गुरुवार, 1 मार्च 2012

एक ब्लॉगर का यू टर्न रेत के घरौंदे से ---- ब्लॉ4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, मंहगाई बढती जा रही है। बजट आने वाला है, मनमोहन सरकार ने मंहगाई बढाने के अलावा कोई काम नहीं किया। 5 सालों में मंहगाई चौगुनी हो गयी है। गरीब की रोटी की कीमत बढ गयी। सरकार कितनी भी आंकड़ो की कलाबाजी दिखा ले, लेकिन जमीनी हकीकत अलग ही है। रुपए का मुल्य घटने के बाद भी सरकार अपने सोने का स्टाक भरपूर बता रही है, सकल घरेलु विकास की दर अच्छी बता रही है। सब आंकड़ों का खेल है। आम नागरिक को आंकड़े नहीं चाहिए, उसे चाहिए जीवन यापन के लिए काम और धन। लेकिन इस कार्य में सरकार नाकाम लगती है। आने वाले चुनाव के परिणाम दिल्ली की दिशा और दशा को तय करेगें………अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर… पढिए एक उम्दा पोस्ट, ब्लॉगर का यू टर्न………।
बहुत याद आते हो मुझे - पलकें बंद करूँ तो, ख्वाब सा देखूं तुम्हे मैं - आँख खुलते ही तुम मुझे , हर शय में शामिल दिख रही हो.... यह प्यार मेरा प्रसश्त करता , आराधना का मार्ग जानम - चल के जिसपे, मैं पहुँच जाता हू...
फेसबुक के दोस्त .....
फेसबुक के दोस्त ....... सादर अभिवादन तुम्हे........ जिन्दगी की आपाधापी में हम कभी कभी हसना भूल जाते है... एक रूटीन सी जिन्दगी... वही गृहकार्य ..वही कार्यालय...वही काम....वही माहौल ....सब कुछ......जाना पह...
जैसे मछली को जल में रहना ही प्रिय है, वैसे ही आत्मा आनंद में ही रहती है....
वर्तमान दौर की युवा पीढ़ी मुझे ज्यादा ऊर्जावान लगती है। ये खुद को ज्यादा अच्छे से प्रस्तुत करते हैं। पुराने समय के बच्चों की तुलना में आज के बच्चे ज्यादा प्रोफेशनल भी हैं। अगर संगीत के क्षेत्र की बात की जा...
आपके लिए कुछ शब्द...
*कभी पहली बार स्कूल जाने में डर लगता था* *और आज हर रास्ता खुद ही चुनते हैं,* *कभी घरवालों कि हर बात सच्ची लगती थी,* *और आज उनसे ही झूठ हम बोलते हैं !* *कभी छोटी सी चोट कितना रुलाती थी * *और आज दिल टूटे फिर...
यह तो कहो
रोशनी का बहुत पीछे छूटा एक नन्हा सा कतरा कितनी दूर तक मेरी राह रोशन कर पायेगा यह तो कहो ! दूर बादल की आँख से टपकी बारिश की एक नन्हीं सी बूँद सहरा से सुलगते मेरे तन मन को कितना शीतल कर ...
होली में ....
बहकी बहकी हर कली है होली में महकी महकी हवा चली है होली में, उन्मादों कि घटा घनेरी घिर आई मलय पवन में चंवर झली है होली में, अमरैय्या में कुहूँ कुहूँ करती क...
शक्ति, सामर्थ्य और कारवां
शक्ति, सामर्थ्य मिले शौर्य स्वतः आए श्रेष्ठता स्वमेव कीर्ति पताका पा जाये भस्मासुर मानिंद जब करे वह परीक्षण कारवां में अबोला हताशा छा जाये व्यक्ति की ओजस्विता सिमटी सीमित परिधि समूह की तेजस्विता...
प्रणय गीत- तुम मिले !
*कातिबे तकदीर को मंजूर पाया, (कातिब-ऐ-तकदीर=विधाता) * ** *तस्सवुर में तेरा हसीं नूर पाया। (तस्सवुर में = ख्यालों में ) * ** *बिन पिए ही मदमस्त हो गए हम,* ** *तरन्नुम
न पुतला माटी का यूँ फ़ना होता
● *न पुतला माटी का यूँ फ़ना होता* ● © न अरमान तुम्हें लिख भेजे होते, न तुम कहते वो आखिरी खत हो, न मेरा वो खत आखिरी होता, न जरुरत पहले की होती, न वो फलसफे बयान होते, न हम तुम आज साथ होते, न लिफाफा तकिये ...
मैथेमेटिक्स
.मैं इंजीनियर हूँ मेरे दोस्त! मेरा मैथेमेटिक्स भी ठीक है मगर मैंने जिंदगी का गणित नहीं सीखा // कास्ट फैक्टर मैनेज सिस्टम नोटों के चुम्बकीय गुण नहीं पढ़ा मैंने ... मैंने नहीं सीखा झूट-फेरब और चापलूसी का समीक.
"पुर पुतइ पुरै पुर"
यह एक कुमाऊ की पुरानी लोक कथा है| किसी गांव मे एक गरीब परिवार रहता था | परिवार क्या था एक माँ थी एक बेटी थी| बेटी का नाम पुतइ था| दोनों माँ बेटी जंगल से फल फूल तोड़ कर उन्हें बेच कर अपना गुजा...
प्रेम लय
*वो जब जब ख्वाबों में आती * *नए नए रूपों में आती * *प्रेम कुञ्ज में बैठे होते * *शांत मौन कुछ कहने आतुर * *एक शब्द भी कह न पाते * *शब्द शब्द ही बने महत्व का * *पलकों में जुगनू से दीखते * *अश्रु मोती बन ढल जा...
चल हट, ढाई ढूश...
.29 फरवरी चार साल में एक बार तो आती है, वह तो कभी नहीं आता. मुख़्तसर बातें करो बेजा वज़ाहत मत करो - डॉ. बशीर बद्र. [ Muḵẖtaṣar - Abridged, curtailed, concise, small; Waẓāḥat - to be clear, Clearness,...
कुछ खतरनाक मूवी डाउनलोड करे हिंदी में
आज बहुत महीनो के बाद आपके लिए कुछ मूवी लाया हु ये सब मूवी डरावनी मूवी है और सबसे बड़ी बात ये सब ओरिजनल और हिंदी में है तो देर किस बात की आप भी इन मूवी को डाउनलोड करे और होर्रोर मूवी की दुनिया में खो जाये म.
जयपुर और दिल्ली के बाद जबलपुर में लगाऊंगा कविता पोस्टर प्रदर्शनी : विनय अम्बर
(गिरीश"मुकुल") at मिसफिट Misfit
उम्मीद की लौ
*फ़ज़ल इमाम मल्लिक* वक्Þत तेज़ी से भाग रहा था और उतनी ही तेज़ी से भारत की मुट्ठियों से मैच भी फिसल रहा था। समय जैसे-जैसे भाग रहा था हमारे चेहरे पर उदासी, मायूसी और नाउम्मीदी की परत गहरी होती जा रही थी। प...
कैसा रहेगा आपके लिए 29 फरवरी और 1 , 2 मार्च 2012 का दिन ??
मेष लग्नवालों के लिए 29 फरवरी और 1 , 2 मार्च 2012 को धन की स्थिति मजबूत होगी , इसे मजबूत बनाने के कार्यक्रम भी बनेंगे। संपन्न लोगों से विचार विमर्श होगा। ससुराल पक्ष का महत्व बढेगा , ससुराल पक्ष के किसी क...
" फरवरी ..उनतीस की....."
इस वर्ष फिर फरवरी हरी भरी लग रही है । मात्र एक दिन अधिक होने जाने से ही फरवरी माह का रूप स्वरूप विशेष हो जाता है ।चार वर्षों के अंतराल पर ही सही पर जब भी फरवरी २९ की होती है ,लगता है जैसे साल में एक दिन ...
अब मेरा दिल तो कुछ पल का मेहमान है । आ रहें हैं वह मिलने,आज चाँदनी रात में । अब अंधेरों की किससे मैं शिकायत करूँ , लुट रहें हैं यहाँ अब तो चाँदनी रात में । रूबरू उनसे मिलना तो मुमकिन नहीं अब मिलेंगे मुझे...
अब रहा नहीं जाता ......... 
अब रहा नहीं जाता है तेरे लिए हर पल ये दिल धड़कता है तू क्यों नहीं आती दो पल के लिए भी बस ये ही मेरा मन सोचा करता है ना जाने कब वो रैन आएगी ना जाने कब वो पल आएगा ये बेचारा दिल बाट जोहता रहता है फिर तेरा ...
खबर पढ़ी थी मैंने वो मर गया ... फांसी लगाई थी उसने पर लोग कहते थे कुछ परेशान सा था वो बहुत गलत किया उसने साबित भी हो गया कि ये आत्महत्या थी और कानून कि नज़र में ये एक जुर्म है तो क्या इसका जिम्मेदार वो...
ठिठुरती रात में बैठे जला कर आग अक्सर सुनाते हैं ग़मों में वो खुशी का राग अक्सर हवा के बुलबुले नेताओं के वादे, इरादे बहुत जल्दी उतर जाती है इनकी झाग अक्सर प्रजा का तंत्र है या राजनीति की व्यवस्था तिजोरी...
जीवन में प्राथमिकताएं तय कर पाना और उन्हें निभाने के संकल्प पर डटे रहना किसी के लिए भी सरल नहीं होता। कई बार ऐसा भी होता है कि जो बातें जीवन में अधिक महत्व रखती हैं उन्हें हम जानते समझते तो है पर उस व.....
भूलनकांदा:भई डिस्कवरी मेरी है - विष्णु खरे
रायपुर। संजीव बख्शी के चर्चित उपन्यास *भूलनकांदा* का विमोचन वृंदावन के स्पेक्ट्रम हॉल में 26 फ़रवरी 2012 को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में आलोचक विष्णु खरे, डॉ राजेन्द्र मिश्र एवं साहि... 
मिलते हैं ब्रेक के बाद ………तब तक यहाँ पढिए--------------

12 टिप्पणियाँ:

sabhi blogs ki yatra karke vapas aa gaye....sundar varta....aaj bahut romantic dard bhari kavita padne ko mili.....blog4varta ko thanks

अच्छी लिंक्स से सजी वार्ता |
आशा

ये अच्‍छा है कि आपने भूलनकांदा का जिक्र अंत में किया है, वरना यहीं राह भूल कर आगे न बढ़ पाते हम जैसे कुछ.

बहुत सुन्दर लिंक्स, सुन्दर वार्ता...
रेत के घरोंदे से एक ब्लॉगर के यू टर्न का स्वागत है...

बहुत सुन्दर लिंक संयोजन

आभार
उत्तम चर्चा में मुझे शामिल करने के लिये

"एक ब्लॉगर का यू टर्न" का लिंक देने के लिए आभार !

धन्यवाद ललित जी इतनी अच्छी वार्ता में आपने मुझे भी शामिल किया ! कल से नेट काम नहीं कर रहा था इसलिए आभार प्रदर्शन में कुछ विलम्ब हो गया ! होली की शुभकामनायें स्वीकार करें !

thanks lalitji for collecting betteer links, keep doing, all the best

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