शुक्रवार, 20 मई 2011

आशिक़ का ख़त अजायबघर--ब्लॉग4वार्ता --ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, मित्रों ब्लॉग4वार्ता अब पुन: शुरू हो गयी है. कई दिनों की छुट्टी के पश्चात युवा साथी रुद्राक्ष पाठक ने वार्ता लगायी. अब वार्ता निरंतर रहेगी. वार्ता दल से यह उम्मीद है. शिवम जी की छुट्टियाँ भी समाप्त हो गयी है. अब वार्ता दल पुन: नयी उर्जा के साथ वार्ता में डट गया है. वार्ता दल में जबलपुरिया धुरंधर ब्लॉगर महेंद्र मिश्रा जी भी शामिल हो गए है. मैं उनका स्वागत करता हूँ. उनके अनुभव का लाभ भी हमें मिलेगा. अब चलते हैं आज की  ब्लॉग4वार्ता पर........
सबसे पहले चर्चा करते हैं.पाक पर अमेरिकी नाटक.दोनों नाटक कार हैं, कोई कम नहीं है. एक तो बिना जूता खाए मनाता ही नहीं  है. ऊँगली करता है और पापा की गोदी में जाकर बैठ जाता है, फिर इसाइल-मिसाइल लगाने लगता है. हमने भी तोप का ऑर्डर दे रखा है. चिंता की कौनो बात नहीं है. आराम से रहिये, इधर आदेश मिला है की "पेड़ लगाएं, वनों को बचाएं".गर्मी में हालत गंभीर है.अगर पेड़ बचेगे तभी तो प्राणियों के जीव प्राण बचेंगे.नहीं तो फिर २१ तारीख आ ही रही है, कहे खर्च करते हैं..मैं और मेरी तन्हाईयाँ.का साया है प्रेम रस पर..अब कहाँ गया वो ?.अदा जी पूछ रही हैं.
चलते -चलते.ऐसा कुछ हो जायेगा सोचा तो यह नहीं था.यही तो गलती है, सोच लेना था पहले ऐसा भी होता है.किसी कवि ने कहा है ...प्यार सजाता है गुलशन को और नफरत वीरान करे . जीवन में इस बात को सोचकर अमल करने की कोशिश में लगा रहता हूँ और जितना हो सकता है खुद को मानवीय भावनाओं से जोड़े रखता हूँ .पर उपदेश कुशल बहुतेरे गर्मी का जलवा अपने पूरे शवाब पर है। इसके साथ ही हर अखबार और पत्रिका हमारे स्वास्थ्य को लेकर वैसे ही चिंतित हैं जैसे कभी 'काजी जी परेशान रहते थे शहर के अंदेशे को लेकर'। हर किसी में होड़ लगी है हमें तंदुरु...
कल अजायबघर दिवस मनाया गया.सिंहावलोकन पर पढ़िए 18 मई। सन 1977 से इस तिथि पर पूरी दुनिया में संग्रहालय दिवस मनाया जाता है। आज यह दिवस 100 से भी अधिक देशों और 30000 से भी अधिक संग्रहालयों में मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है 'संग्रहालय और स्मृति :ऐसे भी होती है कमाईबात फरवरी 2009 की है, मैंने क्लिकबैंक.कॉम में एक उत्पाद देखा जो कि फेमिनाइजेशन हिप्नोसिस से सम्बन्धित था। मुझे लगा कि विषय लोगों को रुचने वाला है इसलिए इस उत्पाद का एफिलिएट बनकर तथा उसे बेचकर कमाई की जा स..
आशिक़ का ख़तअपने आशिक़ को माशूक़ ने बुलाया सामने * *ख़त निकाला और पढ़ने लगा उसकी शान में* * * *तारीफ़ दर तारीफ़ की ख़त में थी शायरी* *बस गिड़गिड़ाना-रोना और मिन्नत-लाचारी* * * *माशूक़ बोली अ...इक लम्हे का प्यारजिन्दगी इक आंसुओ का जाम था !* *पी गए कुछ और कुछ छलक गया !! * * * * * * * * * * * आती है जब भी याद उनकी दिल मै हुक -सी उठती है *दिल रोने लगता है * *और उम्मीदे तड़पने लगती है * * * * * जब भी देखती हूँ आँख..
जागो हिंदू सेना की मुझे धमकी और भगवान शिव से मेरी बातचीतएक दिन नुक्कड़ पर अकेले ही यूरिया वाली चाय पी रहा था कि भगवा झंडा लहराते कुछ लोग पहुंच गये चाय वाले से पूछा वो कमीना व्यंग्यकार दवे कहां मिलेगा जो अपने लेखो मे भगवान शिव को पात्र बनाता है  । तभी भाई सोहन शर्म...दर्दे-दांतहाय रे! ये दांत का दर्द ! कल रात डॉ. ऋषभ देव शर्मा से टेलिफिन पर बात हो रही थी। मैंने अपने दांत के दर्द का दुखड़ा उन्हें सुनाते हुए कहा कि अब बुढ़ापे में यह सब तो होना ही है। उन्होंने कहा कि ’अरे नहीं,...
देश में जाति आधारित जनगणना को मंत्रिमंडल ने दी हरी झंडीकेंद्र सरकार ने जाति, धर्म और आर्थिक स्थिति के आधार पर जनगणना के प्रस्ताव को आज गुरुवार 19मई2011 को हरी झंडी दे दी। आजादी के बाद पहली बार ऐसी जनगणना होने जा रही है । इससे गरीबी रेखा के नीचे तथा उसके ऊपर...अखबारों का सच अखबारों में घोषणा होती है कल बारिष हो सकती है और जनता सम्हाल लेती है भारी भरकम रेनकोट और छतरियां सारे के सारे कागज पोलेथिन संस्कृति में और तैयार हो जाती है बारिष से जूझने को अखबार लिखते.
हमारे बीच ३६ का आँकड़ा : कुल खर्च 310 रुपयापरिणाम अच्छा रहा हो या बुरा,इस दिन को शायद ही कोई भूलता हो। हो सकता है कभी भूल हो भी जाए, लेकिन ब्लागजगत में आने के बाद तो यह कतई संभव नहीं है। यहाँ एक अदद डंडा लिए बी.एस.पाबला जो बैठे हैं। वे अकेले व्यक्त...विधवाओं के सामाजिक धार्मिक सांस्कृतिक अधिकारों को मत छीनो....शादी कार्ड में राष्ट्रीय चिन्ह, फंस सकते हैं विजेंद्रभारत के स्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अपने विवाह के निमंत्रण पत्र को लेकर मुश्किलों में फंस सकते हैं। उनके निमंत्रण पत्र पर राष्ट्रीय चिन्ह दर्शाया गया है और यह कानून के तहत एक तरह का अपराध है। मंगलवार 17.

वार्त्ता को देता हूँ विराम -- सभी को राम राम जाट का नया अविष्कार देखने अवश्य आयें..

12 टिप्पणियाँ:

सरे लिंक्स बहत अच्छे

बहुत ही सुंदर और चुनिंदा लिंक्स ललित भाई ...वार्ता की मेज़ को नियमित रूप से सजते देख अच्छा लग रहा है

जाट के अविष्‍कार से दुबारा हो आए, धन्‍यवाद.

ब्लाग जगत की तफ़्सील देने के लिये शुक्रिया

बढ़िया लिंक्स मिले ... मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

बहुत ही सुंदर और चुनिंदा लिंक्स के लिए आभार...

बढ़िया है वार्ता.

वार्ता नियमित होगी जान कर अच्छा लगा ... उम्दा वार्ता

स्‍वागत है .. सुंदर लिंकों के लिण्‍ आभार !!

बढ़िया लिंक्स.... बढ़िया वार्ता.
आभार !

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