शुक्रवार, 30 मार्च 2012

बस यादेँ ही यादेँ, कहाँ गए वो गाँव ? - ब्लॉग4वार्ता ------- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, नव वित्त वर्ष का प्रारंभ छुट्टियों से हो रहा है, अप्रेल माह के प्रारंभ में ही त्यौहार होने के कारण कई छुट्टियाँ पड़ रही है। 1 अप्रेल को सप्ताहांत होने के कारण छुट्टी है 2 अप्रेल को वार्षिक लेखा बंदी की छुट्टी है, 3 और 4 अप्रेल को बैंक खुलेगें। फ़िर 5 अप्रेल को महावीर जयंती एवं 6 अप्रेल को गुड फ़्राईडे की छुट्टी है। 7 अप्रेल को शनिवार है और फ़िर रविवार। इस तरह दो दिन की छुट्टी लेने पर कर्मचारियों को पुरे आठ दिन की छुट्टियों का लाभ मिल रहा है। इन आठ दिनों में बैंक सिर्फ़ ढाई दिन ही खुलेगें। ऐसा मौका वर्ष भर में कभी कभी ही आता है। अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर एवं प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा लिंक…………

कहाँ गए वो गाँव ? - गाँव,गिद्ध,गौरेया गायब कोठरी,डेहरी,कथरी गायब, अब तो सूखे शाख खड़े हैं कुएँ से है पनिहारिन गायब ! गाँव किनारे वाला पीपल, बरगद और लसोंहणा गायब, मूंज,सनई कै ... प्रतिशोध - सुबह जब शांति पौधों को पानी देने के लिए बालकनी पर गई तो सूरज उग रहा था। पानी देते हुए उसने सूरज की तरफ़ एक अनुरागी दृष्टि डाली। सूरज सफ़ेद हो रहा था। ये... स्याह चादर - कहते हैं वक़्त किसी का इंतज़ार नहीं करता चलता रहता है अनवरत , और हमारी ज़िंदगी भी चलती रहती है पल - पल , बीतते वक़्त के साथ बीत जाते हैं हम भी , ... 

चलो कुछ भूल जाएँ ...... - इंसा पैदा हुए थे हम हुए ना जाने कब विषधर किसी अंधियारे कोने में केंचुली छोड़ आयें चलो कुछ भूल जाएँ ...... उम्र बीती जिरह करते जब भी उगला ज़हर उगला किसी ...प्रेम की दुनिया - कहीं..... कोई तो रास्ता होगा.... जहां हमारी मजबूरियाँ बीच में न आयें. तुम और मैं ... चल सकें ..साथ-साथ.... शुरू से आखिर तक . कोई मोड ऐसा न आये जहां बिछडना ... सच का सामना या .....निजता का मोल - आज के दौर में निजता यानि की प्राइवेसी का भी अपना मूल्य है । उस निजता का जो कभी अनमोल हुआ करती थी । तभी तो सच को स्वीकार करने के नाम पर एक आम हिन्दुस्तानी... 

क्‍या ज्योतिष आम जन के लिए उपयोगी हो सकता है ?? - जीवन को देखने और समझने का सबका नजरिया भिन्‍न भिन्‍न होता है , कुछ लोग उथली मानसिकता के साथ इसे देखते हैं तो कुछ गहरी समझ के साथ। जो गहराई से जीवन के रहस्‍य... यादेँ....यादेँ..... बस यादेँ ही यादेँ !!! - *यादेँ ......!!!* *एक अकेला सा शब्द * *एक बेचारा सा शब्द * *अपने में दुनिया समेटे * *दुखों-सुखों का संसार समेटे * *अकेलेपन का सहारा सा शब्द ,* * * *एक गुज़... बातें खुद से - आगाज भी होगा अंजाम भी होगा नाम उसी का गूंजेगा गुमनाम जो होगा ....... अस्तित्व बचाना खुद का सीमा मिट न पाए करीब किसी के इतना भी न होना कि?????/ वो दू..

रामनवमी - रामनवमी के उपलक्ष्य में माँ की एक उत्कृष्ट रचना आपने सामने प्रस्तुत करने जा रही हूँ ! आशा है आपको उनकी यह रचना अवश्य पसंद आयेगी ! अब तक तुमने राम सदा परतंत... अनुराधा कोइराला से कमला रोका तक - *- डॉ. शरद सिंह* नेपाल में संयुक्त कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी द्वारा कमला रोका को युवा एवं खेल मंत्री का पद सौंप कर नेपाली सत्ता में स्त्री शक्ति को एक ... टलना फाँसी का बनाम राष्ट्र पर हमला - कानून का विशेषज्ञनहीं हूँ लेकिन भारत के एक नागरिक को राष्ट्र पर हमले की परिभाषा के बारे में जो जाननाचाहिए उसके बारे में जो जानता हूँ उसके आधार पर कुछ कहने ... 

आपकी अपनी आवाज - *अपने अखबार भास्‍कर भूमि के परिचय अंक में प्रकाशित विशेष संपादकीय.....*.. सभी सुधि पाठकजनो को हिंदु नववर्ष की शुभकामनाएं। आप सबको शक्ति की उपासना के पर्व ... ओलों से सर की बचत के लिए हम बालों के मोहताज नहीं - कोई सर मुड़ा कर नाई की दुकान से निकला ही हो और आसमान से ओले गिरने लगे हों ऐसा छप्पन साल की जिन्दगी में न तो सुना और न ही अखबार में पढ़ा। इस से पहले की...सुरक्षा खोखली,देश खोखला ! - कुछ साल पहले मैंने अपने इस ब्लॉग पर एक लेख में बताया था कि किस तरह हमारी सेनायें हथियारों की कमी से जूझ रही है, उनके पास उन्नत किस्म के हथियार और यंत्र-उपक... 

सूखा गुलाब !! - --नमस्ते.. --नमस्ते.. -- मैं आपको पसंद करता हूँ... --??? क्या मतलब? ....कहते हुए चौंक गई मैं (अपनी जन्मतारीख भी याद करने लगी थी...कन्फ़र्म ५० पूरे हो चुके है...  तो तुम तन्हा हो....!!! - कुछ पंछी झुण्ड में उड़ते हों... और रास्ता भी कुछ मुश्किल हो... कुछ दूर उफ़ाक पे मंजिल हो ........ एक पंछी घायल हो जाए.... और बेदम हो के गिर जाये....!!!... बस एक उम्र की दूरी और बदल गया बचपन...... - *स्कूल की छुट्टी के बाद * *सिक्के खनखनाता हुआ,* *कच्ची इमली,चूरन,चने के * *खोमचों पर जमघट करता* *उछलता कूदता बचपन,* *दादी के हाथों से बनी * *कपडे की गुडिया ... 

वार्ता को देते है विराम, मिलते हैं ब्रेक के बाद ……… राम राम

9 टिप्पणियाँ:

अपने मे सुंदर लिंक छुपाए बढ़िया वार्ता...
सादर आभार।

बहुत अच्छी वार्ता .... कई नए लिंक्स मिले ... आभार

बहुत सुन्दर वार्ता है ललित जी ! 'उन्मना' से मेरी माँ की रचना 'रामनवमी' को इसमें शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद एवं आभार !

बढ़िया वार्ता... बहुत अच्छे लिंक्स...

बहुत अच्छी वार्ता और लिंक के लिए आभार स्वीकार करें. !

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