मैं तुम्हें टिप्पणी दूंगाआज खुशदीप भाई की इस पोस्ट पर कमाल की टिप्पंणियां देखने पढने को मिलीं ।खुशदीप भाई ने जैसे ही चिंतन करते हुए पूछा कि , हाय राम , कैसे होगा ब्लॉगिंग का उत्थान और उसमें लिखा कि ,* "यहां ऐसा भी है कि खुद अ...1988 की कवितायें1988 में कवितायें कम लिखीं । तीन प्रेम कवितायें जो 1987 में लिखी थीं उन्हें फाइनल किया और उसके अलावा " नीन्द न आने की स्थिति में लिखी कुछ कवितायें " चलिये पहले यह तीन प्रेम कवितायें .. " झील से...

रविवार, 27 मई 2012

मेरे "ये" एकदम वोडाफोन के "वो..." हैं...ब्लॉग4वार्ता...संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार...जब सोशल नेटवर्किंग साइटों का आरम्भ हुआ था, तब हर कोई दोस्त बनाने में जुटा था, जिसके जितने ज्यादा दोस्त वह उतना ही कूल. अब वैसा उत्साह नहीं रहा लोग बड़ी संख्या में ऑनलाइन दोस्तों की काट - छांट में लगे है, मतलब अब शुरू हो चुका है एक नया ट्रेंड "डीफ्रेंडिंग" . हम जैसे -जैसे आयु व अनुभव में बढ़ते हैं हमारी वरीयताएं और जरूरतें बदलती रहती हैं. उसी के हिसाब से कुछ लोग जुड़ते और कुछ छूट जाते हैं. यही सब वास्तविक जीवन में भी होता है, इसलिए यह  "डीफ्रेंडिंग" कोई नई चीज नहीं है, बस फर्क इतना है कि वर्चुअल वर्ल्ड में शौक और असल जीवन में भावनात्मक लगाव के कारण दोस्त बनते हैं. ये तो हुई दोस्त बनाने और उनसे अलग होने की बात. हमारा...

शनिवार, 26 मई 2012

हर लिखने वाला खास होता है...ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... जी हाँ मैं भी मानती हूँ कि लिखा दिमाग से कम और दिल से अधिक जाता है, क्योंकि हर लिखने वाला खास होता है, क्योंकि लिखना हर किसी के बस की बात नहीं होती और क्योंकि हर एक लिखने वाले के लिए पढने वाला जरुरी होता है, और हम चुनकर पहुंचाते हैं आपकी खास रचना को उन खास लोगों तक क्योंकि पढने वाला और भी खास होता है.... मौसम के तेवर बदले, फैली धूप और जलन बरस रही आग फिर भी कोई शीत लिखना चाहता है कोई प्रीत, कोई जीत, कोई संगीत, कोई गीत तो कोई मन मीत लिखना चाहता है... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ उम्दा लिंक्स  के साथ  कन्या भ्रूण हत्या कन्या भ्रूण हत्या पर खूब चिंतन हो रहा है। भयावह आंकड़े प्रस्तुत किये...

शुक्रवार, 25 मई 2012

मन समंदर और प्रीत का दीप...ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....महंगाई की मार से जूझ रही जनता पर और बड़ी मुसीबत आन पड़ी है. तेल कम्पनियों ने बुधवार की शाम को पेट्रोल की कीमत में 7.50 रुपये की बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी और आधी रात से कीमतें लागू भी हो गई। अटकलें तो यहाँ तक हैं कि कल डीजल और गैस का नंबर है, इससे महंगाई और बढ़ेगी और आम आदमी का जीना पहले से भी अधिक दूभर हो जायेगा. आइये अब चले ब्लॉग नगरी की सैर पर आज की ब्लॉग4वार्ता के साथ ……… प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा लिंक…… http://aruncroy.blogspot.in/ पर अरुण चन्द्र रॉय जी लिख रहे हैं रुपया * * १. रुपया गिर रहा है लगातार होकर कमजोर वह रुपया जो आम जनता की जेब में नहीं है, फिर भी रोटी आधी हो रही है नमक कम हो रहा है उसकी थाली...

गुरुवार, 24 मई 2012

चले आईए, दौड़े आईए, ले आए हैं शर्मा जी पेसल वार्ता

ललित शर्मा का नमस्कार,  बकरा किश्तों में हलाल हो रहा है, पैट्रोल का मूल्य फ़िर बढा दिया। जय  हो मन्नु बाबा की। जब चाहे जो करो। रुपया भी लुढकते लुढकते रसातल की ओर जा रहा है। इससे साबित होता है अर्थ शास्त्री का अर्थ शास्त्र कहीं फ़ेल हो रहा है और इसका खामियाजा राष्ट्र को भुगतना पड़ रहा है। राष्ट्र की प्रत्येक इकाई पर इनके प्रयोगों  का असर दिखाई दे रहा है। मंहगाई चरम सीमा पर  है, दाल रोटी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। देखना है कि मंहगाई कहाँ जाकर ठहरती है। गरीबी के मारे किसान व्यापारी और आम आदमी आत्महत्या करने को मजबूर है। एक बार मंहगाई बढाने से इनका पेट नहीं भरता। इसलिए बार बार यही क्रम दोहराया जाता है। इसका सीधा अर्थ...

बुधवार, 23 मई 2012

मेरी नज़रें गुजरे ज़मानों में थी ... ब्लॉग 4 वार्ता ....केवल राम

वार्ता के इस अंक में आपका स्वागत है . मैं हूँ आपका दोस्त केवल राम . हिंदी ब्लॉगिंग आजकल पूरी तरह से नए रूप में नजर आ रही है . तुम मुझे पन्त कहो, मैं तुम्हें निराला की प्रवृति जोरों  पर है . ऐसे में मन असमंजस की स्थिति से गुजर रहा है , कहीं पर पोस्ट सामने आ रहीं हैं तो कहीं पर पोस्टनुमा टिप्पणियाँ भी अपना महत्व सिद्ध करती जा रही हैं . ऐसे में एक नया मनोवैज्ञानिक स्वरूप उभर कर सामने आया है लेखन का , बिना कुछ जाने बहुतों को नामांकित किया जा रहा है .....किसी ख़ास सम्मान के लिए, कोई उसकी चयन प्रक्रिया पर अंगुली उठा रहा है तो किसी को वह सम्मान तथाकथित लगा रहा है,  हालाँकि हम इस बात के पक्षधर हैं कि लेखक किसी सम्मान का मोहताज नहीं होता...

मंगलवार, 22 मई 2012

महिला मुक्ति मोर्चा से मुटभेड़ और माल रोड़ शिमला --- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, डॉ महेश परिमल लिख रहे हैं इन दिनों अभिनेता शाहरुख चर्चा में हैं। जब से आईपीएल शुरू हुआ है, तब से न जाने क्यों वे स्वयं को कानून से ऊपर मानने लगे हैं। एक ओर यही शाहरुख अमेरिका में इमिग्रेशन विभाग द्वारा किए गए अपमान को आसानी से पचा जाते हैं, वही दूसरी ओर वे देश के कानून को तोड़ने में भी संकोच नहीं करते। आखिर इसका कारण क्या है? जब हमारे देश का संविधान तैयार किया गया, तब सभी को कानून की दृष्टि से समान माना गया है। पर वास्तव में ऐसा नहीं है। आज भी कई लोगों के लिए कानून हाथ का खिलौना मात्र है, तो कई लोगों को पूरी जिंदगी घुट-घुटकर जीने के लिए विवश करता है। राज्य सभा में अब तक न जाने कितने लोगों ने शपथ ली गई होगी, पर...

सोमवार, 21 मई 2012

सम्मान से बड़ा आत्म सम्मान ... ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार, ....न्यूज चैनलों पर दिन - रात प्रसारित होने वाली आपराधिक ख़बरें, रियलिटी कार्यक्रमों व धारावाहिकों में बढती अश्लीलता और युवाओं पर आधारित  कार्यक्रमों की आपत्तिजनक भाषा का प्रभाव आप अपने बच्चों के व्यव्हार में भी देख सकते हैं. उनमे दूसरों के प्रति संवेदनशीलता घट रही है, और असुरक्षा तथा भय जैसे भाव बढ़ रहे हैं. बचपन को यूँ गुम होने से बचाना हम अभिभावकों की जिम्मेदारी है. वर्ना बच्चे S for SUN की बजाय  S for सनी लिओन सीखेंगे... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग 4 वार्ता पर कुछ चुने हुए लिंक्स  के साथ.... http://amit-nivedit.blogspot.in/ पर अमित चंद्रा जी लिख रहे हैं "यो -यो" एक...

रविवार, 20 मई 2012

हर एक ब्लॉगर जरूरी होता है - ब्लॉग4वार्ता - ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, ब्लॉगर अनिल पुसदकर कह रहे हैं - एक विदेशी क्रिकेटर और एक विदेशी बाला के बीच के मामले को देशी मीडिया ने इतना तुल दिया जैसे ये रूपये के लगातार गिरने,महंगाई के लगातार बढने,पुलिस वालो को अपराधियों द्वारा ट्रकों से कुचल कर मारने और जंगल में अगवा कर नक्सलियो द्वारा मार डालने से ज्यादा गंभीर मामला हो.हैरानी की बात तो ये है कि उस विदेशी बाला को महिला आयोग के बारे में पता तो चला ही उसका पता भी चल गया.वो न केवल वंहा पहुंची बल्कि उनके पहले सारा का सारा मीडिया वंहा पहले से तैनात था.आखिर सबके सब वंहा पहले से कैसे?खैर जितना दम लगाया इस मामले में खुद ट्रायल कर फैसला देने में उसे अदालत ने नकार दिया और ज़मानत दे दी.फोर्सफुल एन्ट्री का आरोप...

Page 1 of 23412345Next
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More