रविवार, 25 मार्च 2012

जाने कितने आए और चले गए ---- ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करोति किम, लोचनाभ्याम विहीनस्य दर्पणा: किम करिष्यति……। तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग……… तुलसी बाबा 500 बरस पहले लिख गए थे। इन भांति भांति के लोगों में कुछ समझदार, कुछ अत्यधिक समझदार और कुछ लातों के भूत होते हैं। लातों के भूत वो होते हैं जिन्हे कई बार समझाने से समझ नहीं आता। मूर्ख अपने को समझदार मानता है, और समझदार उसे मूर्ख । हठधर्मी तो तब होती है, जब उसे न अपने अपमान की फ़िक्र और न किसी के सम्मान की। इसलिए मूर्खों  से बच कर रहना चाहिए……… लीजिये अब प्रस्तुत हैं ब्लॉग4वार्ता में मेरी पसंद के कुछ लिंक्स .....

दरख़्त एक रिश्ता है.. मानों फैला हुआ दरख़्त. दूर दूर तक पसरी शाखायें. कितना सुकून था कभी उसके साये तले जीने में............ मगर अब बीमार हो गया वो, पत्ते बेजान.. न फूल न फल सिर्फ कांटे.. अविश्वास का दीमक खा रह...something for the tan and dry skin... I am so sorry to be away from this blog of mine for about two and a half years. No less. My apologies to my subscribers and followers who expect posts on how we apply a knowledge of Ayurveda to keep a few...रूप तुम से कहा था न मिलना मुझे अपने उसी रूप मे जो तुम्हारा है पर अफसोस मैं देख पा रहा हूँ वही रूप जिसे तुम देखते हो रोज़ आईने के सामने वो रूप नहीं भ्रम है मुखौटा है जो काला है कभी गोरा है जिसकी कल्पना कभी चित्र ब...

सच्चा प्रेम ?  आज वो बात कहाँ, वो लोग कहाँ उनसे हुई वो, पहली मुलाकात कहाँ ? बचे है तो सिर्फ, कागज पे लिखे बोल प्यार के , प्यार करने वाले, वो लोग अब बचे है कहाँ ? ये नसीब की बात नहीं, ये अमावस की रात नहीं ये तो इक खा... टूटती कडि़यां आज के दौर में स्नेह और आत्मीयता की टूटती कडि़यों बिखरते संबंधों के साथ मुझे अपने पिछवाड़े बंधी भैंस याद आने लगती है। एक बार मैने भैंस को बांध दिया सांकल से, सांकल को बांध दिया खूंटे से, अब खूंटे को गाड़..नीम रस पीयेः निरोगी जीवन जीये keZऔर स्वास्थ्य सिक्के के दो पहलू है,धर्म मानव का सच्चा मार्गदर्षक है,नववर्ष का आरभ चैत्र नवरात्री से होता है तब हम सब स्वास्थ्य रहे और बीमार न हो तथा तंदुरस्त बने रहे,यह हमारे लिऐ गर्व की बात है क...

तुम लौटा नहीं सकते कितने साल हो गए कोई सस्ता सा लतीफा सुनाये हुए और आख़िरी बार कई बरस पहले दिल्ली के एक ढाबे पर दोस्त को दिया था धक्का. कितना ही वक़्त हो गया दस बीस लोगों के बीच बैठे हुए कि खो दिए दोस्त और किसी एक झूठी बात...  वैज्ञानिक पद्धति एवं आस्था और विश्वास। .उपयोगी है वैज्ञानिक पद्धति लेकिन मानवीय व्यवहार और सरोकारों पर इसे लागू करना विचार और हमारी आस्था और विश्वासों को रोबोटीय बनाने के तुल्य है.(The Greatest Mystery/The scientific method has its uses... तब बचें रहेंगे आप  किसे कहे और क्या कहे हर जगह पर है कुछ खड्डें और उनसे निपटने का उपाय वहाँ रहने वाले लोग कर रहे है अगर आप बहुत शालिन और सीधे सीधे सोचने वाले है तो आप समझ लें कि आप उन खड्डों में पहले गिरेंगे तालियाँ बजेंगी औ...

तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत.... तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत, कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत। झंकृत है ये तन,मन और जीवन, हो रहा है ह्रदय नर्तन, थिरक कर कर रही कोशिश, झूमने की आज दर्पण। होंठों पर सुरमयी शब्द के, अक्षरों की होगी जी... सुर कभी भी बेसुरे नहीं होते ..... सुर कभी भी बेसुरे नहीं होते चाहत जिसे हो मन्द्र की तार सप्तक के स्वर शोर सा करते लगते हैं .... जब आदत हो ऊँचे बोलों की सरगोशियों में मध्यम सुर अक्सर अनसुने रह जाते हैं .. दोष कभी भी नहीं रहा वीणा के ढी...मंजिल की ओर एक कदम --- ललित शर्मा  जन्मदिन की पूर्व संध्या पर सैर के लिए निकला। अंधेरा हो चुका था। सैर के रास्ते में श्मशान पड़ता है। शाम को कभी वहीं एक पुलिया पर बैठ जाता हूँ। अंधेरे मे कुछ काली आकृतियों की हलचल दिखाई देने लगी। 15-20 लोगो...

जल जीवनदाता ; इसे शत-शत करो प्रणाम !!  *विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रस्तुत हैं मेरे लिखे कुछ दोहे** * *जल जीवन है प्राण है** !*** *सलिल वारि अंभ नीर जल पानी अमृत नाम**!* *जल जीवनदाता** ; **इसे शत**-**शत करो प्रणाम**!!*** *वृक्ष लता क्षुप तृण सभ... . हरफ़े अख़तर  ज़िन्दगी तेरी तल्खी गर शराब जैसी है , प्यास मेरी कब कम है, बेहिसाब जैसी है . सच तो ये है जानेमन हम भी एक हस्ती हैं , हाँ मगर यह हस्ती भी बस हबाब जैसी है . होश में या नशे में कर तो ली थी कल तौबा, आज फिर म... पिताजी तुझसे से दूर हुआ हूं बेशक, पर मां तेरा हूं। तेरे आंगन आता जाता, नित का फेरा हूं। तुझसे सीखा बातें करना चलना पग-पग या डम मग तूने कहा तो मान लिया ये दुनिया है ... 

छोटे चोर...चोर, बड़े साहूकार...!  छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि एस्सार सहित के द्वारा 2006 से पानी चोरी कर रही है। इससे पहले उद्योगों द्वारा जबरिया जमीन कब्जे व मनमाने ढं.....मोहब्बत से इतर भी एक अमृता थी जो खुदा से मिल खुदा ही बन गयी थी - "खामोशी से पहले "---------अमृता प्रीतम इसमे अमृता का दूसरा ही रूप नज़र आयेगा मोहब्बत से इतर भी एक अमृता थी जो खुदा से मिल खुदा ही बन गयी थी *पुस्तक मेल.. वीरेन्‍द्र कुमार कुढ़रा की व्यंग्य एकांकी - जिन्दा ! मुर्दा !! - व्‍यंग्‍य एकांकी - जिन्‍दा ! मुर्दा !! -वीरेन्‍द्र कुमार कुढ़रा पात्र परिचय नर्स- बार्डबॉय- जमादार लेखक - संचालक - नेता - ( पर्दा उठते ही मंच पर प्रकाश आने... 

विचार और आचरण के भेद को मिटाना जरुरी – डॉ. जीवन सिंह - बिलासपुर। शहीद भगत सिंह का दर्जा इसलिए सबसे अलग हैं, क्योंकि वे महान क्रांतिकारी देशभक्त होने के साथ ही विचारक थे तथा उन्होंने विचार और आचरण के भेद को अपने...भोर - *** * *भोर भई मनुज अब तो तू उठ जा**, * *रवि ने किया दूर **,**जग का दुःख भरा अन्धकार **; **किरणों ने बिछाया जाल **,**स्वर्णिम और **मधुर** **अश्व खींच रह...  क्या आप सफल हैं???. - निर्मल हास्य के लिए जनहित में जारी :) सफलता - कहते हैं ऐसी चीज होती है जिसे मिलती है तो नशा ऐसे सिर चढ़ता है कि उतरने का नाम नहीं लेता. और कुछ लोग इस... 

ज्‍योतिष दिवस' आते जाते रहेंगे .. न ज्‍योतिष और न ही ज्‍योतिषी को सम्‍मान मिलेगा !! - कल के अखबार में पढने को मिला कि इस वर्ष से नव संवत्सर को 'विश्व ज्योतिष दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। इसमें कुछ गलत नहीं , जीवन के हर कमजोर संदर्भ को मजबूत... जौनपुर के मध्य युगीन सिक्के - डॉ. मनोज मिश्र जी ने अपने चिट्ठे मा पलायनम में जौनपुर के इतिहास के बारे में किश्तों में एक आलेख लिखा था जिसे हम इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए बहुत ही म... जाने कितने आए और चले गए --- - पता चला है कि हिंदी ब्लोगर्स की संख्या ५०००० का आंकड़ा पार कर गई है । हालाँकि सक्रिय हिंदी ब्लोगर्स की संख्या १००० से ज्यादा नहीं है । एक कहावत है --नया ... 

अब लेते हैं आपसे विदा मिलते हैं, अगली वार्ता में, नमस्कार..... 

15 टिप्पणियाँ:

सुंदर वार्ता……………संध्या जी, काफ़ी मेहनत की है आपने। सप्ताहांत की शुभकामनाएं

मेरे डैशबोर्ड पर अपडेट्स नहीं आ रहे हैं ..
यहां अच्‍छे लिंक्‍स मिले ..
सुंदर वार्ता के लिए आभार !!

सुन्दर लिंक संयोजन्………रोचक वार्ता

बढ़िया वार्ता और लिंक्स |
आशा

सुंदर वार्ता...सादर आभार।

मेहनत से लिंक्स जुटाए हैं. अच्छी वार्ता.

बहुत अच्छे लिंक्स चुने हैं .... ज़्यादातर पर हो कर आई हूँ ...आभार

aapki blogvarta maine padhi. main samajhane ki koshish kar raha hun ki is blogvarta ka vishay kya hai, uddeshya kyaa hai. agar do vyaktiyon ke beech ki varta ko lekhak ke hi nibhane ka uddeshya hai to ise aur sanvarane ki aavashyakata mahasoos hoti hai. varta ka kram samajh mein aana chahiye. vishayon ke ghamel ki apeksha unaki paratein saf saf maaloom honi chahiye.yah meri samajh hai. ho sakata hai aap isase ittefak na rakhati hon.atah tippadi ka bura nahin manengi.

@sheshnath - हमारा उद्देश्य सिर्फ़ ब्लाग लेखकों के ब्लाग का लिंक पाठको तक पहुंचाना है, इससे अधिक कुछ नहीं.

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति भी है,
आज चर्चा मंच पर ||

शुक्रवारीय चर्चा मंच ||

अच्छा कर रही हैं....

बधाई इस पहल के लिए .अच्छी पोस्ट .

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