सोमवार, 30 मई 2011

हिन्दी ब्लागिंग की लाटरी---एक लाख रीडर्स हुए ----- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, सबसे पहले आपको एक खुशखबरी सुनाता हूँ कि संगीता पुरी जी के ब्लॉग गत्यात्मक ज्योतिष के एक लाख रीडर्स हो चुके हैं। उन्हे ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं ब्लॉग4वार्ता दल की ओर से। यह उपलब्धि सतत साधना के बिना प्राप्त नहीं की जा सकती। बड़े गुरुजी हमेशा कहते हैं कि ब्लॉग पर पाठक बढाने का उपाय करना चाहिए। अगर आपका लेखन पाठकों को पसंद आता है तो वे कहीं से भी आप तक पहुंच जाएगें। हिन्दी वेब साईट की मासिक पाठक संख्या 35,000 से अधिक है। विषय आधारित ब्लॉगिंग में अगर आप नित्य भी पोस्ट न लगाएं तब भी सर्च इंजन से पाठक आते हैं। जब से ब्लॉगवाणी और चिट्ठा जगत बंद हुए हैं तब से मैं फ़ालोअप से ही पढता हूँ और अपने पसंदीदा ब्लॉग्स तक पहुंच ही जाता हूँ। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर और पढते हैं कुछ उम्दा चिट्ठे .......

आत्‍मसमर्पित नक्‍सली की कहानी........ उसी की जुबानीउसकी उमर कोई 21 साल है। वैसे तो 21 साल की उमर कोई बडी उमर नहीं होती लेकिन इस कम उम्र में उसने काफी कुछ झेला है। उसका नाम संध्‍या है। आज से पहले यदि उसका नाम मेरे जेहन में आया होता तो शायद उसे लेकर मन मे...कंकालो में बदल रहे बाघ जीवन-मरण प्रकृति का सास्वत नियम है, जो पैदा हुआ है उसे एक दिन मरना ही है. कॉर्बेट टायगर रिजर्व और उसके आस-पास का वन क्षेत्र इनदिनों दुर्लभ वन्य जीवों की कब्रगाह में तब्दील होता जा रहा है. यहाँ शनिवार को फ..अकेलापन मेरी किस्मत हमेशा भीड़ में फिर भी अकेलापन मेरी किस्मत क्यूँ अपनों से,खुदा से भी, मिली कोई नहीं रहमत जहाँ रिश्ते नहीं अक्सर वहीं पर प्रेम मिलता है मगर रिश्ते जहाँ होते क्यूँ मिलती है वहीं नफरत थपेड़ों को समझता हूँ हिलोर...

सावधान ........आपके आसपास ज़मीन में chinese bamboo गड़े हुए दोस्तों........अपने लेख कई बार मैं एक कहानी सुना के शुरू करता हूँ जो ज़्यादातर काल्पनिक होती है ....आज फिर एक कहानी सुना रहा हूँ ,,,,,पर ये काल्पनिक नहीं है. यह एक सच्ची घटना है .........का...लो में आ गया यारोंदेख लो मेरे भाइयों और बहनों में जो कल कुछ दिनों से ब्लोगिग्न की दुनिया से बना था मिस्टर इंडिया अब फिर से आपको उबाऊ बोरिंग लेख . आलेख पढ़ाने आ गया हूँ.. शायद कुछ तो मेरा अंतिम संस्कार कर चुके होंगे लेकि...हिंदी गाने सुनने के 5 ऑनलाइन पतेअगर आपको अपनी पसंदीदा हिंदी गाने सुनने हो तो इंटरनेट पर वैसे तो ढेरों विकल्प मौजूद हैं पर यहाँ पर है आपके लिए 5 ऑनलाइन पते जहाँ से आप मुफ्त में अपनी पसंद की हिंदी गाने मुफ्त में सुन सकते हैं । इनमे से ज्...

क्यों नहीं अपनी हस्ती......... संध्या शर्मा उसकी इजाज़त के बगैर जब पत्ता भी नहीं हिलता है,* *वह ख़ामोशी से दुनिया का तमाशा क्यों देखता है ..* *क्या सब कुछ उसकी मर्जी से ही होता है...?* *क्यों नहीं अपनी हस्ती आप ही मिटा देता है ...?* *ना होते गिरिजाघ...कुछ समय आदिवासियों के संग जब पहली बार साथ गयी था दिन हाट का कुछ सजे संवरे आदिवासी करने आए थे बाजार थीं साथ महिलाएं भी | मैं दरवाजे की ओट से देख रही थी हाट की रौनक उन्हें जैसे ही पता चला कुछ मिलनें आ गईं पहले सोचा क्या बात करू..दुर्गम क्षेत्र में रहने वालों को शाकाहार उपलब्ध नहीं, इसलिए!!बेशक आहार परिवेश से निर्धारित होता है, किन्तु परिवेश स्वयं भी सभ्यता और संस्कृति से निर्धारित होता है। सहज उपलब्ध में निर्दोष आहार को प्राथमिकता देना ही विवेकशील संस्कृति है। शाक उपज से अभावग्रस्त, दुर्....

ग़ज़ल में अब मज़ा है क्या ? ये चित्र मेरा अपना लिया हुआ है ! *आज फिर आप सबके लिए एक ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मैंने "मुफायलुन् मुफायलुन्" बहर में कहने की कोशिश की है ... बताइए ज़रूर कि आपको कैसी लगी मेरी ये कोशिश ...* *ये जिंदगी...अंतत: एंड्रायड हिन्दीमय हो ही गया :) हिन्दी ब्लागिंग की लाटरीबड़ी मुश्किल से विंडोज़ आधारित मोबाइल फ़ोन में हिन्दी की समस्या हल हुई ही थी कि बाज़ार में एंड्रायड आधारित नए मोबाइल फ़ोन आने शुरू हो गए, इन एंड्रायड मोबाइल ने हिन्दीभाषी ब्लागरों ...लेबर चौक खोड़ा मुझे नहीं पता कि देश का सबसे बड़ा लेबर बाज़ार कहाँ है लेकिन जब देखता हूं दिल्ली, नोएडा और गाज़ियाबाद के बीच नो मैन्स लैंड खोड़ा के चौक पर हर सुबह हजारों दिहाड़ी मजदूर कुछ कुशल कुछ अकुशल सब मेहनतकश आँखों में ...

शहर की एक और जात कल शाम शादी का निमंत्रण था, मैंने सोचा कुछ देर से जाऊँगा, अक्सर देर से ही बरात आती है, जल्दी जाओ तो आने में बहुत देर हो जाती है, अब जाओ तो जयमाल तक तो रहो , मेरे मित्र बोले चलिए जल्दी हो आते है,पानी जुटाएँ, केवल महिलाएँ और लड़कियाँ?कल एक यात्रा पर जाना हुआ। 300 किलोमीटर जाना और फिर लौटना। बला की गर्मी थी। रास्ते में हर जगह पानी के लिए मारामारी दिखाई दी। हर घर इतना पानी अपने लिए सहेज लेना चाहता था कि घर में रहने वालों का जीवन सुरक्षित...न जाने खुदा कब लिबास उतार दे काफी अर्सा दूर रही आपसे...कुछ संपादिका की जिम्मेदारी कुछ पारिवारिक जिम्मेदारियों में उलझी रही ....इस बीच अस्पताल में ज़िन्दगी और मौत के हिसाब- किताब में मिट्टी डोलते देखी ...ज़िन्दगी को भला कोई खरीद पाया है...

वार्ता को देते हैं विराम-सभी को राम राम -- मिलते हैं एक ब्रेक के बाद.........................

12 टिप्पणियाँ:

उम्दा वार्ता ..संगीता पुरी जी को बधाई के साथ शुभकामनायें

संगीता दीदी को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

बढ़िया लिंक्स मिले दादा ... आभार !

वाह वाह बहुत सुन्दर लिंक्स के साथ सुन्दर वार्ता…………संगीता जीको बधाई।

बहुत सुन्दर लिंक्स के साथ सुन्दर वार्ता…………संगीता जी
को बधाई

संगीता जी को लखपती होने पर बधाई!

गजब भाई गजब, एक लाख हो गये,

आप सबों का बहुत बहुत शुक्रिया !!

संगीता जी को बधाई । और आपको धन्यवाद ।

ललित जी ,बहुत समय बाद आपको अपने ब्लॉग पर देख कर बहुत अच्छा लगा |ब्लॉग पर आने के लिए आभार| संगीता पूरी जी को हमारी हार्दिक शुभ कामनाएं |अपने ब्लॉग पर मेरी कवित्त के लिंक के लिए आभार |
आशा

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