रविवार, 23 अक्तूबर 2011

शहीद अशफाक उल्ला खान जिंदाबाद और फेसबुक पर सुहागरात -

   अन्ना जी इन दिनों ख़ामोश हैं परिस्थियां ही ऐसी ही कुछ हैं इस मौन साधना के दौर में कुछ ऐसे भ्रष्टाचार को आपकी नज़र के सामने लाता हूं जो दैनिक जीवन को कठिन एवम भ्रमित कर देतीं है. आज़ कुछ घंटे पूर्व जब मैं अपने भांजे शुभम और भतीजे चिन्मय को कपड़े दिलाने बाज़ार गया  एक दूकान जींस पर 80% की छूट कुल छूट की गणना के बाद पता चला की जींस का मूल्य सामान्य बाज़ारू  दर पर ही बेची जा रही थी  80% की छूट केवल ग्राहकों को भ्रम में डालने के लिये थी .. अन्ना जी इस व्यावसायिक  भ्रष्टाचार के खिलाफ़ कोई मुहिम छेड़ने का इरादा है ..? खैर हो न हो मुझे क्या आज तो अशफ़ाक़ उल्ला ज़िंदाबाद ही कहूंगा नितिन पटेल के ब्लाग अपना शहर पर चस्पा पोस्ट आप भी देखिये तो ज़रा .
इन लिंक्स को भी आजमा लीजिये 
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प्रवक्‍ता डॉट काम की लेख प्रतियोगिता *समसामयिक विचार पोर्टल प्रवक्‍ता डॉट कॉम के तीन साल पूरे होने पर द्वितीय ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इससे पूर्व ‘प्रवक्‍ता’ के दो साल
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कैसा रहेगा आपके लिए 23 और 24 अक्‍तूबर का दिन ?? मेष लग्नवालों के लिए 23 और 24 अक्तूबर 2011 बुद्धि ज्ञान के मामलों के लिए महत्वपूर्ण होंगे , संतान पक्ष के मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। 
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फेसबुक पर सुहागरात अभी पिछले दिनों हम एक मित्र के परिवार के साथ सपरिवार पर्यटन पर निकले थे.मित्र का बेटा गैजेट प्रेमी *गीक *है. 
ओ मेरे चरण दास (जस्ट खुराफात) ओ मेरे चरण दास…! सुनो मेरी अरदास …कम लिखे को ज्यादा समझना, खर्चा जो भेजा था आधा समझना… कई दिन से तुम् दिलो- दिमाग में रह गए हो फंस के, मन में य
कुलवन्त हैप्पी जी का पोर्टल इन दिनों सुर्खियों है  आपकी सफलता, आपकी क्षमता पर निर्भर है : 
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1 टिप्पणियाँ:

बहुत अच्‍छे लिंक्‍स .. बढिया वार्ता !!

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