बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

राम के ही वास्ते जिये मरे हुसैन अली हिफाजते रहीम चले आवे बजरंग बली

. भाई  उसकी सहेली पे फ़िदा थे ! तो फ़िर  हुआ यह कि न घर के न घाट के रहे "भाई साहब"  अरे भैया आपको मालूम होता है कि पूजा-उत्सव में इस तरह की पोस्ट खैर अपने राम को क्या अपन तो जय -जय जग जननि देवि -का जैकारा लगाते हैं. और मांगते हैं वरदान "दे दो मां बस यही वरदान -

आज सुन मेरी तू पुकार मातु शारदे 
अरज ये कर स्वीकार  मातु शारदे 
राम के ही वास्ते जिये मरे हुसैन अली
हिफाजते रहीम चले आवे बजरंग बली
आरती अजान औ रसूल भगवान मे
माँ के जैसा भावमयी प्यार भर शारदे

 "और धर्म अध्यात्म की चर्चा में खो जाते हैं..धर्म और अध्यात्म...............केवल राम मन पाए विश्राम जहाँ   दुर्गापूजा हो भाई शारदेय नवरात्र में आध्यात्मिक धार्मिक चिंतन से इतर कुछ भाए भी कैसे . कारण भी है परिवार और समाज को जोङती हमारी उत्सवधर्मिता...! दशहरा क्या है? -मुदिता ही तो है मुदिता के मायने एकत्रित समुदाय के  मन की अकारण एवम निर्दोष प्रसन्न्ता जिसकी झलक इन्हीं आध्यात्मिक आयोजनों में मिलती है हमें अरे वाह ब्लागरा  सोनल रस्तोगी जी का नज़रिया भी गज़ब है. उधर विजय तिवारी किसलय जी "युवा मूर्तिकार शक्ति प्रजापति से मुलाक़ात करा रहें हैं "
   अब अविनाश वाचस्‍पति  का टेंशन दूर कर दीजिये वे परेशान हैं "लेख बड़ा या लिखने वाला-
कुछेक लिंक्स जिनको सरसरी तौर पर बांचा आप ध्यान से देखिये 
·      मोक्ष 
·       आप से विदा चाहता हूं कल सुबह से बेटी बचाओ अभियान के कामकाज को सम्हालना है आप से अनुरोध है कि  संकल्प-पत्र पर विचार कीजिये

साथियो, एक मानवीय-वैचारिक आंदोलन में आपके अवदान का इंतज़ार है इस संकल्प पत्र को भरवाकर आप बालिका-भ्रूण हत्या के खिलाफ़ वातावरण निर्माण कर सकते हैं आप भरवाए गये संकल्प पत्र के साथ अपने विचार हिंदी / अंग्रेजी सहित किसी भी भारतीय भाषा में भेजिये इस पते पर गिरीश बिल्लोरे,सहायक-संचालक, महिला बाल विकास, कमिश्नर कार्यालय कैम्पस, जबलपुर संभाग जबलपुर बेटी बचाओ अभियानबेटी है तो कल है संकल्प-पत्र
मैं …………………….. संकल्प लेता/लेती हूँ कि बेटी के जन्म को मैं कभी बाधित नहीं करूंगा/करूंगी। मैं, बेटी और बेटे को समान संरक्षण, प्रोत्साहन और सम्मान दूंगा/दूंगी। मैं, बेटी के पालन-पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को लेकर बेटी और बेटे के बीच भेदभाव नहीं करूंगा/करूंगी। समाज का कोई भी व्यक्ति बेटी और बेटे के बीच भेदभाव नहीं करे, इस हेतु मैं सदैव प्रयत्नशील रहूंगा/रहूंगी।
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9 टिप्पणियाँ:

एकदम बढ़िया वार्ता ....हमारी पोस्ट को जगह देने के लिए शुक्रिया

बहुत ही सार्थक और सारगर्भित चर्चा...

सुंदर एवं सार्थक वार्ता ...
समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/

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