सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

बापू! न आना इस देश में --- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, कल 2 अक्टुबर था, गांधी जी एवं शास्त्री जी के जन्मदिन पर विभिन्न कार्यक्रम हुए, राजघाट से लेकर गली मोह्ल्लों तक। आज चिट्ठों के अपडेट यहां से पढें,  प्रस्तुत हैं कुछ लिंक फ़टाफ़ट वार्ता में......रायफ़ल शुटिंग में श्रेयांसि ने जीता गोल्ड मेडल कहने को तो रविवार था, पर कल का दिन व्यस्ततम दिनों में से एक था। उदय महाराज से वादा किया था कि उसे भी साथ ही शहर ले चलुंगा रायपुर पहुंचे एक मित्र से मिलाने...छत्तीसगढ़ में प्रथम रेडियो प्रसारण के पूरे हुए 48 साल *आकाशवाणी के कार्यक्रमों की गुणवत्ता आज भी कायम --- बजाज * श्रोता संघों ने मनाया आकाशवाणी रायपुर का स्थापना दिवस *प्रथम छत्तीसगढ़ी फिल्म 'कहि देबे संदेश' के ...मंजिल की ओर ... तेरे, मेरे जज्बे, इरादे, हौसले चल रहे हैं बढ़ रहे हैं सत्य-अहिंसा के पथ पर सफ़र जारी है, कदम जारी हैं मंजिल की ओर ... ! तुम, हम, या कोई और कौन जाने कौन कितने...उस नन्हीं सी जान पर हम दो लोगों ने बड़ा जुल्म किया -लेखों का शीर्षक लिखने के मामले में मुझे कई बार आपत्तियों का सामना करना पड़ा है। लेकिन मजे की बात यह रह्ती है कि यह आपत्ति तब तक ही बनी रहती है जब तक उस लेख ...महात्मा गांधी से क्या लेना-देना आज गांधी जयंती है, इस अवसर पर हम एक बार फिर से याद दिलाना चाहते हैं कि भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दर्शन करने का मन आज के युवाओं में है ही नहीं। य...

देहि सिवा बर मोहि इहै गुरु गोविंदसिंह जी* **विरचित सुविख्यात ग्रंथ ‘श्री दसम ग्रंथ‘ एक अद्वितीय आध्यात्मिक और धार्मिक साहित्य है। इस ग्रंथ में गुरु जी ने लगभग 150 प्रकार के वा...सारथि जिसके बने श्रीकृष्ण भारत पार्थ की अथ श्री महाभारत कथा ... कथा है पुरुषार्थ की ,ये स्वार्थ की , परमार्थ की सारथि जिसके बने श्रीकृष्ण भारत पार्थ की शब्द दिग्घोषित हुआ... जब सत्य सार्थक सर्वथा ... आवो "बालम ककडी" खाएं!अब आप कहेंगे कि ये ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र को क्या होगया है? महाराज अंधे, बहरे और गंवार तो थे ही अब पूरी तरह से सठिया भी गये हैं क्या? अरे बालम को खिलाना ही ...भ्रष्टाचार - कारण और निवारणपिछले कुछ दिनों से अचानक एक मुद्दा तूफान की तरह उठा और पूरे भारत मे चर्चा का विषय बन गया... ऐसा नहीं कि यह पहले कोई मुद्दा नहीं था या कभी उठाया नहीं गया कि...खामोश क़दमों से उठते हैं सवाल जहन में कई - तो दूर , बहुत दूर निकल पड़ती हूँ *मैं *! खामोश क़दमों से , आँखों में नमी और होंठों पर , कुछ अस्फुट शब्द लेकर...!! मेरी सामने की दीव..

आपने क्या कहा (भाग 2) - संजय @ मो सम कौन ? said...सॉरी भाई, एक साथ पढ़ने के चक्कर में एक-एक पोस्ट नहीं पढ़ी थी, यूँ समझ लो नीरज की तरह रपट गया था: अब एक एक पोस्ट पढ़नी पड़ेगी, लेकिन...गर्भ हत्या का अपराध बोध उतार लेते हैं, नवरात्र में कन्याओं के पैर धोकर ! कूड़े के ढेर पर दो नवजात बच्चियां बचा ली गयी ... चींटियों के ढेर ने निगल ली थी एक आँख जिसकी बचा ली गयी ... अखबार की एक खबर ही तो है कुछ लोगो के लिए ! *लड़कि...बापू! न आना इस देश में... सभी स्नेही गुनीजनों को सादर नमस्कार... आज बापू की १४६वीं जयंती है... उनका सादर पुन्य स्मरण.... आज जगह जगह पर अनेक कार्यक्रमों में बापू याद किये जा रहे हैं....उसी माटी की मूरत पूजी जाती है -कभी कूटी , कभी वो रौंदी जाती है उसी माटी की मूरत पूजी जाती है गुले गुलज़ार हो जाती है हर डाली गुलाबों की कलम जब काटी जाती है सुदामा स्नेह की गठरी त...

बापू फिर तुम कब आओगे? आजादी ही बनी गुलामी आजादी के बाद। नाम मिटा है नैतिकता का देश हुआ बर्बाद। शीशे जैसा तेरा सपना, टूट टूटकर बिखर गया है। सच में आजादी पाने को, बच्चा बच्चा तरस गय...जन-गण के पक्ष में रचनाकर्म करने के साथ उसे उन तक पहुँचाना भी होगा **** किसी ने कहा शिवराम बेहतरीन नाटककार थे हिन्दी नुक्कड़नाटकों के जन्मदाता, कोई कह रहा था वे एक अच्छे जन कवि थे, किसी ने बताया शिवराम एक अच्छे आलोचक...श्रदा-सुमन ! हे बापू ! मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि आज अगर तू कहीं आसमान से इस धरा पर नजर रखने में सक्षम होगा, अपने इस देश और अपने इन तथाकथित भक्तों की हरकतों को देख...बापू, एक मंत्र दो *बापू, एक मंत्र दो* *आचार्य परशुराम राय*** [image: gandhi (10)]*वर्षों की फाइल से* *निकला फिर आज* *बापू का जन्म-दिन।* ** *सद्ग्रंथों से * *प...गांधी जी का फोन आया था !गहराती रात में अचानक बजते सेलफोन के रिंगटोन से उसकी गहरी नींद खुल गयी . स्क्रीन पर देखा तो कोई अज्ञात नंबर था. पहले तो लगा कि ...


हरदीप सन्धु के हाइकु -गर्भनाल हिन्दीं की नेट पत्रिका अपने विश्वस्तरीय साहित्यिक सफर के पांच वर्ष पूरे करने वाली है .अब यह पत्रिका मुद्रित रूप में भी उपलब्ध है .इस पत्रिका..मनीष शर्मा ने क्या कहा था ऐसा कि उनके व्याख्यान को छात्राओं एवम प्राद्यापिकाऒं ने नि:शब्द होकर सुना..?एक सवाल कि मनीष शर्मा ने क्या कहा था ऐसा कि उनके व्याख्यान को हवाबाग कन्या महाविद्यालय में छात्राओं एवम प्राद्यापिकाऒं ने नि:शब्द होकर सुना..? सवाल ज़ायज ...अह्सास—बीती यादों के साथ जीने का , एक गाना,जिसकी धुन,जिसके बोल,बोल के एक-एक शब्द दिल पर टंके,सुर्ख गुलाब की खुशुबू की नांई,मन के कण-कण को महकाते रहे हैं. वह गाना--- याद ना जाये,ब...वहां चलती होगी तुम्हारे आस-पास.......... जयपुर के 'गेस्ट-हाउस' से लिखी हुई........एक पुरानी चिठ्ठी मिली तो मन हुआ पोस्ट करने का ............ वहां चलती होगी तुम्हारे आस-पास......... आश्विनी बताश...रिश्तों का सोफ्टवेयर -रिश्तों की फाइल से, बना है परिवार का फोल्डर | क्यों नहीं होता ओपन ? क्या लगा है कोई वायरस | मंथन के एंटीवायरस से स्केन करने पर पाता हूँ , रिश...

............................ कल मिलते हैं कुछ नए चिट्ठों के अपडेट के साथ। राम राम

11 टिप्पणियाँ:

अच्छी वार्ता...
सादर आभार...

बापूमयी वार्ता ! खुबसुरत लिंक ..क्या कहने ?

अच्छी चर्चा और लिंक्स के लिरे बधाई |
आशा

सार्थक वार्ता ... अच्छे लिंक्स मिले

काफी पोस्ट्स पढ़ने से रह गईं हैं ..जाते हैं धीरे धीरे.

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