शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

कल आज और सच्चाई ..दीप उत्सव का मंगल गान .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

नमस्‍कार .. जीते जी अपने विरोधियों के लिए खौफ का पर्याय रहे कर्नल मुअम्मर गद्दाफी मरने के बाद भी उनको चैन से नहीं बैठने दे रहे हैं। लीबिया में सत्ता संभाल रहे नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल [एनटीसी] के नेता उनकी लाश को लेकर दुविधा में हैं। वे यह तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि मिसराता स्थित एक शॉपिंग सेंटर के मीट फ्रीजर में पड़ी पूर्व तानाशाह की लाश का क्या करें। उसे कब और कहां दफनाए, इसको लेकर असमंजस की स्थिति है। पहले कहा गया कि गद्दाफी के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को इस्लामी रीति रिवाज से दफना दिया जाएगा। फिर घोषणा हुई कि अब जांच के बाद ही उनको दफनाया जाएगा। अब आपके लिए कुछ लिंक्‍्स ....
कल कल सरेआम लुटी थी एक अस्मत , जो काफ़ी थी इंसानियत के शर्मसार के लिए | और तरस कर पथरा गयीं आँखें उसकी, देखने को बस एक अदद मददगार के लिए | आज कल जो तमाशायी भीड़ का हिस्सा बने थे लोग ,
गिरमिटिया मज़दूर *गांधी और गांधीवाद-* 74 *गिरमिटिया मज़दूर* इस श्रृंखला को आगे बढ़ाने के पहले थोड़ी सी चर्चा गिरमिटिया मज़दूरों की कर ली जाय। पूंजीवाद के विकास और प्रसार का गहरा संबंध दासों के व्यापार से था।
दीपावली के लिए एक बेहतरीन वेबसाईट दिवाली बहुत करीब है तो आज की पोस्ट में मैं आपको ऐसी साईट के बारे में बता रहा हु जहा से आपको दिवाली से जुडी हर बात का पता चलेगा वो भी हिंदी में उसी साईट से कॉपी करके मैं दीपावली के पूजन की विधि भी दे रहा हूं।
मैक या विण्डो - वैवाहिक परिप्रेक्ष्य कहते हैं यदि व्यक्ति तुलना न करे तो समाज संतुष्ट हो जायेगा और चारों ओर प्रसन्नता बरसेगी। पड़ोसी के पास कुछ होने का सुख आपके लिये कुछ खोने सा हो जाता है।
आग के बारे में एक युवा कविता 1984 की कविताओं के पश्चात अब आते हैं 1985 की कविताओं पर । आक्रोश तो इन कविताओं में भी है .. स्वाभाविक है .. उम्र ही कुछ ऐसी थी , और इस उम्र में इतना आक्रोश तो जायज़ है ना ?
दीप उत्सव का मंगल गान दीप उत्सव का मंगल गान आस्था का ज्योतिर्मय आव्हान बने वैभवशाली पायें खुशहाली समन्वय की बजे ताली आनंद बढ़ाये दीवाली रामजी के घर लौटने का मर्म स्वयं से सर्वोत्तम की पहचान है उजियारे का ये उमंग भरा पर्व सपन...
गूगल द्वारा बंद कर दिए ब्लॉग वापस पाने के उपाय मुझे अक्सर ही ब्लॉगर साथियों के संदेश मिलते रहते हैं कि गूगल ने अपने ब्लॉगर प्लेटफॉर्म ब्लॉगस्पॉट का उपयोग कर रहे उनके ब्लॉग बिना चेतावनी के मिटा दिए हैं। 
कशमकश .... मैंने अपने सुख दुःख के दो तलों से पूछा .. क्या मैंने अपने से बेवफाई की एक ने कहा-हाँ तुमने उस ठंडे पानी को गर्म राख से झुलसाया है तूने मेरी परवाह न कर उसको सताया है
छणिका.. एक तरफ़ा प्यार क्या है ? मूर्खता पागलपन श्रद्धा विश्वास पूजा समर्पण कमजोरी गुनाह बेबसी घुटन दुआ आस्था या भरम ????? * * *सबकुछ * *होकर भी * *कुछ नहीं !
जुगाड वैभव यात्रा ..... आइये स्वागत कीजिए यात्राओं का युग है जी, सोचते हैं कि हम एक यात्रा निकाले.. पर मुश्किल है... इस अभागे देश में हर मुद्दे को कोई न कोई पार्टी अथवा दल घेर कर / हांक कर लिए जा रहा है...
क्या आप के ब्लॉग में ताला लगा है ? एक बहुत ही आसन तरीका है जिसकी मदद से आप अपने ब्लॉग में राईट क्लिक को बंद कर सकते है जिससे दूसरा कोई आप के ब्लॉग से कॉपी पेस्ट नहीं कर सकता है|
दादी ! प्यारी दादी दादी ! प्यारी दादी मेरे बचपन की मधुर यादों में एक याद यह भी है, मेरे द्वारा अपनी दादीजी को रामायण (रामचरितमानस) पढ़कर सुनाना. भगवान राम पर उनकी पूरी आस्था थी. पहले दीदी से फिर मुझसे रामायण सुनती थीं.
चोरी चोरी सोलह श्रृंगार करूँगी : पंचम और आशा की युगल जोड़ी द्वारा रचित एक नायाब नग्मा... आशा जी और पंचम.... दो ऐसे नाम जिन्होंने हिंदी फिल्म संगीत को कई ऐसे बेशुमार नग्मे दिए जिनका ख्याल आते ही मन उस गीत की धुन को सुनते ही गुनगुनाने लगता है।
अंकल की दुकान कहाँ है? अभी अपनी खिड़की से बाहर का दृष्य देखते हुए मेरा मन उस पर लिखने को हुआ। लिखने के लिए की बोर्ड पर हाथ लगाते ही पिछले मकान याने नवीं मुम्बई की एक ऐसी ही शाम याद आ गई और याद आ गई एक बच्ची से की गई बातचीत।
पतित-उधारन बहन, बनी जो निर्मल-गंगा मुंबई ।। अपनी नव विवाहिता पत्नी को धोखे से वेश्यालय में बेचने की कोशिश कर रहे एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पति की कुटिल चालों से अनजान पत्नी को वहां की कॉल गर्ल्स ने ही बचाया--
Bolte Shabd 59 बोलते शब्‍द 59 आज के शब्‍द जोड़े हैं 'जायदाद' व 'दाद' और 'जौहर' व 'जवाहर'    आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा स्‍वर -  
बिछड़ने से पहले ही क्यूं बिछड़ गए ? बिछड़ने से पहले ही क्यूं बिछड़ गए ? पास रह कर भी दूर क्यूं हो गए ? फासले दिलों के क्यूं बढ़ गए ? सोचने का तरीका जुदा हो सकता है ख्यालों में फर्क हो सकता है इसका मतलब ये तो नहीं तुम हमको दुश्मन समझने.. 
तुम्हें चलते रहना है तुम्हें रास्ता खुद बनाना है चट्टानों से फूट कर नदी सा बहना है इधर उधर ना भटक जाना मेहनत के पानी को व्यर्थ ना छलकाना गति पर अपनी काबू रखना भावनाओं में ना बहना ना घबराना ना हिम्मत कभी हारना
 मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .....

5 टिप्पणियाँ:

bahut sundar !
sangeeta ji break ke khatm hone ka intezar rahega

सुन्दर वार्ता .आप तो बहुत बड़ी ज्योतिषी भी हैं.

आपका अंदाज कुछ हटकर है। अच्‍छा लगता है।

बहुत सुन्दर लिंक्स सहेजे हैं।

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