मंगलवार, 31 जुलाई 2012

बरसा बादल, आई याद, वो पुरवाई, भीगी अमराई और... ब्लॉग4वार्ता-संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार... छत्तीसगढ़ वासियों के लिए अच्छी खबर... बन गया छत्तीसगढ़ी का प्रशासनिक शब्द कोष. 75000 शब्दों को संकलित किया गया. 16  जुलाई को पहला भाग सार्वजनिक किया गया. अब आप भी गर्व से कह सकते हैं...  "हमर राज म अब होही अपन भासा म राज-काज" हम सब की ओर से समस्त छत्तीसगढ़ वासियों को बधाई एवं शुभकामनाये...  लीजिये प्रस्तुत है,  आज की ब्लॉग वार्ता...

तिलिस्म सुमि अचानक हुई बारिश से घबरा कर तेज़ कदम चलने लगी. वैसे ये इतनी भी अनायास भी नहीं थी ये बारिश . बादल तो सुबह ही से थे पर उसे नहीं मालूम था ऐसे ही भिगोने लग जाएगी .घर से चलते हुए माँ ने छाता ले जाने को कहा...ममा का हैपी बर्थ-डे आज 30 जुलाई को ममा का हैपी बर्थ-डे है. पहले तो सोचा था कि स्कूल से आकर ममा का बर्थ-डे सेलिब्रेट करेंगें, पर सुबह-सुबह मैसेज आया कि आज रेनी-डे के चलते हालीडे है...हुर्रे. अब तो दुगुना इन्जोय्मेंट. कैसा है सम्बन्ध  मैं दीपक तुम बाती मिट्टी मेरी माँ हूँ कठोर नष्ट तो हो सकता हूँ पर जल कर राख नहीं तुम बाती जन्मीं कपास से आहार जिसे मिला मेरी ही माँ से तुम कोमलांगी गौर वर्ण स्नेह से भरपूर ज्वाला सी जलतीं कर्तव्य समझ अपना ...

उपन्यास सम्राट : मुंशी प्रेमचंद * * *उपन्यास सम्राट: मुंशी प्रेमचंद* *खूबसूरती वह है,जो आखों को अच्छी लगे और दिल को भी सुकुन दे। कुछ चीजें देखने में** **खूबसूरत होती हैं और कुछ चीजें व्यवहार में, संस्कार में खूबसूरत होती हैं।यह जरूरी ... त्रिदेव मंदिर की झांकी  चलिए आज आपको वाराणसी में तुलसी मानस मंदिर और संकट मोचन मंदिर के बीच स्थित त्रिदेव मंदिर के दर्शन कराते हैं। आज रविवार की शाम त्रिदेव मंदिर में सावन के श्रृंगार की अलौकिक झांकी सजाई गई। वृंदावन के फूल ...बेटी बचाओ अभियान : आडियो डाक्यूमेंट्री बेटी बचाओ अभियान के तहत संयुक्त संचालक एकीकृत बाल विकास सेवा जबलपुर सम्भाग द्वारा प्रस्तुत आडियो डाक्यूमेंट्री सम्भाग में प्रचार प्रसार के लिये बेहद...

आखिर क्यों...? . * *तुम्हे **जरुरत **क्या **थी * *मेरे ख्वाब में आने की,* * बसकर **रूह में **फिर से* *एक आग लगाने की...?* ** *तुम्हे **जरुरत **क्या **थी* *दस्तूर निभाने की,* *सूखे हुए पलकों को * *अश्कों में भिंगाने की.....आस्था और विश्वास चंद लोग बदल देते हैं समाज की दशा और दिशा हम ऐसा क्यों मान लेते हैं? एक अपवाद बन गया समाज का प्रतिबिम्ब? आस्था और विश्वास की बुनियाद हिल गई? एक आदमी की हरकत से एक फकीर से सुनी कहानी याद आ गई एक बार... भाई बहन का पवित्र बंधन .भाई बहन का ये पवित्र त्यौहार पुरे भारत वर्ष में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है |बहने अपने भाई की कलाई पर राखी (रक्षा कवच )बाँधती हैं | ये कवच जहाँ भाई की तो रक्षा करता है पर बहन की रक्षा करने की भी ...

मिठ्ठे मासूम मुस्कानों के पीछे से बच्चों के पैरो में बेबसी के कोयले पोते जाते रहे दूसरे किनारें पर लटकता सूरज सुबह सुबह भूख उगाता रहा पीने के लिये कीटनाशक मिलते इतनी सडकें सख्त की चलना उसपर मुश्किल तरीका बनता गया भूले भटके लोंगो की..बादल बहुत बरसा उस दिन... बादल बहुत बरसा उस दिन... आम की इक डाल से अटकी चप्पल... गुमसुम बारिश में भीगी भीगी... तन्हा आँखों से कुछ तलाशती... कुछ दोस्त थे इसके... एक नन्हा पाँव था... कुछ गुदगुदाती उंगलियाँ.... जो हमेशा इसे साथ मे लिए....वक़्त का इंतज़ार सही नहीं ... मैं नहीं समझ पाती उनको , उस वक़्त को जो बिना किसी आकस्मिक सूचना के सुनामी ले आते हैं और मैं किसी अनजान सड़क पर दूर दूर तक संवेदनशीलता की तलाश में किसी अपने को तलाशती हूँ..

आत्मा का आहार *दुनिया कैसी हो गई, छोड़ें भी यह जाप, सब अच्छा हो जायगा,खुद को बदलें आप। दोष नहीं गुण भी जरा, औरों की पहचान, अपनी गलती खोजिए, फिर पाएं सम्मान। धन से यदि सम्पन्न हो, पर गुण से कंगाल, इनका संग न कीजिए, त्याग... निम्बोली -*याद मुझे वो सावन आया* *आई याद वो पुरवाई..* * याद मुझे है अब भी-** * *गाँव की भीगी अमराई* *उस बूढ़े पेड़ की कोटर में * *चिड़िया का बच्चा...* *और याद मुझे वो कोयल आई.......* *नंगे पाँव-** * *वो लुक... रात भर... -*करके वादा कोई सो गया चैन से * *करवटें बदलते रहे हम रात भर !!१!!* *हसरतें दिल में घुट-घुट के मरती रही * *और जनाज़े निकलते रहे रात भर !!२!!* *रात भर चांदनी से लिपटे रहे वो * *हम अपने हाथ मलते रहे रात भर !!३!..

जय हिंद ... - जिस घड़ी वे अपने आँख के चश्मे पे पडी धूल पौंछ लेंगे 'उदय' फिर उन्हें, अनशन-आंदोलन में कोई देश-द्रोही नहीं दिखेंगे ? ... हौसला तू रख, हमारी जीत होगी ... अन्ना का आंदोलन - अन्ना का आंदोलन साधारण गरीब जनता का आन्दोलन है और सरकार सच्चे मन और राष्ट्रीय भावना के साथ उन मांगों को पूरा करें जिससे इस देश का सर्वांगीण आर्थिक विकास और... .जनलोकपाल और भ्रष्ट नेता - हरेश कुमार इस देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो किसी जना-आंदोलन का समर्थन तो नहीं करते, हां, मीन-मेख निकालने में थोड़ी भी देरी नहीं करते। ऐसे लोगों को मालूम हो... 

चिरंजीत, चम्पक और स्कर्ट - पश्चिम बंगाल उत्तरी २४ परगना के बारासात में जिस तरह से ट्यूशन पढ़कर घर वापस आ रही कक्षा १२ की लड़की के साथ रात में १० बजे कुछ लड़कों ने छेड़खानी की... आधा सच...: दिल्ली : जंतर मंतर से live ... - आधा सच...: दिल्ली : जंतर मंतर से live ...: जं तर-मंतर पर भव्य मंच तो सजाया गया है इसलिए कि लोगों को बताया जाएगा कि भ्रष्टाचार के चलते देश कहां पहुंच गया है...भीड़ नहीं ,पलते हुये सपनों से तौलें जंतर-मंतर को - वही जंतर-मंतर। वहीं अन्ना टीम। वहीं मांग। रास्ता कैसे निकलेगा। सुबह से आधी रात तक हरी दरी पर बैठे बदलते चेहरों के बीच यह एक सामान्य सा सवाल है... 
 
 लेते हैं विराम मिलते हैं अगली वार्ता में तब तक के लिए नमस्कार ........

8 टिप्पणियाँ:

बहुत अच्‍छी वार्ता ..

अब जाते हैं हरेक लिंक पर ..

आपका बहुत बहुत आभार संध्‍याजी!!

पिता का जन्म लेना अब सह लगने लगा है
सर्वोत्तम कटाक्ष
शेष लिंक अनुपम अद्वितीय

शुक्रिया संध्या जी हमारी निम्बोली को शामिल करने के लिए.
लिंक्स देखती हूँ अब ....
सस्नेह
अनु

बहुत सुन्दर व सार्थक वार्ता संध्या जी ! साभार !

संध्या जी आज की वार्ता अच्छी रही बहुआयामी वार्ता ले किये बधाई |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

तिवारी जी को मेरी ओर से भी बधाई.... कार्टून हाहाहहा

बहुत सुंदर लिंक्स
अच्छी वार्ता

सराहनीय। कार्टून ने तो आनन्‍द ला दिया।

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