कुछ पाडकास्ट रफ़्तार की मदद से सबसे पहले पेशे खिदमत है आहें ना भरी शिकवे ना किए और ना ही ज़ुबाँ से काम लिया....इफ्तार• रविवार सुबह की कॉफी और एक और क्लास्सिक अंदाज़ के दो• ओल्ड इस गोल्ड ई मेल के बहाने यादों के खजाने ०५...जब• आवाज़ सुनो कहानी का सौवाँ अंक सुधा अरोड़ा की रहोगी तुम• हिंदी या उर्दू का उच्चारण ठीक करना चाहते है....आज ही• जाने क्या सोच कर नहीं गुजरा....गुलज़ार साहब के गीतों• आवाज़ रोज अकेली आये चाँद कटोरा लिए...